Congress News: नहीं होगा CWC का चुनाव, सदस्यों को नामित करेंगे खरगे

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Congress News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:08 AM
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Congress News: नवा रायपुर। कांग्रेस की संचालन समिति ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से फैसला किया कि पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा, बल्कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत होंगे।

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संचालन समिति की बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा मौजूद नहीं थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी दिन में करीब तीन बजे रायपुर पहुंचे। प्रियंका गांधी बाद में पहुंचेगीं।

कांग्रेस ने अपने संविधान में इस संशोधन का प्रस्ताव दिया है कि कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी के स्थायी सदस्य होंगे।

इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ ही, मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी स्वत: पार्टी की नयी कार्य समिति के सदस्य हो जाएंगे। लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के नेताओं को भी कार्य समिति में स्थान देने का प्रस्ताव है। अगर संविधान में संशोधन के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो सीडब्ल्यूसी में मौजूदा 25 स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ जाएगी।

खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद कार्य समिति के स्थान पर संचालन समिति का गठन किया गया था। संचालन समिति की करीब तीन घंटे की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सीडब्ल्यूसी के चुनाव के संदर्भ में हुए फैसले की जानकारी दी।

कांग्रेस के संविधान में संशोधन

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकार दिया जाए कि वह कार्य समिति के सदस्य नामित करें।’’

उनका कहना था, ‘‘कांग्रेस के संविधान के 16 प्रावधानों और 32 नियमों में संशोधन का प्रस्ताव है।’’

उन्होंने यह भी बताया, "हम कांग्रेस के संविधान में संशोधन ला रहे हैं जिसके तहत पार्टी के संगठन में सभी स्तर पर अनूसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सीडब्ल्यूसी में 50 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित और सुरक्षित करने का प्रस्ताव है।" पिछले साल उदयपुर में हुए पार्टी के चिंतन शिविर में कांग्रेस संगठन के विभिन्न स्तरों पर इन वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव दिया गया था, हालांकि आज महाधिवेशन के पहले दिन सीडब्ल्यूसी में भी कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रस्ताव दिया गया।

ढाई घंटे तक मंथन

रमेश ने बताया कि संचालन समिति की बैठक में सीडब्ल्यूसी के चुनाव को लेकर करीब ढाई घंटे तक मंथन किया गया और इसमें करीब 45 सदस्य शामिल हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘कई सदस्यों ने सीडब्ल्यूसी के चुनाव के संदर्भ में कई सदस्यों ने पक्ष तो कई ने विपक्ष में राय जाहिर की...चर्चा के दौरान सहमति थी, लेकिन अंतिम निर्णय सर्वसम्मति से किया गया।’’ रमेश के अनुसार, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटियां सर्वसम्मति से लिए गए इस निर्णय को अपना समर्थन देंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संचालन समिति के ज्यादातर सदस्यों ने दोनों हाथ उठाकर निर्णय समर्थन किया।

सूत्रों का कहना है कि बैठक में कई सदस्यों ने इस संशोधन का प्रस्ताव दिया जिसके अंतर्गत कांग्रेस सदस्यों के लिए वर्जित नशीले पदार्थों के सेवन की पाबंदी हो और साथ ही, कुछ लोगों की राय थी कि शराब पीने पर रोक वाले प्रावधान को संशोधित किया जाए।

संचालन समिति की बैठक से गांधी परिवार के दूर रहने के संदर्भ में सूत्रों का कहना है कि यह इसलिए हुआ ताकि इस अहम बैठक में ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’ चर्चा हो सके।

चुनाव होने की स्थिति में सीडब्ल्यूसी के कुल 25 सदस्यों में से 12 सदस्यों का चुनाव होता है और 11 सदस्यों को पार्टी अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है।

कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल का नेता सीडब्ल्यूसी का स्वत: सदस्य होता है। वैसे पिछले कुछ समय से यह परंपरा रही है कि सीडब्ल्यूसी का चुनाव नहीं कराकर अध्यक्ष को ही सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत कर दिया जाता है।

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विदेश में नौकरी का सपना देखने वाले सावधान, जॉब के नाम पर करायी जा रही जिस्मफरोशी

