Friday, 20 June 2025

अंतरिक्ष की ओर भारत का नया सफर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला रचेंगे इतिहास

Shubhanshu Shukla :  भारत एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान के पटल पर इतिहास रचने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के…

अंतरिक्ष की ओर भारत का नया सफर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला रचेंगे इतिहास

Shubhanshu Shukla :  भारत एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान के पटल पर इतिहास रचने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस के Ax-4 मिशन के तहत 10 जून को अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलने को तैयार हैं।  ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय समयानुसार शाम 5:52 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरेंगे, जहां वह 11 जून को पहुंचेंगे। यह ऐतिहासिक मिशन न केवल भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन है, बल्कि 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद पहली बार किसी भारतीय नागरिक की सीधे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक उपस्थिति होगी।

मिशन लॉन्च से पहले स्पेसएक्स और Ax-4 की पूरी टीम ने रिहर्सल और तकनीकी परीक्षण पूरे कर लिए हैं। फाल्कन-9 रॉकेट का स्टैटिक फायर टेस्ट सफलता के साथ संपन्न हुआ, जिससे रॉकेट की प्रक्षेपण क्षमता की पुष्टि हुई। यह मिशन फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित किया जाएगा।

Ax-4 मिशन की खास बातें

Ax-4 मिशन, स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन अभियान है और 15वां मानवयुक्त मिशन। इस दल में शुभांशु शुक्ला के अलावा अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज्नांस्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल हैं। पहले यह मिशन 8 जून को प्रस्तावित था, लेकिन प्रतिकूल मौसम और यान की तैयारियों के कारण इसकी तिथि संशोधित कर 10 जून कर दी गई।

इस अभियान में भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का जैविक प्रभाव, बीजों की वृद्धि पर उसके असर और मानव शरीर की प्रतिक्रियाओं का अध्ययन शामिल होगा। इस पूरे मिशन पर भारत सरकार ने लगभग ₹548 करोड़ खर्च किए हैं, जिसमें शुक्ला एवं उनके बैकअप पायलट ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

लखनऊ निवासी 40 वर्षीय शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन पद पर आसीन हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मोंटेसरी स्कूल, अलीगंज शाखा से पूरी की। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर उन्होंने NDA की परीक्षा दी और 2005 में वहां से स्नातक होकर 2006 में वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट कमीशन प्राप्त किया।

वह Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier 228 और An-32 जैसे विमानों को उड़ाने का अनुभव रखते हैं और 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। वर्ष 2019 में ISRO द्वारा उन्हें गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया, जिसके लिए उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया। बता दें कि  2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान शुभांशु शुक्ला के नाम की औपचारिक घोषणा हुई थी।

यह मिशन भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक भी है और NASA-स्पेसएक्स-ISRO के त्रिस्तरीय तालमेल का परिणाम है। अपने अंतरिक्ष मिशन को लेकर भावुक होते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा –  बचपन में सपना सिर्फ उड़ान भरने का था, लेकिन अंतरिक्ष तक पहुंचने का मार्ग कभी सोचा नहीं था। खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि जीवन ने मुझे दोनों अवसर दिए—आसमान को छूने का और अब अंतरिक्ष की अनंतता में प्रवेश करने का।

Shubhanshu Shukla

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