Lucky Months 2022: 2022 में आपके लिए कौन सा महीना शुभ-अशुभ

Lucky Months 2022
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:35 AM
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Lucky Months 2022 : नई उम्मीदों को लेकर लोग नववर्ष 2022 (new year 2022) का इंतजार कर रहे हैं। नव वर्ष में कई ग्रहों की चाल बदलने वाली हैं। ज्योतिष (Astrology) में ग्रहों के परिवर्तन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों के राशि परिवर्तन (planetary zodiac changes) का सीधा असर सभी राशियों (zodiacs) पर होता है। ज्योतिष के मुताबिक 2022 में सभी राशियों के लिए कुछ महीने शुभ रहने वाले हैं। वहीं नए साल में कुछ महीने मुश्किलों से भरे रहने वाले हैं। आओ जानते हैं कि वर्ष 2022 में कौन से महीने (Lucky Months 2022) आपके लिए शुभ या अशुभ सबित होने वाला है।

मेष जनवरी 2022 में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य आपकी कुंडली के 9वें भाव में मौजूद रहेगा। इसका साथ भी मार्च और अप्रैल में भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

वृषभ मई का महीना आपके लिए कष्ट देने वाला साबित होगा। इसके अलावा अक्टूबर और दिसंबर महीना भी अशुभ साबित होगा। सूर्य की चाल से जीवन में उथल-पुथम मच सकती है।

मिथुन जनवरी 2022 का महीना मुश्किलों से भरा रहने वाला है। इसके साथ ही फरवरी और नवंबर के महीनों में भी परेशानियां आएंगी। आपको सतर्क रहना होगा।

कर्क फरवरी 2022 का महीना अधिक कठिनाइयों वाला साबित होगा। शादीशुदा जिंदगी में जीवनसाथी से मनमुटाव रहेगा। इसके अलावा जून और दिसंबर भी कई परेशानियां लेकर आएगा।

सिंह इस राशि वालों के लिए जुलाई और मार्च का महीना कठिनाइयों भरा रहने वाला है। कुंडली में सूर्य के छठे भाव में होने से झूठा आरोप लगेगा।

कन्या सूर्य का कुंडली के छठे भाव में होने से फरवरी परेशानियों से भरा रहेगा। दरअसल इस माह खर्च अधिक होगा। इसके अलावा जुलाई और अगस्त का महीना भी परेशानियों से भरा रहेगा।

तुला सूर्य के छठे भाव में होने के कारण नौकरी में परिवर्तन का योग बनेगा। साथ ही मई और सितंबर में कुछ हद तक आर्थिक परेशानी हो सकती है।

वृश्चिक इस राशि के जातकों के लिए अप्रैल का महीना सबसे बुरा रहने वाला है। शादीशुदा जिंदगी में तनाव रहेगा. इसके अलवा जून और अक्टूबर में सावधान रहना होगा।

धनु इस राशि वालों के लिए मई, जुलाई और नवंबर का महीना खराब रहने वाला है। इन महीनों में भाग्य का साथ नहीं मिलेगा।

मकर आपके लिए जून का महीना अशुभ साबित होगा। इसके अलावा अगस्त और दिसंबर के महीनों में सतर्क रहना होगा। दरअसल सूर्य के अष्टम भाव में आने से परेशानी बढ़ेगी।

कुंभ जुलाई सबसे अधिक चुनौतियों वाला साबित होगा। रिलेशन में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पड़ोसियों से विवाद हो सकता है।

मीन इस राशि वालों के लिए फरवरी और अक्टूबर में अधिक परेशानी झेलनी पड़ेगी। मन में निराशा होने के कारण और भी परेशानी बढ़ेगी। हालांकि धैर्य बनाए रखने से सबकुछ सामान्य होगा।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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Coronavirus: इन 8 वजहों के चलते मोदी को फिर संभालनी पड़ी कोरोना से लड़ाई की कमान

PM Modi address to nation
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:23 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 25 दिसंबर को ओमिक्रॉन (Omicron), बूस्टर डोज (Booster Dose), टीकाकरण (Vaccination) और तीसरी लहर (Third Wave) से निपटने की तैयारियों के बारे में अहम घोषणाएं की।

