Uttarakhand News : एफआरआई में तेंदुआ, उसका शावक दिखने के बाद परिसर को बंद किया गया

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Leopard, its cub sighted in FRI, campus closed
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calendar01 Dec 2025 05:31 PM
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देहरादून। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) परिसर में एक तेंदुआ और उसके शावक को देखे जाने के बाद सुरक्षा कारणों से बृहस्पतिवार को एफआरआई परिसर को बंद कर दिया गया।

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देहरादून के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) नीतीश मणि त्रिपाठी ने कहा कि संस्थान से सटे वन में पिंजरे लगाए गए हैं और त्वरित बचाव दल के आठ सदस्य परिसर में गश्त कर रहे हैं।

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एफआरआई के पंजीयक एसके थॉमस ने कहा कि परिसर में कई दिनों से एक तेंदुआ और उसके शावक को घूमते देखे जाने के बाद यह फैसला किया गया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए संस्थान को आगंतुकों के लिए बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम की सैर करने वालों समेत सभी आगंतुकों के लिए 29 दिसंबर से 15 जनवरी तक संस्थान का परिसर बंद रहेगा। एफआरआई 450 हेक्टेयर से अधिक भूभाग में फैला है। थॉमस ने कहा कि निवासियों को सलाह दी गई है कि वे जरूरी होने पर ही अपने-अपने घरों से बाहर निकलें।
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Big Breaking: निकाय चुनाव को लेकर सरकार लेगी अंतिम फैसला:केशव

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 03:43 PM
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Big Breaking: लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है और जल्द से जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को मानने से इनकार कर दिया। वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने फैसले के तत्काल बाद ट्विट करके कहा, निकाय चुनाव पर आए कोर्ट के निर्णय पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता भी नहीं किया जाएगा। हालांकि, हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा हुआ है।

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बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने यूपी के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर निर्णय दे दिया है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए फौरन चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को नहीं माना। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर ओबीसी को कोई आरक्षण न दिया जाए। ऐसे में बगैर ओबीसी को आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं। कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रिपल टेस्ट के लिए आयोग बनाए जाने का आदेश दिया। कोर्ट ने चुनाव के संबंध में सरकार द्वारा जारी गत 5 दिसंबर के अनंतिम ड्राफ्ट आदेश को भी निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने मंगलवार को यह निर्णय ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनाया। कोर्ट में सुनवाई चलते रहने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग के अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी गई थी। मामले में याची पक्ष ने कहा था कि निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण एक प्रकार का राजनीतिक आरक्षण है। इसका सामाजिक, आर्थिक अथवा शैक्षिक पिछड़ेपन से कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण तय किए जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत डेडिकेटेड कमेटी द्वारा ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य है। जिस पर राज्य सरकार ने दाखिल किए गए अपने जवाबी हलफनामे में कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। सरकार ने ये भी कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किन प्रावधानों के तहत निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है? इस पर सरकार ने कहा कि 5 दिसंबर 2011 के हाईकोर्ट के फैसले के तहत इसका प्रावधान है। ऐसे होता है रैपिड सर्वे: रैपिड सर्वे में जिला प्रशासन की देखरेख में नगर निकायों द्वारा वार्डवार ओबीसी वर्ग की गिनती कराई जाती है। इसके आधार पर ही ओबीसी की सीटों का निर्धारण करते हुए इनके लिए आरक्षण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाता है। ये है ट्रिपल टेस्ट: नगर निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण निर्धारित करने से पहले एक आयोग का गठन किया जाएगा, जो निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति का आंकलन करेगा। इसके बाद पिछड़ों के लिए सीटों के आरक्षण को प्रस्तावित करेगा। दूसरे चरण में स्थानीय निकायों द्वारा ओबीसी की संख्या का परीक्षण कराया जाएगा और तीसरे चरण में शासन के स्तर पर सत्यापन कराया जाएगा।

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केशव की स्थिति बंधुवा मजदूर जैसी:रामगोपाल प्रोफेसर रामगोपाल ने ट्वीट कर सरकार पर उठाए सवाल, बोले- ओबीसी मंत्रियों की जबान पर लगे ताले कोर्ट के निर्णय को लेकर सपा नेता रामगोपाल यादव ने सरकार पर कोर्ट में ठीक से पैरवी न करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खतम करने का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उत्तर प्रदेश सरकार की साजिश है। जानबूझकर तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार ने यूपी की 60 फीसदी आबादी को आरक्षण से वंचित किया। इस फैसले पर भाजपा के ओबीसी मंत्रियों की जबान पर ताले लग गए हैं। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की स्थिति बंधुआ मजदूर जैसी है। सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे:कैबिनेट मंत्री अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव किसी भी दृष्टि से उचित नहीं हैं। हम इस संदर्भ में लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो अपना दल (एस) ओबीसी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
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Greater Noida News : महिला शक्ति सम्मान समारोह का आयोजन

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Greater Noida News : Mahila Shakti Samman Ceremony organized
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Dec 2022 06:04 PM
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Greater Noida News : वॉलंटियर 137 द्वारा फेलिक्स हॉस्पिटल, लोकमंच और वर्ल्ड क्लास नॉएडा के सौजन्य से महिला शक्ति सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में 105 महिलाओं को उनके द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए समाज सुधार के कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। वॉलंटियर 137 तथा वर्ल्ड क्लास नोएडा द्वारा यह समारोह हर वर्ष महिलाओं के सम्मान में आयोजित किया जाता है। इस समारोह में दादरी के विधायक तेजपाल नागर, सांसद महेश शर्मा ने आकर महिलाओं को प्रोत्साहित एवं सम्मानित किया। समारोह में शामिल महिलाएं किसी न किसी प्रकार के समाज सुधार क्रिया में अपना योगदान दे रही है जिनमे से कुछ महिलाओं द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि की मनमानी आदि मुख्य रहा।

Greater Noida News :

इस मौके पर जसमीत कौर, विन्नी वर्मा, लेीना निगम, पूजा चावला, सविता गुप्ता, गुलशन खंडेलवाल, मीनू नरूला, शिवाली अवस्थी, रूचि कांगा, शुभी  जैन, श्रेया  शर्मा, अर्चना प्रसाद, ज़ुबैदा हाश्मी, अंशु गुप्ता, पुष्पा झा,  अर्चना शुक्ला, लाटविया  लम्बा, कामिनी श्रीवास्तव, पूजा लोहिआ, मंजू भरद्वाज, प्रीति शर्मा आदि मौजूद रहे।