यूं ही नंबर वन एयरलाइंस नहीं बन गई है इंडिगो, संस्थापक ने किया है कमाल

Capture 13 6
Indigo Airlines
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 11:26 PM
bookmark
Indigo Airlines : भारत की सबसे सस्ती एयरलाइंस इंडिगो नंबर वन एयरलाइंस बन गई है। इंडिगो नंबर वन है यह तो आपको पता चल गया किंतु यह इंडिगो नंबर वन बनी कैसे ? यहां हम भारत की सर्वश्रेष्ठ बन चुकी इंडिगो एयरलाइंस के नंबर वन बनने का पूरा राज बता रहे हैं। इंडिगो की सफलता का राज छुपा हुआ है इस एयरलाइंस के संस्थापक की स्टोरी में।

Indigo Airlines

राहुल भाटिया है इंडिगो के संस्थापक

इंडिगो एयरलाइंस के मालिक यानि कि संस्थापक का नाम राहुल भाटिया है। राहुल भाटिया उत्तराखंड के शहर नैनीताल के रहने वाले हैं। इनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। आज यह व्यक्ति इंडिगो एयरलाइंस का मालिक बनकर हवाई यात्रा की दुनिया में चमत्कार पर चमत्कार कर रहा है। इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया आज आसमान के बादशाह कहलाते हैं। इंडिगो के विमानों ने देश के एयरस्पेस में कब्जा किया हुआ है। हर साल 8 करोड़ से अधिक लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लाते और ले-जाते हैं। उनकी कंपनी की वैल्यूएशन 1 लाख 46 हजार 490 करोड़ (1,46,490.49) रुपये है। इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया के पिता एक बिजनेसमैन थे। वे दिल्ली एक्सप्रेस (Delhi Express) नाम से एक ट्रैवल कंपनी चलाते थे। 20 साल पुराना उनका यह बिजनेस दिवालिया (Bankrupt) हो गया था। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद राहुल भाटिया IBM में काम करते हुए यह सब देख रहे थे। इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया ने साल 1988 में अपने पिता की सहायता करने की ठानी। चूंकि उनके पिता के पास ट्रैवल इंडस्ट्री का बड़ा अनुभव था, तो राहुल भाटिया ने भी इसी फील्ड में उतरना बेहतर समझा। राहुल ने अपनी एक ट्रैवल कंपनी शुरू की, जिसका नाम रखा गया इंटरग्लोब (Interglobe)। इसी को आज दुनिया इंडिगो (Indigo) के नाम से जानती है। साल 1988 में शुरू हुई इंटरग्लोब कंपनी धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई और राहुल भाटिया भी आगे बढते चले गए। उनकी नजर कुछ बड़ा करने पर थी। साल 1992 में भारत सरकार ने एयरलाइन्स के लिए प्राइवेट लाइसेंस देने शुरू किए। इसके बाद कई खिलाड़ी एविएशन इंडस्ट्री में उतरे, मगर राहुल भाटिया एक बेहतर रणनीति के साथ बाजार में उतरने की योजना पर काम कर रहे थे। उन्होंने राकेश गंगवाल (US एयरवेज़) के साथ साझेदारी की और एक लम्बी प्रक्रिया के बाद 2004 में उन्हें इंडीगो एयरलाइन्स का लाइसेंस मिल गया। इस प्रकार शुरू हुई इंडिगो एयरलाइंस की कहानी।

