उत्तर प्रदेश में मिशन-80 से पहले "मिशन-8", चल रहा है खेला

Lok Sabha Election 2024
उत्तर प्रदेश में "मिशन-8" जारी
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव-2024 शुरू होने से पहले भाजपा ने उत्तर प्रदेश में "मिशन-80" का नारा दिया था। इसका मतलब यह है कि भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीतने का दावा कर रही है। यह तो सबको पता है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीट है। यह तो बात हुई "मिशन-80" की। सवाल उठता है कि भाजपा का "मिशन-8" क्या है। दरअसल उत्तर प्रदेश में पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुल आठ सीटों पर मतदान होना है। उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर तथा पीलीभीत सीटों पर 19 अप्रैल को वोट पड़ेंगे। इन्हीं आठ की आठ सीटों को जीतने के लिए भाजपा ने "मिशन-8" बनाया है। पहले चरण के चुनाव में भाजपा उत्तर प्रदेश की इन आठ सीटों को जीतकर सभी दलों को बढ़त बनाने तथा अपने "मिशन-80" को चरणबद्ध ढंग से पूरा करना चाहती है। भाजपा के नेताओं ने पहले चरण की सभी आठ सीटों केा जीतने के लिए "मिशन-8" बनाया है। इस मिशन को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा ने अपनी पूरी शक्ति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगा दी है। उत्तर प्रदेश के मुखिया यानि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेरा डाले हुए हैं।उत्तर प्रदेश में पहले चरण की सीटों का समीकरण
अब बात उत्तर प्रदेश में पहले चरण की आठ सीटों की कर लेते हैं। आपको बताते हैं कि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर तथा पीलीभीत की लोकसभा सीटों में किस सीट पर क्या समीकरण बन रहा है?सहारनपुर लोकसभा सीट
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित सहारनपुर सीट की बात करें तो सहारनपुर सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है। उत्तर प्रदेश की सहारनपुर सीट से कांग्रेस पार्टी ने इमरान मसूद को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस को यह सीट सपा के साथ गठबंधन के तहत मिली है। बीजेपी ने सहारनपुर सीट से राघव लखनपाल पर भरोसा जताया है जबकि बसपा ने माजिद अली को चुनाव मैदान में उतारा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के राघव लखनपाल ने कांग्रेस के इमरान मसूद को साठ हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी। बसपा के जगदीश राणा इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के तहत यह सीट बसपा को मिली थी, तब बसपा के हाजी फजलुर्रहमान ने बीजेपी के राघव लखनपाल को करीबी मुकाबले में 22 हजार वोटों से हराया था। इस चुनाव में इमरान मसूद तीसरे स्थान पर रहे थे।कैराना लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट हरियाणा प्रदेश के बॉर्डर से लगी हुई सीट है। कैराना सीट पर बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद प्रदीप चौधरी को ही चुनाव मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला सपा प्रत्याशी इकरा हसन से है जबकि बसपा की तरफ से श्रीपाल सिंह चुनाव मैदान में हैं। कैराना लोकसभा सीट की गिनती भी मुस्लिम बाहुल्य लोकसभा सीटों में होती है।साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी के हुकुम सिंह ने जीत दर्ज की थी। हुकुम सिंह ने करीब साढ़े तीन लाख वोटों के अंतर से सपा के नाहिद हसन को चुनाव मैदान में मात दी थी। बसपा के कुंवर हसन तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2019 में कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रदीप कुमार ने सपा की तब्स्सुम बेगम को 90 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट को उत्तर प्रदेश की हॉट सीट माना जाता है। मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी ने लगातार तीसरी बार संजीव बालियान को चुनाव मैदान में उतारा है। मुजफ्फरनगर में इस बार संजीव बालियान का मुकाबला सपा के हरेंद्र मलिक तथा बसपा के दारा सिंह प्रजापति से है। 2019 के लोकसभा चुनाव में संजीव बालियान ने इस सीट पर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी अजीत सिंह को छह हजार वोटों से हराया था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में संजीव बालियान ने बसपा के कादिर राणा को चार लाख से अधिक वोटों से हराया था। तब सपा के वीरेंद्र सिंह और कांग्रेस के पंकज अग्रवाल चौथे नंबर पर रहे थे।बिजनौर लोकसभा सीट
