आरोपी तहव्वुर राणा को कोर्ट से फौरी राहत, परिवार से फोन पर बात की मंजूरी

Tahawwur Hussain Rana
Tahawwur Hussain Rana
locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 Jun 2025 10:42 PM
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Tahawwur Hussain Rana : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Hussain Rana) को उसके परिवार से फोन पर एक बार बात करने की इजाजत दी है। यह कॉल तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रशासन की कड़ी निगरानी में की जाएगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश चंदरजीत सिंह ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि राणा की सेहत से जुड़ी ताजा मेडिकल रिपोर्ट 10 दिन के भीतर अदालत में पेश की जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि क्या उसे नियमित रूप से परिवार से बात करने की अनुमति दी जा सकती है।

फोन कॉल की मिली सीमित छूट

कोर्ट के आदेश के मुताबिक, तहव्वुर राणा सिर्फ एक बार अपने परिजनों से बात कर सकेगा और यह कॉल जेल मैनुअल के अनुसार होगी। राणा ने अदालत से अपने परिवार से संपर्क की इजाजत मांगी थी, जिसे आंशिक रूप से स्वीकार किया गया है।

कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर हुसैन राणा 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह 26/11 मुंबई हमले का सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमेन हेडली (दाऊद गिलानी) का करीबी सहयोगी रहा है। हेडली ने राणा के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी (HUJI) जैसे आतंकी संगठनों के सहयोग से हमले की साजिश रची थी।

26/11: जब कांप उठी थी मुंबई

26 नवंबर 2008 को समुद्री रास्ते से आए 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर तीन दिन तक कहर बरपाया। उन्होंने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल, ओबेरॉय होटल और नरीमन हाउस जैसे प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। अमेरिका की एक अदालत द्वारा प्रत्यर्पण याचिका खारिज होने के बाद तहव्वुर राणा को अप्रैल 2025 में भारत लाया गया। वह फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में है। अदालत ने दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के वकील पीयूष सचदेवा को उसका वकील नियुक्त किया है।

अंतरिक्ष की ओर भारत का नया सफर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला रचेंगे इतिहास

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अंतरिक्ष की ओर भारत का नया सफर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला रचेंगे इतिहास

Shubhanshu Shukla
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:21 PM
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Shubhanshu Shukla :  भारत एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान के पटल पर इतिहास रचने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस के Ax-4 मिशन के तहत 10 जून को अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलने को तैयार हैं।  ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय समयानुसार शाम 5:52 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरेंगे, जहां वह 11 जून को पहुंचेंगे। यह ऐतिहासिक मिशन न केवल भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन है, बल्कि 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद पहली बार किसी भारतीय नागरिक की सीधे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक उपस्थिति होगी।

मिशन लॉन्च से पहले स्पेसएक्स और Ax-4 की पूरी टीम ने रिहर्सल और तकनीकी परीक्षण पूरे कर लिए हैं। फाल्कन-9 रॉकेट का स्टैटिक फायर टेस्ट सफलता के साथ संपन्न हुआ, जिससे रॉकेट की प्रक्षेपण क्षमता की पुष्टि हुई। यह मिशन फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित किया जाएगा।

Ax-4 मिशन की खास बातें

Ax-4 मिशन, स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन अभियान है और 15वां मानवयुक्त मिशन। इस दल में शुभांशु शुक्ला के अलावा अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज्नांस्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल हैं। पहले यह मिशन 8 जून को प्रस्तावित था, लेकिन प्रतिकूल मौसम और यान की तैयारियों के कारण इसकी तिथि संशोधित कर 10 जून कर दी गई।

इस अभियान में भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का जैविक प्रभाव, बीजों की वृद्धि पर उसके असर और मानव शरीर की प्रतिक्रियाओं का अध्ययन शामिल होगा। इस पूरे मिशन पर भारत सरकार ने लगभग ₹548 करोड़ खर्च किए हैं, जिसमें शुक्ला एवं उनके बैकअप पायलट ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

लखनऊ निवासी 40 वर्षीय शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन पद पर आसीन हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मोंटेसरी स्कूल, अलीगंज शाखा से पूरी की। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर उन्होंने NDA की परीक्षा दी और 2005 में वहां से स्नातक होकर 2006 में वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट कमीशन प्राप्त किया।

