ज्योति का व्लॉगिंग कैमरा या खुफिया हथियार? डिजिटल जासूस की हर लोकेशन पर NIA की नजर

Jyoti Malhotra 3
YouTuber Jyoti Malhotra
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:55 PM
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YouTuber Jyoti Malhotra : पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क से कथित संबंधों के आरोपों में घिरी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर देश की प्रमुख जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। उसके यूट्यूब चैनल ‘TravelWithJo’ पर अपलोड किए गए वीडियो अब जांच के घेरे में हैं। इन वीडियो में ज्योति उत्तर प्रदेश के धार्मिक और संवेदनशील स्थलों अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज की यात्रा करती नजर आ रही है और मंदिरों की भव्यता के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और श्रद्धालुओं की गतिविधियों को भी विस्तार से दिखाती है।

ज्योति मल्होत्रा से की जा रही सख्ती से पूछताछ

जैसे ही ज्योति की गिरफ्तारी हुई, NIA, IB और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने पूछताछ शुरू की। अब जांच एजेंसियों का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि वह इन स्थलों पर कब-कब गई, किन-किन से मिली, और वीडियो बनाने का उद्देश्य क्या था। अब तक की जांच में सामने आया है कि ज्योति कई बार वाराणसी आ चुकी थी और गंगा नदी पर नाव की सवारी करते हुए फोटो और वीडियो भी बनाए। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन वीडियो में दिखाए गए स्थानों के सुरक्षा विवरण को लेकर गहरा संदेह है।

पाकिस्तानी खुफिया के साथ बातचीत कर डिलीट की चैट

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ज्योति ने पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव दानिश के साथ दो बार की चैट डिलीट कर दी थी। पूछताछ के दौरान उसने इन संबंधों को पहले नकारा, लेकिन बाद में एजेंसियों को संदेह हुआ कि उसने गोपनीय जानकारियां साझा की हो सकती हैं। उसके दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, ताकि डिलीट किए गए डेटा को फिर से प्राप्त किया जा सके।

चप्पे-चप्पे की सैर कर चुकी है ज्योति मल्होत्रा

ज्योति की गतिविधियों का दायरा सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा। जांच में सामने आया है कि उसने पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क और चिल्का झील का भी दौरा किया था और पुरी की एक महिला यूट्यूबर से संपर्क में थी। इस संबंध में ओडिशा की अपराध शाखा और राज्य सरकार भी गंभीरता से जांच में जुट गई हैं। पुरी की यूट्यूबर ने सफाई देते हुए सोशल मीडिया पर बयान जारी किया कि ज्योति से उसकी जान-पहचान सिर्फ यूट्यूब के माध्यम से हुई थी, और यदि जांच एजेंसियां उससे संपर्क करती हैं तो वह पूरा सहयोग करेंगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “ देशद्रोह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” YouTuber Jyoti Malhotra

पाकिस्तान का साथ भारत से विश्वासघात, सोशल मीडिया से उड़ी ‘डिजिटल जासूस’

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सिख गुरुओं पर AI प्रयोग यूट्यूबर ध्रुव राठी पर पड़ा भारी, दिल्ली से पंजाब तक मचा बवाल

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:39 AM
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नई दिल्ली/चंडीगढ़। मशहूर यूट्यूबर ध्रुव राठी एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार मामला सिख धर्म से जुड़ा है, जहां उनके द्वारा बनाए गए एक AI जनरेटेड वीडियो ने सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। "The Rise of Sikh" शीर्षक वाले इस वीडियो में सिख गुरुओं, विशेष रूप से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को AI-generated रूप में दिखाया गया है, जिसे सिख समुदाय ने अपमानजनक और संवेदनशील मुद्दे से खिलवाड़ माना है। वीडियो में बालक गोबिंद राय (बाद में गुरु गोबिंद सिंह जी) को रोते हुए दर्शाया गया है, जो उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बाद की स्थिति दर्शाने की कोशिश है। लेकिन सिख समुदाय का कहना है कि सिख गुरुओं को इस तरह भावनात्मक रूप में दर्शाना उनकी निडरता, साहस और "चढ़दी कला" की भावना के विपरीत है।

दिल्ली से पंजाब तक विरोध

इस वीडियो के सामने आने के बाद पंजाब में जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। सिख धार्मिक संगठनों ने वीडियो को "सांस्कृतिक रूप से असंवेदनशील" और "धार्मिक रूप से आपत्तिजनक" बताया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) और कई धार्मिक नेताओं ने ध्रुव राठी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। DSGMC अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा, "ध्रुव राठी द्वारा श्रद्धेय सिख गुरुओं के चित्रण के लिए AI का गैर-जिम्मेदाराना प्रयोग निंदनीय है। यह सिख परंपराओं का घोर अपमान है।" दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी X (पूर्व ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए वीडियो की कड़ी आलोचना की। उन्होंने लिखा, “श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को रोते हुए दिखाना, उनके साहसिक व्यक्तित्व के विपरीत है और सिख इतिहास के साथ छेड़छाड़ है।”

धार्मिक भावनाएं आहत होने पर शिकायतें दर्ज

DSGMC और SGPC दोनों ने दिल्ली पुलिस से धारा 295-A (धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नीयत से की गई हरकत) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यह वीडियो जानबूझकर विवादित बनाया गया है और यह बार-बार की गई धार्मिक भावनाओं की अवमानना का उदाहरण है।

इस मामले में ध्रुव राठी की सफाई:

विवाद गहराने पर ध्रुव राठी ने एक सफाई वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि वीडियो में दी गई जानकारी ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है और इसका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कई लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली, लेकिन अगर सिख समुदाय को आपत्ति है, तो वे इस पर गंभीरता से विचार करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।

ध्रुव राठी के वीडियो की विषयवस्तु क्या थी?

