UP News : नोएडा के यू-टर्न के बहाने नंदी का अखिलेश पर वार

UP News : लखनऊ। नोएडा प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-67-70 के बीच बनाये जा रहे यू-टर्न पर समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा किये गये टिवट का अब प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नदी ने जवाब दिया है। नंदी ने कहा है कि अल्पज्ञानी सोशल मीडिया सलाहकारों के भरोसे अपनी फजीहत करा रहे हैं।
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बता दें कि नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने टिवटर पर यू-टर्न के निर्माण का वीडियो शेयर किया था। जिसमें कहा गया था कि सेक्टर-67-70 रोड के मध्य बनाये जा गये यू-टर्न से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। टिवटर पर यू-टर्न के निर्माण की लागत 99.71 लाख रूपये बताई गई थी। जिसके बाद तमाम यूजर्स ने सवाल उठाये थे कि एक कट को बनाने पर 1 करोड़ रूपये खर्च कर फिजूलखर्ची की गई है। अखिलेश ने अपने टिवट में कहा था कि - "एक यू-टर्न" बनाने में 1 करोड़ कैसे लग गये? अगर इस भ्रष्टाचार की जांच हो तो पूछने वाले को देखते ही भाजपा सरकार यू-टर्न ले लेगी। ये सिर्फ योगी राज में ही संभव है। योगी जी इस भ्रष्टाचार में दिल्ली नागपुर और गोरखपुर के अलावा किस-किस का हिस्सा है।
नंदी ने अखिलेश को दिया जवाब
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार की रात ट्वीट कर नोएडा के सेक्टर 67 में एक यू टर्न निर्माण में एक करोड़ की धनराशि खर्च करने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया था। जिसका जवाब देते हुए मंत्री नन्दी ने ट्वीट में लिखा कि अखिलेश यादव को आधा अधूरा ज्ञान है। एक करोड़ रूपए की धनराशि एक कट निर्माण में खर्च नहीं हुआ है, बल्कि यह कई काम की धनराशि है। जिसका अभी केवल 37 प्रतिशत ही कार्य हुआ है।
मंत्री नन्दी ने अखिलेश यादव के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि अखिलेश यादव जी तथ्य छुपाकर आधी-अधूरी बात करना झूठ बोलना होता है। लगता है झूठ बोलने की प्रतिस्पर्धा में आपके और राहुल गाँधी में होड़ लगी हुई है। यह प्रोजेक्ट कुल चार यू टर्न, 100 मीटर रोड चौड़ीकरण और फुटपाथ निर्माण से सम्बन्धित है।
1200 मीटर फुटपाथ की टाइलिंग का कार्य भी शामिल है। अभी केवल एक यूटर्न के निर्माण के साथ कुल 37 प्रतिशत कार्य ही हुआ है बाकी कार्य प्रगति पर है। अल्पज्ञानी और अपरिपक्व सोशल मीडिया सलाहकारों के भरोसे सार्वजनिक रूप से अपनी और अपनी पार्टी की फजीहत कराना ठीक नहीं।
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बता दें कि नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने टिवटर पर यू-टर्न के निर्माण का वीडियो शेयर किया था। जिसमें कहा गया था कि सेक्टर-67-70 रोड के मध्य बनाये जा गये यू-टर्न से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। टिवटर पर यू-टर्न के निर्माण की लागत 99.71 लाख रूपये बताई गई थी। जिसके बाद तमाम यूजर्स ने सवाल उठाये थे कि एक कट को बनाने पर 1 करोड़ रूपये खर्च कर फिजूलखर्ची की गई है। अखिलेश ने अपने टिवट में कहा था कि - "एक यू-टर्न" बनाने में 1 करोड़ कैसे लग गये? अगर इस भ्रष्टाचार की जांच हो तो पूछने वाले को देखते ही भाजपा सरकार यू-टर्न ले लेगी। ये सिर्फ योगी राज में ही संभव है। योगी जी इस भ्रष्टाचार में दिल्ली नागपुर और गोरखपुर के अलावा किस-किस का हिस्सा है।