आगामी तीन जनवरी से 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान (Coronavirus) शुरू होगा। स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स सहित 60 वर्ष से अधिक उम्र के कोमॉर्बिटी वाले बुजूर्गों के लिए प्रिकॉशन डोज (बूस्टर डोज) के शुरूआत की भी घोषणा की गई। आगामी 10 जनवरी से बूस्टर डोज लगाने का अभियान शुरू हो जाएगा।

आखिर, प्रधानमंत्री को अचानक राष्ट्र के नाम संबोधन कर टीकाकरण (Vaccination), बूस्टर डोज (Booster Dose) और कोरोना (Corona) से लड़ने की तैयारी के बारे में देश को बताने की जरूरत क्यों आन पड़ी?

पहली वजह, देश में कोराना का नया वैरियंट ओमिक्रॉन (Omicron) तेजी से पैर पसार रहा है। ज्यादातर राज्यों में इसके मरीज सामने आ चुके हैं। साथ ही, दुनिया के अन्य देशों में भी ओमिक्रॉन (Omicron) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। नेशनल कोविड सुपरमॉडल पैनल पहले ही इस बात का अंदेशा जाहिर कर चुका है कि ओमिक्रॉन (Omicron) के चलते 2022 की शुरुआत में भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) आ सकती है और फरवरी में इसका पीक होगा।

ऐसे में प्रधानमंत्री देशवासियों को यह बताना चाहते हैं कि सरकार पूरी तरह से अलर्ट है और तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि देश में 18 लाख आइसोलेशन बेड और 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार हैं। इसके अलावा 1 लाख 40 हजार आईसीयू बेड सहित बच्चों के लिए भी 90 हजार बेड तैयार हैं। साथ ही, 3000 ऑक्सीजन प्लांट भी काम कर रहे हैं।

दूसरी वजह, ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते खतरे के बीच पिछले कुछ दिनों से मीडिया लगातार सरकार पर यूपी में हो रही चुनावी रैलियों पर रोक लगाने का दबाव बना रही है। मामला तब और भी गंभीर हो गया जब बीते गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सीधे प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग (Election Commission) से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने और चुनाव टालने की अपील कर दी।

चुनाव आयोग (Election Commission) ने अगले ही दिन प्रेस कांफ्रेंस मे अपना पक्ष रख दिया और अप्रत्यक्ष तौर पर हाईकोर्ट को बता दिया कि यूपी में ओमिक्रॉन (Omicron) के हालात पर आयोग की नजर है। अब प्रधानमंत्री की बारी थी। जाहिर सी बात है कि प्रधानमंत्री केवल यह नहीं कह सकते थे कि हालात पर सरकार की नजर है। उन्हें कुछ ठोस कार्ययोजना और तैयारियों को भी बताना था। इस तरह प्रधानमंत्री ने भी अप्रत्यक्ष तौर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और मीडिया (Media) को अपना जवाब दे दिया है।

तीसरी वजह, इसी साल अप्रैल-मई में कोरोना की तीसरी लहर के बाद सरकार पर इससे निपटने की कोई तैयारी न करने का गंभीर आरोप लगा था। अस्पतालों में सामान्य बेड, आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की अचानक पैदा हुई भारी मांग के सामने देश की चिकित्सा व्यवस्था ने घुटने टेक दिए थे। देश ही नहीं, पूरी दुनिया में सरकार की बदनामी हुई जिसका खामियाज तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) को अपना पद गंवा के चुकाना पड़ा।

चौथी वजह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2020 में महामारी से निपटने की बागडोर अपने हाथ में ले रखी थी। कोरोना की पहली लहर के दुष्प्रभाव को कम करने में केंद्र सरकार के द्वारा घोषित सख्त लॉकडाउन (Lockdown) ने महत्वूपर्ण भूमिका अदा की थी। जबकि, दूसरी लहर से पहले मोदी सहित सरकार के बड़े मंत्रियों का ध्यान पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव पर था। सरकार की इस चूक के चलते देश को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा और पूरे विश्व में सरकार की फजीहत हुई। यही वजह है कि पीएम मोदी (PM Narendra Modi) एक बार फिर से फ्रंटफुट पर हैं और यह संदेश देना चाहते हैं कि भले ही वह यूपी में लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं लेकिन, कोरोना के हालात पर उनकी पैनी नजर है।

