बाली की उड़ान पर ज्वालामुखी संकट, Air India का विमान सुरक्षित लौटा

Air India : इंडोनेशिया के बाली द्वीप के पास ज्वालामुखी विस्फोट की चेतावनी के चलते एयर इंडिया की दिल्ली से रवाना हुई फ्लाइट AI2145 को बुधवार को उड़ान के दौरान ही लौटने का आदेश देना पड़ा। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए लिया गया। एयरलाइन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि विमान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतार लिया गया और सभी यात्रियों को बिना किसी परेशानी के बाहर निकाल लिया गया। एयर इंडिया ने यात्रियों से हुई असुविधा पर खेद जताते हुए उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा देने की बात कही है। साथ ही यात्री अपनी यात्रा रद्द कर सकते हैं या नई तारीख के लिए पुनर्निर्धारण अथवा पूर्ण धनवापसी का विकल्प चुन सकते हैं।
इंडोनेशिया के माउंट लेवोटोबी में भयंकर विस्फोट
पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में स्थित सक्रिय ज्वालामुखी माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी में मंगलवार शाम को जबर्दस्त विस्फोट हुआ, जिससे निकली राख की मोटी परतें लगभग 32,800 फीट की ऊंचाई तक फैल गईं। इस दृश्य को 150 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था। इसके बाद क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तुरंत प्रभाव से रद्द करना पड़ा या उनका मार्ग बदलना पड़ा। बाली के नगुराह राय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वर्जिन ऑस्ट्रेलिया, जेटस्टार, टाइगरएयर, जुनेयाओ एयरलाइंस और एयर न्यूजीलैंड सहित कई प्रमुख एयरलाइनों ने अपनी सेवाएं रोक दीं या उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया।
तकनीकी संकट कमी से जूझ रही एयर इंडिया
ज्वालामुखी संकट के बीच एयर इंडिया पहले से ही परिचालन संबंधी चुनौतियों से घिरी हुई है। मंगलवार को इस एयरलाइन ने सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करने का फैसला लिया, जिनमें से छह की वापसी उड़ानें भी स्थगित कर दी गईं। ये सभी उड़ानें बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों द्वारा संचालित होनी थीं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, 12 से 17 जून के बीच एयर इंडिया की कुल 248 ड्रीमलाइनर उड़ानों में से 66 उड़ानें तकनीकी और परिचालन कारणों से रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
वहीं, इस अवधि में कुल 462 बड़ी उड़ानों में से 83 निरस्त की गईं। मंगलवार को रद्द की गई प्रमुख उड़ानों में अहमदाबाद-लंदन, दिल्ली-दुबई, बेंगलुरु-लंदन, दिल्ली-वियना, दिल्ली-पेरिस और लंदन-अमृतसर मार्ग शामिल हैं। सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहा विमान को तकनीकी दिक्कत के कारण कोलकाता में ही उतारना पड़ा, और इसकी आगे की यात्रा भी रद्द कर दी गई।
यात्रियों को समय पर सूचना देने के निर्देश
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एयर इंडिया से स्पष्ट रूप से कहा है कि उड़ानों के रद्द या विलंब की जानकारी यात्रियों को समय रहते दी जाए। DGCA ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर सुरक्षा, रखरखाव, मार्ग प्रतिबंध और यात्री शिकायतों के संदर्भ में व्यापक समीक्षा की। बोर्ड ने यह भी कहा कि ईरान और इज़राइल के बीच जारी तनाव और अन्य अंतरराष्ट्रीय हालात के कारण भी कई उड़ानों को वैकल्पिक मार्गों से भेजना पड़ रहा है, जिससे देरी या रद्द होने की स्थिति बनी हुई है। DGCA द्वारा हाल ही में एयर इंडिया के बोइंग-787 बेड़े की की गई समीक्षा में किसी भी प्रकार की गंभीर सुरक्षा चूक सामने नहीं आई है। विमानों का रखरखाव वर्तमान मानकों के अनुरूप है और सुरक्षा मानकों का पालन संतोषजनक रूप से किया जा रहा है। Air India