इस बार बीजेपी और रालोद का गठबंधन है। गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की बिजनौर लोकसभा सीट रालोद को मिली है। रालोद ने यहां से अपने मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंदन चौहान को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर चंदन चौहान के सामने सपा के दीपक सैनी और बसपा के विजेंद्र सिंह हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कुंवर भारतेंद्र ने सपा के शहनवाज राणा को दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। तब बसपा के मलूक नागर तीसरे और रालोद की जया प्रदा नहाटा चौथे नंबर पर रही थीं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी मलूक नागर (सपा-बसपा-रालोद गठबंधन) ने बीजेपी के भारतेंद्र सिंह को करीब 70 हजार वोटों से मात दी थी।नगीना लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट इस बार बीजेपी ने ओम कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर इस बार भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (असपा) ने भी ताल ठोक दी है। बसपा ने इस सीट पर सुरेंद्र पाल सिंह जबकि सपा ने मनोज कुमार को प्रत्याशी बनाया है। साल 2014 में नगीना लोकसभा सीट पर बीजेपी के यशवंत सिंह ने सपा के यशवीर सिंह को 90 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। तब बसपा के गिरिश चंद्र तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के गिरीश चंद्र (सपा-बसपा गठबंधन) ने बीजेपी के यशवंत सिंह को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।मुरादाबाद लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सर्वेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला सपा की पूर्व विधायक रुचि वीरा और बसपा के इरफान सैफी से है। रुचि वीरा को सपा ने आखिरी समय में एसटी हसन का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया। रुचि वीरा को आजम खान की पैरवी पर प्रत्याशी बनाया गया है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद में सपा के एसटी हसन ने जीत दर्ज की थी। तब एसटी हसन (सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी) ने सर्वेश सिंह को करीबी एक लाख वोटों से मात दी थी। तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ को सिर्फ 59000 वोट नसीब हुए थे। साल 2014 में सर्वेश सिंह ने यहां सपा के एसटी हसन को 87 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी। तीसरे नंबर पर रहे बसपा के हाजी मोहम्मद याकूब को 1,60,945 वोट मिले थे।रामपुर लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश के रामपुर को सपा नेता आजम खान का गढ़ कहा जाता है। आजम खान का परिवार इस समय जेल में है। सपा ने रामपुर सीट से जामा मस्जिद के ईमाम मोहबुल्ला नदवी को प्रत्याशी बनाया है जबकि बसपा ने जीशान खां को टिकट दिया है। बीजेपी ने इस सीट पर धनश्याम सिंह लोधी को चुनावी रण में उतारा है। घनश्याम सिंह लोधी रामपुर के मौजूदा सांसद हैं, उन्होंने उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में बीजेपी के नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। नेपाल सिंह ने करीबी मुकाबले में सपा के नसीर अहमद खान को 23 हजार वोटों से मात दी थी। तब रामपुर सीट पर तीसरे नंबर पर कांग्रेस के नवाब काजिम अली खां और चौथे नंबर पर बसपा के अकबर हुसैन रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में आजम खान ने बीजेपी की जयाप्रदा नहाटा को एक लाख दस हजार वोटों से हराया था। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के संजय कपूर रहे।पीलीभीत लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला पिछले चुनावों से अलग है। इस बार पीलीभीत सीट पर वरुण गांधी प्रत्याशी नहीं हैं। बीजेपी ने यहां से योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। जितिन प्रसाद को सपा के भगवत सरन गंगवार और बसपा के अनीस अहमद टक्कर दे रहे हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से वरुण गांधी जीतकर संसद पहुंचे थे। उन्होंने सपा के हेमराज वर्मा को ढाई लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से वरूण गांधी की माँ मेनका गांधी बीजेपी की प्रत्याशी थीं। उन्होंने सपा के बुद्धसेन वर्मा को तीन लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी। बसपा के अनीस अहमद खान तब तीसरे नबंर पर रहे थे।यही है उत्तर प्रदेश का "मिशन-8" Lok Sabha Election 2024
अब आप समझ ही गए हैं कि भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश के "मिशन-80" को पूरा करने के लिए "मिशन-8" को जीतना बेहद जरूरी क्यों है। विश्लेषकों की बात को मान लिया जाए तो उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव में भाजपा का पलडा भारी नजर आ रहा है। वर्ष-2019 के चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इन आठ सीटों में से केवल तीन सीट ही भाजपा जीत पाई थी। इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे प्रभावशाली मानी जाने वाली पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को भाजपा ने अपने साथ जोड़ लिया है। (RLD) के दम पर भाजपा "मिशन-8" जीतने में सफल होती है अथवा विफल यह बात तो चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे किन्तु पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का "मिशन-8" का खेला खूब जोर-शोर से चल रहा है। Lok Sabha Election 20242024 में UP Board ने बनाएगा नया रिकॉड, इस तारीख को जारी हो सकते हैं नतीजे
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करेंअगली खबर पढ़ें