पांचवीं वजह, टीकाकरण (Vaccination) अभियान की सफलता के चलते चारों ओर सरकार की तारीफ हो रही है। लेकिन, दुनिया के कई देशों में बूस्टर डोज (Booster Dose) लगने शुरू हो चुके हैं। मोदी सरकार पर बूस्टर डोज (Booster Dose) में देरी करने के आरोप लगने शुरू हो चुके हैं। मोदी नहीं चाहते कि टीकाकरण (Vaccination) के सफल अभियान के बाद सरकार पर बूस्टर डोज के चलते कोई दाग लगे। यही वजह है कि उन्होंने न सिर्फ बूस्टर डोज के अभियान को शुरू करने बल्कि, 15 से 18 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की भी घोषणा कर दी।

छठवीं वजह, अगले साल यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बार सरकार ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहती जिसके चलते चुनाव से पहले सरकार के खिलाफ नकारात्मक माहौल बने। यही वजह है कि मोदी ने अपने संबोधन में ओमिक्रॉन (Omicron) की भयावहता या लॉकडाउन (Lockdown) जैसे शब्द का प्रयोग बिलकुल नहीं किया। उन्होंने सावधानी बरतने, मास्क पहनने, हाथ धुलने जैसे उपायों का तो जिक्र किया लेकिन, भीड़भाड़ से बचने या सोशल डिस्टेंसिंग का जिक्र नहीं किया। यानी, बड़ी सफाई से यह संदेश भी दे दिया कि रैलियां जारी रहेंगी।

सातवीं वजह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) यह बात अच्छी तरह से समझते हैं कि किसी मुद्दे पर उनके बोलने भर से देश भर में चर्चा शुरू हो जाती है और आम लोग उसे गंभीरता से लेते हैं। इसलिए, वह खुद सामने आए और लोगों को आगाह किया कि कोरोना अभी गया नहीं है। हमें सतर्क रहना होगा और सावधानी बरतनी होगी। मोदी का यह संदेश आम जनता को यह बताने के लिए काफी है कि कोरोना नये रूप में वापस आ गया है।

आठवीं वजह, प्रधानमंत्री किसी भी अभियान या मौके को यादगार बनाने का तरीका खोज निकालने में माहिर हैं। कोरोना (Coronavirus) की पहली लहर से पहले दिए जलाने से लेकर थाली पीटने जैसे सांकेतिक कदमों ने उस दौर को हमेशा के लिए यादगार बना दिया। यह अलग बात है कि इसकी खूब आलोचना भी हुई। इस बार भी उन्होंने क्रिसमस (Christmas) और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के जन्मदिन जैसे मौके को चुना ताकि, इस ऐतिहासिक दिन के साथ बूस्टर डोज और बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान की घोषणा को आसानी से यादगार बनाया जा सके।

बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान, बूस्टर डोज (Booster Dose) की शुरुआत और महामारी (Pandemic) से निपटने की तैयारी के सरकारी दावों की असली परीक्षा तो आने वाले वक्त में ही होगी। लेकिन, प्रधानमंत्री का यह कहना बिलकुल सही है कि इस महामारी (Pandemic) से निपटने में व्यक्तिगत प्रयास और टीका ही दो सबसे बड़े हथियार हैं। तो, नये साल (New Year) के स्वागत के लिए तैयार रहिए लेकिन, ध्यान रखिए कि ओमिक्रॉन (Omicron) भी मौके की ताक में हमारे अगल-बगल ही घूम रहा है।

- संजीव श्रीवास्तव

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Noida Big Breaking News: बबीता फोगाट का दावा- उत्तर प्रदेश में फिर बनेगी भाजपा सरकार

