विनय संकोची
Health & Nature : प्रकृति परमेश्वर की परम शक्ति का भौतिक स्वरूप है। प्रकृति मानव की सच्ची मित्र है। उसके मित्र-भाव को जो लोग आत्मसात करते हैं, सुखी और स्वस्थ रहते हैं। प्रकृति ने वनस्पतियों के रूप में मानव को अनगिनत उपहार दिए हैं। एक-एक वनस्पति में स्वास्थ्य का अनमोल खजाना छिपा हुआ है। जो इस खजाने को पहचान पाया, इस खजाने तक पहुंच पाया, उसे मिली निरोगी काया और जीवन जीने का उत्साह। प्रकृति का एक बहुत ही प्यारा उपहार है - 'पुदीना'(Mint) जिसमें स्वास्थ्य का अमृत समाहित है।
• वायु विकारों (Air Disorders)को नष्ट करने वाले पुदीने के 5 मिलीलीटर रस में नीबू (Lemon ) का समभाग रस और 7-8 ग्राम शुद्ध शहद(Honey ) मिलाकर सेवन करने से उदर रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
• यदि किसी को भोजन में अरुचि हो गई है, भूख नहीं लगती है, तो पुदीना, हरा धनिया, काली मिर्च, अंगूर या अनार की चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर खाने से पाचन क्रिया तेज होती है और भूख लगने लगती है।
• पुदीना रस को शहद के साथ मिलाकर 15 दिनों तक नियमित सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है। पुदीने की चटनी भोजन के साथ नित्य प्रति खाने से भी पीलिया रोग में फायदा होता है।
• जिन्हें निम्न रक्तचाप ने घेर लिया है, वे 50 ग्राम पुदीने को पीसकर उसमें स्वाद के अनुसार सेंधा नमक, हरा धनिया और काली मिर्च डालकर चटनी के रूप में सेवन करें। निम्न रक्तचाप सामान्य की दिशा में बढ़ चलेगा।
• गठिया रोगी को पुदीने का काढ़ा बनाकर पिलाने से गठिया रोग में लाभ होता है।
• पेट दर्द में पुदीना रामबाण का काम करता है। दो चम्मच पुदीने के पत्तों का सूखा चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द में तुरंत आराम मिलता है। पुदीने के सात पत्ते और छोटी इलायची का एक दाना पान के पत्ते के साथ खाने से उदर शूल से मुक्ति मिलती है। पुदीना सौंफ, सौंठ और गुलकंद को अच्छी तरह पीसकर पानी में उबालकर दिन में तीन बार रोजाना खुराक के रूप में पीने से पेट दर्द तो ठीक होता ही है, कब्ज़ से भी मुक्ति मिल जाती है।
• जो लोग पेट गैस से परेशान रहते हैं, उन्हें चाहिए कि सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में 25 मिलीलीटर पुदीना रस और 25 ग्राम शुद्ध शहद मिलाकर सेवन करें। गैस से मुक्ति मिलेगी।
• पुदीने के रस में, नींबू का रस मिलाकर पानी में डालकर पीने से यकृत वृद्धि में बहुत अधिक लाभ होता है अर्थात लीवर का बढ़ना रुक जाता है।
• एक कप पानी में पुदीने की चटनी बनाकर थोड़ी सी चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त-एसिडिटी के कारण पेट में होने वाली जलन शांत होती है।
• आधा कप पुदीने का रस दिन में दो बार नियमित रूप से सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। पुदीने की 10 पत्तियों के साथ पांच मुनक्का सुबह-शाम खाने के बाद नियमित रूप से चबाते रहने से बदहजमी में आराम मिलता है।
• चौथाई कप पुदीने का रस, उतने ही पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार पीने से खांसी, जुकाम, कफ, दमा और मंदाग्नि में लाभ होता है।
• चोट लग जाने से रक्त जमा हो जाने पर पुदीने का अर्क पीने से रक्त का थक्का पिघल जाता है, जमा हुआ खून टूट कर बिखर जाता है। पुदीने के पत्तों को पीसकर पोटली बनाकर बांधने से घाव के कीड़े मर जाते हैं।
• पुदीने के पत्तों को चूसने और पत्तों को नारियल के साथ चबाकर खाने से हिचकियां बंद हो जाती हैं। पुदीने के पत्ते को मिश्री के साथ खाने से भी हिचकी मिट जाती है।
• हैजा होने पर पुदीना, प्याज और नींबू का रस मिलाकर रोगी को देने से बड़ा लाभ होता है। आंतों की बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए पुदीने के ताजा रस का सेवन करना बहुत लाभकारी है।
• पुदीना और अदरक का काढ़ा पीने से शीत ज्वर मिट जाता है। उससे पसीना निकल जाता है और हर प्रकार का ज्वार मिट जाता है।
