Wikipedia Block : पाक ने अपने यहां विकिपीडिया को आखिर क्यों ‘ब्लॉक’ किया

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Wikipedia Block: Why did Pakistan 'block' Wikipedia at its place?
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calendar30 Nov 2025 01:31 AM
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  Wikipedia Block in Pakistan :  भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में विश्व की एक बड़ी वेबसाइट विकिपीडया पर बेन लगा दिया है। पाकिस्तान में विकिपीडिया को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है और यहां प्रकाशित कोई भी कंटेंट ​पाकिस्तान में दिखाई नहीं देगा। आखिर वो क्या कारण है कि पाकिस्तान को अपने यहां विकिपीडिया को ब्लॉक करना पड़ा, आइए जानते हैं...

Wikipedia Block in Pakistan :

  पाकिस्तानी समाचार पत्र द न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान में विकिपीडिया को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई ऐसे टाइम में हुई है, जब पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने कुछ दिन पहले ही विकिपीडिया की सेवा को 48 घंटे के लिए बाधित और धीमा कर दिया था। पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने विकिपीडिया को चेतावनी दी थी कि अगर वेबसाइट पर उपलब्ध ‘ईशनिंदा’ से संबंधित सामग्री हटाई नहीं जाती है, तो उसे ‘ब्लॉक’ कर दिया जाएगा। खबर के मुताबिक, जब पीटीए के प्रवक्ता से शुक्रवार देर रात संपर्क किया गया और विकिपीडिया को ‘ब्लॉक’ करने के बारे में पूछा गया, तो अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए हां में जवाब दिया। उच्च न्यायालय के निर्देश पर पीटीए ने 48 घंटों के लिए विकिपीडिया को बाधित और धीमा कर दिया था, क्योंकि उस पर ईशनिंदा सामग्री थी। विकिपीडिया एक मुफ्त ऑनलाइन विश्वकोश है, जिसे दुनियाभर के कार्यकर्ताओं द्वारा बनाया और संपादित किया गया है। इसका संचालन विकिमीडिया फाउंडेशन करता है। पीटीए के प्रवक्ता ने कहा कि विकिपीडिया को नोटिस जारी कर उक्त सामग्री को ब्लॉक करने/हटाने का निर्देश दिया गया था। उसे पेशी का अवसर भी प्रदान किया गया। हालांकि, मंच ने न तो ईशनिंदा सामग्री हटाने के निर्देश का अनुपालन किया और न ही प्राधिकरण के सामने पेश हुआ। पाकिस्तान में सोशल मीडिया की बड़ी कंपनी फेसबुक और यूट्यूब को पूर्व में ईशनिंदा वाली सामग्री को लेकर ‘ब्लॉक’ किया गया था। मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है। पीटीए ने एक बयान में कहा कि विकीपीडिया ने न तो ईशनिंदा कंटेंट को हटाया और न ही अधिकारियों से इस पर बात की। इसके बाद शहबाज सरकार ने वेबसाइट के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए यह कार्रवाई की है। शहबाज सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि कथित गैरकानूनी सामग्री को हटाने के बाद विकिपीडिया की बहाली पर पुनर्विचार किया जाएगा। इस कार्रवाई को लेकर विकीपीडिया पर 'विकीपीडिया की सेंसरशिप' पर एक लेख लिखा गया है। इन देशों में लगा है विकिपीडिया पर प्रतिबंध आपको बता दें कि विकीपीडिया पर इसी तरह का प्रतिबंध चीन, ईरान, म्यांमार, रूस, सऊदी अरब, सीरिया, ट्यूनीशिया, तुर्की, उज्बेकिस्तान और वेनेजुएला सहित देशों में लगा हुआ है। वहीं, डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता उसामा खिलजी ने पीटीए के इस कदम को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध असंगत, असंवैधानिक और काफी हास्यास्पद है। उन्होंने कहा इससे छात्रों, शिक्षाविदों, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, शोधकर्ताओं पर असर पड़ेगा और सेंसरशिप की अनिश्चितता और मनमानी के कारण पाकिस्तान में निवेशकों का विश्वास कम होगा। पाकिस्तान पर ईशनिंदा की कठोर सजा अंग्रेजों ने ईशनिंदा कानून को साल 1860 में बनाया था. इसका मकसद धार्मिक झगड़ों को रोकना था. हाल ही में सरकार ने इसे और अधिक कठोर बना दिया है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने पिछले महीने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2023 को पारित किया था। इसके तहत इस्लाम के धार्मिक प्रतीकों का अपमान करने वाले को दी जाने वाली न्यूनतम सजा को तीन वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है और 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रविधान किया गया है। बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में लाखों लोग जेल में बंद हैं।

