Health: अगर आप भी खाते हैं गैस पर सीधी आंच में सेंकी गई रोटी तो हो जाए सावधान !

Picsart 23 04 26 08 00 18 691
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:30 PM
bookmark
Health: भारतीय व्यंजन की अगर हम बात करें तो इसमें रोटी (Chapati)को प्रमुख हिस्सा माना जाता है। बिना रोटी के तो मानो खाने की थाली अधूरी सी लगती है। रोटी बनाने के लिए आमतौर पर हम सभी एक ही तरीका इस्तेमाल करते हैं, पहले रोटी को कुछ देर तवा पर सेंका जाता है और उसके बाद तवे से उतारकर डायरेक्ट गैस पर सीधी आंच में सेंका जाता है। लेकिन आपको क्या लगता है क्या आपका रोटी को ऐसे सीधे गैस की आंच पर सेंकना सही है ? एक नई शोध में इसको लेकर कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें बताया गया है कि अगर आप किसी भी खाने को सीधे आंच पर सेंकते है तो इससे कोर्सिनोजन्स जैसे कि हेट्रोसाइक्लिक अमाइन्स (HCAs) और पॉलीसाइक्लिक अरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (PAHs) का उत्पादन होता है। इससे जुड़ी पूरी जानकारी क्या है आइये हम आपको बताते हैं। दरअसल पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी जनरल में एक में खबर प्रकाशित हुई है। इस खबर में एक नई शोध के बारे में बताया गया है जिसमें ये लिखा है कि जो गैस स्टोव होते हैं उनसे कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड के जो सूक्ष्म कण होते हैं , वो बाहर निकलते हैं। ये सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इन्हें सेहत के लिए काफी हानिकारक माना है। इन सूक्ष्म कणों से बहुत सारी बीमारियां इंसानों को अपनी चपेट में ले लेती हैं। इनसे दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है और शोध में ये भी बताया गया है कि ज्यादातर कैंसर के होने का कारण ये गैस स्टोव ही है। एक दूसरे शोध में ये बताया गया है कि गैस स्टोव से कोर्सिनोजन्स पैदा होते हैं। ये शोध न्यूट्रिशन एंड कैंसर जनरल में प्रकाशित किया गया है।

हों जाएं सावधान!

ऐसे में जो रोटी (Chapati) हम आप खाते हैं वो भी काफी नुकसान पहुंचा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब रोटी को चिमटे की मदद से डायरेक्ट गैस की आंच पर सेंका जाता है तो एक्रिलामाइड नाम का केमिकल रिलीज होता है। वैसे तो ये शोध एक जले हुए टोस्ट पर किया गया था लेकिन आटे से बनी रोटी पर भी ये लागू होता है। रोटी को सीधे आंच पर सेंकने से कोर्सिनोजेनिक केमिकल रिलीज होता है और ये काफी हानिकारक होता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि रोटी को कैसे सेंकना चाहिए? तो हम आपको बता दें कि रोटी (Chapati) आप सीधे तवे की आंच पर सेंकें। अगर आप कपड़े से दबाते हुए चारों ओर से रोटी को सेंकेंगे तो आपको सीधे आंच पर रोटी को सेंकने की तकलीफ करनी ही नहीं पड़ेगी।

Health News : गर्मी में बार-बार बुखार होने पर कराएं मलेरिया की जांच: डा. दिनेश त्यागी

अगली खबर पढ़ें

World Malaria Day 2023 : वाइवैक्स मलेरिया अब एक सीजनल बीमारी नहीं, बच्चों को दे रहा है गंभीर रोग

Vivax
Vivax malaria is no longer a seasonal disease, giving serious diseases to children
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:20 AM
bookmark
वाइवैक्स मलेरिया को सामान्य सीजनल बीमारी के रूप मे लेने के मिथ से पर्दा हट गया है। बच्चों में यह ना सिर्फ खतरनाक हो गया है, बल्कि असामान्य जटिलताएं पैदा कर रहा है।ऐसे बच्चों में एक्यूट लिवर फेल्योर, न्यूरोलॉजिकल सिंड्रोम, स्ट्रोक और ऑप्टिक न्यूराइटिस जैसी दिक्कते पैदा होने लगी है। गंभीर वाइवैक्स संक्रमण मासूमों को कोमा में भी धकेल रहा है।

