Delhi News: रेप अथवा बलात्कार शब्द सुनने व पढऩे में तो मात्र एक शब्द है, किन्तु इस घिनौने कृत्य से न जाने कितने जीवन बर्बाद हो रहे हैं। सभ्य समाज का कोई व्यक्ति रेप जैसा घिनौना पाप कर सकता है, इसे सुनने भर से ही बुरा लगता है। जिन लड़कियों या महिलाओं के साथ यह पाप किया जाता है उनका दर्द लिखने तो लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। खैर समाज में जो हो रहा है उसके विषय में पाठकों को जानकारी देना हमारा धर्म भी है और कर्म भी। हम आज आपको बता रहे हैं भारत के ऐसे शहर के विषय में जो “रेप कैपिटल” के रूप में बदनाम है।
कहां है “रेप कैपिटल”
Delhi News: दुर्भाग्य से हमारे देश की राजधानी दिल्ली ही “रेप कैपिटल” बनती जा रही है। आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में महिलाएं सुरक्षा से कोसों दूर है। महिलाओं के खिलाफ रेप के मामले बढ़ते ही जा रहे है। बढ़ रहे अपराधों की गवाही खुद दिल्ली पुलिस के आंकड़े दे रहे हैं। पिछले 6 सालों से दिल्ली में हर घंटे तकरीबन तीन महिलाओं के साथ बलात्कार के आंकड़े प्रकाश में आए हैं।
महिलाओं के खिलाफ आए दिन रेप के मामले इस बात की गवाही दे रहे हैं कि देश की राजधानी दिल्ली सुरक्षा के लिहाज से बहुत पीछे है। बढ़ रहे अपराधों की गवाही खुद दिल्ली पुलिस के आंकड़े दे रहे हैं। पिछले 6 सालों से दिल्ली में हर घंटे तकरीबन तीन महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़, लूटपाट और किडनैपिंग समेत कई अन्य तरह के अपराध हो रहे हैं। महिला सुरक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखने वाली दिल्ली पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी यह आंकड़ा चौंका रहा है।
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों की मानें तो राजधानी में पिछले साल तकरीबन 6 महिलाओं के साथ हर रोज बलात्कार की घटनाएं हुईं। 2021 की तुलना में 2022 में दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। हालांकि, इस दौरान कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं। जैसे- महिलाओं के सुरक्षा के लिए थाना स्तर पर महिला सुरक्षा समिति बनाई गई है। प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क बनी है, जहां सिर्फ महिलाओं की शिकायत सुनी जाती है। लेकिन इसके बावजूद भी दिल्ली में रेप की घटनाएं कम होने का नाम ले रही है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में दिल्ली की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। हाल के वर्षों में राजधानी में महिला अपराध में कुछ खास कमी नहीं आई है। दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में महिलाओं के साथ लूटपाट, छेड़छाड़, झपटमारी, फब्ती कसना जैसे मामलों में मामूली कमी आई है, लेकिन दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गई हैं। साल 2021 में जहां दुष्कर्म की 2076 घटनाएं हुईं थीं, वहीं साल 2022 में दुष्कर्म के 2084 मामले दर्ज हुए हैं।
बीते 10 साल का रिकॉर्ड क्या कहता है।
Delhi News: बीते 10 साल के रिकॉर्ड में 2018 से 2022 तक महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों को देखा जाए तो इनमें बलात्कार के मामलों में कुछ ज्यादा अंतर नहीं आया है। साल 2017 से हर रोज तकरीबन पांच से छह महिलाएं दुष्कर्म से पीडि़त हो रही हैं। वहीं, छेड़छाड़ के आंकड़ों में भी थोड़-बहुत उतार चढ़ाव होता रहता है। वहीं महिलाओं के साथ लूटपाट और चेन झपटमारी के आंकड़ें में थोड़ी कमी जरूर आई है। साल 2018 के बाद तकरीबन हर एक घंटे में दो महिलाएं अपने खिलाफ अपराध का मामला दर्ज कराने थाने आ रही हैं। वहीं, साल 2019 में हर दिन राजधानी में 19 से 20 महिलाओं ने दुष्कर्म, और झपटमारी की एफआईआर दर्ज कराई है। राजधानी में 2020 से 2022 तक हर दिन 20 से 25 महिलाएं किसी ना किसी तरह के अपराध का शिकार बन रही हैं। साल 2022 में 16 महिलाएं हर दिन बलात्कार, छेड़छाड़, लूट और झपटमारी का शिकार हुईं।