वह Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier 228 और An-32 जैसे विमानों को उड़ाने का अनुभव रखते हैं और 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। वर्ष 2019 में ISRO द्वारा उन्हें गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया, जिसके लिए उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया। बता दें कि  2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान शुभांशु शुक्ला के नाम की औपचारिक घोषणा हुई थी।

यह मिशन भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक भी है और NASA-स्पेसएक्स-ISRO के त्रिस्तरीय तालमेल का परिणाम है। अपने अंतरिक्ष मिशन को लेकर भावुक होते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा -  बचपन में सपना सिर्फ उड़ान भरने का था, लेकिन अंतरिक्ष तक पहुंचने का मार्ग कभी सोचा नहीं था। खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि जीवन ने मुझे दोनों अवसर दिए—आसमान को छूने का और अब अंतरिक्ष की अनंतता में प्रवेश करने का।

Shubhanshu Shukla

भारत की नई मिसाइल गांडीव से कांप उठा पड़ोसी देश, सेना को मिलेगा नया शस्त्र

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भारत की नई मिसाइल गांडीव से कांप उठा पड़ोसी देश, सेना को मिलेगा नया शस्त्र

Gandiva Missile
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:52 AM
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Gandiva Missile :  दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होती सेनाओं में भारत अब देश की सुरक्षा को लेकर एक और अहम कदम उठाने जा रहा है। भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की एक और नई शक्तिशाली मिसाइल  'गांडीव ' जल्द ही लाइव फायर टेस्टिंग के लिए तैयार है - इस मिसाइल का नाम जितना प्राचीन  है, उतना ही इसका लक्ष्य आधुनिक है। गांडीव, जो महाभारत में अर्जुन के धनुष का नाम था ,अब भारत के हाथों की शक्ति का प्रतिक है।

क्या है इस मिसाइल खासियत ?

आपको बता दें कि 'गांडीव' अगली पीढ़ी की एक ऐसी मिसाइल है जो एयर टू एयर काफी दूर तक दुश्मनों के अत्याधुनिक विमानों को गिराने की शक्ति रखती है। यह मिसाइल इतनी तेज़ और सटीक है कि रडार से बचकर निकल जाने वाले दुश्मनों  के विमान भी इससे बचकर निकल नहीं पाएंगे। भारत की नई मिसाइल के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है। वहीं, पाकिस्तान की वायुसेना लंबे वक्त से पुराने और सीमित अपग्रेडेड विमान जैसे चीन से प्राप्त JF-17 पर ही निर्भर है। इन विमानों की क्षमताओं और सुरक्षा को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं। अब अगर भारत ' गांडीव ' मिसाइल के पहले ही टेस्ट में सफल रहता है तो यह देश की सुरक्षा में एक बड़ी सफलता होगी क्योंकि यह मिसाइल पाकिस्तान के विमानों को ऊपर आसमान में ही ख़तम करने में सक्षम होगी। इसी वजह से इस्लामाबाद में हलचल तेज़ हो गई है। सूत्रों की मानें तो DRDO और भारतीय वायु सेना 'गांडीव' मिसाइल का पहला लाइव टेस्ट आने वाले कुछ हफ़्तों में करेगी लेकिन परिक्षण की जगह अभी गोपनीय रखी गई है।new missile

भारत का बढ़ता डिफेंस सिस्टम

‘गांडीव’ मिसाइल केवल एक मिसाइल नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान का बड़ा प्रतीक भी है। भारत अब विदेशी मिसाइलों पर निर्भर नहीं है, बल्कि अपने देश की सुरक्षा का ज़िम्मा खुद के कंधो पर ले रहा है। हाल ही में भारत ने तेजस फाइटर जेट, अग्नि-5, ब्रह्मोस और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भी अपनी तकनीक से तैयार की हैं, जिनका असर ग्लोबल लेवल पर दिख रहा है। भारत की नई मिसाइल न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन जैसे दुश्मनों के लिए भी एक वार्निंग है। जब भारत के पास ऐसे हथियार होंगे जो हवाई हमलों से पहले ही दुश्मन के विमानों को गिरा सकते हैं — तो देश की सीमा, आकाश और भविष्य पहले से ज़्यादा सुरक्षित होंगे। गांडीव सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और सैन्य शक्ति का एक नया चैप्टर है।    Gandiva Missile  

संन्यास के पीछे की क्या थी असली वजह ? हेनरिक क्लासेन ने खुद बताया सच

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