Noida News : अखाड़े को चुस्त दुरूस्त कराने की मांग
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 03:52 PM
Noida: नोएडा । अनेक ग्रामवासियों ने सोरखा गांव में स्थित कुश्ती के अखाड़े की व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने की मांग की है।
जनहित संघर्ष समिति के बैनर तले सोरखावासी नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रीमती रितु माहेश्वरी से मिले। ग्रामवासियों ने उन्हें बताया कि सोरखा के खेल मैदान में स्थित कुश्ती अखाड़े में जल भराव की समस्या बनी रहती है। साथ ही खेल मैदान की सीमा (बाउंड्री) की सुरक्षा की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसी प्रकार की और भी कई समस्याएं हैं। समिति की तरफ से एक ज्ञापन भी श्रीमती माहेश्वरी को सौंपा गया। सीईओ ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है।
इस अवसर पर रवि यादव, चन्द्रवीर यादव, मोनू यादव, नितेश पहलवान एवं अंकित पहलवान आदि मौजूद थे।
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29 Nov 2025 03:52 PM
Noida: नोएडा । अनेक ग्रामवासियों ने सोरखा गांव में स्थित कुश्ती के अखाड़े की व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने की मांग की है।
जनहित संघर्ष समिति के बैनर तले सोरखावासी नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रीमती रितु माहेश्वरी से मिले। ग्रामवासियों ने उन्हें बताया कि सोरखा के खेल मैदान में स्थित कुश्ती अखाड़े में जल भराव की समस्या बनी रहती है। साथ ही खेल मैदान की सीमा (बाउंड्री) की सुरक्षा की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसी प्रकार की और भी कई समस्याएं हैं। समिति की तरफ से एक ज्ञापन भी श्रीमती माहेश्वरी को सौंपा गया। सीईओ ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है।
इस अवसर पर रवि यादव, चन्द्रवीर यादव, मोनू यादव, नितेश पहलवान एवं अंकित पहलवान आदि मौजूद थे।
Greater Noida News : सिटी पार्क में आज सुनाई देगी 'कलरव' की गूंज
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 03:04 PM
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और संस्कृति विभाग (उत्तर प्रदेश) की संयुक्त पहल से कल्चरल प्रोग्रामों की श्रृंखला 'कलरव' का आगाज आज (शनिवार) को सम्राट मिहिर भोज पार्क (सिटी पार्क) से होने जा रहा है। जाने -माने बैंड इंडियन ओशन शाम 6 बजे से अपनी प्रस्तुति देगा। दरअसल, सांस्कृतिक जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो श्रृंखलाएं शुरू की हैं। इनमें से एक 'प्रतिध्वनि- यूथ कल्चरल फेस्ट' का आगाज बीते माह हो चुका है।
इसके अंतर्गत अब तक दो कार्यक्रम भी आयोजित हो चुके हैं। इस श्रृंखला में ग्रेटर नोएडा के विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों के छात्र- छात्राएं अपने हुनर को प्रदर्शित करते हैं। वहीं दूसरी श्रृंखला 'कलरवÓ का आगाज आज (7 मई) से होने जा रहा है । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की संयुक्त पहल पर यह कार्यक्रम हो रहा है। इसके अंतर्गत देश के जाने-माने कलाकार ग्रेटर नोएडा में अपनी प्रस्तुति देंगे। इस श्रृंखला का पहला कार्यक्रम प्रसिद्ध इंडियन ओशन बैंड प्रस्तुत करेगा। यह कार्यक्रम शाम 6 बजे से शुरू होगा। इंडियन ओशॅन बैंड दिल्ली का फ्यूजन संगीत बैंड है। इसे क्लासिकल और रॉक संगीत का मिश्रण माना जाता हैं । सुष्मित सेन, अमित किलाम, राहुल राम जैसे मंजे हुए कलाकार इसके सदस्य हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप डुली ने बताया कि सम्राट मिहिर भोज पार्क में इसके आयोजन की तैयारी चल रही है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बचाव के सभी उपाय किए गए हैं।
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चेतना मंच
29 Nov 2025 03:04 PM
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और संस्कृति विभाग (उत्तर प्रदेश) की संयुक्त पहल से कल्चरल प्रोग्रामों की श्रृंखला 'कलरव' का आगाज आज (शनिवार) को सम्राट मिहिर भोज पार्क (सिटी पार्क) से होने जा रहा है। जाने -माने बैंड इंडियन ओशन शाम 6 बजे से अपनी प्रस्तुति देगा। दरअसल, सांस्कृतिक जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो श्रृंखलाएं शुरू की हैं। इनमें से एक 'प्रतिध्वनि- यूथ कल्चरल फेस्ट' का आगाज बीते माह हो चुका है।
