क्या आप भी हो गए हैं यूरिन इंफेक्शन का शिकार, इन तरीकों से मिलेगी राहत

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Urine Infection
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calendar29 Nov 2025 06:17 PM
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Urine Infection : यूरिन इंफेक्शन (Urine Infection) एक सामान्य समस्या है लेकिन कोई इसके बारे में बात करना पसंद नहीं करता है। यूरिन इंफेक्शन की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। इसके बावजूद महिलाएं इस बारे में बात करने से बहुत कतराती है और लम्बे समय तक कई इंटिमेट समस्याओं (Intimate Problems) का सामना करती रहती है। महिलाएं अक्सर ये सोचकर चुप रहती हैं कि अगर वो किसी को अपने इंटिमेट समस्याओं के बारे में बताएगी तो लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे, लेकिन ऐसा सोचना बहुत गलत है क्योंकि अगर आप किसी को अपने दिक्कतों के बारे में नहीं बताएंगी तो इस तरह की समस्याएं धीरे-धीरे ओर अधिक बढ़ सकती है। अगर आप भी Urine Infection की समस्याओं से जूझ रही हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि आप इनसे कैसे बच सकती हैं।

क्या होता है यूरिन इन्फेक्शन? What is Urine Infection

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary tract infection) स्वास्थ्य की बेहद आम समस्या है। जिसको ज्यादातर लोग यूरिन इंफेक्शन कहते हैं। यूरिन से जुड़ी समस्या पुरूष की तुलना में महिलाओं के अंदर ज्यादा देखी जाती है। Urine Infection एक बैरक्टीरियल इंफेक्शन होता है जो यूरिनरी ट्रैक्ट में पाया जाता है। जिसके कारण पेशाब करते वक्त इंटिमेट एरिया में दर्द, जलन और बार-बार पेशाब आने की समस्या बनी रहती है। इसलिए समय के साथ इसका इलाज कराना बहुत जरूरी होता है।

यूटीआई के सामान्य लक्षण क्या है?

पेशाब करते समय दिक्कत होना। बार-बार पेशाब आना। पेशाब करते समय इंटिमेट पार्ट में जलन होना। पेशाब के समय दर्द की शिकायत बने रहना। पेशाब से अत्यधिक बदबू आना। बार-बार बुखार होना और ठंड लगना।

यूटीआई से कैसे बचाव करें?

अत्यधिक पानी पीएं

अगर आप यूरिन इंफेक्शन (Urine Infection) की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको अत्यधिक पानी पीना चाहिए। ज्यादातर पानी पीने से पेशाब का रास्ता साफ रहता है और धीरे-धीरे बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं। इसलिए यूरिन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हल्का-हल्का पानी पीते रहें। आप चाहे तो पानी में नींबू का रस या फिर क्रैनबेरी जूस (Cranberry Juice) को मिलाकर पी सकते है। क्रैनबेरी के अंदर प्रोएन्थोसाइनिडिन (Proanthocyanidins) नामक यौगिक मौजूद होता है, जो बैक्टीरिया को मूत्र मार्ग की सतह में चिपकने से रोक देता है।

हरी सब्जियों का करें सेवन

Urine Infection की समस्या से छुटकारा पाने के लिए विटामिन-सी एक बेहतर स्त्रोत होता है। इसके लिए आप खट्टे फल जैसे-संतरा,मौसमी और शिमला मिर्च, टमाटर, ब्रोकली आदि का सेवन कर सकते हैं। विटामिन-सी यूरिन को अम्लीय बनाने में मदद करता है, जिससे बैक्टीरिया काफी कम हो जाता है। इसलिए हरी सब्जियों और खट्टे फलों का सेवन करें। आप चाहे तो दही का सेवन भी कर सकते हैं।

इन बातों का रखें खास ख्याल

यूरिन इंफेक्शन से बचने के लिए यूरीन पास करने के बाद इंटिमेट एरिया अच्छे से साफ करें, ताकि बदबू की समस्या से बचा जा सके। शराब और ध्रूमपान जैसी हानिकारक चीजों से किनारा करें। फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद पेशाब जरूर करें। हल्के और थोड़े ढीले कपड़े पहने। डॉक्टर की सलाह लेते रहें।

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बिना डॉक्टरी सलाह के न करे इस आई ड्रॉप का इस्तेमाल, गवां सकते हैं आंखें