• पुदीना, राम तुलसी छोटे और हरे पत्तों वाली और श्याम तुलसी काले पत्तों वाली का रस निकालकर उसमें थोड़ी सी मिश्री डालकर सेवन करने से टाइफाइड के रोग में लाभ होता है।
• पुदीने का ताजा रस शहद के साथ मिलाकर हर एक घंटे के बाद पीने से निमोनिया से होने वाले अनेक विकारों की रोकथाम होती है और ज्वर समाप्त हो जाता है।
• पुदीने के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिला कर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झाइयां समाप्त हो जाती हैं। चेहरे की त्वचा अधिक तैलीय होने पर पुदीना रस को रुई से चेहरे पर लगाने से तैलीयपन समाप्त हो जाता है।
• इसके अतिरिक्त भी पुदीने के बहुत सारे गुण हैं, जिनका लाभ हम ले सकते हैं। यहां पुदीने के रोगनाशी गुणों की सामान्य जानकारी दी गई है।
रोग विशेष में औषधि के रूप में पुदीने के प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
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भारत
चेतना मंच
17 Mar 2022 05:02 PM
विनय संकोची
Health & Nature : प्रकृति परमेश्वर की परम शक्ति का भौतिक स्वरूप है। प्रकृति मानव की सच्ची मित्र है। उसके मित्र-भाव को जो लोग आत्मसात करते हैं, सुखी और स्वस्थ रहते हैं। प्रकृति ने वनस्पतियों के रूप में मानव को अनगिनत उपहार दिए हैं। एक-एक वनस्पति में स्वास्थ्य का अनमोल खजाना छिपा हुआ है। जो इस खजाने को पहचान पाया, इस खजाने तक पहुंच पाया, उसे मिली निरोगी काया और जीवन जीने का उत्साह। प्रकृति का एक बहुत ही प्यारा उपहार है - 'पुदीना'(Mint) जिसमें स्वास्थ्य का अमृत समाहित है।
• वायु विकारों (Air Disorders)को नष्ट करने वाले पुदीने के 5 मिलीलीटर रस में नीबू (Lemon ) का समभाग रस और 7-8 ग्राम शुद्ध शहद(Honey ) मिलाकर सेवन करने से उदर रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
• यदि किसी को भोजन में अरुचि हो गई है, भूख नहीं लगती है, तो पुदीना, हरा धनिया, काली मिर्च, अंगूर या अनार की चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर खाने से पाचन क्रिया तेज होती है और भूख लगने लगती है।
• पुदीना रस को शहद के साथ मिलाकर 15 दिनों तक नियमित सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है। पुदीने की चटनी भोजन के साथ नित्य प्रति खाने से भी पीलिया रोग में फायदा होता है।
• जिन्हें निम्न रक्तचाप ने घेर लिया है, वे 50 ग्राम पुदीने को पीसकर उसमें स्वाद के अनुसार सेंधा नमक, हरा धनिया और काली मिर्च डालकर चटनी के रूप में सेवन करें। निम्न रक्तचाप सामान्य की दिशा में बढ़ चलेगा।
• गठिया रोगी को पुदीने का काढ़ा बनाकर पिलाने से गठिया रोग में लाभ होता है।
• पेट दर्द में पुदीना रामबाण का काम करता है। दो चम्मच पुदीने के पत्तों का सूखा चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द में तुरंत आराम मिलता है। पुदीने के सात पत्ते और छोटी इलायची का एक दाना पान के पत्ते के साथ खाने से उदर शूल से मुक्ति मिलती है। पुदीना सौंफ, सौंठ और गुलकंद को अच्छी तरह पीसकर पानी में उबालकर दिन में तीन बार रोजाना खुराक के रूप में पीने से पेट दर्द तो ठीक होता ही है, कब्ज़ से भी मुक्ति मिल जाती है।
• जो लोग पेट गैस से परेशान रहते हैं, उन्हें चाहिए कि सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में 25 मिलीलीटर पुदीना रस और 25 ग्राम शुद्ध शहद मिलाकर सेवन करें। गैस से मुक्ति मिलेगी।
• पुदीने के रस में, नींबू का रस मिलाकर पानी में डालकर पीने से यकृत वृद्धि में बहुत अधिक लाभ होता है अर्थात लीवर का बढ़ना रुक जाता है।
• एक कप पानी में पुदीने की चटनी बनाकर थोड़ी सी चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त-एसिडिटी के कारण पेट में होने वाली जलन शांत होती है।
• आधा कप पुदीने का रस दिन में दो बार नियमित रूप से सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। पुदीने की 10 पत्तियों के साथ पांच मुनक्का सुबह-शाम खाने के बाद नियमित रूप से चबाते रहने से बदहजमी में आराम मिलता है।