ध्रुव राठी का वीडियो “The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals: Legend of Banda Singh Bahadur” नाम से यूट्यूब पर प्रकाशित हुआ था। इसमें गुरु तेग बहादुर जी की शहादत, गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा पंथ की स्थापना, पंज प्यारे की कहानी और बंदा सिंह बहादुर के संघर्ष को दर्शाया गया है। हालांकि, विवाद का मुख्य कारण AI की मदद से सिख गुरुओं की भावनात्मक स्थिति को ग्राफिक रूप में दिखाना और बंदा सिंह बहादुर की तुलना “रॉबिन हुड” से करना रहा। बेटियाँ लेकर मुगलों के पास जाते थे राजा रजवाड़े , मच गया बड़ा बवाल
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बेटियाँ लेकर मुगलों के पास जाते थे राजा रजवाड़े , मच गया बड़ा बवाल

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userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 03:01 PM
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जयपुर, राजस्थान: राजस्थान की राजनीति इन दिनों गर्माई हुई है और इसकी वजह है नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल का एक विवादित बयान। बेनीवाल ने हाल ही में राजस्थान के राजा-रजवाड़ों को लेकर एक टिप्पणी की, जिससे करणी सेना बुरी तरह आक्रोशित हो गई है। सेना ने इसे अपने पूर्वजों और क्षत्राणियों का अपमान बताया है और बेनीवाल को मुंहतोड़ जवाब देने की चेतावनी जारी की है।

क्या कहा हनुमान बेनीवाल ने?

हनुमान बेनीवाल ने एक मीडिया इंटरव्यू में राजस्थान के ऐतिहासिक युद्धों और राजाओं के व्यवहार को लेकर विवादास्पद बयान देते हुए कहा: "राजस्थान के एक-दो राजाओं को छोड़कर किसी ने भी मुगलों से लड़ाई नहीं लड़ी। बल्कि, वे तो युद्ध क्षेत्र से 70 किलोमीटर पहले ही अपनी बेटी लेकर पहुंच जाते थे और उन्हें मुगलों के सामने पेश कर देते थे।" बेनीवाल ने आगे कहा कि - "राजस्थान के इतिहास में लड़ाइयाँ कम और सेटलमेंट (समझौते) ज़्यादा हुए हैं। जब मुगलों की सेना आती थी तो राजा पहले ही जाकर कहते थे कि यहां मत आना, हम बेटी लेकर आ रहे हैं। वहीं संबंध बनाते थे और सत्ता के सुख भोगते थे।" बेनीवाल ने दावा किया कि राजस्थान के इतिहास को लेकर लोगों में भ्रम है, और उन्होंने लोगों को "सच्चा इतिहास पढ़ने" की सलाह भी दी।

हनुमान बेनीवाल के बयान का करणी सेना ने किया तीखा विरोध:

बेनीवाल के इस बयान के तुरंत बाद क्षत्रिय करणी सेना का आक्रोश फूट पड़ा। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने कहा कि - "बेनीवाल ने न सिर्फ हमारे पूर्वजों, बल्कि हमारी माताओं-बहनों का भी अपमान किया है। यह एक जननायक को शोभा नहीं देता। वे खुद को जनप्रतिनिधि कहते हैं और ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। हम इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।" करणी सेना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर इस बयान की आलोचना की और ऐलान किया कि जल्द ही हनुमान बेनीवाल को जवाब देने के लिए तारीख, समय और जगह की घोषणा की जाएगी। शेखावत ने सभी करणी सैनिकों को "तैयार रहने का आदेश" भी दिया। उन्होंने अपने बयान की शुरुआत परंपरागत नारे "जय क्षात्र धर्म, वीर भोग्या वसुंधरा, धर्मो रक्षति रक्षितः" के साथ की और इसे "असली क्षात्र धर्म की रक्षा का समय" बताया।

सियासी हलचल और सामाजिक प्रतिक्रिया

राजस्थान में यह मामला अब इतिहास बनाम सम्मान की लड़ाई का रूप ले चुका है। एक ओर हनुमान बेनीवाल इसे ऐतिहासिक सच्चाई कह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर करणी सेना और अन्य राजपूत संगठन इसे शौर्य और परंपरा पर हमला मान रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान राजस्थान की जातिगत राजनीति और भावनात्मक पहचान से जुड़ा मामला बन चुका है, जो आने वाले दिनों में और गरमा सकता है।

क्या कहता है राजस्थान का इतिहास?

राजस्थान का इतिहास सदियों तक राजपूतों की वीरता, बलिदान और संघर्ष की कथाओं से जुड़ा रहा है। हल्दीघाटी, रणथंभौर, चित्तौड़ जैसे युद्ध इसके प्रमाण माने जाते हैं। हालांकि, इतिहास में राजनैतिक विवाह और समझौतों के उदाहरण भी हैं, जैसे आमेर के राजा मानसिंह और अकबर के गठबंधन के माध्यम से। लेकिन यह विषय सदैव संवेदनशील रहा है और इसके प्रस्तुतिकरण में संतुलन और सम्मान अपेक्षित होता है। हनुमान बेनीवाल के इस बयान ने राजस्थान की सियासत में एक नई बहस छेड़ दी है। यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, बल्कि सामाजिक अस्मिता और ऐतिहासिक गौरव से जुड़ा मुद्दा बन गया है। करणी सेना की ओर से विरोध और बेनीवाल के रुख के बीच अब सभी की नजर इस बात पर है कि करणी सेना द्वारा घोषित "जवाब" किस रूप में सामने आता है। कर्नल सोफिया के खिलाफ विवादित बयान देने वाले मंत्री विजय शाह के खिलाफ एसआईटी गठित