Lok Sabha Election 2024
उत्तर प्रदेश में "मिशन-8" जारी
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव-2024 शुरू होने से पहले भाजपा ने उत्तर प्रदेश में "मिशन-80" का नारा दिया था। इसका मतलब यह है कि भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीतने का दावा कर रही है। यह तो सबको पता है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीट है। यह तो बात हुई "मिशन-80" की। सवाल उठता है कि भाजपा का "मिशन-8" क्या है। दरअसल उत्तर प्रदेश में पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुल आठ सीटों पर मतदान होना है। उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर तथा पीलीभीत सीटों पर 19 अप्रैल को वोट पड़ेंगे। इन्हीं आठ की आठ सीटों को जीतने के लिए भाजपा ने "मिशन-8" बनाया है। पहले चरण के चुनाव में भाजपा उत्तर प्रदेश की इन आठ सीटों को जीतकर सभी दलों को बढ़त बनाने तथा अपने "मिशन-80" को चरणबद्ध ढंग से पूरा करना चाहती है। भाजपा के नेताओं ने पहले चरण की सभी आठ सीटों केा जीतने के लिए "मिशन-8" बनाया है। इस मिशन को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा ने अपनी पूरी शक्ति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगा दी है। उत्तर प्रदेश के मुखिया यानि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेरा डाले हुए हैं।उत्तर प्रदेश में पहले चरण की सीटों का समीकरण
अब बात उत्तर प्रदेश में पहले चरण की आठ सीटों की कर लेते हैं। आपको बताते हैं कि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर तथा पीलीभीत की लोकसभा सीटों में किस सीट पर क्या समीकरण बन रहा है?सहारनपुर लोकसभा सीट
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित सहारनपुर सीट की बात करें तो सहारनपुर सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है। उत्तर प्रदेश की सहारनपुर सीट से कांग्रेस पार्टी ने इमरान मसूद को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस को यह सीट सपा के साथ गठबंधन के तहत मिली है। बीजेपी ने सहारनपुर सीट से राघव लखनपाल पर भरोसा जताया है जबकि बसपा ने माजिद अली को चुनाव मैदान में उतारा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के राघव लखनपाल ने कांग्रेस के इमरान मसूद को साठ हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी। बसपा के जगदीश राणा इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के तहत यह सीट बसपा को मिली थी, तब बसपा के हाजी फजलुर्रहमान ने बीजेपी के राघव लखनपाल को करीबी मुकाबले में 22 हजार वोटों से हराया था। इस चुनाव में इमरान मसूद तीसरे स्थान पर रहे थे।कैराना लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट हरियाणा प्रदेश के बॉर्डर से लगी हुई सीट है। कैराना सीट पर बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद प्रदीप चौधरी को ही चुनाव मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला सपा प्रत्याशी इकरा हसन से है जबकि बसपा की तरफ से श्रीपाल सिंह चुनाव मैदान में हैं। कैराना लोकसभा सीट की गिनती भी मुस्लिम बाहुल्य लोकसभा सीटों में होती है।साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी के हुकुम सिंह ने जीत दर्ज की थी। हुकुम सिंह ने करीब साढ़े तीन लाख वोटों के अंतर से सपा के नाहिद हसन को चुनाव मैदान में मात दी थी। बसपा के कुंवर हसन तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2019 में कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रदीप कुमार ने सपा की तब्स्सुम बेगम को 90 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट को उत्तर प्रदेश की हॉट सीट माना जाता है। मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी ने लगातार तीसरी बार संजीव बालियान को चुनाव मैदान में उतारा है। मुजफ्फरनगर में इस बार संजीव बालियान का मुकाबला सपा के हरेंद्र मलिक तथा बसपा के दारा सिंह प्रजापति से है। 2019 के लोकसभा चुनाव में संजीव बालियान ने इस सीट पर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी अजीत सिंह को छह हजार वोटों से हराया था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में संजीव बालियान ने बसपा के कादिर राणा को चार लाख से अधिक वोटों से हराया था। तब सपा के वीरेंद्र सिंह और कांग्रेस के पंकज अग्रवाल चौथे नंबर पर रहे थे।बिजनौर लोकसभा सीट
