Heinrich Klaasen : दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी और आक्रामक बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने हाल ही में 33 वर्ष की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था । हेनरिक क्लासेन के अचानक लिए गए इस फैसले ने क्रिकेट जगत में अटकलों को जन्म दे दिया था। अब खुद क्लासेन ने चुप्पी तोड़ते हुए इस अप्रत्याशित कदम के पीछे की वजह स्पष्ट की है।
बोर्ड से असहमति बनी मुख्य वजह
क्लासेन ने स्वीकार किया कि वे 2027 वर्ल्ड कप तक दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने की मंशा रखते थे, लेकिन कोचिंग सेटअप में आए बदलाव और क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) से समझौते की विफलता ने उनके भविष्य को अनिश्चित बना दिया। उन्होंने बताया कि पूर्व कोच रोब वॉल्टर के कार्यकाल में उन्होंने एक स्पष्ट योजना के साथ आगे बढ़ने का मन बनाया था। लेकिन जब वॉल्टर पद से हटे और शुकरी कोनराड को व्हाइट-बॉल टीम का कोच बनाया गया, तो चीजें तेजी से बदलीं।
अपने योगदान का असर महसूस नहीं हो रहा था — क्लासेन
क्लासेन ने एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि बीते कुछ समय से उन्हें यह महसूस होने लगा था कि उनके प्रदर्शन से टीम पर कोई विशेष असर नहीं पड़ रहा—चाहे वे अच्छा खेलें या टीम जीत दर्ज करे। उन्होंने कहा, “यह भावना मेरे भीतर लगातार घर कर रही थी कि मैं खेल से वह जुड़ाव नहीं महसूस कर रहा जो एक खिलाड़ी के लिए जरूरी होता है।” उन्होंने आगे बताया कि चैंपियंस ट्रॉफी से पूर्व उन्होंने रोब वॉल्टर से लंबी बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने अपनी असहजता साझा की और बताया कि अब वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पहले जैसी खुशी नहीं महसूस कर पा रहे हैं।
अब दुनियाभर की टी-20 लीगों में दिखेंगे क्लासेन
साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले हेनरिक क्लासेन ने दक्षिण अफ्रीका के लिए कुल चार टेस्ट, 60 वनडे और 58 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उनके नाम टेस्ट में 104, वनडे में 2141 और टी-20 में 1000 से अधिक रन दर्ज हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच को अलविदा कहने के बाद अब वे दुनिया भर की प्रमुख टी-20 लीग्स में शिरकत करेंगे। Heinrich Klaasen