नाम, चेहरा और इज्जत के लिए कोर्ट पहुंच रहे सितारे, क्या है Personality Rights?

क्या है मामला?
अभिषेक और ऐश्वर्या ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उनकी इजाजत के बिना उनके नाम, तस्वीरें और आवाज का उपयोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वेबसाइट्स पर किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने 9 सितंबर को आदेश जारी कर उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी जिसे 11 सितंबर को सार्वजनिक किया गया। इसी तरह करण जौहर ने भी अपनी याचिका में बताया कि कुछ वेबसाइट्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उनके नाम और फोटो वाले मग्स, टी-शर्ट्स और अन्य सामान अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके नाम से फर्जी प्रोफाइल्स, अश्लील कंटेंट और भ्रामक जानकारी भी फैलाई जा रही है। करण ने मांग की है कि कोर्ट तुरंत ऐसे सभी प्लेटफॉर्म्स को उनके नाम और छवि का बिना अनुमति उपयोग करने से रोके।क्या होते हैं व्यक्तित्व अधिकार?
व्यक्तित्व अधिकारों को अंग्रेजी में Publicity Rights भी कहा जाता है। ये ऐसे अधिकार होते हैं जो किसी व्यक्ति को यह नियंत्रण देने का अधिकार देते हैं कि उसका नाम, तस्वीर (इमेज), आवाज, हस्ताक्षर और अन्य पहचान योग्य तत्वों का बिना अनुमति कोई कमर्शियल या गैर-कमर्शियल इस्तेमाल न कर सके। यह अधिकार खास तौर पर सेलेब्रिटी, कलाकार, एथलीट्स और अन्य प्रसिद्ध हस्तियों के लिए बेहद जरूरी हैं, क्योंकि उनका चेहरा और नाम एक ब्रांड की तरह होता है जिसका गलत इस्तेमाल कर फेक विज्ञापन, फर्जी खबरें और यहां तक कि एआई-जनरेटेड पोर्न भी बनाया जा सकता है।AI और डीपफेक के दौर में खतरा बढ़ा
आज सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जमाने में किसी की तस्वीर या आवाज को नकली तरीके से तैयार कर वायरल करना बेहद आसान हो गया है। डीपफेक टेक्नोलॉजी के जरिए अब किसी भी स्टार का फर्जी वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डाल दिया जाता है जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी याचिका में खासतौर पर AI-जनरेटेड अश्लील कंटेंट का जिक्र किया और कोर्ट से गुहार लगाई कि इस तरह के अनधिकृत कंटेंट को रोका जाए। कोर्ट ने इस पर स्पष्ट कहा कि, “व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन पर अदालतें आंखें मूंद नहीं सकतीं। यदि इस तरह की सामग्री को नहीं रोका गया, तो इससे व्यक्ति और उनके परिवार की न केवल आर्थिक स्थिति पर बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार पर भी असर पड़ेगा।”भारत में क्या है कानूनी स्थिति?
भारत में फिलहाल व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कोई अलग से समर्पित कानून (Dedicated Law) नहीं है। लेकिन विभिन्न कानूनी प्रावधानों और अदालतों के फैसलों के जरिए इन अधिकारों को संरक्षण दिया जाता है। इनमें प्रमुख हैं संविधान का अनुच्छेद 21 (जीवन और निजता का अधिकार), ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 (नाम और छवि की ब्रांड वैल्यू की रक्षा) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण), कॉपीराइट अधिनियम, 1957 (रचनात्मकता और पहचान की सुरक्षा)। हाल के वर्षों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों में कई बार फर्जी उपयोग पर रोक लगाई है और सेलेब्रिटीज को राहत दी है।यह भी पढ़ें: गूगल का नया ट्रेंड बना मुसीबत! साड़ी वाली फोटो के चक्कर में खो न बैठें पर्सनल डेटा
क्यों जरूरी हो गए हैं ये अधिकार?
आज के डिजिटल दौर में कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया या एआई टूल्स का इस्तेमाल करके किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति की छवि, नाम या आवाज का इस्तेमाल कर सकता है जिससे आम जनता भ्रमित हो सकती है और संबंधित व्यक्ति की प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान पहुंच सकता है। इसी खतरे को देखते हुए अब सेलेब्रिटीज अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं। Personality Rightsअगली खबर पढ़ें
क्या है मामला?