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Sex Trade
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:09 AM
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Sex Trade: मुंबई। ओमान में नौकरी देने का झांसा देकर 43 साल की एक भारतीय महिला को देह व्यापार में धकेलने का मामला सामने आया है। मुंबई के काशीमीरा पुलिस थाने में अज्ञात एजेंट्स के खिलाफ तस्करी का केस दर्ज किया गया है। मुंबई के मीरा रोड निवासी महिला बॉलीवुड फिल्मों में जूनियर कलाकारों के लिए कास्टिंग एजेंट के तौर पर काम करती थी। महिला ने ओमान में नौकरी पाने के लिए एक एजेंट को 3 लाख रुपये भी दिए थे।

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जून 2022 में पीड़िता ने जस्टडायल पर मिले नंबर के जरिए एजेंट से संपर्क किया था। इसके बाद अंधेरी में वह उससे और उसकी बॉस से मिली। उन्होंने उसे ओमान में घरेलू काम करने की नौकरी देने का वादा किया। जहां उसे 25000 रुपये वेतन मिलने का वादा भी किया। इसे उसने शुरुआत में नकार दिया।

जब उन्होंने उसे बेहतर शर्तें बताईं, तो उसने मस्कट की ये नौकरी स्वीकार कर ली और 26 जुलाई को भारत छोड़ दिया। मस्कट पहुंचने पर, 20 साल के एक शख्स ने उसे हवाई अड्डे से पिक किया और एक ओमानी के बंगले पर ले गया। बाद में उसे एक ऑफिस ले जाया गया जहां उसने अपने जैसी कई महिलाओं को देखा जिसमें से अधिकतर, भारत, बांग्लादेश और मलेशिया की थीं।

हुई गाली-गलौज और मारपीट

महिलाओं ने उसे बताया कि उन्हें यहां वेश्यावृत्ति के लिए लाया गया है। ये बात सुनकर घबराई हुई महिला ने अपने एजेंट्स से संपर्क करना चाहा और उन्हें सोशल मीडिया पर मेसेज भी किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जब उसने ऑफिस में संचालकों का विरोध किया तो उन्होंने उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई।

आखिरकार किसी तरह वह मस्कट में अपने एक परिचित के पास पहुंची, जिसने उसे बंधकों को 1.6 लाख रुपये देकर उसकी वहां से भागने में मदद की। उसे बचाने वाले शख्स ने उसके परिवार से संपर्क किया और वह 2 अगस्त को घर लौटी। 23 अगस्त को उसने एजेंट्स के खिलाफ मुंबई के काशीमीरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

आरोपियों की तलाश में पुलिस

प्रारंभिक जांच के बाद, पुलिस ने मंगलवार को अज्ञात एजेंटों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (तस्करी), 420 (धोखाधड़ी) और 34 (साझा इरादे) के तहत मामला दर्ज किया। पीड़ित महिला ने बताया कि यह परेशान करने वाला मानव तस्करी और यौन शोषण का रैकेट है। जिसमें भारत, मलेशिया और बांग्लादेश की 300 से ज्यादा महिलाओं को बंदी बनाया जा रहा है। महिला ने कहा कि इसे लेकर मंगलवार को केस दर्ज किया गया है और फिलहाल जांच जारी है। आरोपी की तलाश की जा रही है और जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।

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Meghalaya : पंजाबी लेन के दलित सिखों को नयी सरकार से स्थायी पुनर्वास की उम्मीद

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Meghalaya News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Feb 2023 12:32 AM
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Meghalaya : शिलांग। मेघालय की राजधानी शिलांग के पंजाबी लेन इलाके में करीब पांच साल पहले हिंसा के शिकार दलित सिख परिवार उम्मीद कर रहे हैं कि चुनाव के बाद गठित होने वाली नयी सरकार उनके पुनर्वास मुद्दे का स्थायी समाधान करेगी।

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शिलांग के बीचोबीच बारा बाजार के नाम से चर्चित चहल-पहल वाले इउ दुह इलाके में स्थित और विवादास्पद 3.5 एकड़ भूमि के टुकड़े पर स्थित लगभग 200 मीटर लंबी गली सुनसान दिखती है, क्योंकि इस इलाके में यातायात की अनुमति न होने के कारण यहां की ज्यादातर दुकानें और एक पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं।

