Sri lanka News: चार महीने में चौथी बार आपातकाल, कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने की घोषणा

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calendar30 Nov 2025 07:21 PM
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Colombo: कोलंबो। तमाम कोशिशों के बावजूद गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। बीते चार महीने में चौथी बार देश में आपातकाल लगाया गया है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इसकी की घोषिणा की है। उन्होंने देश के हालात को देखते हुए ये कदम उठाया है। आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके श्रीलंका में पहली बार राजपक्षे सरकार ने एक अप्रैल को आपातकाल लगाया था। पांच अप्रैल को आपातकाल हटा दिया गया था। 6 मई को 20 मई तक के लिए दोबारा आपातकाल लगाया गया। 13 जुलाई 2022 को तीसरी बार इमरजेंसी घोषित की गई। अब एक बार फिर कार्यवाहक राष्ट्रपति ने इमरजेंसी का ऐलान किया है। श्रीलंका के 225 सदस्यीय संसद में 20 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। रानिल विक्रमसिंघे, साजिथ प्रेमदासा, अनुरा कुमारा दिसानायके और दुलास अल्हाप्परुमा ने नामांकल दाखिल किया है। देश में 44 साल बाद सीक्रेट वोटिंग के जरिए राष्ट्रपति चुना जाएगा। उल्लेखनीय है कि 1978 के बाद पहली बार देश में जनादेश के माध्यम से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों के सीक्रेट वोट के माध्यम से होगा। आर्थिक संकट से गुजर रहे हालातों को देखते हुए और जनविद्रोह को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। वर्ष, 1948 में आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। यहां विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। देश जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है। रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। खाने-पीने के सामान का संकट है। ईंधन भी आसानी से नहीं मिल रहा। इन सबके चलते श्रीलंका के आम लोग सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। हाल ही में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने बताया कि श्रीलंका में 60 लाख लोगों पर खाद्य संकट मंडरा रहा है। देश में फॉरेन करेंसी की भारी किल्लत की वजह से सरकार विदेशों से जरूरी इंपोर्ट नहीं कर पा रही है। ईधन की इतनी ज्यादा किल्लत है कि लोगों को पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए दो दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है।

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Indo China Talk भारत-चीन सीमा विवाद, 16वें दौर की बातचीत आज, जानें क्या है पूरा मामला

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Jul 2022 02:30 PM
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Indo China Talk: लद्दाख सीमा पर तनाव के मुद्दे पर रविवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की वार्ता होने जा रही है। यह बैठक टॉप कमांडरों की यह वार्ता LAC के भारतीय हिस्से में होगी। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल ए. सेन गुप्ता करेंगे। यह बातचीत मीटिंग खासतौर से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की पैट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) नंबर 15 पर डिसइंगेजमेंट के लिए की जाएगी। पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की एयर स्पेस में भारत और चीन की वायुसेनाओं के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है।

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माना जा रहा है कि इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में LAC से सटे टकराव के बिंदुओं से टुकड़‍ियों की वापसी को लेकर चर्चा होगी। बता दें कि दोनों के बीच अक्सर हिंसक झड़प होती रहती है। भारत और चीन के बीच आज कोर कमांडर स्तर की बैठक में भारत डेपसांग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान के अलावा शेष सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स पर जल्द से जल्द सैनिकों को हटाने के लिए दबाव डालेगा। हालांकि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए सीमा पर शांति आवश्यक शर्त है। भारत इस बात पर जोर देते हुए पूर्वी लद्दाख में सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए दबाव डाल रहा है।

बताया जा रहा है कि यह बातचीत पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की पैट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) नंबर 15 पर डिसइंगेजमेंट के लिए हो रही है। बता दें कि पीपी 15 पर दोनों देशों की एक-एक प्लाटून बीते दो साल से आमने सामने है। पीपी 15 के अलावा भारत की तरफ से डेपसांग प्लेन और डेमचोक जैसे विवादित इलाकों के समाधान के मामले पर भी बातचीत हो सकती है।

आपको बता दें कि हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिनजियांग का दौरा किया है। पीपुल्स लिबरेशन एमी (पीएलए) की शिनजियांग सैन्य कमान दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के बीच लद्दाख क्षेत्र में भारत-चीन सीमा की देखरेख कर रही है। ऐसे में उनका यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

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International News : अब दुबई जा सकते हैं गोटबाया, पूर्व राष्ट्रपति का सिंगापुर में हो रहा विरोध

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jul 2022 06:11 PM
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International News : देश छोड़कर सिंगापुर भागे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का जबरदस्त विरोध हो रहा है। इसलिए अब वह नए ठिकाने की तलाश में हैं। संभावना जाताई जा रही है कि वह दुबई जा सकते हैं। दरअसल, सिंगापुर में रह रहे श्रीलंकाई नागरिक गोटबाया का विरोध कर रहे हैं और उन्हें वापस श्रीलंका भेजने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सिंगापुर सरकार ने विरोध-प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है। इस बीच, रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाल ली है। दूसरी ओर, श्रीलंका में उग्र भीड़ को नियंत्रित करने में सेना के 24 जवान घायल हो गए, जिसमें 2 की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस बात की जानकारी कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने दी है। वहीं, विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति का परिचय कराने के लिए ‘महामहिम’ शब्द का इस्तेमाल आधिकारिक तौर पर बैन कर दिया है। श्रीलंका में 44 साल बाद सीक्रेट वोटिंग के जरिए राष्ट्रपति चुना जाएगा। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा कि 225 सदस्यीय संसद में 20 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होगा। गौरतलब है कि 1978 के बाद पहली बार देश में जनादेश के माध्यम से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों के सीक्रेट वोट के माध्यम से होगा। आर्थिक संकट से गुजर रहे हालात को देखते हुए और जनविद्रोह को राकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सांसदों को खुलकर अपने विचार रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सांसदों के लिए ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए ताकि वे खुलकर अपनी बात रखें। हम संसद में किसी भी हालत में लोकतंत्र को खत्म करने की अनुमति नहीं देंगे। गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को सात दिन के अंदर नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने इस बात की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को गोटबाया राजपक्षे ने कानूनी तौर पर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति चुनाव 22 जुलाई को होगा। इस बीच, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर पद संभाल लिया। श्रीलंका के चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने उन्हें शपथ दिलाई। वे 22 जुलाई तक राष्ट्रपति रहेंगे। अभयवर्धने ने जनता से अपील की है कि वे सांसदों के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखें, ताकि वे राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में भाग ले सकें। इधर, श्रीलंका की शीर्ष अदालत ने पूर्व पीएम महिंद्रा राजपक्षे और पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर बासिल राजपक्षे के देश छोड़ने पर रोक लगा दी। ये दोनों 28 जुलाई तक अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते। इनके साथ ही सेंट्रल बैंक के 2 पूर्व गवर्नर्स के भी बिना अनुमति देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई।

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