अभिषेक और ऐश्वर्या ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उनकी इजाजत के बिना उनके नाम, तस्वीरें और आवाज का उपयोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वेबसाइट्स पर किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने 9 सितंबर को आदेश जारी कर उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी जिसे 11 सितंबर को सार्वजनिक किया गया। इसी तरह करण जौहर ने भी अपनी याचिका में बताया कि कुछ वेबसाइट्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उनके नाम और फोटो वाले मग्स, टी-शर्ट्स और अन्य सामान अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके नाम से फर्जी प्रोफाइल्स, अश्लील कंटेंट और भ्रामक जानकारी भी फैलाई जा रही है। करण ने मांग की है कि कोर्ट तुरंत ऐसे सभी प्लेटफॉर्म्स को उनके नाम और छवि का बिना अनुमति उपयोग करने से रोके।क्या होते हैं व्यक्तित्व अधिकार?
व्यक्तित्व अधिकारों को अंग्रेजी में Publicity Rights भी कहा जाता है। ये ऐसे अधिकार होते हैं जो किसी व्यक्ति को यह नियंत्रण देने का अधिकार देते हैं कि उसका नाम, तस्वीर (इमेज), आवाज, हस्ताक्षर और अन्य पहचान योग्य तत्वों का बिना अनुमति कोई कमर्शियल या गैर-कमर्शियल इस्तेमाल न कर सके। यह अधिकार खास तौर पर सेलेब्रिटी, कलाकार, एथलीट्स और अन्य प्रसिद्ध हस्तियों के लिए बेहद जरूरी हैं, क्योंकि उनका चेहरा और नाम एक ब्रांड की तरह होता है जिसका गलत इस्तेमाल कर फेक विज्ञापन, फर्जी खबरें और यहां तक कि एआई-जनरेटेड पोर्न भी बनाया जा सकता है।AI और डीपफेक के दौर में खतरा बढ़ा
आज सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जमाने में किसी की तस्वीर या आवाज को नकली तरीके से तैयार कर वायरल करना बेहद आसान हो गया है। डीपफेक टेक्नोलॉजी के जरिए अब किसी भी स्टार का फर्जी वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डाल दिया जाता है जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी याचिका में खासतौर पर AI-जनरेटेड अश्लील कंटेंट का जिक्र किया और कोर्ट से गुहार लगाई कि इस तरह के अनधिकृत कंटेंट को रोका जाए। कोर्ट ने इस पर स्पष्ट कहा कि, “व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन पर अदालतें आंखें मूंद नहीं सकतीं। यदि इस तरह की सामग्री को नहीं रोका गया, तो इससे व्यक्ति और उनके परिवार की न केवल आर्थिक स्थिति पर बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार पर भी असर पड़ेगा।”भारत में क्या है कानूनी स्थिति?
भारत में फिलहाल व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कोई अलग से समर्पित कानून (Dedicated Law) नहीं है। लेकिन विभिन्न कानूनी प्रावधानों और अदालतों के फैसलों के जरिए इन अधिकारों को संरक्षण दिया जाता है। इनमें प्रमुख हैं संविधान का अनुच्छेद 21 (जीवन और निजता का अधिकार), ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 (नाम और छवि की ब्रांड वैल्यू की रक्षा) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण), कॉपीराइट अधिनियम, 1957 (रचनात्मकता और पहचान की सुरक्षा)। हाल के वर्षों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों में कई बार फर्जी उपयोग पर रोक लगाई है और सेलेब्रिटीज को राहत दी है।यह भी पढ़ें: गूगल का नया ट्रेंड बना मुसीबत! साड़ी वाली फोटो के चक्कर में खो न बैठें पर्सनल डेटा
क्यों जरूरी हो गए हैं ये अधिकार?
आज के डिजिटल दौर में कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया या एआई टूल्स का इस्तेमाल करके किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति की छवि, नाम या आवाज का इस्तेमाल कर सकता है जिससे आम जनता भ्रमित हो सकती है और संबंधित व्यक्ति की प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान पहुंच सकता है। इसी खतरे को देखते हुए अब सेलेब्रिटीज अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं। Personality Rightsसंबंधित खबरें
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