WHO वैज्ञानिक का दावा- Omicron वेरिएंट पर अब भी प्रभावी हैं वैक्‍सीन

WHO वैज्ञानिक का दावा- Omicron वेरिएंट पर अब भी प्रभावी हैं वैक्‍सीन
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Dec 2021 10:30 PM
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नई दिल्‍ली. दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर खतरनाक होता जा रहा है. विश्‍व में लाखों नए कोरोना केस आ रहे हैं. ओमिक्रॉन के केस भी अधिक आ रहे हैं. कोरोना वैक्‍सीन लगवाए हुए लोग भी ओमीक्रोन से संक्रमित हो रहे हैं. वहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की शीर्ष वैज्ञानिक ने बुधवार को दावा किया है कि कोरोना वायरस के ओमीक्रोन (Omicron) वेरिएंट के खिलाफ अब भी वैक्‍सीन प्रभावी हैं. एएनआई के अनुसार WHO की चीफ साइंटिस्‍ट डॉ. सौम्‍या स्‍वामीनाथन ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि कोरोना वैक्‍सीन अ‍ब भी प्रभावित साबित हो रहे हैं. उन्‍होंने वैक्‍सीन लगवाने की अपील करते हुए कहा कि जैसा कि अपेक्षित था, उस तरह से टी-सेल की इम्‍यूनिटी ओमीक्रोन (Omicron) के खिलाफ बेहतर है. ऐसे में ये गंभीर बीमारी से बचाएगा. सभी लोग वैक्‍सीन लगवाएं. डब्ल्यूएचओ की ओर से की गई प्रेस ब्रीफिंग में डॉ. स्‍वामीनाथन ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन की प्रभावशीलता दो टीकों के बीच थोड़ी अलग होती है, हालांकि डब्ल्यूएचओ की सभी आपातकालीन सूची के अधिकतर वैक्‍सीन में सुरक्षा की उच्च दर होती है और टीका कम से कम कोरोना के डेल्टा वेरिएंट जैसी गंभीर बीमारी में मौत से बचाता है. संक्रमण टीकाकरण और बिना टीकाकरण वाले दोनों लोगों में हो रहे हैं. हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि टीके अभी भी सुरक्षात्मक साबित हो रहे हैं. देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 13,154 नए केस सामने आए हैं. वहीं देश में ओमीक्रोन के मामले बढ़कर 961 हो गए हैं. इनमें दिल्‍ली में 263 केस और महराष्‍ट्र में 252 केस हैं.
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WHO की कोरोना को लेकर बड़ी चेतावनी, नहीं संभले तो सुनामी में ध्वस्त होगा हेल्थ सिस्टम

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कोरोना के लेकर WHO की चेतावनी
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar29 Nov 2025 09:18 AM
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EWHO- एक बार फिर से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए WHO ने बड़ी चेतावनी दे दी है। कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के साथ आने से और भी मुश्किल होंगे हालात। बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और इसके दो वेरिएंट डेल्टा (Delta Variant) और ओमिक्रॉन (Omicron Variant) एक साथ संक्रमण फैला रहे है, इस बात का संकेत है कि जल्द ही बहुत ही मुश्किल हालात देखने को मिल सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा दबाव पड़ेगा। जानकारी के लिए आपको बता दें लगातार विश्व भर में कोरोना के केसेस में बढ़ोतरी आई है। संक्रमितो की संख्या बढ़ने के साथ-साथ मृत्यु दर में भी अधिकता देखने को मिल रही है, जो इस बात का संकेत है कि अगर इसे अभी से नियंत्रित नहीं किया गया तो आगे और भी बदतर हालात देखने को मिल सकते हैं।

देश में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना का संकट-

अगर बात करें यहां अपने देश भारत (Covid in India) की तो, दिनों दिन यहां पर भी कोरोना के केसेस बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन आंकड़ों में उछाल देखने को मिल रहा है। बात करें अगर देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की तो, पिछले 24 घंटे में यहां कोरोना के 924 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामलों की संख्या 2500 पार कर चुकी है।

कोरोना पर रोक लगाने के किए जा रहे हर संभव प्रयास -

हालांकि बढ़ते हुए कैसेस को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार काफी सक्रिय है और देश के लगभग हर हिस्से में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली (Lock down in Delhi) में आंशिक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही शादी विवाह और अन्य समारोहों पर रोक लगा दी गई है। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए दो नई वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही संक्रमित वयस्कों पर इस्तेमाल के लिए कोरोना की दवा को भी मंजूरी मिल गई है।

WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस का क्या है कहना -

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि 'मैं अत्यधिक चिंतित हूं कि अधिक तेजी से फैलने वाला ओमिक्रॉन और डेल्टा एक ही समय पर आने से कोरोना के मामलों की सुनामी आ रही है। यह पहले से ही थके हुए स्वास्थ्य कर्मियों और दबाव में काम कर रही स्वास्थ्य प्रणालियों पर अत्यधिक दबाव डाल रहा है और यह अभी आगे भी जारी रहेगा।स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव न केवल नए कोरोना वायरस रोगियों के कारण है, बल्कि बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी भी कोविड की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। वहीं जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, उनमें संक्रमण से मरने का खतरे कई गुना अधिक है'।

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Coldest Place of World- दुनिया के सबसे ठंडे स्थान, यहां -55 डिग्री तक पहुंच जाता है पारा