World Malaria Day 2023

इसका खुलासा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग की स्टडी में किया गया है। मलेरिया ग्रसित 214 बच्चों को लिया गया। उनकी उम्र 1 महीने से 18 साल रही। तीन साल तक चली रिसर्च में मलेरिया टेस्ट के बाद विभाजन किया गया। इसमे वाइवैक्स, 71 फैल्सीपेरम और 34 बच्चे मिक्स मलेरिया के डायग्नोस किये गये। सारा फोकस सिर्फ वाइवैक्स मलेरिया पर किया गया। पाया गया कि वाइवैक्स को अभी तक अनुकूलनिय रोग माना जाता रहा है। लेकिन, ये बच्चों को गंभीर बनाने लगा है। सात साल के बच्चे को वाइवैक्स मलेरिया डायग्नोस हुआ, लेकिन दोनों आंखों में उसका विजन बुखार के दो दिन में जाने लगा तो उसके टेस्ट करायें गये, जिसमे ऑप्टिक न्यूराइटिस की पुष्टि हो गई। एक हफ्ते के बाद उसका विजन सुधरा पर डैमेज तो हो गया।

Rashifal 25 April 2023- कर्क, तुला और वृश्चिक समेत इन राशियों के लिए आज का दिन रहेगा शुभ

12 साल की बच्ची में न्यूरो समस्या सामने आने लगी तो उसके टेस्ट कराये गये, जिसमें पोस्ट मलेरिया न्यूरोलजिकल सिंड्रोम सामने आया। बुखार के बाद ऐसी जटिलता में बच्ची को तीन महीने रिकवरी में लग गये।

परिणाम :

रिजल्ट के मुताबिक वाइवैक्स के शिकार 58 यानी 27 फीसदी बच्चों मे असामान्य जटिलताएं मिली हैं। 11 बच्चों में एक्यूट लिवर फेल्योर ने डॉक्टरों तक को हैरान कर दिया। बच्चों की जिंदगी बचाने के लिये उन्हें एक महीने तक अस्पताल मे भर्ती रखना पड़ा। अमूमन फैल्सीपेरम मलेरिया मे गंभीर जटिलताएं आती हैं, लेकिन वाइवैक्स और मिक्स में भी 10 बच्चों में न्यूरोलाजिकल सिंड्रोम तो तीन को स्ट्रोक और 12 मे ऑप्टिक न्यूराइटिस यानी ऑप्टिक नर्व मे सूजन मिली।

World Malaria Day 2023

लक्षण :

रोग के जटिल रूप में, प्रारंभिक गैर-विशिष्ट लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें ठंड के साथ बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द (मायलगिया), मतली, उल्टी, भूख में कमी और आर्थ्राल्जिया (जोड़ों का दर्द) शामिल हैं।

World Malaria Day 2023- इस थीम के साथ मनाया जा रहा विश्व मलेरिया दिवस

मच्छर पर स्थाई बजट :

मच्छर हर घर के लिये बड़ा सिरदर्द सबित हो गया है। इसकी रोकथाम के लिये हर घर का अलग बजट है। फिर भी सीजन में मच्छर जनित बीमारियां खास कर डेंगू परेशान करता है। मलेरिया उन्मूलन के प्रयास और विभिन्न अभियानों पर सालाना होने वाला खर्च 20 लाख है, पर मलेरिया विभाग के पास सिर्फ 1.5 लाख सालाना बजट है। हर घर मे मच्छरों का अलग से बजट है। सर्वे मे सामने आया की बीते पांच सालों में चार सदस्यों वाले घर में रैकेट, मच्छरदानी, क्वाइल, लिक्विड और स्प्रे पर महीने का बजट एक हजार पार कर गया है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Home Remedies for Cough : आपके घर में ही मौजूद हैं कफ से निपटने के उपाय।

