डिप्रेशन की शिकार सिविल जज ने दी जान, सुसाइड नोट बरामद

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Badaun News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:19 AM
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Badaun News : उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक महिला सिविल जज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। महिला सिविल जज के आत्महत्या करने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर महिला जज का शव बाहर निकाला।

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मामला सदर कोतवाली क्षेत्र की जज कॉलोनी का है। यहां एक घर में रह रही बदायूं न्यायालय में सिविल जज जूनियर के पद पर तैनात 27 वर्षीय ज्योत्सना राय ने अपने आवास पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही बदायूं के जिला जज, जिलाधिकारी और एसएसपी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। पुलिस ने मृतका के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।

फांसी लगाकर की आत्महत्या

बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि बदायूं की जज कॉलोनी परिसर में प्रथम मंजिल पर रहने वाली दीवानी मामलों की न्यायाधीश (कनिष्ठ) ज्योत्सना राय ने अपने शयन कक्ष में पंखे से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि शनिवार पूर्वाह्न 10 बजे तक राय जब अदालत नहीं पहुंचीं, तो उनके साथी न्यायाधीशों ने उन्हें फोन किया। लेकिन संपर्क नहीं हो पाने पर वे उनके आवास गए और उन्होंने पाया कि राय का शयनकक्ष अंदर से बंद था।

मऊ जिले की रहने वाली थी मृतका

प्रियदर्शी ने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने शयनकक्ष का दरवाजा तोड़ा तो राय का शव पंखे से लटका मिला।  उन्होंने बताया कि मृतका जज मूल रूप से मऊ जनपद की रहने वाली थी। जो बदायूं में दीवानी मामलों की न्यायाधीश (कनिष्ठ) के पद पर 29 अप्रैल 2023 से तैनात थीं। इससे पूर्व वह अयोध्या में न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत थीं।

मामले की जांच में जुटी पुलिस

उन्होंने बताया कि राय के आवास से उनके लिखे एक सुसाइड नोट सहित कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो इस मामले की गुत्थी को सुलझाने में अहम साबित हो सकते हैं। प्रियदर्शी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला मानसिक तनाव का प्रतीत हो रहा है। उन्होंने बताया कि महिला न्यायाधीश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और उनके परिजनों को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है।

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उत्तर प्रदेश में होगा अनोखा भूमि पूजन, पीएम मोदी को न्योता

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Uttar Pradesh News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:44 PM
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जल्दी ही एक अनोखा भूमि पूजन कार्यक्रम होने वाला है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा गया है इस प्रकार का अनोखा भूमि पूजन उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के किसी भी प्रदेश में आज तक नहीं हुआ है उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने इस आयोजन की तैयारियां तेज कर दी हैं।

क्या है आयोजन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने वाले खास भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियां जोर-जोर से चल रही हैं सवाल यह है कि क्या है भूमि पूजन का यह कार्यक्रम आपको बता दें कि वर्ष 2023 के फरवरी महीने में उत्तर प्रदेश सरकार ने वैश्विक निवेशक समारोह ग्लोबल इन्वेस्टर सबमिट किया था इस समिट के जरिए दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में 39 लाख करोड रुपए का निवेश करने के समझौते उत्तर प्रदेश की सरकार के साथ किए थे उत्तर प्रदेश में 39 लाख करोड रुपए के निवेश को जमीन पर उतरने का काम तेजी से चल रहा है इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरने की योजना बना ली गई हैइस निवेश के जरिए जो बड़े-बड़े प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे उनके सामूहिक भूमि पूजन का कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाया है आमतौर पर भूमि पूजन किसी योजना परियोजना घर अथवा संस्थान बनाने वाली भूमि पर किया जाता है उत्तर प्रदेश का यह भूमि पूजन एक विशेष भव्य समारोह में प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया जाएगा।Uttar Pradesh News

पीएम मोदी को न्यौता

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उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि पूजन का कार्यक्रम 15 से 25 फरवरी के बीच करने का फैसला किया है इस भूमि पूजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि बनाने का फैसला किया है पीएम मोदी को भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश की तरफ से बाकायदा नेता नियंत्रण भेजा गया है प्रधानमंत्री कार्यालय से अभी तक भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने की तारीख पर फैसला नहीं लिया गया है उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 फरवरी से 25 फरवरी के बीच कोई भी तारीख दैनिक को कहा है।

उत्तर प्रदेश सहित देश भर की 10 लाख महिलाओं को फ्री में मिलेगा इलाज, खुशी जताई

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उत्तर प्रदेश सहित देश भर की 10 लाख महिलाओं को फ्री में मिलेगा इलाज, खुशी जताई

केंद्र सरकार के फैसले पर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन ने खुशी जाहिर की है

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UP News
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 11:57 AM
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UP News : केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है इस फैसले के कारण उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश की 10 लाख 40 हजार महिलाओं को बड़ा लाभ मिलेगा। फैसला यह है कि उत्तर प्रदेश सहित देश भर की 10 लाख महिलाओं को फ्री में इलाज कराने की सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार के फैसले पर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन ने खुशी जाहिर की है।

किन महिलाओं को मिलेगा फ्री इलाज

आपको बता दें कि 1 फरवरी को संसद में पेश हुए केंद्रीय बजट में महिला आशा वर्कर्स (ASHA Workers) को आयुष्मान भारत योजना में जोडऩे का फैसला किया गया है। इस फैसले से साफ है कि देश की सभी 10 लाख 40 हजार आशा वर्कर्स को आयुष्मान भारत योजना के तहत फ्री में इलाज कराने का मौका मिलेगा। इस फैसले पर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन ने खुशी जाहिर की है। उत्तर प्रदेश में आशा वर्कर्स की सबसे बड़ी संस्था उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने बताया कि केंद्र सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश सहित देशभर की सभी 10 लाख 40 हजार आशा वर्कर्स को फ्री में इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। UP News

देश में कुल कितनी है आशा वर्कर

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने बताया कि भारत में कुल 10 लाख 40 हजार आशा कार्यकर्ता हैं। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश में 1 लाख 63 हजार आशा कार्यकर्ता हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार में 89437 तथा मध्य प्रदेश में 77531 महिला आशा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं। उत्तर प्रदेश सहित देशभर की इन महिलाओं को अब फ्री में इलाज मिलने की व्यवस्था हो गई है।

कौन होती हैं आशा कार्यकर्ता

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महिला आशा वर्कर्स (ASHA Workers) सरकार की सभी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी आम लोगों के बीच पहुंचाने का काम करती हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM)के तहत इन सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की भूमिका पहली बार 2005 में स्थापित की गई थी। आशा मुख्य रूप से विवाहित, विधवा या समुदाय के भीतर से 25 से 45 वर्ष की आयु के बीच की तलाकशुदा महिलाएं हैं। कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कक्षा 8 तक औपचारिक शिक्षा के साथ साक्षर होना चाहिए। आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ पहुंचने में लोगों को जानकारी प्रदान करने और सहायता करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ये कार्यकर्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप-केंद्रों और जिला अस्पतालों जैसी सुविधाओं से जोडऩे वाले एक सेतु के रूप में कार्य करते हैं। इन महिलाओं की औपचारिक योग्यता 8वीं कक्षा तक शिक्षित होना है. इनके पास बेहतर संचार और नेतृत्व कौशल होना चाहिए।

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