11 मई को जब पूरा देश ‘मदर्स डे’ सेलिब्रेट कर रहा था, तब हरियाणा के फरीदाबाद में अंधविश्वास के चलते एक महिला ने अपने ही दो साल के मासूम की जिंदगी लील ली। सैनिक कॉलोनी में रहने वाली एक महिला मेघा लुकरा ने अपने बेटे तन्मय उर्फ रौनिक को आगरा नहर में फेंक दिया, क्योंकि उसे तांत्रिक ने यह यकीन दिला दिया था कि उसका बेटा ‘सफेद जिन्न का बच्चा’ है और पूरे परिवार के लिए खतरा है।
जाने क्या है पूरा मामला?
पुलिस को रविवार देर रात सूचना मिली कि बीपीटीपी थाना क्षेत्र में एक महिला ने नहर में बच्चे को फेंक दिया है। मौके पर पहुंची पुलिस को स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने महिला को बच्चे को पुल से नीचे फेंकते हुए देखा था। महिला की पहचान मेघा लुकरा के रूप में हुई। पूछताछ में महिला ठीक से कुछ बता नहीं पाई।
पति ने खोला सच का पर्दा
महिला के पति कपिल लुकरा ने बताया कि उनकी पत्नी अक्सर एक तांत्रिक मिता भाटिया के पास जाया करती थी। तांत्रिक ने बताया कि उनका बेटा ‘सफेद जिन्न का बच्चा’ है और वह पूरे परिवार को तबाह कर देगा। इसी डर और अंधविश्वास में आकर मेघा ने अपने ही बेटे को नहर में फेंक दिया।
एफआईआर दर्ज, तलाश जारी
पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है और तांत्रिक मिता भाटिया के खिलाफ भी हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस, दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें बच्चे की तलाश में लगी हुई हैं, लेकिन घटना के अगले दिन तक बच्चा नहीं मिल पाया था।
परिवार में मातम
महिला की एक 14 साल की बेटी भी है। पूरा परिवार इस हादसे से टूट गया है। कपिल ने बताया कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि तांत्रिक की बातों का असर इतना गहरा हो चुका है।