दिल्ली का वो बाजार जो कभी नहीं होता पुराना, आज भी दिलों पर करता है राज

दिल्ली का वो बाजार जो कभी नहीं होता पुराना, आज भी दिलों पर करता है राज
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Sep 2025 02:04 PM
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दिल्ली जिसे "दिल वालों की दिल्ली" कहा जाता है, की पहचान सिर्फ राजनीतिक राजधानी के तौर पर नहीं बल्कि अपने ऐतिहासिक बाजारों और सांस्कृतिक विरासत से भी होती है। इन्हीं बाजारों में एक है चांदनी चौक। चार सदियों पुराना यह बाजार आज भी दिल्लीवालों के दिलों की धड़कन बना हुआ है। Chandni Chowk Market

एक शाही ख्वाब से हुई थी शुरूआत

इतिहास के पन्नों को पलटें तो पता चलता है कि चांदनी चौक की नींव मुगल सम्राट शाहजहां ने 1650 में रखी थी। लेकिन इसकी कल्पना और डिजाइन किसी और ने नहीं, बल्कि उनकी प्रिय बेटी जहांआरा बेगम ने खुद तैयार किया था। जहांआरा को खरीदारी का बेहद शौक था। जब शाहजहां को यह बात पता चली, तो उन्होंने अपनी बेटी के लिए एक खास बाजार बनवाने का फैसला किया एक ऐसा बाजार जो न सिर्फ खरीदारी के लिए हो बल्कि दिल्ली की पहचान भी बने।

चांदनी चौक नाम क्यों पड़ा?

इस ऐतिहासिक बाजार के नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। दरअसल, जब इसे बनवाया गया था, तब इसका नक्शा आधे चांद की तरह था। साथ ही, बाजार के बीचोंबीच एक नहर और तालाब हुआ करते थे। जब रात को चांद की रोशनी इन पर पड़ती थी, तो पूरा इलाका चांदनी से चमक उठता था। इसी रोशनी और आकार के कारण इस बाजार का नाम चांदनी चौक रखा गया।

क्या है आज चांदनी चौक की पहचान?

समय भले बदल गया हो लेकिन चांदनी चौक की रौनक आज भी वैसी ही है। यहां हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ है चाहे वो आम आदमी हो या विदेशी पर्यटक। इस बाजार की सबसे बड़ी खूबी है यहां मिलने वाला किफायती और गुणवत्तापूर्ण सामान। यह बाजार खास तौर पर चांदी के गहनों, इत्र (परफ्यूम), पुरानी किताबों और स्टेशनरी, मसालों, लाइटिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स मशहूर है। आज भले ही इसके आस-पास कई नए बाजार विकसित हो गए हों लेकिन एक समय था जब ये सब चांदनी चौक का ही हिस्सा हुआ करते थे।

विदेशों तक है चांदनी चौक की गूंज

चांदनी चौक का नाम सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि एशिया और यूरोप तक गूंजता है। मुगल काल से ही विदेशी व्यापारी यहां आते रहे हैं और आज भी यहां से कई उत्पादों का एक्सपोर्ट होता है। इसकी लोकप्रियता का बड़ा कारण है यहां मिलने वाली बेहतरीन क्वालिटी और विविधता।

चांदनी चौक के पास क्या है खास?

लाल किला: लाल किला चांदनी चौक के पास ही स्थित है दिल्ली का सबसे प्रसिद्ध स्मारक लाल किला, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा भी दिया है। यहां हर शाम होने वाला लाइट एंड साउंड शो आपको मुगल इतिहास की गलियों में ले जाता है।

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गुरुद्वारा शीशगंज साहिब: चांदनी चौक के बीचों-बीच बना यह गुरुद्वारा नौवें सिख गुरु गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की याद में बनवाया गया था। यहां आने वाले श्रद्धालु कीर्तन सुनकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं। चांदनी चौक सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि दिल्ली की रूह है। शाही इतिहास, धार्मिक महत्व और बाजार की रौनक सब मिलकर इसे एक ऐसी जगह बनाते हैं, जहां अतीत आज भी सांस लेता है। अगर आपने अब तक इस ऐतिहासिक बाजार की सैर नहीं की तो अगली बार दिल्ली आएं तो इसे अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। Chandni Chowk Market
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दिल्ली यूनिवर्सिटी ने किया धाकड़ प्रदर्शन, BHU की रैंकिंग में आई गिरावट

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने किया धाकड़ प्रदर्शन, BHU की रैंकिंग में आई गिरावट
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:44 PM
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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में NIRF (राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क) 2025 की नई रैंकिंग जारी कर दी है, जिसमें देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों की स्थिति साफ नजर आ रही है। इस बार भी IISc बैंगलुरु ने रिसर्च कैटेगरी में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि IIT Madras ओवरऑल रैंकिंग में नंबर वन पर बना हुआ है। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने भी इस रैंकिंग में शानदार प्रगति करते हुए एक स्थान की बढ़त के साथ पांचवां स्थान हासिल किया है। वहीं बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) एक स्थान नीचे खिसककर छठे नंबर पर आ गई है। Delhi University