सबसे ज्यादा उड़ान भरने वाली एयरलाइंस है इंडिगो

एयरलाइंस इंडस्ट्री के बाकी प्लेयर जब पानी की तरह पैसा बहा रहे थे, तब राहुल भाटिया ने 2005 में हुए पेरिस एयर शो (Paris Air Show) में 6.5 बिलियन डॉलर के 100 हवाई जहाज ऑर्डर किए. उन्होंने A320-200 एयरक्राफ्ट खरीदे. 2006 में इंडिगो का पहला प्लेन नई दिल्ली से इम्फाल (वाया गुवाहाटी) तक उड़ा। यहां से एविएशन इंडस्ट्री की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलनी शुरू हो गईं. इंडिगो की फ्लाइट का किराया कम था, कोई तकनीकी झंझट नहीं थे, जिसे हवाई यात्रियों ने खूब पसंद किया। इंडिगो एयरलाइंस आज भी भारत की सबसे सस्ती और टाइम पर चलने वाली एयरलाइंस बनी हुई है। फिलहाल इंडिगो रोजाना 1800 फ्लाइट उड़ा रही है। इंडिगो एयरलाइंस भारत ही नहीं दुनिया के 100 डेस्टिनेशन्स को कनेक्ट करती है। एक खास बात यह भी जानने लायक है कि केवल इंडिगो ही ऐसी एयरलाइनस है जो भारत में 300 से ज्यादा जहाज उड़ा रही है। वित्त वर्त 2023 में कंपनी ने 54,446.45 करोड़ रुपये की सेल की। दिसंबर 2023 वाली तिमाही में इंडिगो ने 19,452.15 करोड़ के सेल की। इसी तिहामी में कंपनी का प्रॉफिट (PAT) 2,998.49 करोड़ रुपये रहा। तो अह आप समझ ही गए होंगे कि यूं ही इंडीगो नंबर 1 एयर लाइंस नहीं बन गई है।

एआई में होने वाला है ये बदलाव, इंसानों को कर देगा फेल!

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। 
अगली खबर पढ़ें

भारत ने खतरनाक बीमारी के खिलाफ छेड दिया है बड़ा युद्ध, हराने की गारन्टी

Capture 6.1
Cervical Cancer
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:41 AM
bookmark
Cervical Cancer : युद्ध कोई भी अच्छा नहीं माना जाता है। फिर भी भारत ने एक बड़ा युद्ध छोड दिया है। भारत का यह युद्ध है दुनिया की बेहद खतरनाक बीमारी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खिलाफ भारत ने ठान लिया है कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को हरा कर ही दम लेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को हराने की गारन्टी कर दी है। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) महिलाओं में पाई जाने वाली सबसे खतरनाक बीमारी है। भारत ने सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खिलाफ अनेक मोर्चो या लडने का फैसला किया है।

Cervical Cancer

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के विरूद्ध PM मोदी की गारन्टी

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को खत्म करने की घोषणा की है। PM मोदी के निदेश पर भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) में भी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से लडने की घोषणा की गई है। रविवार को जारी किए गए भाजपा के घोषणा पत्र में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का जिक्र किया गया है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को हराना है। घोषणा पत्र में शामिल सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की बात का जिक्र पीएम मोदी ने घोषणा पत्र पर बोलते हुए भी किया है। PM मोदी ने कहा है कि सर्वाइकल कैंसर (CCervical Cancer) से मुक्ति के लिए पूरे देश में विशेष अभियान चलाया जाएगा।

सर्र्वाइकल कैंसर की देशी किट

इस बीच भारत ने सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का देशी किट भी बना ली है। आपको बता दें कि भारत में हाल ही में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की जांच के लिए स्वदेशी किट विकसित की गई है। आईसीएमआर, राष्ट्रीय प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान और राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान ने किट विकसित की है.एम्स दिल्ली समेत इन तीन संस्थानों में इस किट का ट्रायल शुरू हो गया है। एम्स में मरीजों पर किट के ट्रायल के लिए एक रिसर्च सेंटर भी चालू कर दिया गया है। इस रिसर्च सेंटर में किट के माध्यम से महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाएगी। किट ट्रायल में अगर सफल हो जाती है तो इस साल के अंत तक देश में सर्वाइकल कैंसर की सबसे सस्ती टेस्ट किट उपलब्ध होने की उम्मीद है। यह किट अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। इस किट के जरिए सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) पैदा करने वाले एचपीवी जीनोटाइप का पता लगा सकते हैं।