इस बार बीजेपी और रालोद का गठबंधन है। गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की बिजनौर लोकसभा सीट रालोद को मिली है। रालोद ने यहां से अपने मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंदन चौहान को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर चंदन चौहान के सामने सपा के दीपक सैनी और बसपा के विजेंद्र सिंह हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कुंवर भारतेंद्र ने सपा के शहनवाज राणा को दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। तब बसपा के मलूक नागर तीसरे और रालोद की जया प्रदा नहाटा चौथे नंबर पर रही थीं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी मलूक नागर (सपा-बसपा-रालोद गठबंधन) ने बीजेपी के भारतेंद्र सिंह को करीब 70 हजार वोटों से मात दी थी।नगीना लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट इस बार बीजेपी ने ओम कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर इस बार भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (असपा) ने भी ताल ठोक दी है। बसपा ने इस सीट पर सुरेंद्र पाल सिंह जबकि सपा ने मनोज कुमार को प्रत्याशी बनाया है। साल 2014 में नगीना लोकसभा सीट पर बीजेपी के यशवंत सिंह ने सपा के यशवीर सिंह को 90 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। तब बसपा के गिरिश चंद्र तीसरे स्थान पर रहे थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के गिरीश चंद्र (सपा-बसपा गठबंधन) ने बीजेपी के यशवंत सिंह को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।मुरादाबाद लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सर्वेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला सपा की पूर्व विधायक रुचि वीरा और बसपा के इरफान सैफी से है। रुचि वीरा को सपा ने आखिरी समय में एसटी हसन का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया। रुचि वीरा को आजम खान की पैरवी पर प्रत्याशी बनाया गया है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद में सपा के एसटी हसन ने जीत दर्ज की थी। तब एसटी हसन (सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी) ने सर्वेश सिंह को करीबी एक लाख वोटों से मात दी थी। तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ को सिर्फ 59000 वोट नसीब हुए थे। साल 2014 में सर्वेश सिंह ने यहां सपा के एसटी हसन को 87 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी। तीसरे नंबर पर रहे बसपा के हाजी मोहम्मद याकूब को 1,60,945 वोट मिले थे।रामपुर लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश के रामपुर को सपा नेता आजम खान का गढ़ कहा जाता है। आजम खान का परिवार इस समय जेल में है। सपा ने रामपुर सीट से जामा मस्जिद के ईमाम मोहबुल्ला नदवी को प्रत्याशी बनाया है जबकि बसपा ने जीशान खां को टिकट दिया है। बीजेपी ने इस सीट पर धनश्याम सिंह लोधी को चुनावी रण में उतारा है। घनश्याम सिंह लोधी रामपुर के मौजूदा सांसद हैं, उन्होंने उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में बीजेपी के नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। नेपाल सिंह ने करीबी मुकाबले में सपा के नसीर अहमद खान को 23 हजार वोटों से मात दी थी। तब रामपुर सीट पर तीसरे नंबर पर कांग्रेस के नवाब काजिम अली खां और चौथे नंबर पर बसपा के अकबर हुसैन रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में आजम खान ने बीजेपी की जयाप्रदा नहाटा को एक लाख दस हजार वोटों से हराया था। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के संजय कपूर रहे।पीलीभीत लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला पिछले चुनावों से अलग है। इस बार पीलीभीत सीट पर वरुण गांधी प्रत्याशी नहीं हैं। बीजेपी ने यहां से योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। जितिन प्रसाद को सपा के भगवत सरन गंगवार और बसपा के अनीस अहमद टक्कर दे रहे हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से वरुण गांधी जीतकर संसद पहुंचे थे। उन्होंने सपा के हेमराज वर्मा को ढाई लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से वरूण गांधी की माँ मेनका गांधी बीजेपी की प्रत्याशी थीं। उन्होंने सपा के बुद्धसेन वर्मा को तीन लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी। बसपा के अनीस अहमद खान तब तीसरे नबंर पर रहे थे।यही है उत्तर प्रदेश का "मिशन-8" Lok Sabha Election 2024
अब आप समझ ही गए हैं कि भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश के "मिशन-80" को पूरा करने के लिए "मिशन-8" को जीतना बेहद जरूरी क्यों है। विश्लेषकों की बात को मान लिया जाए तो उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव में भाजपा का पलडा भारी नजर आ रहा है। वर्ष-2019 के चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इन आठ सीटों में से केवल तीन सीट ही भाजपा जीत पाई थी। इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे प्रभावशाली मानी जाने वाली पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को भाजपा ने अपने साथ जोड़ लिया है। (RLD) के दम पर भाजपा "मिशन-8" जीतने में सफल होती है अथवा विफल यह बात तो चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे किन्तु पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का "मिशन-8" का खेला खूब जोर-शोर से चल रहा है। Lok Sabha Election 20242024 में UP Board ने बनाएगा नया रिकॉड, इस तारीख को जारी हो सकते हैं नतीजे
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करेंसंबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







