गंगा नदी में मरने वाले हैं करोड़ों जीव-जंतु, सर्वे में खुलासा

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calendar29 Nov 2025 02:08 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से एक सनसनीखेज खबर आई है। खबर यह है कि उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में बहने वाली गंगा नदी में करोड़ों जीव-जंतु मरने वाले हैं। यह खुलासा उत्तर प्रदेश के ही काशी हिन्दु विश्वविद्यालय के एक सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के आने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा में कोई कदम उठानी हुई नजर नहीं आ रही है।

गंगा नदी है गंगा माता

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उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरी दुनिया में धार्मिक लोग गंगा को गंगा मां के नाम से पुकारते हैं। उसी गंगा नदी में करोड़ों जीव-जंतु मरने की आशंका वाली रिपोर्ट सबको हैरान कर रही है। उत्तर प्रदेश के काशी हिन्दु विश्वविद्यालय की एक सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि जेठ की तपिश में मोक्षदायिनी गंगा के जलीय जीव-जंतुओं की जान सांसत में है। पानी में ऑक्सीजन का स्तर कम होने से नदी की तलहटी में रहने वाले जलचरों की जान खतरे में है। तेजी से नीचे खिसकते जलस्तर के बीच सीवेज और ड्रेनेज के जरिये गंगा में दिन- रात घुल रहा कार्बन प्रदूषण नदी के ऑक्सीजन को चट कर रहा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में काशी से लेकर कानपुर और कन्नौज तक गंगा में ऑक्सीजन का स्तर मानक से इतना कम मिला है कि जलीय जीव-जंतुओं का जीवन बेहद कठिन हो गया है। जानकारों का मानना है कि ऑक्सीजन की स्थिति पर तीन साल तक गंगा का जलप्रवाह न बढ़ा तो जलचरों को बच पाना मुश्किल हो जाएगा। बीएचयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र पांडेय और उनकी टीम ने गर्मी के पीक सीजन में गंगा में अध्ययन किया। रिसर्च के दौरान मई-जून की तीखी गर्मी में वाराणसी के अस्सी घाट, कानपुर के वाजिदपुर ड्रेन और कन्नौज में रामगंगा के मिलनें के स्थान से सैंपल लिए गए। UP News

प्रवाह बढऩे से मिलेगी राहत

प्रो. पांडेय कहते हैं कि गर्मी में तापमान बढऩे के साथ पानी की ऑक्सीजन को धारण करने की क्षमता कम हो जाती है। पानी का तापमान एक डिग्री सेल्सियस भी बढ़ जाए तो इसका असर ऑक्सीजन के स्तर पर पड़ जाता है। दूसरी ओर पानी कम होने से नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। जलीय जीव-जंतु सतह पर आते हैं तो गर्मी से परेशानी होती है और नीचे तलहटी में जाते हैं तो वहां ऑक्सीजन का स्तर कम होने से उन्हें कठिनाई होने लगती है।UP News

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इसरो के साथ जुडक़र कमाल कर सकते हैं किसान, करें फ्री कोर्स

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UP News
locationभारत
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calendar28 Nov 2025 10:16 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को इसरो के साथ जुडऩे की सलाह दी है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री का मानना है कि इसरो के साथ जुडक़र उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के किसान कमाल कर सकते हैं। कृषि मंत्री का स्पष्ट मत है कि उत्तर प्रदेश के किसानों के पास वह सब कुछ है जिसके द्वारा बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

कृषि मंत्री ने क्यों दी है सलाह ?

अब सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने किसानों को इसरो के साथ जुडऩे की सलाह क्यों दी है। दरअसल उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने इसरो के फ्री सर्टिफिकेशन कोर्स से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश के किसानों को इसरो के साथ जुडऩे की सलाह दी है। हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि इसरो किसानों के लिए कौन सा फ्री सर्टिफिकेशन कोर्स चला रहा है जिसके द्वारा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसान खेती के काम में नया कमाल कर सकते हैं।

इसरो करा रहा है फ्री कोर्स

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बड़ी पहल की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) के जरिये डिजिटल माध्यम से कृषि में आधुनिक तकनीकों को सीखने के लिए भूस्थानिक प्रौद्योगिकी कोर्स की शुरुआत की है। इस कोर्स के माध्यम से छात्र या पेशेवर युवा को डिजिटल माध्यम से आधुनिक कृषि और उसके लाभों के बारे में सीखने का मौका मिलेगा। छात्रों को स्टडी मटेरियल जैसे लेक्चर स्लाइड, वीडियो रिकॉर्ड किए गए लेक्चर, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर आदि की जानकारी ई-क्लास के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे।