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Srilanka News : श्रीलंका को अपनी ‘गलतियों और विफलताओं’ को सुधारना होगा : विक्रमसिंघे

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Srilanka News : Sri Lanka has to rectify its 'mistakes and failures': Wickremesinghe
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calendar01 Dec 2025 11:37 AM
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Srilanka News : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Sri Lankan President Ranil Wickremesinghe) ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौक पर शनिवार को कहा कि देश को अपनी ‘‘गलतियों और विफलताओं’’ को सुधारने तथा एक राष्ट्र के तौर पर अपनी ताकत की समीक्षा करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भाषण ऐसे वक्त में दिया है, जब श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

Srilanka News :

  श्रीलंका में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन समेत कई विदेशी गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। विक्रमसिंघे ने समारोह की अध्यक्षता की। इसमें 21 बंदूक‍ों की सलामी के साथ एक सैन्य परेड निकाली गई।विपक्षी दलों की आलोचना के बावजूद यह समारोह हुआ। विपक्षी दलों ने दावा किया था कि इस समारोह पर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो आजादी के बाद से अपने सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे देश के लिए पैसों की बर्बादी है। विक्रमसिंघे ने अपने संदेश में कहा, ‘‘औपनिवेशिक शासन से आजादी की हमारी 75वीं वर्षगांठ देश में अत्यधिक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण वक्त के दौरान मनाई जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह हमें न केवल एक राष्ट्र के तौर पर हमारी ताकतों और उन्नति की समीक्षा करने, बल्कि हमारी गलतियों और नाकामियों को सुधारने का भी अवसर देती है।’’वहीं, मुरलीधरन ने कहा कि वह ‘‘मैत्रीपूर्ण पड़ोसी’’ श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करके बहुत खुश हैं।

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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह उपलब्धि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर मिली है। भारत हमेशा से श्रीलंका का भरोसेमंद मित्र रहा है।’’पिछले साल भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए 3.9 अरब डॉलर की सहायता दी थी।शनिवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह का सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया। उन्होंने दावा किया कि यह आर्थिक संकट से पहले से ही त्रस्त जनता पर एक और बोझ डालने जैसा है।   तमिल अल्पसंख्यक बहुल उत्तरी क्षेत्र में इस समारोह के विरोध में काले झंडे दिखाए गए।कोलंबो में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई और सशस्त्र बलों को सड़कों पर तैनाय किया गया।पुलिस ने आधी रात को धरना-प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक समूह को आंसू गैस का इस्तेमाल कर खदेड़ दिया। कम से कम चार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रीलंकाई सेना के 208 अधिकारियों और अन्य पदों पर तैनात 7,790 कर्मियों को पदोन्नत किया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति ने 622 दोषियों को माफी दी।स्वतंत्रता दिवस समारोह से एक दिन पहले दिए संदेश में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा था कि नए सिरे से आर्थिक विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘देश के समक्ष एक नया आर्थिक और सामाजिक सुधार एजेंडा है, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था की बहाली और फिर नए सिरे से विकास है। इसके क्रियान्वयन के लिए हमारा एकजुट होना अनिवार्य है, ताकि हम आर्थिक समृद्धि हासिल कर सकें।’’ विक्रमसिंघे ने कहा था कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘‘अत्यधिक’’ मुश्किल, लेकिन अहम फैसले लिए जाएंगे।
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World Cancer Day 2023- विश्व कैंसर दिवस 2023 की थीम है ये

World Cancer Day 2023- विश्व कैंसर दिवस 2023 की थीम है ये
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calendar30 Nov 2025 02:36 AM
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World Cancer Day 2023- कैंसर जो कि एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, इसी से लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 4 फरवरी को कैंसर दिवस (World Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को आज से नहीं बल्कि काफी सालों से मनाया जा रहा है। अगर बात करें इसकी शुरुआत की तो वर्ष 1933 में इसकी शुरुआत की गई थी। उसके बाद से हर वर्ष लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए ही 4 फरवरी को कैंसर दिवस के रूप में जाना जाने लगा।