Causes Of Steriod Drops
Steroid Drops
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:54 PM
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जब भी हमें आंखों में किसी भी तरह की तकलीफ होती है, जैसे आंखों का लाल होना, सूजा या फिर कोई संक्रमण तो हम अक्सर बाजार में मिलने वाला स्टेरॉयड वाले आई ड्रोप खरीद कर उसे इस्तेमाल कर लेते हैं। इन आई ड्रॉप से हमें उसी वक्त लाभ तो मिल जाता हैं, लेकिन इनसे होने वाले आंखो के नुकसान की जानकारी शायद ही किसी को हो। Steroid Drops

हर महीने इतने लोगों को होती ही आंखो की परेशानी

डॉक्टरों के मुताबिक बाजार मे मिलने वाले स्टेरॉयड वाले ड्रॉप बेशक उसी समय आराम देते हैं, लेकिन लंबे समय तक इनके इस्तेमाल से आंखो की रोशनी को खतरा हो सकता है। इनका लंबे समय तक प्रयोग करने से कॉर्निया पर धब्बे आने लगते हैं और साथ ही आंखों पर दबाव बढने का खतरा रहता है। जिससे आंखों की रोशनी जा सकती है। बिना डॉक्टरों की सलाह के इन आई ड्रॉप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि हर महीने करीब 100 लोग आंखो मे दिक्कत ले कर पहुच रहें हैं।

आसानी से मिलने वाले आईड्रॉप कर रहे आंखो को खराब

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आंखों मे लालिमा, खुजली, पानी आने की दिक्कत होने पर मरीज डॉक्टर के पास ना जा कर मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिलने वाले स्टेरॉयड युक्त आईड्रॉप का इस्तेमाल कर लिया। जिससे उन्हें उस वक्त तो आराम मिल गया। लेकिन कुछ समय बाद उनकी समस्या बढ़ने पर फिर आईड्रॉप का इस्तेमाल आंखो के लिए घातक साबित हो रही है। कंजक्टिवाइटिस होने पर अगर मरीज बिना डाक्टरी परामर्श के स्टेरॉयड युक्त आईड्रॉप का इस्तेमाल करता है तो वह अंधा भी हो सकता है। Steroid Drops

स्टेरॉयड का इस्तेमाल बच्चों के लिए खतरा

इस बारे में जानकारी देते हुए विशेषज्ञों के बताया कि स्टेरॉयड वाले आईड्रॉप से कार्निया डैमज हो रही हैं। इसके अधिक इस्तेमाल से कार्निया में गहरे छिद्र हो रहें हैं। 20 फीसद बच्चों में दृष्टिहीनता और ग्लूकोमा का कारण स्टेरॉयड आई ड्रॉप है। बच्चों की आंखों में परेशानी होने पर कई बार लोग डॉक्टर को न दिखाकर नजदीक की दवा दुकान से आई ड्रॉप खरीद लेते हैं। नेत्र विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुछ बुजुर्ग आंखो मे कीचड़ और लालिमा होने पर आईड्रॉप का इस्तेमाल किया। जिसकी वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई। इस तरह के आईड्रॉप के इस्तेमाल ने कार्निया के अलावा ग्लूकोमा और मोतियाबिंद की स्थिति मे ला कर खड़ा कर दिया।

खुद से ना करे इसका इस्तेमाल

बाजार मे मिलने वाले आईड्रॉप का इस्तेमाल बिना डॉक्टरी सलाह के ना करें। इसका ज्यादा इस्तेमाल आंखो की रोशनी भी खत्म कर सकता हैं। आंखो में दिक्कत होने पर खुद से कोई भी आईड्रॉप का इस्तेमाल ना करे।

मैथ्स बच्चों को क्यों डराती है,आइए जानें इसके पीछे का कारण और इसका डर दूर करने के उपाय

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मैथ्स बच्चों को क्यों डराती है,आइए जानें इसके पीछे का कारण और इसका डर दूर करने के उपाय

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Maths Phobia In Children
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:54 AM
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Math Phobia In Children : क्या अपने सोचा है की आपका बच्चा मैथ विषय से इतना डरता क्यों है ।क्या आपने इसके पीछे छिपे कारण को जानने की कोशिश की है । शोधकर्ताओं ने ये जानने की कोशिश की है कि कुछ बच्चें मैथ्स चुटकियों मे हल कर लेते हैं तो वही दूसरी तरफ कुछ बच्चो को इसमे परेशानी होती हैं ।