IMG 20230424 WA0000
The magical cure for dry cough is in your home.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:01 PM
bookmark
Home Remedies for Cough :वैसे तो खांसी, कफ और बलगम की समस्या काफी आम होती है और मौसम के बदलते ही अक्सर घरों में लोग इससे परेशान होते हैं। लेकिन अगर आप समय पर इसका निवारण न करें तो शायद यह आम समस्या गंभीर रूप ले सकती है और इससे ऊपरी श्वसन संक्रमण या फिर ब्रोन्काई नली भी बंद हो सकती है। और अधिक गंभीर रूप धारण करने पर छाती में कफ का जम जाना और तेज़ बुखार आने जैसी समस्याएँ भी देखी जा सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुरुआती दौर में ही कुछ आसान से घरेलू उपाय करके आप सूखे कफ, खांसी और बलगम आदि की समस्या से निजात पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आपके घर में मौजूद Home Remedies for Cough के बारे में... 1. नमक के पानी का प्रयोग : नमक में काफी Anti Bacterial गुण पाए जाते हैं जो कफ को फैलाने वाले बैक्टीरिया को मारने का काम करता है। साथ ही ज़ब आप हल्के गुनगुने पानी में नमक डाल कर उससे गरारा करते हैं तो गले की सूजन और खांसी दोनों में ही आराम मिलता है। एक गिलास हल्के गर्म पानी में एक चौथाई चम्मच नमक डालें और दिन में कम से कम तीन या चार बार यह प्रक्रिया दोहराएँ। 2. हल्दी वाले दूध का प्रयोग : हल्दी के औषधीय गुणों से आखिर कौन वाकिफ नहीं है? लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी वाला दूध सिर्फ चोट के दर्द को खींचने में ही नहीं बल्कि जमे हुए कफ और बलगम को भी निकालने में भी मददगार है। इसके साथ ही हल्दी के एंटीसेपटिक गुण कफ बनाने वाले बैक्टीरिया को मारने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

Home Remedies for Cough

आप एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर सोने से पहले पियें। दिन में भी आप एक या दो चम्मच हल्दी को पानी के साथ ले सकते हैं। वहीं नमक पानी के गरारे में भी आप एक चुटकी हल्दी डालकर प्रयोग कर सकते हैं। 3. लाल मिर्च का सेवन : कफ के कारण लोगों को अक्सर दो चीजों से सबसे ज्यादा परेशानी होती है और वो हैं - गले में इर्रिटेशन होना और छाती में जलन होना। ऐसे में लाल मिर्च आपको गळे और छाती में दर्द की समस्या से निजात दिला सकती है। एक चौथाई चम्मच लाल मिर्च, शहद, घिसी हुई अदरक और सेब के सिरके को मिला कर आप दिन में कम से कम दो बार पियें। इसके अलावा आप अपने रोज़ के खाने में भी लाल मिर्च को शामिल कर सकते हैं जिससे जमे हुए कफ को निकलने में आसानी रहेगी। 4. प्याज़ और चीनी का टॉनिक : प्याज में मौजूद प्रतिरोधी क्षमता आपके कफ और बलगम की समस्या को बेहद कम समय में समाप्त कर सकती है। इसके अलावा एंटीबायोटिक और सूजन रोधी गुण भी बलगम को छाती से बाहर निकालने में मदद करते हैं। एक प्याज़ को धुल कर काट लें और उसे चीनी में मिला कर रख दें। कुछ समय के बाद ही इसमें से एक लिक्विड पदार्थ निकलेगा। आप इस टॉनिक को दिन में दो बार पी सकते हैं और बचे हुए टॉनिक को फ्रिज में स्टोर करके भी रख सकते हैं। 5. वेजीटेबल और चिकन सूप : ढेर सारी अलग अलग सब्जियों को मिलाकर या फिर चिकन का गर्म सूप भी आपके कफ को पतला करने में और बॉडी की इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। इस सूप को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए आप इसमें अदरक, लहसुन और प्याज का प्रयोग कर सकते हैं।

Home Remedies for Cough

हर दिन स्टीम बाथ लेने से भी छाती की स्वेलिंग में और गळे के दर्द में आराम मिलता है। वहीं सांस लेने में होने वाली समस्या भी कम हो जाती है।

Home Remedies for Hair Fall: इन घरेलू उपायों को अपनाकर पाएं झड़ते बालों से छुटकारा