इसके अंतर्गत अब तक दो कार्यक्रम भी आयोजित हो चुके हैं। इस श्रृंखला में ग्रेटर नोएडा के विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों के छात्र- छात्राएं अपने हुनर को प्रदर्शित करते हैं। वहीं दूसरी श्रृंखला 'कलरवÓ का आगाज आज (7 मई) से होने जा रहा है । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की संयुक्त पहल पर यह कार्यक्रम हो रहा है। इसके अंतर्गत देश के जाने-माने कलाकार ग्रेटर नोएडा में अपनी प्रस्तुति देंगे। इस श्रृंखला का पहला कार्यक्रम प्रसिद्ध इंडियन ओशन बैंड प्रस्तुत करेगा। यह कार्यक्रम शाम 6 बजे से शुरू होगा। इंडियन ओशॅन बैंड दिल्ली का फ्यूजन संगीत बैंड है। इसे क्लासिकल और रॉक संगीत का मिश्रण माना जाता हैं । सुष्मित सेन, अमित किलाम, राहुल राम जैसे मंजे हुए कलाकार इसके सदस्य हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप डुली ने बताया कि सम्राट मिहिर भोज पार्क में इसके आयोजन की तैयारी चल रही है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बचाव के सभी उपाय किए गए हैं।
Noida News: 6 हफ्ते में 100 करोड़ का मुआवजा अदा करें: सुप्रीम कोर्ट
The Supreme Court will hear the petition of Rana Ayyub on January 31
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 06:25 PM
Noida : नोएडा । सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को एक भूमि मालिक को लगभग 100 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान छह सप्ताह में करने का निर्देश दिया है। जिसने 1997 में छलेरा बांगर गांव में 2.18 बीघा (7400 वर्ग मीटर) जमीन खरीदी थी। एक साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी जमीन मालिक के पक्ष में फैसला सुनाया था। हालांकि मुआवजे की राशि कम थी। इसलिए याचिका कर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया। प्राधिकरण इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहा है।
याचिकाकर्ता रेड्डी वीराना ने 1997 में छलेरा बांगर गांव में एक करोड़ रुपये की लागत से दो भूखंड खरीदे थे। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इसके तुरंत बाद नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों ने उन्हें जमीन पर कब्जा करने के लिए परेशान करना शुरू कर दिया और बाद में उन्होंने हस्तक्षेप न करने की प्रार्थना के साथ प्राधिकरण के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक दीवानी मुकदमा दायर किया। नोएडा प्राधिकरण ने अदालत में कहा कि भूमि कमर्शियन मॉल में स्थित थी। इसलिए यह बहुत महंगा था और वीराना द्वारा भूमि का कब्जा अवैध था। निचली अदालत ने वीराना के पक्ष में आदेश दिया और प्राधिकरण को जमीन पर कब्जा करने से रोक दिया। प्राधिकरण ने आदेश को जिला न्यायाधीश के समक्ष चुनौती दी, जिसे खारिज कर दिया गया।
स्टे के बाद भी प्राधिकरण ने 2003 में वीराना के स्वामित्व वाली भूमि सहित अन्य भूमि के बड़े भूखंड के विकास के लिए एक निविदा जारी की। 2004 में एक डेवलपर को भूमि आवंटित की गई। प्राधिकरण ने अगले वर्ष भूमि अधिग्रहण के लिए एक अधिसूचना जारी की और 2006 में कब्जा ले लिया गया। वीरना ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिसूचना को चुनौती दी और अंतरिम आदेश के अनुसार 2008 में एक राजस्व निरीक्षक ने साइट का दौरा किया। लेकिन इस भूमि का सीमांकन नहीं किया जा सका क्योकि तब तक भूमि विकसित हो चुकी थाी। हाई कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अधिकारी को एक महीने की अवधि के भीतर मुआवजे का निर्धारण करने का निर्देश दिया।