अंतर्राष्ट्रीय मैथ्स डे:

विश्व मे अंतरराष्ट्रीय मैथ्स डे हर साल 14 मार्च को मनाया जाता हैं ।इस विशेष दिन शोधकर्ताओं ने इस बात पता लगाने की कोशिश की है कि आखिरकार कुछ बच्चें मैथ्स से क्यों डरते हैं ।14 मार्च 1879 को मैथमेटिशियन पाई का जन्म हुआ। सन  2019 में युनेस्को मे इसकी शुरुआत हुई थी।शुराआत की मैथ्स तो सबको आसान लगती हैं लेकिन जब बात कैलकुलस और ज्योमेट्री की बात होती है तो बच्चों के अंदर डर स्वभाविक तौर पर आ जाता हैं ।इसी डर के चलतें बच्चे मैथ्स से पीछे हत्ने लगते हैं ।

मैथ्स एक स्कोरिंग सबजेक्ट:

मैथ्स एक ऐसा विषय है जिसमें राइटिँग का ज्यादा महत्व नही होता हैं ।परीक्षाओं मे ये एक स्कोरिंग सबजेक्ट के तौर पर देखा जाता हैं ।इस विषय मे हमेशा पूरे नंबर मिलतें हैं ।एक रिपोर्ट में सामने आया है कि कक्षा 7वीं से10वीं के बीच के करीब 82% छात्र मैथ्स से डरते हैं।ये हैरान कर देने वाला आकड़ा बेहद खतरनाक हैं ।सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस इन एजुकेशन की स्टडी के मुताबिक ज्यादातर बच्चे मैथ्स की वजह से तनाव का शिकार हो रहे हैं।इस विषय में कम नंबर आना छात्र के अंदर तनाव की स्थिति पैदा कर देता हैं । बच्चे शुरु से ही मैथ्स को एक कठिन विषय के रूप मे समझ लेते हैं ।सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस इन एजुकेशन की स्टडी के अनुसार ऐसे में बच्चे मैथ्स एंग्जाइटी का शिकार हो रहे हैं।

कैसे दूर करें मैथ्स का डर:

कुछ विषय ऐसे होते हैं जिसे बच्चें समझ नही पाते हैं किंतु  रट कर अच्छे नंबर ले आते है ।लेकिन मैथ्स मेबे नियम नहीं चलता हैं ।इसमें कोई भी सवाल स्टेप बाई स्टेप हल होते हैं इसके साथ इसमे मैथ्स के सूत्रों को भी समझना जरुरी हैं ।आप मैथ्स के प्रति अपना नया दृष्टिकोण अपना कर और नयें तरीके से पारिभाषित करके छात्रों को मैथ्स के प्रति जागरुक कर सकतें हैं ।मैथ्स से हमे दुनिया को समझने के प्रति नया दृष्टिकोण मिलता हैं गंभीरता से सोचने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता हैं ।

मैथ्स के फायदे:

ये बात समझाना जरुरी है कि मैथ्स सबसे आसान सब्जेक्ट है। सबसे ज्यादा नबंर इसी सब्जेक्ट में मिल सकते है।इसको समझने पर और इसमे महारत हासिल करने के बाद आप व्यक्ति स्थितियों का विश्लेषण करने, परिकल्पना तैयार करने और साक्ष्य के आधार पर निष्कर्ष लेने की क्षमता विकसित होती हैं ।अगर आपका बच्चा भी मैथ्स में दिलचस्पी नहीं ले रहा है तो इस दिमागी रूकावट से छुटकारा पाने के लिए आपको इसके उपर काम करना होगा।स्टूडे्ंटस मैथ्स की बुनियादी बातों को समझने में ज्यादा ध्यान और समय दें।मौजूदा समय में वित्त और प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य सेवा और इंजीनियरिंग तक विभिन्न उद्योगों और विभिन्न क्षेत्रों में मैथ्स में एक्सपर्ट की बहुत डिमांड है।यह विषय करियर मे कई नई सम्भावनाएं बनाता है ।

अब क्या होगा?, हर समय यही सोचने से हो जांएगे बीमार

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