Uttar Pradesh नर्स मरीजों के साथ ऐसा व्यवहार करें कि वे अपनी बीमारी भूल जाएं : योगी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:47 PM
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Uttar Pradesh  : उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को स्टाफ नर्सों को मरीजों के प्रति सेवा और समर्पण का भाव दिखाने की नसीहत देते हुए कहा कि आपको मरीजों के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए कि वे अपनी बीमारी भूल जाएं। योगी ने लखनऊ स्थित लोकभवन में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित 1,354 स्टाफ नर्सों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में यह टिप्पणी की।

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उन्होंने कहा, “स्टाफ नर्स स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ होती हैं। आपको (स्टाफ नर्स) अस्पताल में मरीजों के साथ सबसे अधिक समय रहना पड़ता है। आपका व्यवहार मरीजों की तकलीफ को दूर करता है। आपको अपना व्यवहार ऐसा रखना चाहिए कि मरीज भूल जाए कि वह बीमार है।” योगी ने नर्सों को प्रेरित करते हुए कहा, “आपको अस्पतालों में दुख-तकलीफ के बजाय एक स्वस्थ माहौल कायम करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जिससे बीमार व्यक्ति भी ऊर्जा प्राप्त कर सके। आपका अच्‍छा व्‍यवहार आपको करियर में बहुत लाभान्वित करेगा।” मुख्यमंत्री ने कहा, “कोई भी मरीज सिर्फ दवा से ठीक नहीं हो सकता। चिकित्सक और स्टाफ नर्स को अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे। प्रशिक्षण के दौरान आपने जो सीखा है, जो शपथ ली है, अगर आप उसकी नींव पर आगे बढ़ेंगे तो एक समय के बाद आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा, “लोग आपको (स्टाफ नर्स) सिस्टर कहकर सम्मान देते हैं। यह सम्मान बनाए रखना है। यह एक बड़ी जिम्मेदारी है और आपको इससे जुड़ाव महसूस करना होगा।” योगी ने कहा, “मुझे खुशी है कि 1,354 नर्सों का चयन पारदर्शी तरीके से किए जाने के बाद नियुक्ति पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया है।” उन्होंने बताया कि बीते पांच वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश शासन की शासकीय सेवाओं में पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के माध्यम से पांच लाख युवाओं को विभिन्न पदों पर नियुक्ति प्रदान की गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद राज्‍य में आए बदलावों का जिक्र करते हुए योगी ने कहा, “जिस प्रदेश को पहले एक बीमारू राज्य माना जाता था, आज यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वह प्रदेश देश की दूसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।” उन्होंने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश जब एक साथ चलता है और एक साथ बोलता है तो उसका परिणाम भी उसी के अनुरूप देखने को मिलता है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है और राज्य में जब दुनिया की सबसे अच्‍छी उर्वरा भूमि, सबसे अच्‍छा जल संसाधन और अन्य प्रमुख बुनियादी सुविधाएं हैं तो हमारा नौजवान पलायन क्यों करेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को आज देश में निवेश के लिहाज से सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में जाना जाता है। उन्‍होंने उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबंधन मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे देश में इसकी सराहना हुई। कार्यक्रम में योगी ने गोरखपुर से ज्योति पांडेय, बाराबंकी से जितेंद्र त्रिवेदी, अलीगढ़ से आसमां, वाराणसी से सोनू सोनकर, मिर्जापुर से शुभम सिंह पटेल, कानपुर देहात से शशि प्रभा, कानपुर नगर से कीर्ति तिवारी, प्रयागराज से वर्तिका एम यू, मुरादाबाद से फराह नाज, बरेली से भावना सागर, लखनऊ से सरिता गौतम और अंकिता सिंह, चित्रकूट से समीक्षा सिंह समेत कई नव चयनित नर्सों को अपने हाथ से नियुक्ति पत्र दिया। इस मौके उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे।