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दुनिया की 10 सबसे ठंडी जगह (PC- AccuWeather)
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar28 Dec 2021 06:43 PM
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Coldest Place of World- भारत जैसे देश में जहां सिर्फ दिसंबर और जनवरी माह में जब कड़ाके की ठंड पड़ती है तो लोग घरों से बाहर निकलना बंद कर देते हैं, ऐसे में दुनिया में कुछ ऐसी जगह है जहां इतनी अधिक ठंड पड़ती है कि वहां पर हमारे देश के लोगो का गुजारा करना भी मुश्किल हो जाएगा। आज के इस पोस्ट में हम दुनिया की 10 ऐसी जगहों के बारे में चर्चा करने वाले हैं, जहां इतनी कड़ाके की ठंड (Coldest Place of World) पड़ती है कि पारा माइनस 55 डिग्री के नीचे चला जाता है। आइए जानते है 10 ऐसी जगहों के बारे में-

1. प्रोस्पेक्ट ग्रीक, अलास्का (अमेरिका) (Prospect Greek Alaska, America)-

साल 1970 में वर्कर्स के लिए अमेरिका के अलास्का में एक बस्ती का निर्माण किया गया था। साल 1971 में इस बस्ती का तापमान -61 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आज इस बस्ती में कोई नहीं रहता है। इसका नाम अमेरिका के साथ-साथ दुनिया के सबसे ठंडी जगहों (Coldest Place of World)  की लिस्ट में शामिल है।

2. स्नाग, यूकॉन, कनाडा (Snag Yukon, Canada)-

नार्थ वेस्ट कनाडा के यूकॉन में एक गांव है स्नॉग। दुनिया की सबसे ठंडी जगह की लिस्ट में इस गांव का नाम भी शामिल है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस गांव का इस्तेमाल इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जाता था। फिलहाल अब इसे वेदर स्टेशन के रूप में जाना जाता है यहां का न्यूनतम तापमान -62 डिग्री सेल्सियस नोट किया गया है।

3.यकुत्स्क, साइबेरिया (रशिया) (Yakutsk, City of Russia)-

रशिया में स्थित इस शहर का नाम भी दुनिया के सबसे ठंडी शहरों (Coldest Place of World)  की लिस्ट में शामिल है। इस शहर का तापमान -64.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। यहां पर इतनी कड़ाके की ठंड पड़ती है कि सर्दियों के समय में यहां पर बहने वाली नदी पूरी तरह से जम जाती है और सड़क के रूप में इस्तेमाल होने लगती है।

4. ओम्याकॉन, साइबेरिया (रशिया) (Oimyakon, Locality in Russia)-

यह दुनिया की एक ऐसी जगह है, जो हमेशा ठंडी रहती है। यहां का न्यूनतम तापमान -67.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है। यहां पर रहने वाले लोग, यहां के तापमान में पूरी तरह से रम चुके हैं, यही वजह है कि -55 डिग्री सेल्सियस के ऊपर तापमान रहने पर यहां जा जीवन सामने माना जाता है।

5. नॉर्थ आइस, ग्रीनलैंड (North Ice, Greenland)-

इसका भी नाम दुनिया के सबसे ठंडे जगह (Coldest Place of World)  की लिस्ट में शामिल है। 1950-60 के दशक में यह दुनिया के सबसे कम तापमान वाला जगह बन चुका था। साल 1951 में यहां -61.1 डिग्री सेल्सियस का तापमान रिकॉर्ड किया गया था।

6. क्लिंक स्टेशन, ग्रीनलैंड(Klinck station, Greenland)-

यह स्थान सेंटर ग्रीनलैंड में स्थित है। सन 1991 में यहां का तापमान माइनस 69.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। इस स्थान की सबसे खास बात यह है कि इतना कम तापमान होने के बावजूद यहां के आसपास की बर्फ बहुत तेजी से पिघलती रहती है।

7. देनाली, अलास्का, अमेरिका (Denali Mountain in Alaska, America)-

यह पहाड़ उत्तरी अमेरिका में स्थित है। देनाली उत्तरी अमेरिका का सबसे ऊंचा पहाड़ है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 6000 मीटर है। यूं तो औसतन यहां का तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहता है, यहां के न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड माइनस 73 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है।

8. अमुंडसेन स्कॉट स्टेशन, अंटार्कटिका (Amundsen–Scott South Pole Station, Antarctica)-

अंटार्कटिका के दक्षिणी ध्रुव पर इस स्टेशन की स्थापना साल 1956 में की गई थी। यहां का न्यूनतम तापमान -82 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है। यहां पर 6 महीने गर्मी और 6 महीने सर्दी का मौसम रहता है। गर्मियों के दौरान लगातार दिन रहता है, जबकि सर्दियों में अंधेरा छाया रहता है।

9. वोस्टोक स्टेशन (अंटार्कटिका) (Vostok Station, Antarctica)-

साल 1957 में सोवियत संघ द्वारा इसकी स्थापना की गई थी। यहां का न्यूनतम तापमान -82.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है। यह धरती के सबसे शुष्क स्थान के रूप में जाना जाता है।

10. ईस्टर्न अंटार्कटिका पठार, अंटार्कटिका (Eastern Antarctica Pathar)-

यह दुनिया की सबसे ठंडी जगह (Coldest Place of World)  है। अब तक यहां का सबसे न्यूनतम तापमान -94 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां चलने वाली शुष्क हवाओं की वजह से यहां का तापमान और भी नीचे गिर सकता है।

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