नाम, चेहरा और इज्जत के लिए कोर्ट पहुंच रहे सितारे, क्या है Personality Rights?

नाम, चेहरा और इज्जत के लिए कोर्ट पहुंच रहे सितारे, क्या है Personality Rights?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:37 AM
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दिल्ली हाई कोर्ट में हाल ही में अभिनेता अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन और फिल्म निर्माता करण जौहर ने व्यक्तित्व अधिकारों (Personality Rights) के उल्लंघन के खिलाफ याचिका दायर की है। कोर्ट ने अभिषेक-ऐश्वर्या को अंतरिम राहत भी दे दी है, जबकि करण जौहर की याचिका पर 17 सितंबर को सुनवाई होनी है लेकिन सवाल उठता है कि आखिर ये व्यक्तित्व अधिकार होते क्या हैं? और क्यों आज के डिजिटल और AI के दौर में इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है? Personality Rights

क्या है मामला?

अभिषेक और ऐश्वर्या ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उनकी इजाजत के बिना उनके नाम, तस्वीरें और आवाज का उपयोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वेबसाइट्स पर किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने 9 सितंबर को आदेश जारी कर उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी जिसे 11 सितंबर को सार्वजनिक किया गया। इसी तरह करण जौहर ने भी अपनी याचिका में बताया कि कुछ वेबसाइट्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उनके नाम और फोटो वाले मग्स, टी-शर्ट्स और अन्य सामान अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके नाम से फर्जी प्रोफाइल्स, अश्लील कंटेंट और भ्रामक जानकारी भी फैलाई जा रही है। करण ने मांग की है कि कोर्ट तुरंत ऐसे सभी प्लेटफॉर्म्स को उनके नाम और छवि का बिना अनुमति उपयोग करने से रोके।

क्या होते हैं व्यक्तित्व अधिकार?

व्यक्तित्व अधिकारों को अंग्रेजी में Publicity Rights भी कहा जाता है। ये ऐसे अधिकार होते हैं जो किसी व्यक्ति को यह नियंत्रण देने का अधिकार देते हैं कि उसका नाम, तस्वीर (इमेज), आवाज, हस्ताक्षर और अन्य पहचान योग्य तत्वों का बिना अनुमति कोई कमर्शियल या गैर-कमर्शियल इस्तेमाल न कर सके। यह अधिकार खास तौर पर सेलेब्रिटी, कलाकार, एथलीट्स और अन्य प्रसिद्ध हस्तियों के लिए बेहद जरूरी हैं, क्योंकि उनका चेहरा और नाम एक ब्रांड की तरह होता है जिसका गलत इस्तेमाल कर फेक विज्ञापन, फर्जी खबरें और यहां तक कि एआई-जनरेटेड पोर्न भी बनाया जा सकता है।

AI और डीपफेक के दौर में खतरा बढ़ा

आज सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जमाने में किसी की तस्वीर या आवाज को नकली तरीके से तैयार कर वायरल करना बेहद आसान हो गया है। डीपफेक टेक्नोलॉजी के जरिए अब किसी भी स्टार का फर्जी वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डाल दिया जाता है जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी याचिका में खासतौर पर AI-जनरेटेड अश्लील कंटेंट का जिक्र किया और कोर्ट से गुहार लगाई कि इस तरह के अनधिकृत कंटेंट को रोका जाए। कोर्ट ने इस पर स्पष्ट कहा कि, “व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन पर अदालतें आंखें मूंद नहीं सकतीं। यदि इस तरह की सामग्री को नहीं रोका गया, तो इससे व्यक्ति और उनके परिवार की न केवल आर्थिक स्थिति पर बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार पर भी असर पड़ेगा।”

भारत में क्या है कानूनी स्थिति?