• चौथाई कप पुदीने का रस, उतने ही पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार पीने से खांसी, जुकाम, कफ, दमा और मंदाग्नि में लाभ होता है।
• चोट लग जाने से रक्त जमा हो जाने पर पुदीने का अर्क पीने से रक्त का थक्का पिघल जाता है, जमा हुआ खून टूट कर बिखर जाता है। पुदीने के पत्तों को पीसकर पोटली बनाकर बांधने से घाव के कीड़े मर जाते हैं।
• पुदीने के पत्तों को चूसने और पत्तों को नारियल के साथ चबाकर खाने से हिचकियां बंद हो जाती हैं। पुदीने के पत्ते को मिश्री के साथ खाने से भी हिचकी मिट जाती है।
• हैजा होने पर पुदीना, प्याज और नींबू का रस मिलाकर रोगी को देने से बड़ा लाभ होता है। आंतों की बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए पुदीने के ताजा रस का सेवन करना बहुत लाभकारी है।
• पुदीना और अदरक का काढ़ा पीने से शीत ज्वर मिट जाता है। उससे पसीना निकल जाता है और हर प्रकार का ज्वार मिट जाता है।
• पुदीना, राम तुलसी छोटे और हरे पत्तों वाली और श्याम तुलसी काले पत्तों वाली का रस निकालकर उसमें थोड़ी सी मिश्री डालकर सेवन करने से टाइफाइड के रोग में लाभ होता है।
• पुदीने का ताजा रस शहद के साथ मिलाकर हर एक घंटे के बाद पीने से निमोनिया से होने वाले अनेक विकारों की रोकथाम होती है और ज्वर समाप्त हो जाता है।
• पुदीने के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिला कर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झाइयां समाप्त हो जाती हैं। चेहरे की त्वचा अधिक तैलीय होने पर पुदीना रस को रुई से चेहरे पर लगाने से तैलीयपन समाप्त हो जाता है।
• इसके अतिरिक्त भी पुदीने के बहुत सारे गुण हैं, जिनका लाभ हम ले सकते हैं। यहां पुदीने के रोगनाशी गुणों की सामान्य जानकारी दी गई है।
रोग विशेष में औषधि के रूप में पुदीने के प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
Corona Vaccine: साल 2008-10 के बीच जन्मे बच्चे को ही लग रही वैक्सीन, यहां जानें सबकुछ
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 01:30 AM
New Delhi : नई दिल्ली (एजेंसी)। 12 से 14 साल तक के बच्चों के लिए आज से कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर की गई। इस आयु वर्ग के लाभार्थियों को केवल हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित कोर्बेवैक्स का टीका ही लगाया जाएगा। लाभार्थी ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी वैक्सीन लगवा सकेंगे। देश में इस आयु वर्ग के 4,74,73,000 बच्चों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
केंद्र ने सभी राज्यों से स्पष्ट कहा है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को टीकाकरण में शामिल नहीं किया जा सकता है। टीका देने से पहले उक्त केंद्र के मुख्य अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि उम्र संबंधी दस्तावेज की जांच करने के बाद ही बच्चे का टीकाकरण किया जाए। मार्च 2022 तक इनकी आयु 12 से 14 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यानि, 2008 से 2010 के बीच जन्मे बच्चों को ही यह वैक्सीन लगाई जाएगी।
आज भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन: पीएम मोदी
12 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा 'अपने नागरिकों, अपने लोगों का टीकाकरण कराने के प्रयासों में आज भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है। अब 12 से 14 वर्ष के बच्चे कोरोना टीकाकरण के पात्र हैं। साथ ही 60 साल के ऊपर के सभी नागरिक एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं। मैं इन आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण कराने का आग्रह करता हूं।'
