Tourism : गोवा की ऐसी है नाइटलाइफ.....

Goa
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:45 PM
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गोवा का नाम सुनते ही आप सबके मन में एशो आराम, एंजॉयमेंट सब की तस्वीर आ जाती होगी । गोवा भारत का एक खूबसूरत राज्य हैं, जो अपने समुद्र तट, रोमांचित कर देने वाली नाईटलाइफ, वास्तुकला और सस्ती शराब के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। फिल्म दिल चाहता है कि रिलीज के बाद से यह स्थान युवायों के मध्य अपने दोस्तों के साथ घूमने जाने के लिए अधिक जाना गया हैं। गोवा यहां कि खूबसूरत बीच और रात भर मदमस्त कर देने वाली नाईटलाइफ या नाईट क्लब के लिए दुनिया भर में जाना जाता हैं। डांस पार्टी और गोवा के ट्रान्स संगीत का एंजॉय करने के लिए दुनिया भर से पर्यटक नाइट क्लबों में आते हैं। गोवा शहर क्लबों से भरा पड़ा हुआ हैं। चलो आज आपको गोवा की  नाईटलाइफ के बारे में...

शनिवार की रात बाजार

शनिवार की रात बाजार,हार्दिक खरीदारी के दृश्य के लिए अरपोरा में गोवा की जीवंत नाइटलाइफ़ रात के बाजार में जाएं। सैटरडे नाइट मार्केट एक गुलजार जगह है जहाँ पर्यटक और स्थानीय लोग ट्रेंडी आउटफिट्स, एक्सेसरीज़, गोआ हैंडीक्राफ्ट, गहने, जिप्सी बॉक्स, और लेदर के सामान लेने आते हैं। इसके अलावा, बाजार को भोजन स्टालों के साथ बिताया जाता है।

नाइटलाइफ़

गोवा में नाइटलाइफ़ शानदार है और सभी के लिए अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। गोवा की जीवंत नाइटलाइफ़ के इस जलसेक पक्ष का आनंद लें, जबकि आप विभिन्न पब, क्लब, शैक्स और लाउंज की यात्रा करते हैं, भोजन और कॉकटेल का सबसे अच्छा स्वाद लेते हैं और क्रियात्मक लाइव संगीत के साथ नृत्य करते हैं।

कैसीनो

मांडोवी रिवर पर कई स्थायी रूप से लंगर वाले जहाज हैं, जो पर्यटकों के लिए वैध कैसीनो चलाते हैं। अपनी किस्मत आजमाएं और वहां कुछ रोमांचक खेलों का आनंद लें और आप गोवा की जीवंत नाइटलाइफ़ में अपनी कुछ दिनों की योजना के लिए कुछ शानदार राशि कमा सकते हैं। कैसीनो पेय और भोजन के समावेशी पैकेज प्रदान करता है और अद्भुत माहौल और लाइव संगीत प्रदान करता है।

गोवा की अय्याशी के लिए टिटो बार एंड क्लब 

टिटो गोवा के सबसे लोकप्रिय क्लबों में से एक है और यह गोवा का सबसे पुराना क्लब भी माना जाता हैं। टिटो क्लब उत्तरी गोवा में बागा बीच के नजदीक स्थित हैं। क्लब में बने शानदार डांस फ्लोर के दृश्य के साथ दूसरी मंजिल पर एक विशेष प्राइवेट स्थान भी हैं। टिटो क्लब ने विभिन्न थीम पर आधारित बॉलीवुड विंटेज नाइट, कराओके नाइट और लेडीज नाइट की मेजबानी भी की हैं। यह गोवा का सबसे फेमस नाईट क्लब हैं, इसलिए यहा भीड़ भाड़ बहुत अधिक होती हैं।

 क्लब क्यूबाना गोवा रात में मस्ती

क्लब क्यूबाना गोवा के फेमस नाइट क्लब में से एक है। यह अरपोरा हिल पर स्थित है और एक शानदार दृश्य के साथ-साथ रोमांचित कर देने वाली पार्टियों के लिए जाना जाता हैं। यह क्लब अपने नीयन-जलाया, बहुस्तरीय डांस फ्लोर और ओपन एयर बार के लिए जाना जाता हैं और लोगो के बीच बहुत अधिक पसंद भी किया जाता हैं। केंद्र में महिलाओं के लिए आरक्षित एक बड़ा पूल हैं। क्लब क्यूबाना का चार्ज कुछ अधिक हैं, लेकिन इसमें आपको विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थ मिल जाएंगे।

गोवा में डांस के लिए सिंक्यू नाइट क्लब 

सिंक्यू नाइट क्लब गोवा नाईटलाइफ में शुमार एक शानदार क्लब है। सिंक्यू नाइट क्लब एक नया क्लब हैं, जो गोवा की नाईटलाइफ की शोभा बढ़ा रहा हैं। यह क्लब ताज हॉलिडे विलेज के निकट स्थित है और कुछ शानदार डीजे साउंड को होस्ट करता है। जो नए-नए संगीत के साथ साथ यहां के माहौल को मदमस्त कर देते है। यहा सभी प्रकार के सराउंड साउंड सिस्टम है, जो आपको उठने और डांस फ्लोर पर जाने के लिए मजबूर कर देते हैं। आप पूल के नजदीक बैटकर विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थो का आनंद ले सकते हैं।

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Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 04:10 AM
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Sanskrit : त्वद्विश्वा सुभग सौभगान्यग्ने वि यन्ति वनिनो न वयाः। श्रुष्टी रयिर्वाजो वृत्रतूर्ये दिवो वृष्टिरीड्यो रीतिरपाम्॥ ऋग्वेद ६-१३-१॥