Cervical Cancer

इसके लिए एम्स ने दिल्ली WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च इन कैंसर (IARC), DBT-BIRAC ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया के सहयोग से एक रिसर्च सेंटर शुरू किया है। एम्स के अलावा ICMR, NIRRCH और NICPR जैसे बड़े संस्थान भी इसमें शामिल हैं। मेक इन इंडिया के तहत यह किया जा रहा है। इस ट्रायल के सफल होने के बाद लाखों महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के संकट से छुटकारा दिलाने में मदद करेगी। किट से 60 से 90 मिनट में कैंसर की जांच हो जाएगी। इससे सर्वाइकल कैंसर की जांच बहुत सस्ती हो जाएगी। विदेशों में बनी एचपीवी जांच किट की कीमत 1500 से 2000 रुपये के बीच है। इसकी तुलना में स्वदेशी किट बहुत सस्ती होगी। इस किट से महिलाएं 35 और 45 वर्ष की उम्र में दो बार स्क्रीनिंग करा सकेंगी। इससे समय पर सर्वाइकल कैंसर की पहचान हो जाएगी और इलाज आसानी हो सकेगा। क्या होता है सर्वाइकल कैंसर ? सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में होने वाला एक बेहद गंभीर कैंसर माना जाता है। सर्विक्स गर्भाशय का सबसे निचला भाग होता है, जो योनि से जुड़ा होता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के चलते होते हैं। एचपीवी एक आम वायरस है, जो संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है। गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर होने से पहले, गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं ‘डिसप्लेसिया’ नाम के बदलावों से गुजरती हैं, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों में असामान्य कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं। ऐसे में समय के साथ अगर इसका इलाज नहीं जाए तो असामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन सकती हैं और बढ़ने लग जाती है। साथ ही गर्भाशय ग्रीवा और उसके आसपास की जगहों में अंदर तक फैल जाती हैं। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या है? जानकारी के अनुसार 35 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के होने की ज्यादा संभावना होती है। लेकिन स्क्रीनिंग और एचपीवी वैक्सीन के चलते इस दर में गिरावट देखी जा रही है। इसके बाद भी महिलाओं को इससे जुड़े लक्षणों के बारे में ध्यान देना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती चरणों में लक्षण बहुत साफ नहीं होते हैं, यही वजह है कि ज्यादातर महिलाओं को इसके गंभीर चरणों तक फैलने के बारे में पता ही नहीं चल पाता। सेक्स के बाद असामान्य रक्तस्राव। योनि से स्राव जो सामान्य से अलग दिखता या गंध देता है। पेल्विक हिस्से में अक्सर दर्द बने रहना। बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता और पेशाब के दौरान दर्द होना। सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचे ? सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन को सबसे कारगर तरीका माना जाता है। हाल ही में जारी हुए बजट 2024-25 में वित्तमंत्री ने देश में वैक्सीनेशन की दर को बढ़ाने का ऐलान किया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस गंभीर कैंसर से सुरक्षित रखा जा सके। एचपीवी वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकती है। टीके 90% से अधिक एचपीवी संक्रमण और कैंसर को कम करने में मददगार पाए गए हैं। इसलिए डॉक्टरों की ओर से सभी को यहीं सलाह दी जाती है कि किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर लोगों को तुंरत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस बात की जानकारी देते हुए Felix अस्पताल के निदेशक डॉ. डी.के गुप्ता ने इससे बचने के कुछ उपाय साझा किए हैं। HPV टीका: अपने डॉक्टर से संपर्क करें और सर्विकल कैंसर और अन्य एचपीवी संबंधित कैंसरों के जोखिम को कम करने के लिए HPV टीका प्राप्त करने के लिए सावधानीपूर्वक जांच करें। नियमित पैप टेस्ट: प्रारंभिक स्थितियों को पहचानने के लिए नियमित पैप टेस्ट महत्वपूर्ण है। जिससे सर्विकल कैंसर को रोकने के लिए निगरानी या उपचार की जा सकती है। 21 वर्ष की आयु से नियमित पैप टेस्ट करें और उसे नियमित अंतरालों पर दोहराएं। सुरक्षित यौन आचरण: सुरक्षित यौन आचरण का पालन करें, जैसे कि नियमित रूप से कंडोम का उपयोग करना और यौन साथियों की संख्या को कम करना, सेक्सविद्रोह की रोकथाम के लिए। तंबाकू से बचें: धूम्रपान से बचें, और अगर आप वर्तमान में धूम्रपान कर रहे हैं, उसे छोड़ने के लिए स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। पौष्टिक आहार अपनाएं: फलों और सब्जियों को पर्णतु, सब्जियों, और पौधों जैसे पौष्टिक आहार को अपनाएं। हाई-कैलोरी भोजनों को छोटा और स्वल्प से चिकना करने के लिए अपने आहार को बनाएं। मध्यम शराब की मात्रा: यदि आप शराब पीना चुनते हैं, तो मध्यम या पूर्णतः इससे बचें। अधिक शराब का सेवन विभिन्न प्रकार के कैंसर, जैसे कि स्तन, कोलन, फेफड़ा, किडनी, और जिगर को बढ़ा सकता है।

