इस दिन खास स्थान पर कर लिया स्नान तो हो जाएंगे मालामाल

देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है
इस साल 2024 में देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 (बुधवार) को है। आपको बता दें कि कलयुग में मां गंगा का सबसे अधिक महत्व होता है। यदि देवशयनी एकादशी पर तीर्थनगरी हरिद्वार में गंगा स्नान किया जाए, तो सभी दुखों और पाप से छुटकारा मिल जाता है, साथ ही भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। देवशयनी एकादशी पर हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करने से सभी 24 एकादशी का फल प्राप्त होने की धार्मिक मान्यता है। विधिपूर्वक देवशयनी एकादशी पर गंगा स्नान, पूजा पाठ, व्रत करने से जहां भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सभी दुखों से छुटकारा दिलाते हैं। वहीं माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन की बरसात करती हैं, जिससे व्यक्ति को जीवन भर धन की कमी नहीं होती है।दान का सबसे बड़ा महत्व
देवशयनी एकादशी पर गंगा स्नान करने, व्रत करने और पूजा पाठ करने के बाद दान का भी बहुत बड़ा महत्व है। दान करने से कई जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं और श्रद्धालुओं को विष्णु लोक धाम में स्थान की प्राप्ति होती है। देवशयनी एकादशी चातुर्मास में आती है। देवशयनी एकादशी से हिंदू धर्म में सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु और सभी देव सो जाते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं और व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्राप्त होता है। यह तो रही धार्मिक मान्यताओं की बात। इससे भी बड़ी बात यह है कि धर्म, कर्म, व्रत, पूजा, तीर्थ स्थान आदि सब कुछ आस्था और विश्वास का विषय है। यदि आपके अंदर आस्था और विश्वास है तो हर की पौड़ी हरिद्वार पर गंगा स्नान जरूर करें। आपकी सारी मनोकामनाएं अवश्य पूरी हो जाएंगी। Har Ki Pauri Haridwarहरिद्वार से ही क्यों भरा जाता है कांवड़ में जल ?
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देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है
इस साल 2024 में देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 (बुधवार) को है। आपको बता दें कि कलयुग में मां गंगा का सबसे अधिक महत्व होता है। यदि देवशयनी एकादशी पर तीर्थनगरी हरिद्वार में गंगा स्नान किया जाए, तो सभी दुखों और पाप से छुटकारा मिल जाता है, साथ ही भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। देवशयनी एकादशी पर हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करने से सभी 24 एकादशी का फल प्राप्त होने की धार्मिक मान्यता है। विधिपूर्वक देवशयनी एकादशी पर गंगा स्नान, पूजा पाठ, व्रत करने से जहां भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सभी दुखों से छुटकारा दिलाते हैं। वहीं माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन की बरसात करती हैं, जिससे व्यक्ति को जीवन भर धन की कमी नहीं होती है।दान का सबसे बड़ा महत्व
देवशयनी एकादशी पर गंगा स्नान करने, व्रत करने और पूजा पाठ करने के बाद दान का भी बहुत बड़ा महत्व है। दान करने से कई जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं और श्रद्धालुओं को विष्णु लोक धाम में स्थान की प्राप्ति होती है। देवशयनी एकादशी चातुर्मास में आती है। देवशयनी एकादशी से हिंदू धर्म में सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु और सभी देव सो जाते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं और व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्राप्त होता है। यह तो रही धार्मिक मान्यताओं की बात। इससे भी बड़ी बात यह है कि धर्म, कर्म, व्रत, पूजा, तीर्थ स्थान आदि सब कुछ आस्था और विश्वास का विषय है। यदि आपके अंदर आस्था और विश्वास है तो हर की पौड़ी हरिद्वार पर गंगा स्नान जरूर करें। आपकी सारी मनोकामनाएं अवश्य पूरी हो जाएंगी। Har Ki Pauri Haridwarहरिद्वार से ही क्यों भरा जाता है कांवड़ में जल ?
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