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UP News : उप्र : बुनियादी ढांचे पर जोर से प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन और उपस्थिति बढ़ी

School
Enrollment and attendance in primary schools increased with emphasis on infrastructure
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:08 AM
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Lucknow : लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनवाने और अन्य बुनियादी ढांचा विकसित करने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नीत सरकार की पहल से छात्रों के नामांकन और उपस्थिति में भारी वृद्धि हुई है। राज्‍य सरकार की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2019 में राज्यभर के प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों के लिए शौचालयों की संख्या 61 प्रतिशत थी, जो इस साल नवंबर में बढ़कर 97 फीसदी हो गई। दूसरी तरफ स्कूलों में नामांकन और उपस्थिति 2016-17 में 1.52 करोड़ की तुलना में 2022-23 में बढ़कर 1.91 करोड़ पर पहुंच गई। इसकी बड़ी वजह यह है कि प्राथमिक विद्यालयों में कई हैंडवाश यूनिटों (हाथ धोने वाली इकाइयों) की स्थापना सहित अन्य बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है। हालांकि, जिलों की रिपोर्ट ने शौचालयों के रखरखाव में आने वाली समस्याओं को भी उजागर किया है। कई स्कूलों के छात्रों और स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि शौचालय या तो बंद रखे जाते हैं या फिर रोजाना उनकी सफाई नहीं होती। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 1.33 लाख प्राथमिक विद्यालयों में 19 बुनियादी सुविधाओं को और मजबूत करने के लिए जून 2018 में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ शुरू किया था। इस अभियान के तहत स्कूलों में विशेष जरूरतों वाले बच्चों (दिव्यांगों) के लिए मूत्रालय के साथ-साथ लड़कों और लड़कियों के अलग शौचालयों, स्वच्छ पेयजल, हाथ धोने की इकाइयों, कार्यात्मक बिजली कनेक्शन, कक्षाओं में फर्नीचर और अन्य चीजों के साथ चारदीवारी के निर्माण की व्यवस्था की गई।

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स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ की प्रगति की समीक्षा के लिए सभी मंडलों के आयुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ मासिक बैठक करते हैं। उन्होंने बताया कि कार्य की प्रगति पर नजर रखने के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को मासिक आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम) कॉल कर उनकी प्रतिक्रिया जानने और चुनौतियां समझने का प्रयास किया जा रहा है। आनंद के मुताबिक, राज्य से ब्लॉक स्तर तक प्रेरणा डैशबोर्ड के माध्यम से तीन स्तरीय व्यापक निगरानी तंत्र भी विकसित किया गया है, ताकि सभी स्कूलों में बच्चों के अनुकूल आवश्यक बुनियादी ढांचे को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ को ‘सर्वश्रेष्ठ अभ्यास’ श्रेणी में चुना गया था और जून में इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रस्तुति दी गई थी।

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बलिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बेसिक शिक्षा परिषद के तहत 2,249 स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिला समन्वयक (निर्माण) सत्येंद्र राय ने बताया कि हर स्कूल में छात्राओं के लिए कम से कम एक शौचालय है, जबकि कुछ स्कूलों में उनके लिए एक से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। बेल्थरा रोड स्थित एक सरकारी स्कूल की छात्रा ज्योति ने बताया कि लड़कों और लड़कियों, दोनों के लिए एक पंक्ति में तीन शौचालय हैं, लेकिन उनका प्रवेश द्वार एक होने के कारण छात्राओं को असहज महसूस होता है। एक ही स्कूल में पढ़ने वाली तान्या और अनुराधा ने कहा कि शौचालयों की कभी-कभार ही सफाई होती है। ककरासो गांव के सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य सुशील यादव ने बताया कि चार शौचालयों वाले स्कूल में 514 छात्र-छात्राएं हैं। विभाग ने कोई भी सफाई कर्मचारी उपलब्ध नहीं कराया है, इसलिए सफाई के लिए उन्हें ग्राम पंचायत के कर्मचारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। झांसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नीलम यादव ने कहा कि ग्राम प्रधान या प्रधानाध्यापक शौचालयों को दैनिक आधार पर साफ करने की व्यवस्था करते हैं। यादव के अनुसार, अलग शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराए जाने से स्कूल आने वाली छात्राओं की संख्या बढ़ गई है। दिखोली की कक्षा पांच की एक छात्रा ने कहा कि शौचालय बनने के बाद उसे और उसकी सहेलियों को शौच के लिए घर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

