Delhi-NCR- 22 अक्टूबर से वायु गुणवत्ता हो सकती है बहुत खराब, GRAP का दूसरा चरण लागू

चार चरणों में विभाजित है GRAP-
‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए स्थिति की गंभीरता के अनुसार उठाए जाने वाले कदमों से जुड़ी योजना है। इसे दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों के तहत वर्गीकृत किया गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 201 से 300 के बीच यानी ‘खराब’ श्रेणी में होने पर प्रथम चरण लागू किया जाता है। वहीं, एक्यूआई के 301 से 400 के बीच यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक यानी ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है।उपसमिति ने बैठक में की वायु गुणवत्ता संबंधी परिदृश्य की समीक्षा-
जीआरएपी के तहत कदम उठाने के लिए गठित उपसमिति ने बुधवार को एक बैठक के दौरान क्षेत्र में वायु गुणवत्ता संबंधी परिदृश्य की समीक्षा की। सीएक्यूएम ने एक आदेश में कहा कि यह पाया गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने का पूर्वानुमान है और राजधानी में शनिवार से ठंडी हवाओं और स्थायी वायुमंडलीय परिस्थिति के अनुमान के कारण 22 अक्टूबर से एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है। आदेश में कहा गया, ‘24 अक्टूबर को दिवाली के कारण स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।’ इसमें कहा गया है कि वायु गुणवत्ता और खराब होने से रोकने के लिए उपसमिति ने जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है।GRAP के दूसरे चरण में इन चीजों पर लगा है प्रतिबंध -
1. लकड़ी व कोयला - होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय आदि में तंदूर में लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल नहीं 2. डीजल जेनरेटर- इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का इस्तेमाल प्रतिबंधित इसके अलावा निजी गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाने का निर्देश। ट्रैफिक जाम वाली सड़कों पर ट्रैफिककर्मियों को लगाये जाने का निर्देश। निजी गाड़ियों का कम से कम इस्तेमाल कर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलने की सलाह दी गई। वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों के एयर फिल्टर समय-समय पर बदलने की सलाह।पटाखों पर प्रतिबंध, पटाखे जलाने वाले पर नजर रखने के लिए 408 टीमें-
दिवाली से पहले पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लागू करवाने के लिए राजधानी में 408 टीमों का गठन किया गया है। इनमें राजस्व विभाग की 165 टीम, दिल्ली पुलिस की 210 टीम और डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं। दिल्ली सरकार लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए 21 अक्टूबर से ‘दीये जलाओ, पटाखे नहीं’ अभियान शुरु करेगी । इस अभियान की शुरूआत सेंट्रल पार्क, कनॉट प्लेस में 51 हजार दीये जलाकर की जाएगी।वायु गुणवत्ता सूचकांक
पृथ्वी के वायुमंडल में हानिकारक गैसों, धूल कणों एवं सूक्ष्म जीवों की मिलावट को ‘वायु प्रदूषण’ कहा जाता है। वायुमंडल के प्रमुख प्रदूषक कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO), सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO2 ), अमोनिया (NH3 ), लेड (Pb), नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड (NO2 ) एवं कण पदार्थ (Particulate Matter-PM) हैं। (Air Quality Index – AQI) की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं इस सूचकांक में आठ प्रदूषकों को शामिल किया गया है। ये प्रदूषक- PM10, PM2.5., NO2, so2., CO., 03., NH3 और Pb हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक के अंतर्गत 6 वर्ग रखे गए हैं। प्रत्येक वर्ग का अलग-अलग कलर कोड (Color Code) है। 1. 1-50 (अच्छा, हरा) मामूली असर 2. 51-100 (संतोषजनक, हल्का हरा) संवेदनशील लोगों को साँस लेने में तकलीफ 3. 101-200 (मध्यम पीला) फेफड़े, अस्थमा और दिल के मरीजों को साँस लेने में परेशानी 4. 201-300 (खराब, नारंगी) अधिकांश लोगों को साँस लेने में परेशानी 5. 301-400 (बहुत खराब, लाल) अधिक समय तक ऐसे क्षेत्र में रहने से साँस की बीमारी 6. 401 से अधिक (खतरनाक, गहरा लाल) स्वस्थ लोगों पर भी प्रभाव पड़ता है।दिवाली पर मिलेगा ग्रेनो वेस्ट के निवासियों को ओपन जिम का तोहफा