28 दिन के अंतराल पर लेनी होंगी दो खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ एक सूची भी साझा की है जिसके अनुसार देश में 12 से 13 साल के बीच 1,21,43,000 लड़के और 1,13,27,000 लड़कियां हैं। इसी तरह 13 से 14 साल के 1,22,50,000 लड़के और 1,14,23,000 लड़कियां हैं जिन्हें कोर्बेवैक्स की दो खुराक 28 दिन के अंतराल में देनी अनिवार्य है।
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भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 01:30 AM
New Delhi : नई दिल्ली (एजेंसी)। 12 से 14 साल तक के बच्चों के लिए आज से कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर की गई। इस आयु वर्ग के लाभार्थियों को केवल हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित कोर्बेवैक्स का टीका ही लगाया जाएगा। लाभार्थी ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी वैक्सीन लगवा सकेंगे। देश में इस आयु वर्ग के 4,74,73,000 बच्चों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
केंद्र ने सभी राज्यों से स्पष्ट कहा है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को टीकाकरण में शामिल नहीं किया जा सकता है। टीका देने से पहले उक्त केंद्र के मुख्य अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि उम्र संबंधी दस्तावेज की जांच करने के बाद ही बच्चे का टीकाकरण किया जाए। मार्च 2022 तक इनकी आयु 12 से 14 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यानि, 2008 से 2010 के बीच जन्मे बच्चों को ही यह वैक्सीन लगाई जाएगी।
आज भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन: पीएम मोदी
12 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा 'अपने नागरिकों, अपने लोगों का टीकाकरण कराने के प्रयासों में आज भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है। अब 12 से 14 वर्ष के बच्चे कोरोना टीकाकरण के पात्र हैं। साथ ही 60 साल के ऊपर के सभी नागरिक एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं। मैं इन आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण कराने का आग्रह करता हूं।'
28 दिन के अंतराल पर लेनी होंगी दो खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ एक सूची भी साझा की है जिसके अनुसार देश में 12 से 13 साल के बीच 1,21,43,000 लड़के और 1,13,27,000 लड़कियां हैं। इसी तरह 13 से 14 साल के 1,22,50,000 लड़के और 1,14,23,000 लड़कियां हैं जिन्हें कोर्बेवैक्स की दो खुराक 28 दिन के अंतराल में देनी अनिवार्य है।
विनय संकोचीHealth : 'मखाना' ('Fox Nut')एक बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, जिसमें अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। मनुष्य और मखानों का संबंध सदियों पुराना है। कम कैलोरी (calories)और काफी अच्छी मात्रा में फाइबर(Fiber ) युक्त मखाना कमाल के स्वास्थ्य लाभों से भरा-पूरा है। यह एक आयुर्वेदिक हर्ब है, जिसके सेवन से शरीर को निरोग व पुष्ट रखने में बड़ी सहायता मिलती है। मखाना का वानस्पतिक नाम 'यूरेल फेरॉक्स'(Eurail Ferox') है। करीब 3000 वर्ष पूर्व चीन में सबसे पहले मखाने के पौधे की खेती शुरू हुई बताई जाती है। चीन से चलकर भारत, जापान और कोरिया पहुंचा मखाना अपने देश में तो धार्मिक महत्व भी रखता है। विभिन्न व्रत-पर्व पर मखाने की खीर बनाई-खाई जाती है।
100 ग्राम मखाने में 350 कैलोरी(calories,) के अतिरिक्त 9.7 फ़ीसदी प्रोटीन (protein) , 12.8 फ़ीसदी नमी(moisture,), 0.1 प्रतिशत हेल्दी फैट्स(healthy fats,) , 0.5 प्रतिशत सोडियम (sodium), 0.9 प्रतिशत फास्फोरस(phosphorus) , 1.4 मिलीग्राम आयरन(Iron) , 71.43 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स(carbohydrates), कैल्शियम(Calcium), एसिड (Acid)और विटामिन-ई (Vitamin-E) भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
आइए जानते हैं सेहत के साथी मखाना के कुछ विशेष गुणों से होने वाले लाभों के बारे में :
