नई दिल्ली। हरिद्वार (Haridwar) में आयोजित धर्म संसद (Dharm Sansad) में धार्मिक नेताओं की ओर से दिए गए विवादास्पद बयानों का मामला गर्माता जा रहा है। अब इसे लेकर 76 वकीलों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमण को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आयोजनों में दिए गए भाषण न केवल नफरत भरे थे, बल्कि एक समुदाय की हत्या का खुला आह्वान भी थे। इस पत्र में सलमान खुर्शीद, दुष्यंत दवे और मीनाक्षी अरोड़ा जैसे बड़े वकीलों ने हस्ताक्षर किए हैं.
सीजेआई एनवी रमण को लिखे पत्र में 76 वकीलों ने उनसे अनुरोध किया है कि वह दिल्ली और हरिद्वार में आयोजित अलग-अलग समारोहों व धर्म संसद (Dharm Sansad) में कथित तौर पर दिए गए नफरत भरे भाषणों के मामले में स्वत: संज्ञान लें.
वकीलों ने पत्र में कहा है कि ये भाषण न केवल हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि लाखों मुस्लिम नागरिकों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं। वकीलों ने है कहा कि इस तरह के भाषण पहले भी सुनने में आते रहे हैं और इसलिए इस तरह के आयोजनों को रोकने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप जरूरी है।
Uttarakhand: Haridwar SP City Shekhar Suyal on Saturday said that police have named two more persons (Dharm Das and Annapurna) in the Dharma Sansad hate speech case
On Dec 23, police said it had booked Wasim Rizvi aka Jitendra Tyagi & others under Section 153A IPC in the case pic.twitter.com/OF2h7veDAQ
— ANI (@ANI) December 25, 2021
बता दें कि हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद (Dharm Sansad) में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित तौर पर हिंसा उकसाने वाले विवादास्पद भाषण देने के सिलसिले में जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दूसरा समारोह दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी ने आयोजित किया था। वहीं हिंदू धर्म अपनाकर वसीम रिजवी से नाम बदलने वाले त्यागी और अन्य लोगों ने पिछले सप्ताह आयोजित समारोह में कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए थे और इनके कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर देखे गए थे।