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चार चरणों में विभाजित है GRAP-
‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए स्थिति की गंभीरता के अनुसार उठाए जाने वाले कदमों से जुड़ी योजना है। इसे दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों के तहत वर्गीकृत किया गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 201 से 300 के बीच यानी ‘खराब’ श्रेणी में होने पर प्रथम चरण लागू किया जाता है। वहीं, एक्यूआई के 301 से 400 के बीच यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक यानी ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है।उपसमिति ने बैठक में की वायु गुणवत्ता संबंधी परिदृश्य की समीक्षा-
जीआरएपी के तहत कदम उठाने के लिए गठित उपसमिति ने बुधवार को एक बैठक के दौरान क्षेत्र में वायु गुणवत्ता संबंधी परिदृश्य की समीक्षा की। सीएक्यूएम ने एक आदेश में कहा कि यह पाया गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने का पूर्वानुमान है और राजधानी में शनिवार से ठंडी हवाओं और स्थायी वायुमंडलीय परिस्थिति के अनुमान के कारण 22 अक्टूबर से एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है। आदेश में कहा गया, ‘24 अक्टूबर को दिवाली के कारण स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।’ इसमें कहा गया है कि वायु गुणवत्ता और खराब होने से रोकने के लिए उपसमिति ने जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है।GRAP के दूसरे चरण में इन चीजों पर लगा है प्रतिबंध -
1. लकड़ी व कोयला - होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय आदि में तंदूर में लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल नहीं 2. डीजल जेनरेटर- इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का इस्तेमाल प्रतिबंधित इसके अलावा निजी गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाने का निर्देश। ट्रैफिक जाम वाली सड़कों पर ट्रैफिककर्मियों को लगाये जाने का निर्देश। निजी गाड़ियों का कम से कम इस्तेमाल कर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलने की सलाह दी गई। वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों के एयर फिल्टर समय-समय पर बदलने की सलाह।पटाखों पर प्रतिबंध, पटाखे जलाने वाले पर नजर रखने के लिए 408 टीमें-
दिवाली से पहले पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लागू करवाने के लिए राजधानी में 408 टीमों का गठन किया गया है। इनमें राजस्व विभाग की 165 टीम, दिल्ली पुलिस की 210 टीम और डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं। दिल्ली सरकार लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए 21 अक्टूबर से ‘दीये जलाओ, पटाखे नहीं’ अभियान शुरु करेगी । इस अभियान की शुरूआत सेंट्रल पार्क, कनॉट प्लेस में 51 हजार दीये जलाकर की जाएगी।वायु गुणवत्ता सूचकांक
पृथ्वी के वायुमंडल में हानिकारक गैसों, धूल कणों एवं सूक्ष्म जीवों की मिलावट को ‘वायु प्रदूषण’ कहा जाता है। वायुमंडल के प्रमुख प्रदूषक कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO), सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO2 ), अमोनिया (NH3 ), लेड (Pb), नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड (NO2 ) एवं कण पदार्थ (Particulate Matter-PM) हैं। (Air Quality Index – AQI) की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं इस सूचकांक में आठ प्रदूषकों को शामिल किया गया है। ये प्रदूषक- PM10, PM2.5., NO2, so2., CO., 03., NH3 और Pb हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक के अंतर्गत 6 वर्ग रखे गए हैं। प्रत्येक वर्ग का अलग-अलग कलर कोड (Color Code) है। 1. 1-50 (अच्छा, हरा) मामूली असर 2. 51-100 (संतोषजनक, हल्का हरा) संवेदनशील लोगों को साँस लेने में तकलीफ 3. 101-200 (मध्यम पीला) फेफड़े, अस्थमा और दिल के मरीजों को साँस लेने में परेशानी 4. 201-300 (खराब, नारंगी) अधिकांश लोगों को साँस लेने में परेशानी 5. 301-400 (बहुत खराब, लाल) अधिक समय तक ऐसे क्षेत्र में रहने से साँस की बीमारी 6. 401 से अधिक (खतरनाक, गहरा लाल) स्वस्थ लोगों पर भी प्रभाव पड़ता है।दिवाली पर मिलेगा ग्रेनो वेस्ट के निवासियों को ओपन जिम का तोहफा
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