 क्या है कोर्स

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इस कोर्स को केंद्र या राज्य सरकार, निजी संगठनों, एनजीओ, छात्रों और कृषि अनुप्रयोगों में लगे हुए लोगों के लिए शुरू किया गया है, जो फसलों की सूची, फसल की स्थिति का आकलन, कृषि मॉडलिंग, फसलों के लिए जल की आवश्यकता आदि का यूएवी, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेंसर आदि माध्यमों से अनुप्रयोग करते हैं।

सीखने को बहुत कुछ

इस कोर्स के दौरान डिजिटल माध्यम से कृषि और भू- स्थानिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकों और अनुप्रयोगों के बारे में जानने और सीखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा डिजिटल माध्यम से कृषि के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आईसीटी तकनीक का प्रयोग, फसल निगरानी और फसल उपज भविष्यवाणी के लिए भू-स्थानिक और डेटा संचालित तकनीक, डिजिटल मृदा मानचित्रण और मृदा गुणवत्ता मूल्यांकन, स्मार्ट कृषि के लिए उन्नत डेटा एनालिटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों के बारे में जानने-समझने का अवसर भी प्राप्त होगा।

ऑनलाइन पढ़ाई और सर्टिफिकेट

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सभी अध्ययन सामग्री और वीडियो लेक्चर ई-क्लास के वेबसाइट https://www.eclass.iirs.gov.in पर अपलोड कर दिए जाएंगे। कोर्स में भाग लेने वाले उन सभी छात्रों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिन्होंने प्रत्येक सत्र में कम से कम 70% उपस्थिति दर्ज की हो। कोर्स पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट इसरो एलएमएस की वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकेंगे।

आवेदन की शर्तें

भारत का कोई भी नागरिक, जो स्नातक अंतिम वर्ष या स्नातकोत्तर के किसी भी वर्ष में अध्ययनरत है, इस कोर्स में भाग ले सकता है। यह कोर्स निशुल्क है, यानी कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उम्मीदवार को कोई पाठ्यक्रम शुल्क नहीं देना होगा।

दाखिला प्रक्रिया

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इसरो के इस कोर्स में नामांकन लेने के लिए इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार इसरो की आधिकारिक वेबसाइट https://www.iirs.gov.in/Edusat-News/ पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 जून, 2024 निर्धारित की गई है। आवेदन के पश्चात सभी पंजीकृत प्रतिभागियों को इसरो (ISRO) लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल प्रदान किए जाएंगे।UP News

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यूपी में गर्मी से जन जीवन बेहाल, आगरा में पर्यटक की मौत

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UP Weather Update
locationभारत
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calendar28 Nov 2025 12:18 PM
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UP Weather Update : उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बीते 24 घंटों में प्रयागराज समेत कई जिलों में जबर्दस्त गर्मी पड़ी। लखनऊ में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 2014 में दर्ज 46.3 डिग्री सेल्सियस के करीब है। प्रयागराज का अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे यह लगातार तीसरे दिन देश का सबसे गर्म जिला रहा। सुलतानपुर में 47 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो 19 साल का रिकॉर्ड तोड़ गया। आगरा में गर्मी के कारण एक पर्यटक की मौत हो गई।

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में जताई बारिश की संभावना

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मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि 19 या 20 जून से प्रदेश में बारिश की शुरूआत हो सकती है। हालांकि, सोमवार को झांसी में हल्की बारिश हुई। आने वाले 48 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना है, जिसके बाद मानसून की एंट्री हो जाएगी।

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19 जून के बाद राहत मिलने की संभावना

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यूपी के आगरा में गर्मी के कारण एक पर्यटक की मौत हो गई। कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर और आसपास के इलाकों में आंधी-पानी की संभावना जताई गई है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह के अनुसार, 19 जून के बाद प्रदेश में लू की स्थिति में आंशिक सुधार होने की संभावना है, लेकिन प्रदेश के मध्यवर्ती और दक्षिणी हिस्सों में लू की परिस्थितियां जारी रह सकती हैं। UP Weather Update

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