Babita
बबिता फोगाट ने किया भाजपा सरकार का दावा. (Pic- Chetnamanch)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:36 AM
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नोएडा. भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी जी के निर्देशानुसार नोएडा महानगर युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष रामनिवास यादव के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee) की 98वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में नोएडा महानगर (Noida Big Breaking News) में बाइक यात्रा (Noida Bike Rally) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय रेसलिंग खिलाड़ी एवं भाजयुमो राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, भाजयुमो उत्तर प्रदेश पश्चिम क्षेत्र प्रभारी बबीता फोगाट (Babita Phogat) ने सर्वप्रथम प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बाद में यात्रा को ध्वज दिखा करके यात्रा का शुभारंभ किया। बाइक यात्रा नोएडा स्टेडियम गेट नंबर 4 से आरंभ होकर नोएडा महानगर के आठों मंडलों से गुजरते हुए सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन पर समाप्त हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बबीता फोगाट (Babita Phogat) ने श्रद्धेय अटल जी को स्मरण करते हुए कहा उन्हें आज भी अटल जी की वह पंक्तियां याद आती हैं, 'क्या जीत में क्या हार में किंचित नहीं भयभीत मैं संघर्ष पथ पर जो मिला यह भी सही वह भी सही'. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को पूरे उत्तर प्रदेश में अपार जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है और जनमानस आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी को पुनः मुख्यमंत्री पद पर आसीन देखना चाहता है, उन्होंने बताया पिछले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है तथा जिस प्रकार से नए रोजगारों का सृजन एवं विदेशी निवेश उत्तर प्रदेश में बढा है वह निसंदेह आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को अग्रणी प्रदेशों की श्रेणी में खड़ा करता है। [caption id="attachment_12715" align="alignnone" width="300"]babita phogat बबिता फोगाट ने किया भाजपा सरकार का दावा. (Pic- Chetnamanch)[/caption] पत्रकारों को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी नोएडा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि आज नोएडा (Noida Big Breaking News) में बाईक यात्रा श्रद्धेय अटल जी की स्मृति में निकाली जा रही है, श्रद्धेय अटल जी का विराट व्यक्तित्व भारत के सभी नागरिकों को प्रोत्साहित करता है, प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश चौमुखी विकास हो रहा है और जिस प्रकार से इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश प्रगति कर रहा है वह निसंदेह उत्तर प्रदेश को विश्व में विदेशी निवेशकों के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलाने में सहायक होगा। [caption id="attachment_12715" align="alignnone" width="300"]babita phogat बबिता फोगाट ने किया भाजपा सरकार का दावा. (Pic- Chetnamanch)[/caption] [caption id="attachment_12716" align="alignnone" width="300"]babita phogat बबिता फोगाट ने किया भाजपा सरकार का दावा. (Pic- Chetnamanch)[/caption] सम्पूर्ण यात्रा को नोएडा की जनता अपार स्नेह प्राप्त हुआ। यात्रा के दौरान पूरा शहर अटल जी की कविताओं को पुनः सुनकर भावविभोर हो गया। यात्रा में युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बनता था। Omicron: 17 राज्‍यों में फैल चुका है ओमिक्रॉन, यहां जानें अपने प्रदेश का हाल यात्रा में भाजयुमो उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय मंत्री अचिन गौतम, भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला महामंत्री उमेश त्यागी चंदगीराम यादव, डिम्पल आनंद, युवा मोर्चा जिला प्रभारी एवं वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष मनीष शर्मा, भाजयुमो जिला अध्यक्ष रामनिवास यादव, महामंत्री अनुज प्रधान, मोहित शर्मा, अर्पित मिश्रा, नरेंद्र जोगी, नवीन मिश्रा, प्रवीण चौहान, रितेश वर्मा, सत्यम सिंह, आदेश त्यागी, साधना शर्मा, श्रवण गौतम, कपिल धारीवाल, राहुल शर्मा, मोनू जोगी, विपिन प्रधान, विपिन भाटी, सूर्या शर्मा इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।