नोएडा प्राधिकरण ने हाई कोर्ट के आदेश को 2010 में स्पेशल लीव टू अपील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे बाद में 2013 में दीवानी अपील में बदल दिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23.94 लाख रुपये के मुआवजे की गणना की गई और नवंबर 2015 में प्राधिकरण की अपील खारिज कर दी गई। विराना ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया और अवमानना याचिका दायर की। उन्हें 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से संपर्क करने के लिए कहा गया था। दो साल बाद हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश दिया लेकिन सर्किल रेट 1.1 लाख में 50 प्रतिशत काट कर प्राधिकरण को भुगतान करने के लिए कहा।
याचिकाकर्ता और नोएडा प्राधिकरण दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने प्राधिकरण से ब्याज के अलावा 1.10 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजे का भुगतान करने को कहा गया।
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 06:25 PM
Noida : नोएडा । सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को एक भूमि मालिक को लगभग 100 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान छह सप्ताह में करने का निर्देश दिया है। जिसने 1997 में छलेरा बांगर गांव में 2.18 बीघा (7400 वर्ग मीटर) जमीन खरीदी थी। एक साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी जमीन मालिक के पक्ष में फैसला सुनाया था। हालांकि मुआवजे की राशि कम थी। इसलिए याचिका कर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया। प्राधिकरण इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहा है।
याचिकाकर्ता रेड्डी वीराना ने 1997 में छलेरा बांगर गांव में एक करोड़ रुपये की लागत से दो भूखंड खरीदे थे। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इसके तुरंत बाद नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों ने उन्हें जमीन पर कब्जा करने के लिए परेशान करना शुरू कर दिया और बाद में उन्होंने हस्तक्षेप न करने की प्रार्थना के साथ प्राधिकरण के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक दीवानी मुकदमा दायर किया। नोएडा प्राधिकरण ने अदालत में कहा कि भूमि कमर्शियन मॉल में स्थित थी। इसलिए यह बहुत महंगा था और वीराना द्वारा भूमि का कब्जा अवैध था। निचली अदालत ने वीराना के पक्ष में आदेश दिया और प्राधिकरण को जमीन पर कब्जा करने से रोक दिया। प्राधिकरण ने आदेश को जिला न्यायाधीश के समक्ष चुनौती दी, जिसे खारिज कर दिया गया।
स्टे के बाद भी प्राधिकरण ने 2003 में वीराना के स्वामित्व वाली भूमि सहित अन्य भूमि के बड़े भूखंड के विकास के लिए एक निविदा जारी की। 2004 में एक डेवलपर को भूमि आवंटित की गई। प्राधिकरण ने अगले वर्ष भूमि अधिग्रहण के लिए एक अधिसूचना जारी की और 2006 में कब्जा ले लिया गया। वीरना ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिसूचना को चुनौती दी और अंतरिम आदेश के अनुसार 2008 में एक राजस्व निरीक्षक ने साइट का दौरा किया। लेकिन इस भूमि का सीमांकन नहीं किया जा सका क्योकि तब तक भूमि विकसित हो चुकी थाी। हाई कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अधिकारी को एक महीने की अवधि के भीतर मुआवजे का निर्धारण करने का निर्देश दिया।
नोएडा प्राधिकरण ने हाई कोर्ट के आदेश को 2010 में स्पेशल लीव टू अपील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे बाद में 2013 में दीवानी अपील में बदल दिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23.94 लाख रुपये के मुआवजे की गणना की गई और नवंबर 2015 में प्राधिकरण की अपील खारिज कर दी गई। विराना ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया और अवमानना याचिका दायर की। उन्हें 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से संपर्क करने के लिए कहा गया था। दो साल बाद हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश दिया लेकिन सर्किल रेट 1.1 लाख में 50 प्रतिशत काट कर प्राधिकरण को भुगतान करने के लिए कहा।
याचिकाकर्ता और नोएडा प्राधिकरण दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने प्राधिकरण से ब्याज के अलावा 1.10 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजे का भुगतान करने को कहा गया।