भारत में फिलहाल व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कोई अलग से समर्पित कानून (Dedicated Law) नहीं है। लेकिन विभिन्न कानूनी प्रावधानों और अदालतों के फैसलों के जरिए इन अधिकारों को संरक्षण दिया जाता है। इनमें प्रमुख हैं संविधान का अनुच्छेद 21 (जीवन और निजता का अधिकार), ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 (नाम और छवि की ब्रांड वैल्यू की रक्षा) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण), कॉपीराइट अधिनियम, 1957 (रचनात्मकता और पहचान की सुरक्षा)। हाल के वर्षों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों में कई बार फर्जी उपयोग पर रोक लगाई है और सेलेब्रिटीज को राहत दी है।

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क्यों जरूरी हो गए हैं ये अधिकार?

आज के डिजिटल दौर में कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया या एआई टूल्स का इस्तेमाल करके किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति की छवि, नाम या आवाज का इस्तेमाल कर सकता है जिससे आम जनता भ्रमित हो सकती है और संबंधित व्यक्ति की प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान पहुंच सकता है। इसी खतरे को देखते हुए अब सेलेब्रिटीज अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं। Personality Rights
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गूगल का नया ट्रेंड बना मुसीबत! साड़ी वाली फोटो के चक्कर में खो न बैठें पर्सनल डेटा

गूगल का नया ट्रेंड बना मुसीबत! साड़ी वाली फोटो के चक्कर में खो न बैठें पर्सनल डेटा
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calendar01 Dec 2025 04:18 PM
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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है ‘साड़ी में फोटो’ या 'नैनो बनाना AI'। लोग अपनी साधारण तस्वीरें अपलोड करके हाई-एंड, हाइपर-रियलिस्टिक इमेज बनवा रहे हैं जिनमें वे पारंपरिक भारतीय लुक में नजर आ रहे हैं खासकर महिलाएं साड़ी में। ये ट्रेंड जितना मजेदार दिखता है उससे कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। Gamini Nano Banana AI 

IPS अधिकारी ने दी चेतावनी

तेलंगाना कैडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी वी.सी. सज्जनार ने इस ट्रेंड को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उन्होंने ट्वीट के जरिए लोगों को आगाह किया है कि इस तरह के ट्रेंड्स के बहकावे में आकर अपनी फोटो या पर्सनल डिटेल्स फर्जी वेबसाइट्स और अनऑथराइज्ड ऐप्स पर अपलोड न करें। IPS वीसी सज्जनार का कहना है कि, "सिर्फ एक क्लिक से आपका पर्सनल डेटा और यहां तक कि बैंक अकाउंट भी खतरे में पड़ सकता है।"

क्या है 'नैनो बनाना AI'?

नैनो बनाना AI दरअसल Google Gemini का एक एडवांस्ड इमेज टूल है जिसे Gemini 2.5 Flash कहा जाता है। इसमें यूजर साधारण भाषा में निर्देश देकर अपनी फोटो को बदल सकते हैं जैसे साड़ी पहनाना, अलग बैकग्राउंड जोड़ना आदि। इस टूल का मकसद था यूजर्स को क्रिएटिव विजुअल्स बनाने में मदद करना लेकिन इसका गलत इस्तेमाल करके ठग यूजर्स का डेटा चुरा सकते हैं।

सोशल मीडिया ट्रेंड्स से पहले सुरक्षा का ध्यान जरूरी

IPS सज्जनार ने कहा, "ट्रेंड्स तो आते-जाते रहते हैं, लेकिन अगर आपका डेटा एक बार गलत हाथों में चला गया तो उसे वापस लाना बहुत मुश्किल होता है।" उन्होंने बताया कि कुछ फर्जी वेबसाइटें और नकली ऐप्स जो नैनो बनाना या AI इमेज जनरेशन के नाम पर एक्टिव हैं डेटा चुराने के मकसद से यूजर्स को बहला रही हैं।