क्या है विश्व कैंसर दिवस का इतिहास -

1933 में पहली बार 4 फरवरी को कैंसर दिवस के रूप में मनाया गया था। पहला कैंसर दिवस जेनेवा, स्विट्जरलैंड (Geneva ,Switzerland) में मनाया गया था। बस तभी से हर साल इस दिन नई नई थीम को जारी किया जाता है। इसको यूं ही नहीं मनाया जाता है। इसको मनाने के पीछे भी एक उद्देश्य है। इसको इसलिए मनाया जाता है क्योंकि लोगों को इस भयानक बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके। साथ ही इसके लक्षणों और बचाव के बारे में भी लोगों को बताया जा सके। कभी कभी क्या होता है कि लोगों के अंदर इस बीमारी को लेकर छुआछूत की भावना पनपने लगती है। लोगों को लगता है कि अगर वो कैंसर पीड़ित के साथ रहेंगे तो हो सकता है उन्हें भी ये बीमारी अपनी चपेट में ले के। मगर ऐसा नहीं है। जो लोग ऐसा सोचते हैं वो बिल्कुल गलत सोचते हैं। हमें मरीजों का हमेशा साथ देना चाहिए और हमेशा उनके साथ खड़े रहना चाहिए।

कैंसर दिवस 2023 की थीम क्या है? (World Cancer Day theme 2023)

प्रतिवर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने के लिए एक टीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 विश्व कैंसर दिवस (World Cancer day 2023) के लिए जोखिम निर्धारित की गई है वह है क्लोज द केयर गैप’ (Close The Care Gap) रखी गयी है। IUCC द्वारा यह थीम 3 वर्षो के लिए जारी कैम्पेन के तहत रखी रखी गयी है जो की वर्ष 2022, वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 तक चलेगी। इस थीम के माध्यम से कैंसर के प्रति जंग के लिए सभी नागरिको को समान देखभाल एवं स्वास्थ्य सेवाओं तक समुचित पहुँच को सुनिश्चित करने की मुहिम चलायी जा रही है।

कैंसर का क्या इतिहास है? (History of Cancer)

अगर बात करें इस शब्द की उत्पत्ति की तो, इस शब्द की उत्पत्ति का श्रेय हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates) को जाता है। हिप्पोक्रेट्स एक यूनानी चिकित्सक थे। उन्हें ‘चिकित्सा के जनक’ के रूप में भी जाना जाता है। हिप्पोक्रेट्स ने उस समय अल्सर बनाने वाले ट्यूमर और अल्सर न बनाने वाले ट्यूमर को दर्शाने के लिए कार्सिनोमा और कार्सिनो शब्द का इस्तेमाल किया था। ग्रीक भाषा में केकड़े को इस शब्द से संबोधित किया जाता है। 70-80 करोड़ साल पहले सबसे पहले कैंसर के सेल्स डायनासोर के जीवाश्म में पाए गए थे। इसके बाद 2003 में कई शोध के बाद इस बात का पता चल पाया। लुइस लीके ने 1932 में इस बात की जानकारी दी थी। यही नहीं रामायण में भी इसका वर्णन किया गया है। 500 ई.पू. रामायण में भी बढ़ते हुए ट्यूमर को रोकने के लिए आर्सेनिक पेस्ट के बारे में बताया गया है।

कैंसर के प्रकार क्या-क्या हैं? (Types of Cancer)

कैंसर का एक नहीं बल्कि बहुत सारा रूप है। सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर लोगों को अपनी चपेट में लेता है। इसके अलावा लंग कैंसर (Lungs cancer), प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer), कोलोरेक्टल कैंसर (Colon cancer), ब्लैडर कैंसर (Bladder cancer), मेलानोमा (Skin cancer), लिम्फोमा (Lymphoma), किडनी कैंसर (Kidney Cancer)हैं। महिलाओं में सबसे ज्यादा स्तन (Breast Cancer), कोलोरेक्टल (Colon cancer), फेफड़े (Lungs cancer), सर्वाइकल (Cervical cancer), और थायराइड कैंसर (Thyroid cancer) होते हैं। वहीं अगर पुरुषों की बात करें तो उन में फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लिवर का कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है।

World Cancer Day: पुरूषों में प्रोस्टेट व महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा सबसे अधिक