कर्ज में डूब कर बर्बाद हो गए हैं पैंटालून के मालिक किशोर बियानी, थे अरबपति

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। 
अगली खबर पढ़ें

जब चुनाव में अटल बन गए बिहारी, लोकसभा चुनाव का मजेदार किस्सा

Capture 3 12
Lok Sabha Chunav 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 02:10 PM
bookmark
Lok Sabha Chunav 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 चल रहा है। ऐसे में लोकसभा के चुनाव से जुड़े हुए ढेर सारे किस्से भी प्रकाश में आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से जुड़ा हुआ ऐसा ही मजेदार किस्सा हम आपको बता रहे हैं। लोकसभा चुनाव का यह किस्सा वर्ष 1999 में हुए लोकसभा चुनाव का मजेदार किस्सा है। यह एक ऐसी घटना है जिसमें लोकसभा चुनाव हारते-हारते एक प्रत्याशी बम्पर वोटों से जीत गया।

Lok Sabha Chunav 2024

जब अटल बन गए बिहारी

यह मामला लोकसभा चुनाव 1999 का है। लोकसभा के चुनाव में बिहार की बक्सर लोकसभा सीट से लाल मुनी चौबे चुनाव लड़ रहे थे। उनके क्षेत्र में गंगा के कटाव की बड़ी समस्या थी। इस समस्या के कारण क्षेत्र के लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। इसी बीच भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी बक्सर में जनसभा करने पहुंच गए। लालमुनी चौबे ने उन्हें अपनी समस्या बताई और कहा ऐसे तो वें चुनाव हार ही जाएंगे। अटल बिहारी वाजपेयी पूरा मामला समझ गए। अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने भाषण की शुरूआत कटाव के मुददे से ही की। उन्होंने कहा कि मैं पक्का बिहारी हूं तथा काम से वायदे का अटल हूं। उन्होंने स्वयं के नाम में बिहारी होने का उल्लेख करते हुए कहा कि आप लोग गलतफहमी में मत रहिएगा। उनकी इस घोषणा ने मतदाताओं का मिजाज बदल दिया और भाजपा प्रत्याशी लालमुनी चौबे तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीत गए।

मिले थे सात करोड़

1999 में अटल जी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार बन गई और राज्य के ही डॉ. सीपी ठाकुर जल संसाधन मंत्री बनाए गए। प्रधानमंत्री ने अप्रैल, 2000 में उन्हें बक्सर भेजा। उन्होंने दियारा क्षेत्र में बाढ़ से कटावग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद कटाव निरोधी कार्य के लिए बिहार को केंद्र से 40 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की। इनमें से सात करोड़ रुपये बक्सर को मिले। योजना से जिले के अर्जुनपुर व उमरपुर गांव के समीप कटाव निरोधी कार्य कराए गए।

बीजेपी का घोषणापत्र जारी, जानें किन मुद्दों पर रहा खास फोकस

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।