केंद्रीय पुलिस बल के जवान 2018 की झड़पों के बाद गली के दोनों छोर पर स्थापित चौकियों पर पहरा देते हैं। हरिजन पंचायत समिति (एचपीसी) के सचिव गुरजीत सिंह ने कहा कि यहां 342 परिवार रहते हैं, जिनमें से 250 सिख समुदाय के हैं। उन्होंने कहा कि हम मौजूदा पार्टी या किसी अन्य संगठन की नयी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस जटिल मुद्दे के समाधान की उम्मीद करते हैं।

सिंह ने इस बात को लेकर खेद जताया कि 27 फरवरी को होने वाले मेघालय विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसी भी राजनीतिक दल ने चुनाव प्रचार में इस मुद्दे पर बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि उत्तर शिलांग एक बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है और केवल 1,200 मतों के साथ, हम उनके लिए महत्वपूर्ण संख्या नहीं हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में एक मिश्रित मतदान परिपाटी मौजूद है, जिसमें निवासी अपनी पसंद के दलों के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं, न कि सामूहिक रूप से। पंजाबी लेन स्थित गुरुद्वारा नानक दरबार के अध्यक्ष सिंह ने कहा कि उनके पूर्वज लगभग 200 साल पहले सुदूर पंजाब से आए थे और यहां बस गए थे। इन परिवारों के सदस्य वर्तमान में नौकरी, छोटे व्यवसाय और पर्यटन से जुड़े कारोबार करते हैं।

सरकार नहीं दे रही कोई ध्यान

उन्होंने कहा कि पंजाबी लेन के अधिकांश सिख परिवार दलित हैं और अनुसूचित जाति के हैं, जबकि कुछ जो ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए हैं, वे अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आते हैं। उन्होंने बताया कि सितंबर 2022 में राज्य सरकार के साथ बैठक हुई थी, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई थी।

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने बैठक की और पंजाबी लेन को विस्थापित करने के लिए शिलांग के यूरोपीयन वार्ड में एक ही स्थान पर प्रत्येक परिवार के लिए 200-200 वर्ग मीटर जमीन आवंटित करने की इच्छा जताई। सिंह के अनुसार, खुन हिन्नीवट्रेप नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट पार्टी के स्थानीय विधायक एडेलबर्ट नोनग्रुम ने शायद ही कभी क्षेत्र का दौरा किया हो और इलाके में सरकारी योजनाओं का शायद ही कोई लाभार्थी हो।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य राजनीतिक दल ने क्षेत्र में कोई चुनाव प्रचार नहीं किया है। भाजपा ने उत्तरी शिलांग निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व पुलिस अधिकारी एम खरक्रांग को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने जे. ए. लिंगदोह को उम्मीदवार बनाया है, जो पहले भगवा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे।

खरक्रांग ने कहा कि अगर हमारी पार्टी चुनी जाती है, तो वह सभी के लिए सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करेगी। हम निवासियों के साथ काम करेंगे और इस मुद्दे का एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेंगे।

पेट्रोल पंप भी 2018 की हिंसा के बाद से बंद हो गया

हालांकि, वर्तमान में, लेन के निवासियों ने दृढ़ता से महसूस किया कि दोनों सिरों पर लगाए गए नाकों को हटाया जाना चाहिए, ताकि लोग अपना सामान्य जीवन फिर से शुरू कर सकें। सिंह ने कहा, "दोनों सिरों पर नाके के साथ, वाहनों को इस लेन में प्रवेश की अनुमति नहीं है और क्षेत्र में एकमात्र पेट्रोल पंप भी 2018 की हिंसा के बाद से बंद हो गया है।"

वर्ष 2018 में मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पंजाबी लेन का मुद्दा उस वक्त सामने आया था, जब क्षेत्र में एक बस चालक पर कथित रूप से हमला किया गया था।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों, ज्यादातर युवाओं, ने "बदला लेने के लिए" पंजाबी लेन की ओर मार्च किया था। राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर भेजा, कर्फ्यू लगाया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मोबाइल इंटरनेट सुविधाओं को बंद कर दिया।

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