धोखाधड़ी का उदाहरण भी सामने आया

एक केस में दावा किया गया कि एक व्यक्ति के दोस्त ने मस्ती में उसकी फोटो अपलोड कर दी, और इसके बाद उसके साथ डिजिटल फ्रॉड हो गया। इससे पता चलता है कि अनजाने में भी आपका डेटा खतरे में पड़ सकता है। IPS अधिकारी ने लोगों से यह अपली की है कि, किसी भी AI वेबसाइट या ऐप पर फोटो अपलोड करने से पहले उसकी प्रामाणिकता जरूर जांचें। सिर्फ ऑफिशियल और वेरिफाइड टूल्स का ही इस्तेमाल करें। अपने दोस्तों को भी आगाह करें कि आपकी अनुमति के बिना आपकी फोटो अपलोड न करें। ट्रेंड्स के पीछे भागते समय अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

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"आपका डेटा आपकी जिम्मेदारी"

वीसी सज्जनार ने अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय, MIB, तेलंगाना पुलिस और साइबर क्राइम सेल को टैग करते हुए कहा कि देशभर में साइबर अवेयरनेस की जरूरत है ताकि आम जनता ऐसे डिजिटल जाल में न फंसे। Gamini Nano Banana AI 
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17 सितंबर है आखिरी तारीख! यहां पाएं BHU एडमिशन से जुड़ी हर जानकारी

17 सितंबर है आखिरी तारीख! यहां पाएं BHU एडमिशन से जुड़ी हर जानकारी
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calendar16 Sep 2025 11:24 AM
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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अंडरग्रेजुएट कोर्सों में दाखिले हेतु दूसरे स्पॉट राउंड की सीट अलॉटमेंट लिस्ट जारी कर दी है। अगर आपका नाम इस लिस्ट में शामिल है तो BHU की आधिकारिक वेबसाइट bhu.ac.in पर जाकर अपनी अलॉटेड सीट और कट-ऑफ स्कोर जरूर चेक कर लें। BHU Admission 2025 

फीस जमा करने की अंतिम तारीख

आवंटित सीट कन्फर्म करने के लिए उम्मीदवारों को 17 सितंबर 2025 तक फीस जमा करनी होगी। फीस का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से Samarth डैशबोर्ड पर किया जाएगा। ध्यान रखें, समय पर फीस न भरने की स्थिति में आपकी सीट कैंसिल कर दी जाएगी और आप आगे के किसी भी राउंड के लिए पात्र नहीं रहेंगे।

BHU एडमिशन 2025 के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स की सूची

कॉलेज में रिपोर्टिंग के समय नीचे दिए गए दस्तावेज अपने साथ जरूर लेकर जाएं। सभी डॉक्यूमेंट्स की ओरिजिनल कॉपी और फोटोकॉपी दोनों साथ रखें CUET स्कोरकार्ड – प्रवेश के लिए अनिवार्य। कक्षा 10वीं की मार्कशीट और सर्टिफिकेट – जन्म तिथि और शुरुआती शिक्षा का प्रमाण। कक्षा 12वीं की मार्कशीट और सर्टिफिकेट – हायर सेकेंडरी क्वालिफिकेशन के लिए। आरक्षण प्रमाण पत्र (SC/ST/OBC) – यदि आप किसी आरक्षित श्रेणी से आते हैं। ट्रांसफर सर्टिफिकेट / माइग्रेशन सर्टिफिकेट – पिछली संस्था से। स्पोर्ट्स कोटा सर्टिफिकेट – यदि आपने खेल कोटे के तहत आवेदन किया है। BHU कर्मचारी कोटा सर्टिफिकेट यदि आप विश्वविद्यालय के स्थायी, रिटायर्ड या दिवंगत कर्मचारी के पुत्र/पुत्री हैं, तो केंद्रीय रजिस्ट्री द्वारा जारी प्रमाण पत्र साथ रखें।

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क्या करें अभी?

सबसे पहले BHU की वेबसाइट पर जाकर अपनी सीट और कट-ऑफ स्कोर चेक करें। समय रहते फीस भरें और सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स को तैयार रखें। रिपोर्टिंग के समय कोई दस्तावेज छूटे नहीं इसलिए एक चेकलिस्ट बना लें। ध्यान रखें यह एडमिशन का आखिरी मौका हो सकता है समय पर सभी प्रक्रिया पूरी करें ताकि आपका दाखिला सुनिश्चित हो सके। BHU Admission 2025