जीबीयू भर्ती विवाद में बड़ा कदम, रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी पद से हटाए गए
लोकायुक्त के हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया गया है। यह आदेश कुलपति प्रो. राणा प्रताप द्वारा जारी किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने रजिस्ट्रार को हटाते हुए डॉ. चंदर कुमार को कुलसचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में कथित भर्ती अनियमितताओं को लेकर चल रही जांच के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। लोकायुक्त के हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया गया है। यह आदेश कुलपति प्रो. राणा प्रताप द्वारा जारी किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने रजिस्ट्रार को हटाते हुए डॉ. चंदर कुमार को कुलसचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। डॉ. चंदर कुमार वर्तमान में विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज के डीन के रूप में कार्यरत हैं।
लोकायुक्त की जांच से मचा प्रशासन में हड़कंप
यह कार्रवाई लोकायुक्त द्वारा 25 दिसंबर को विश्वविद्यालय प्रबंधन को भेजे गए पत्र के बाद सामने आई है। लोकायुक्त ने विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों से जुड़े सभी दस्तावेज 9 जनवरी तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से ही विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों में हलचल तेज हो गई थी।
भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर आरोप
विश्वविद्यालय में लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया को लेकर गंभीर शिकायतें सामने आ रही थीं। आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्तेदारों और सिफारिशी अभ्यर्थियों को नियुक्त किया। वहीं, कई ऐसे शिक्षक जो वर्षों से विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे थे, उन्हें कथित तौर पर बाहर कर दिया गया।
पहले भी उठी थी आवाज, नहीं हुई सुनवाई
भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर पहले भी शिकायतें की गई थीं। छात्र संघ ने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने यह मुद्दा उठाया, लेकिन उन शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। लोकायुक्त की दखल के बाद अब मामला सार्वजनिक रूप से तूल पकड़ चुका है और कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रजिस्ट्रार ने लगाए साजिश के आरोप
पद से हटाए गए रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी ने इस कार्रवाई को साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि उनके पद की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं थी और उन्हें बिना कारण हटाया गया है। उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी विकल्प अपनाने के संकेत भी दिए हैं।
छात्र संगठन की चेतावनी
समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष मोहित नागर ने विश्वविद्यालय में भर्ती और फीस से जुड़ी अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 5 जनवरी तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो छात्र संगठन विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा। इस पूरे मामले में कुलपति प्रो. राणा प्रताप से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया।
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में कथित भर्ती अनियमितताओं को लेकर चल रही जांच के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। लोकायुक्त के हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया गया है। यह आदेश कुलपति प्रो. राणा प्रताप द्वारा जारी किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने रजिस्ट्रार को हटाते हुए डॉ. चंदर कुमार को कुलसचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। डॉ. चंदर कुमार वर्तमान में विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज के डीन के रूप में कार्यरत हैं।
लोकायुक्त की जांच से मचा प्रशासन में हड़कंप
यह कार्रवाई लोकायुक्त द्वारा 25 दिसंबर को विश्वविद्यालय प्रबंधन को भेजे गए पत्र के बाद सामने आई है। लोकायुक्त ने विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों से जुड़े सभी दस्तावेज 9 जनवरी तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से ही विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों में हलचल तेज हो गई थी।
भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर आरोप
विश्वविद्यालय में लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया को लेकर गंभीर शिकायतें सामने आ रही थीं। आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्तेदारों और सिफारिशी अभ्यर्थियों को नियुक्त किया। वहीं, कई ऐसे शिक्षक जो वर्षों से विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे थे, उन्हें कथित तौर पर बाहर कर दिया गया।
पहले भी उठी थी आवाज, नहीं हुई सुनवाई
भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर पहले भी शिकायतें की गई थीं। छात्र संघ ने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने यह मुद्दा उठाया, लेकिन उन शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। लोकायुक्त की दखल के बाद अब मामला सार्वजनिक रूप से तूल पकड़ चुका है और कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रजिस्ट्रार ने लगाए साजिश के आरोप
पद से हटाए गए रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी ने इस कार्रवाई को साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि उनके पद की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं थी और उन्हें बिना कारण हटाया गया है। उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी विकल्प अपनाने के संकेत भी दिए हैं।
छात्र संगठन की चेतावनी
समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष मोहित नागर ने विश्वविद्यालय में भर्ती और फीस से जुड़ी अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 5 जनवरी तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो छात्र संगठन विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा। इस पूरे मामले में कुलपति प्रो. राणा प्रताप से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया।