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शाहजहांपुर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले में 2,720 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से 2,704 में पिछले साल नए शौचालय और मूत्रालय बनाए गए थे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पंचायत के सफाई कर्मचारी स्कूलों में मौजूद शौचालयों की सफाई करते हैं। उन्होंने कहा कि भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण कुछ विद्यालयों में शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है। जलालाबाद बाड़ा ब्लॉक के कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि स्कूलों में शौचालय ज्यादातर समय बंद रहते हैं, जिससे छात्रों को शौच के लिए पास के खेतों में जाने को मजबूर होना पड़ता है। बागपत की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कीर्ति ने कहा कि जिले के स्कूलों में पहले से ही लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। बागपत के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य आशुतोष मिश्रा ने दावा किया कि शौचालयों की रोजाना सफाई की जाती है। मेरठ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों के लिए अतिरिक्त शौचालयों के निर्माण के कारण स्कूलों में नामांकन बढ़ा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरेंद्र शर्मा ने बताया कि मेरठ में 1,072 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से 32 किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां सरकारी भवनों के स्कूलों में लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं, वहीं किराये के परिसर में चल रहे कुछ स्कूलों में केवल एक शौचालय है। शर्मा के मुताबिक, पंचायतें रोजाना साफ-सफाई का ध्यान रखती हैं। अब्दुलपुर प्रखंड के एक सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका हेमलता ने कहा कि अलग शौचालय होने के कारण लड़कियों की उपस्थिति लड़कों की तुलना में अधिक है। हालांकि, स्कूल के कुछ छात्र-छात्राओं के माता-पिता ने शिकायत की है कि शौचालयों की रोजाना सफाई नहीं की जाती है।
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Khatauli By Election 2022: त्यागी समाज करेगा भाजपा उम्मीदवार का बहिष्कार

Khatauli By Election 2022
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userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:24 PM
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Khatauli By Election 2022: उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव में त्यागी समाज ने भाजपा उम्मीदवार का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। मुजफ्फरनगर जनपद के नवाला गांव में आयोजित बैठक यह घोषणा की गई। भाजपा के पूर्व सदस्य श्रीकांत त्यागी की हालिया गिरफ्तारी और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उनके परिवार के साथ कथित दुर्व्यवहार के बाद समुदाय के सदस्यों का कदम आया है।

Khatauli By Election 2022

त्यागी-ब्राह्मण-भूमिहार मोर्चा के अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने रविवार को कहा कि यह एक सर्वसम्मत फैसला है। त्यागी की अच्छी खासी आबादी वाले इस गांव में हम इकट्ठे हुए, ताकि पूरे समुदाय को सत्ताधारी पार्टी से दूर रहने के लिए कहा जा सके। यह कभी नहीं भूलें कि पार्टी ने श्रीकांत और उनके परिवार के साथ कैसा व्यवहार किया।

बैठक में शामिल दीपक कुमार त्यागी ने कहा कि भाजपा को अतीत में हमारे समुदाय का लगभग 99 प्रतिशत वोट मिला था और बदले में उन्होंने केवल हमारे लोगों को परेशान किया। बैठक का उद्देश्य हमारे सभी लोगों को एक मंच पर लाना था।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में दोषी ठहराए जाने के बाद भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी की अयोग्यता के बाद खाली हुई है। इस सीट पर मतदान 5 दिसंबर को होगा और मतगणना 8 दिसंबर को होगी।

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