Hindi: हे अग्रणी परमेश्वर! जिस प्रकार वृक्ष से शाखाएं निकलती हैं उसी प्रकार सभी उत्तम ऐश्वर्य आप से ही निकलते हैं। शत्रु से रक्षण करने वाला बल आप से ही प्राप्त होता है। सब धन आप से प्राप्त होते हैं। आनंद की वृष्टि भी आप ही करने वाले हैं। आप सभी धनों और ऐश्वर्यादि के स्रोत हैं। (ऋग्वेद ६-१३-१)

English : First and foremost, God! Just as branches grow from a tree, similarly all great opulences come out of you. The strength to protect from the enemy comes from you. All the wealth comes from you. You are the one who brings rain of joy. You are the source of all the wealth and Aishwarya, etc. (Rig Veda 6-13-1)

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धर्म-अध्यात्म : 'होना' बड़ा या 'करना'?

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 06:01 PM
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 विनय संकोची

प्रत्येक प्राणी 'होने' और 'करने' के अदृश्य बंधन में से बंधा हुआ है। यह होना और करना ही मनुष्य जीवन की सुगति अथवा दुर्गति का निर्धारण करता है। वह मनुष्य के नियंत्रण में नहीं होता, लेकिन करने पर उसका पूरा अधिकार है और यह करना निश्चित रूप से होने को प्रभावित करता है।

अब प्रश्न यह उठता है कि यह होना और करना है क्या? इन दोनों में अंतर क्या है? 'होना' प्रारब्ध के अधीन होता है और 'करना' पुरुषार्थ के अधीन। प्रारब्ध को इस प्रकार देखा जा सकता है, प्रारब्ध मनुष्य के उन अच्छे बुरे कर्मों का फल रूप है, जो उसने पूर्व जन्म में किए होते हैं। पूर्व जन्म के कर्मों के आधार पर मनुष्य के इस जन्म का भाग्य परमात्मा लिखता है, निर्धारित करता है। यह एक सर्वमान्य सिद्धांत है, इस सिद्धांत को झुठलाने का कोई आधार भी नहीं है। क्योंकि संसार में एक भले मनुष्य को कष्ट झेलते हुए और एक दुष्ट व्यक्ति को तमाम तरह के सुख भोगते हुए देखा जा सकता है। यह इस बात का प्रमाण है कि सुख-दु:ख, कष्ट-आनंद आदि पूर्व जन्म के कर्मों द्वारा ही निर्धारित होते हैं।

अधिकांश मनुष्य प्रारब्ध के अधीन जीवन जीते देखे जाते हैं। ऐसे लोग एक धारणा बना लेते हैं कि उनके जीवन में जो कुछ घटित हो रहा है अच्छा या बुरा, यही उनके भाग्य में लिखा है, यही उनका प्रारब्ध है। ऐसे लोग पूरी तरह से 'होने' से बंधे रहते हैं और 'करने' की तरफ ध्यान नहीं देते हैं।

अब प्रश्न उठता है कि 'करना' क्या है? जैसा कि पूर्व में कहा - होना प्रारब्ध के अधीन और करना पुरुषार्थ के अधीन होता है। प्रारब्ध का प्रभाव मनुष्य को पंगु बना सकता है, किसी हद तक निकम्मा। प्रारब्ध के वशीभूत मनुष्य सोचता है, जो जीवन में अच्छा या बुरा हो रहा है, उससे अलग कुछ और हो ही नहीं सकता है, क्योंकि भाग्य में जो लिखा है, वही तो होगा। 'होने' में अंधविश्वास रखने वाले जीवन का सच्चा आनंद लेने से वंचित रहते हैं। इसके विपरीत 'करने' में विश्वास रखने वाले लोग अपने कर्मों से प्रारब्ध में लिखे को भी अपने अनुरूप ढाल लेते हैं। यह बात समझने वाली है कि 'करने' का अर्थ कर्म है और कर्म का फल कर्म नहीं बल्कि भोग होता है। मनुष्य जैसे कर्म करता है, वैसा ही फल भोगता है।

इसे हम यूं भी कह सकते हैं कि 'करना' आपका अगले जन्म का ही भाग्य निर्धारित नहीं करता, बल्कि वर्तमान जीवन के भाग्य को भी प्रभावित करता है। 'करना' निश्चित रूप से 'होने' से अधिक महत्वपूर्ण है और यह 'होने' को बदलने की ताकत भी रखता है। यह एक सकारात्मक सोच है, जो जीवन की धारा को बदल सकता है। शास्त्रों ने 'करने' अर्थात कर्म के महत्व को प्रतिपादित करते हुए निर्णय दिया है कि कर्म महान है और भाग्य में लिखे को बदल सकने की क्षमता रखता है।

शास्त्र कहते हैं प्रारंभिक केवल सुखदाई-दु:खदाई स्थिति-परिस्थिति उत्पन्न करने का काम करता है और मनुष्य 'करने' का सहारा लेकर इन परिस्थितियों में सुखी-दु:खी होने के लिए आजाद है। यह मनुष्य के अपने विवेक पर निर्भर करता है कि वह कितना सुखी या दु:खी होता है। प्रारब्ध उसे कम अथवा अधिक सुखी या दु:खी होने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। मनुष्य कर्तव्य में स्वाधीन है और फल प्राप्ति में पराधीन, यह ठीक है लेकिन तब तक यदि सही ढंग से निर्वहन किया जाए तो फल भी अच्छा ही होता है। एक अटल सिद्धांत है, जो होता है वह ठीक ही होता है और वह बेठीक हो ही नहीं सकता।