दिल्ली यूनिवर्सिटी और BHU की रैंकिंग में बदलाव

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पिछले साल की तुलना में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और इस बार पांचवें नंबर पर बनी है। दूसरी ओर, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी इस बार छठे स्थान पर आई है जो पिछले साल की तुलना में एक पायदान नीचे है। ये बदलाव दोनों विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रदर्शन में नये समीकरण दर्शाते हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में गिरावट

एनआईआरएफ 2024 में आठवें स्थान पर रही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) इस बार दो स्थान नीचे आकर 10वें स्थान पर आ गई है। इसके अलावा, कोयंबटूर की अमृता विश्वविद्यापीठम ने इस रैंकिंग में आठवां स्थान हासिल कर बेहतर प्रदर्शन किया है।

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NIRF रैंकिंग क्या है?

NIRF एक राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग प्रणाली है जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक विशेषज्ञ समिति के दिशा-निर्देशों के तहत विकसित किया गया है। यह प्रणाली विभिन्न मानदंडों जैसे शैक्षणिक प्रदर्शन, रिसर्च, फैकल्टी क्वालिटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और छात्रों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को रैंक देती है। हर साल यह रैंकिंग जारी की जाती है जो छात्रों और अभिभावकों के लिए कॉलेज चुनने में मार्गदर्शन का काम करती है। Delhi University
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प्रसिद्ध कवि दीक्षित दनकौरी को मिला बड़ा आशीर्वाद

प्रसिद्ध कवि दीक्षित दनकौरी को मिला बड़ा आशीर्वाद
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:21 AM
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प्रसिद्ध कवि तथा शायर दीक्षित दनकौरी को बड़ा आशीर्वाद मिला है। दीक्षित दनकौरी वह कवि हैं जिनकी कविताओं तथा शायरी की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है। कवि दीक्षित दनकौरी की रचनाएं अनेक बार भारत की संसद में भी सुनाई गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी संसद में दीक्षित दनकौरी की कविताओं के अंश सुनाए हैं। प्रसिद्ध कवि दीक्षित दनकौरी का जन्मदिन भारत की राजधानी दिल्ली में कवि सम्मेलन में मनाया गया। इस दौरान देश भर के अनेक कवियों ने दीक्षित दनकौरी को खूब आशीर्वाद दिया। अपने जन्मदिन के मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन में अपनी कविताओं तथाशायरी से दीक्षित दनकौरी ने सबके दिल जीत लिए। Dixit Dankauri 

दिल्ली के हिंदी भवन में मना प्रसिद्ध कवि दीक्षित दनकौरी का जन्मदिवस

प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी के जन्म दिवस पर हिंदी अकादमी दिल्ली और उर्दू अकादमी दिल्ली के सौजन्य से जश्न-ए-अदब द्वारा हिंदी भवन नई दिल्ली में एक भव्य कवि सम्मेलन/ मुशायरा आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता लखनऊ से पधारे वरिष्ठ शायर श्री भूपेंद्र सिंह 'होश' ने की। मुख्य अतिथि सुकवि अश्विनी कुमार 'चांद' IPS और विशिष्ट अतिथि के रूप में शैलेन्द्र जैन 'अप्रिय'- समूह संपादक अमर भारती, श्रीमती संध्या दीक्षित-पूर्व पार्षद दिल्ली नगर निगम और काव्य प्रेमी वरिष्ठ सीए शशि गर्ग उपस्थित रहे। अनस फैजी और पूनम माटिया के संयुक्त संचालन में दिल्ली एन सी आर और देशभर से पधारे लगभग 30 कवि/ कवयित्रियों ने शानदार काव्यपाठ से हॉल में उपस्थित सैकड़ों सुधी श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। समारोह में उपस्थित मंचस्थ अतिथियों, कवियों और सभी काव्य प्रेमी श्रोताओं ने दीक्षित दनकौरी को जन्मदिवस की बधाई एवं तोहफे भेंट किए।

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काव्य पाठ में छा गए कवि दीक्षित दनकौरी

अपने जन्मदिन पर दीक्षित दनकौरी ने भी अपने पुरकशिश तरन्नुम में गजल पाठ करके श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। उन्होंने कहा, जिसने अपना माना नईं उसके नाज उठाना नईं। हाल तो उसने पूछ लिया, लेकिन वो पहचाना नईं। अपने उद्बोधन में दीक्षित दनकौरी ने जश्न ए अदब, हिंदी अकादमी दिल्ली, उर्दू अकादमी दिल्ली और सहयोगी संस्थाएं, अमर भारती, काव्यलोक (गाजियाबाद), अंजुमन फरोग ए उर्दू का आभार एवं उपस्थित श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। Dixit Dankauri