• मखाना एक प्राकृतिक शामक है, जो अनिद्रा को दूर भगाता है। मखाना तनाव को दूर कर शांत निद्रा लाने में सहायक है। इसे निंद्रा संबंधित रोगों के एक प्रभावी उपचार के रूप में मान्यता प्राप्त है।
• मखाना में पोटेशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो खून के प्रवाह को सुसंचारित कर ब्लड प्रेशर को कम करता है। जिससे उच्च रक्तचाप में राहत मिलती है।
• मखाने शक्ति व ऊर्जा का उत्तम स्रोत होने के साथ वजन प्रबंधन में भी सहायता प्रदान करते हैं। मखाने के सेवन से शरीर में वसा की मात्रा में कमी आती है। मखाने में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है, जो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है। संतुलित मात्रा में नियमित मखाने खाने से मोटापे से मुक्ति मिल सकती है।
• मखाने मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हैं। कहा जाता है कि मखाने के चार दाने सुबह खाली पेट सेवन करने से शुगर से मुक्ति पाई जा सकती है। जानकारों के अनुसार मखाने के सेवन से शरीर में इंसुलिन बनने लगता है और शुगर की मात्रा घटने लगती है, जो धीरे-धीरे समाप्त होती चली जाती है।
• मखाने जोड़ों के दर्द व गठिया जैसे रोगों में भी बहुत फायदा पहुंचाते हैं। इसका कारण है मखानों में पाया जाने वाला भरपूर कैल्शियम, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
• मखाने में मौजूद पोषक तत्व गुर्दे में जाने वाले तत्वों को छानने का काम करते हैं, जिससे किडनी में गंदगी जमा नहीं हो पाती है और किडनी स्वस्थ व मजबूत बनी रहती है।
• मखाने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग तत्व बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने का काम करते हैं, जिससे झुर्रियों से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है। मखाना त्वचा में तैलीय तत्व को बनाए रखने में सहायक है, जिससे त्वचा में स्निग्धता बनी रहती है।
• मखाना हृदय रोग से बचाव का भी एक अच्छा उपाय है। उच्च रक्तचाप मधुमेह और मोटापे को हृदय रोग का कारण माना जाता है। मखाना उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है, मधुमेह और बढ़ते वजन को नियंत्रित करता है, जिससे हृदय रोग की होने की संभावना कम हो जाती है।
• गर्भावस्था में मखाने का सेवन लाभकारी है। एक शोध के मुताबिक गर्भावस्था व प्रसव के बाद की होने वाली कमजोरियों को दूर करने में मखाने का उपयोग किया जा सकता है।
• मखाने में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोवियल प्रभाव मिलते हैं। इन्हीं गुणों के कारण मखाने मसूड़े संबंधित सूजन और बैक्टीरियल प्रभाव के कारण होने वाली दांतों की सड़न को रोकने में मददगार होते हैं।
• यूं तो मखाना खाने से नुकसान के बारे में कोई प्रामाणिक वैज्ञानिक आधार उपलब्ध नहीं है, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि मखाने के ज्यादा सेवन से गैस और पेट में ऐठन होना संभव बताया जाता है। क्योंकि इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है।
मखाना तमाम गुणों से भरपूर है, लेकिन फिर भी उपचार विशेष में मखाने के प्रयोग से पूर्व योग्य चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें, यह आवश्यक है।
भारत
चेतना मंच
16 Mar 2022 04:09 PM
विनय संकोचीHealth : 'मखाना' ('Fox Nut')एक बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, जिसमें अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। मनुष्य और मखानों का संबंध सदियों पुराना है। कम कैलोरी (calories)और काफी अच्छी मात्रा में फाइबर(Fiber ) युक्त मखाना कमाल के स्वास्थ्य लाभों से भरा-पूरा है। यह एक आयुर्वेदिक हर्ब है, जिसके सेवन से शरीर को निरोग व पुष्ट रखने में बड़ी सहायता मिलती है। मखाना का वानस्पतिक नाम 'यूरेल फेरॉक्स'(Eurail Ferox') है। करीब 3000 वर्ष पूर्व चीन में सबसे पहले मखाने के पौधे की खेती शुरू हुई बताई जाती है। चीन से चलकर भारत, जापान और कोरिया पहुंचा मखाना अपने देश में तो धार्मिक महत्व भी रखता है। विभिन्न व्रत-पर्व पर मखाने की खीर बनाई-खाई जाती है।