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Air India : इंडोनेशिया के बाली द्वीप के पास ज्वालामुखी विस्फोट की चेतावनी के चलते एयर इंडिया की दिल्ली से रवाना हुई फ्लाइट AI2145 को बुधवार को उड़ान के दौरान ही लौटने का आदेश देना पड़ा। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए लिया गया। एयरलाइन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि विमान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतार लिया गया और सभी यात्रियों को बिना किसी परेशानी के बाहर निकाल लिया गया। एयर इंडिया ने यात्रियों से हुई असुविधा पर खेद जताते हुए उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा देने की बात कही है। साथ ही यात्री अपनी यात्रा रद्द कर सकते हैं या नई तारीख के लिए पुनर्निर्धारण अथवा पूर्ण धनवापसी का विकल्प चुन सकते हैं।
इंडोनेशिया के माउंट लेवोटोबी में भयंकर विस्फोट
पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में स्थित सक्रिय ज्वालामुखी माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी में मंगलवार शाम को जबर्दस्त विस्फोट हुआ, जिससे निकली राख की मोटी परतें लगभग 32,800 फीट की ऊंचाई तक फैल गईं। इस दृश्य को 150 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था। इसके बाद क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तुरंत प्रभाव से रद्द करना पड़ा या उनका मार्ग बदलना पड़ा। बाली के नगुराह राय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वर्जिन ऑस्ट्रेलिया, जेटस्टार, टाइगरएयर, जुनेयाओ एयरलाइंस और एयर न्यूजीलैंड सहित कई प्रमुख एयरलाइनों ने अपनी सेवाएं रोक दीं या उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया।
तकनीकी संकट कमी से जूझ रही एयर इंडिया
ज्वालामुखी संकट के बीच एयर इंडिया पहले से ही परिचालन संबंधी चुनौतियों से घिरी हुई है। मंगलवार को इस एयरलाइन ने सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करने का फैसला लिया, जिनमें से छह की वापसी उड़ानें भी स्थगित कर दी गईं। ये सभी उड़ानें बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों द्वारा संचालित होनी थीं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, 12 से 17 जून के बीच एयर इंडिया की कुल 248 ड्रीमलाइनर उड़ानों में से 66 उड़ानें तकनीकी और परिचालन कारणों से रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
वहीं, इस अवधि में कुल 462 बड़ी उड़ानों में से 83 निरस्त की गईं। मंगलवार को रद्द की गई प्रमुख उड़ानों में अहमदाबाद-लंदन, दिल्ली-दुबई, बेंगलुरु-लंदन, दिल्ली-वियना, दिल्ली-पेरिस और लंदन-अमृतसर मार्ग शामिल हैं। सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रहा विमान को तकनीकी दिक्कत के कारण कोलकाता में ही उतारना पड़ा, और इसकी आगे की यात्रा भी रद्द कर दी गई।
यात्रियों को समय पर सूचना देने के निर्देश
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एयर इंडिया से स्पष्ट रूप से कहा है कि उड़ानों के रद्द या विलंब की जानकारी यात्रियों को समय रहते दी जाए। DGCA ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर सुरक्षा, रखरखाव, मार्ग प्रतिबंध और यात्री शिकायतों के संदर्भ में व्यापक समीक्षा की। बोर्ड ने यह भी कहा कि ईरान और इज़राइल के बीच जारी तनाव और अन्य अंतरराष्ट्रीय हालात के कारण भी कई उड़ानों को वैकल्पिक मार्गों से भेजना पड़ रहा है, जिससे देरी या रद्द होने की स्थिति बनी हुई है। DGCA द्वारा हाल ही में एयर इंडिया के बोइंग-787 बेड़े की की गई समीक्षा में किसी भी प्रकार की गंभीर सुरक्षा चूक सामने नहीं आई है। विमानों का रखरखाव वर्तमान मानकों के अनुरूप है और सुरक्षा मानकों का पालन संतोषजनक रूप से किया जा रहा है। Air India