नंदी ने अखिलेश को दिया जवाब
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार की रात ट्वीट कर नोएडा के सेक्टर 67 में एक यू टर्न निर्माण में एक करोड़ की धनराशि खर्च करने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया था। जिसका जवाब देते हुए मंत्री नन्दी ने ट्वीट में लिखा कि अखिलेश यादव को आधा अधूरा ज्ञान है। एक करोड़ रूपए की धनराशि एक कट निर्माण में खर्च नहीं हुआ है, बल्कि यह कई काम की धनराशि है। जिसका अभी केवल 37 प्रतिशत ही कार्य हुआ है।
मंत्री नन्दी ने अखिलेश यादव के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि अखिलेश यादव जी तथ्य छुपाकर आधी-अधूरी बात करना झूठ बोलना होता है। लगता है झूठ बोलने की प्रतिस्पर्धा में आपके और राहुल गाँधी में होड़ लगी हुई है। यह प्रोजेक्ट कुल चार यू टर्न, 100 मीटर रोड चौड़ीकरण और फुटपाथ निर्माण से सम्बन्धित है।
1200 मीटर फुटपाथ की टाइलिंग का कार्य भी शामिल है। अभी केवल एक यूटर्न के निर्माण के साथ कुल 37 प्रतिशत कार्य ही हुआ है बाकी कार्य प्रगति पर है। अल्पज्ञानी और अपरिपक्व सोशल मीडिया सलाहकारों के भरोसे सार्वजनिक रूप से अपनी और अपनी पार्टी की फजीहत कराना ठीक नहीं।







तालाब के पास मिला था सारस का बच्चा
अफरोज ने बताया कि 6 महीने पहले वह कुछ काम से चांदा क्षेत्र में गए हुए थे। वहां मछली पालन वाले तलाब के पास उन्हें ये सारस मिला था। उस वक्त उन्हें ये नहीं पता चला कि ये सारस का बच्चा है या किसी और पक्षी का। अफरोज के मुताबिक अगर ये बच्चा वहां रहता तो किसी जानवर का शिकार हो जाता। उस वक्त वहां कोई नहीं था, इसीलिए उसे वह अपने घर ले आए और उसका ख्याल रखा। कुछ ही दिनों में ये सारस अफरोज और उनके परिवार वालों के साथ काफी घुल-मिल गया। अब यह सारस पांच फीट से ज्यादा लंबा हो गया है।
सारस जाने से अफरोज बेहद निराश
वन विभाग द्वारा सारस को ले जाने के बाद अफरोज बेहद निराश नजर आ रहा है। अफरोज ने बताया कि वह हर तरह से लिखा-पढ़ी को तैयार है कि सारास को किसी भी हाल में नुकसान नहीं पहुंचाएगा। अफरोज ने साफ कहा कि उसे राजनीति से दूर रखा जाए और उसकी स्वीटी यानी सारस को उसके सुपुर्द कर दिया जाए। अभी सारस बच्चा है, उड़ना भी नहीं जानता, जब उड़ना जान जाएगा तो वह उसे खुद ही छोड़ देगा।
अफरोज पर दर्ज हुआ मुकदमा
वहीं, जिला वनाधिकारी आरके त्रिपाठी ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें अफरोज के सारस पालने की जानकारी मिली थी। लिहाजा टीम भेजकर पता करवाया गया तो सूचना सही पाई गई। फिर सारस को कब्जे में ले लिया गया है। फिलहाल राजकीय पक्षी के पालने के आरोप में अफरोज पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पक्षी विहार में छोड़ा जाएगा सारस
जिला वनाधिकारी ने बताया कि सारस को वन विभाग कार्यालय में रखा गया है। सारस पूरी तरह स्वस्थ है। बहरहाल आलाधिकारियों को सूचना दी गई हैl साथ ही उनके निर्देश पर सारस को किसी पक्षी विहार में छोड़ दिया जाएगा। सारस के वापसी को लेकर डीएफओ ने बताया कि राज्य पक्षी को पालना नहीं चाहिए, बल्कि वन विभाग को सूचना देना चाहिए।