100 ग्राम मखाने में 350 कैलोरी(calories,) के अतिरिक्त 9.7 फ़ीसदी प्रोटीन (protein) , 12.8 फ़ीसदी नमी(moisture,), 0.1 प्रतिशत हेल्दी फैट्स(healthy fats,) , 0.5 प्रतिशत सोडियम (sodium), 0.9 प्रतिशत फास्फोरस(phosphorus) , 1.4 मिलीग्राम आयरन(Iron) , 71.43 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स(carbohydrates), कैल्शियम(Calcium), एसिड (Acid)और विटामिन-ई (Vitamin-E) भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
आइए जानते हैं सेहत के साथी मखाना के कुछ विशेष गुणों से होने वाले लाभों के बारे में :
• मखाना एक प्राकृतिक शामक है, जो अनिद्रा को दूर भगाता है। मखाना तनाव को दूर कर शांत निद्रा लाने में सहायक है। इसे निंद्रा संबंधित रोगों के एक प्रभावी उपचार के रूप में मान्यता प्राप्त है।
• मखाना में पोटेशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो खून के प्रवाह को सुसंचारित कर ब्लड प्रेशर को कम करता है। जिससे उच्च रक्तचाप में राहत मिलती है।
• मखाने शक्ति व ऊर्जा का उत्तम स्रोत होने के साथ वजन प्रबंधन में भी सहायता प्रदान करते हैं। मखाने के सेवन से शरीर में वसा की मात्रा में कमी आती है। मखाने में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है, जो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है। संतुलित मात्रा में नियमित मखाने खाने से मोटापे से मुक्ति मिल सकती है।
• मखाने मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हैं। कहा जाता है कि मखाने के चार दाने सुबह खाली पेट सेवन करने से शुगर से मुक्ति पाई जा सकती है। जानकारों के अनुसार मखाने के सेवन से शरीर में इंसुलिन बनने लगता है और शुगर की मात्रा घटने लगती है, जो धीरे-धीरे समाप्त होती चली जाती है।
• मखाने जोड़ों के दर्द व गठिया जैसे रोगों में भी बहुत फायदा पहुंचाते हैं। इसका कारण है मखानों में पाया जाने वाला भरपूर कैल्शियम, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
• मखाने में मौजूद पोषक तत्व गुर्दे में जाने वाले तत्वों को छानने का काम करते हैं, जिससे किडनी में गंदगी जमा नहीं हो पाती है और किडनी स्वस्थ व मजबूत बनी रहती है।
• मखाने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग तत्व बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने का काम करते हैं, जिससे झुर्रियों से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है। मखाना त्वचा में तैलीय तत्व को बनाए रखने में सहायक है, जिससे त्वचा में स्निग्धता बनी रहती है।
• मखाना हृदय रोग से बचाव का भी एक अच्छा उपाय है। उच्च रक्तचाप मधुमेह और मोटापे को हृदय रोग का कारण माना जाता है। मखाना उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है, मधुमेह और बढ़ते वजन को नियंत्रित करता है, जिससे हृदय रोग की होने की संभावना कम हो जाती है।
• गर्भावस्था में मखाने का सेवन लाभकारी है। एक शोध के मुताबिक गर्भावस्था व प्रसव के बाद की होने वाली कमजोरियों को दूर करने में मखाने का उपयोग किया जा सकता है।
• मखाने में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोवियल प्रभाव मिलते हैं। इन्हीं गुणों के कारण मखाने मसूड़े संबंधित सूजन और बैक्टीरियल प्रभाव के कारण होने वाली दांतों की सड़न को रोकने में मददगार होते हैं।
• यूं तो मखाना खाने से नुकसान के बारे में कोई प्रामाणिक वैज्ञानिक आधार उपलब्ध नहीं है, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि मखाने के ज्यादा सेवन से गैस और पेट में ऐठन होना संभव बताया जाता है। क्योंकि इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है।
मखाना तमाम गुणों से भरपूर है, लेकिन फिर भी उपचार विशेष में मखाने के प्रयोग से पूर्व योग्य चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें, यह आवश्यक है।