Saturday, 27 July 2024

यमुना अथॉरिटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया जोर का झटका

कोर्ट ने लॉजिक्स बिल्डर को उसकी जब्त राशि का ब्याज समेत 60 करोड़ देने का आदेश दिया है

यमुना अथॉरिटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया जोर का झटका

Greater Noida News : अपने एक निर्णय से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना अथॉरिटी को एक जोरदार झटका दिया है। कोर्ट ने लॉजिक्स बिल्डर को उसकी जब्त राशि का ब्याज समेत 60 करोड़ देने का आदेश दिया है। यमुना अथॉरिटी की गलती यह थी कि समय पर बिल्डर को जमीन नहीं दे पाया था। यमुना अथॉरिटी ने बिल्डर की ओर से एक प्लॉट वापस किए जाने पर उसकी 25 प्रतिशत राशि जब्त कर ली थी। लॉजिक्स बिल्डर ने साल 2011 में यमुना अथॉरिटी से जमीन ली थी।

प्राधिकरण ने जमीन न होने पर भी रजिस्‍ट्री करवादी

बिल्‍डर से पैसे लेकर प्राधिकरण ने जमीन कम होने के बावजूद ज्‍यादा जमीन की रजिस्‍ट्री करवा दी। बताया जाता है कि उस समय यमुना प्राधिकरण के पास केवल 70 एकड़ जमीन थी और उसने बिल्‍डर से पूरे पैसे लेकर 200 एकड़ जमीन की रजिस्‍ट्री करवा दी। इसी बात को लेकर बिल्‍डर और यमुना प्राधिकरण में विवाद हो गया और बिल्‍डर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में यमुना प्राधिकरण के खिलाफ केस कर दिया। और अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिल्‍डर के पक्ष में निर्णय देते हुए यमुना प्राधिकरण को बिल्‍डर की जब्‍त राशि को इन्‍ट्रेस्‍ट के साथ लौटाने का आदेश दिया है।

कोर्ट के निर्णय से बिल्डर को मिली राहत

आपको बता दें कि यमुना अथॉरिटी ने सेक्टर 22 डी में 200 एकड़ जमीन टाउनशिप विकसित करने के लिए बिल्डर को दी थी। अथॉरिटी ने जमीन को 308.41 करोड़ में बिल्डर को दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राशि का 10 प्रतिशत बिल्डर ने 30 दिनों के अंदर भुगतान भी कर दिया था। एक साल बाद बिल्डर ने 200 एकड़ जमीन दो भागों में रजिस्ट्री करने का अनुरोध किया था। इसके बाद 2012 तक बिल्डर ने प्रीमियम की शेष राशि 70 प्रतिशत दूसरी किश्त का भी भुगतान कर दिया था।

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यमुना अथॉरिटी को बिल्डर को ब्याज सहित 60 करोड़ देने का आदेश

अथॉरिटी के पास उस दौरान 70 एकड़ जमीन ही थी। बताया गया है कि उस दौरान 200 एकड़ की रजिस्ट्री बिल्डर को करा दी। समय पर जमीन नहीं मिलने पर बिल्डर और यमुना अथॉरिटी में विवाद हो गया था। इस पर बिल्डर ने अथॉरिटी को जमीन वापस कर दी। इस पर यमुना अथॉरिटी ने जमा राशि का कुल 25 प्रतिशत राशि जब्त कर ली थी। इसके बाद बिल्डर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिल्डर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए यमुना अथॉरिटी को बिल्डर को ब्याज सहित 60 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है।

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