Wednesday, 20 November 2024

Noida Authority Theft: नोएडा पुलिस की पकड़ से दूर है सरकारी खजाने में सेंधमारी का ”मास्टर माइंड” 200 करोड़ FD कांड

Noida Authority Theft सार Noida Authority Theft: नोएडा प्राधिकरण के सरकारी खजाने में सेंधमारी करने का मास्टर माइंड अभी तक…

Noida Authority Theft: नोएडा पुलिस की पकड़ से दूर है सरकारी खजाने में सेंधमारी का ”मास्टर माइंड” 200 करोड़ FD कांड

Noida Authority Theft

सार

Noida Authority Theft: नोएडा प्राधिकरण के सरकारी खजाने में सेंधमारी करने का मास्टर माइंड अभी तक भी नोएडा कमिश्नरी पुलिस के हाथ नहीं आ सका है। पुलिस मास्टर माइंड को चारों दिशाओं में तलाश जरुर कर रही है, लेकिन वह पुलिस से कई कदम आगे चल रहा है। हालांकि इस मामले में पुलिस टीम ने कई लोगों को गिरफ्तार जरुर किया है, लेकिन वह भी पुलिस के काम नहीं आ सके और 200 करोड़ रुपये के FD कांड के मास्टर माइंड का पता नहीं बता सके। आशंका है कि इस पूरे प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण व बैंक के अंदर का ही कोई व्यक्ति मास्टर माइंड है।

विस्तार

Noida Authority Theft : आपको बता दें कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में नोएडा प्राधिकरण के सरकारी खजाने में सेंधमारी का खुलासा हुआ था। नोएडा प्राधिकरण विभिन्न माध्यमों से आने वाली धनराशि में से एक बड़ी राशि को अलग अलग बैंकों में फिक्स डिपोजिट (FD) में रखता है। यह प्रक्रिया नोएडा प्राधिकरण की स्थापना के समय से ही चल रही है। जैसे जैसे प्राधिकरण की आमदनी बढ़ती गई वैसे ही वैसे अलग अलग बैंकों में प्राधिकरण की एफडी की संख्या भी बढ़ती रही। इसी चक्कर में अनेक बैंक प्राधिकरण के दरवाजे पर पहुंचते रहे और​ निवेदन करते रहे हैं कि उन्हीं के बैंक में एफडी कराई जाए। अपने अपने बैंक में एफडी कराने के लिए सभी बैंक प्राधिकरण को अधिक से अधिक ब्याज भी आफर करते रहे। इतना ही नहीं अपने अपने बैंक में एफडी कराने के लिए बैंकों के अधिकारी ”सिफारिशी जुगाड” भी लगाते रहे हैं।

पूरे 200 करोड़ पर थी सेंधमारों की नजर

आपको बता दें कि यह मामला नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये में की गई सेंधमारी का है। सेंधमारों ने 9 करोड़ 90 लाख रुपये तो बैंक से उड़ा लिए थे, जब वे 9 करोड़ रुपये और निकाल रहे थे तब इस प्रकरण की पोल खुली। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से गत 4 जुलाई को थाना सेक्टर 58 में फर्जी दस्तावेजों का आधार पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। दर्ज रिपोर्ट में बताया गया था कि प्राधिकरण ने अपने बैंक खातों में जमा धनराशि पर अधिकतम ब्याज देने के आधार पर सेक्टर 62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया को 200 करोड़ रुपये की एफडी करने के लिए स्वीकृत किया था।

इस संबंध में 21 जून को बैंक खाता संचालन के लिए पत्र भी निर्गत किया गया। 23 जून को बैंक ऑफ इंडिया ने अपने पत्र व ईमेल के द्वारा बैंक खाता खोले जाने की पुष्टि की। इसके पश्चात प्राधिकरण ने 100- 100 करोड़ रुपये की धनराशि 26 जून को एचडीएफसी बैंक व इंडियन बैंक के खाते से भेजकर बैंक ऑफ इंडिया को 200 करोड़ रुपये की एफडी नोएडा प्राधिकरण को उपलब्ध कराने को कहा।

Noida Authority Theft

इसी प्रकार के एक मामले में 3 जुलाई 2023 को बैंक ऑफ इंडिया की शाखा को दिए गए रुपयों की एफडी की पुष्टि करने के लिए जब प्राधिकरण कर्मी बैंक पहुंचे तो पता चला कि 200 करोड रुपये की एफडी नहीं बनाई गई है बल्कि 30 जून को उस खाते से तीन करोड़ 90 लाख रुपये किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। इस दौरान प्राधिकरण को सूचना मिली कि अब्दुल खादर नामक व्यक्ति द्वारा उक्त खाते से 9 करोड़ रुपये और निकालने का प्रयास किया गया था। इस जानकारी के बाद प्राधिकरण व बैंक में हड़कंप मच गया था। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सेक्टर 58 थाने में 3 जुलाई को मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में तब से अब तक अगल अलग स्थानों से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

Noida Authority Theft, नोएडा हिन्दी न्यूज़: 11 जुलाई को नोएडा पुलिस ने इस मामले में गाजियाबाद जिले के मुरादनगर कस्बे के रहने वाले सुधीर चौधरी, बुलंदशहर निवासी मुरारी जाटव तथा लखनऊ के रहने वाले राजेश नामक युवक को गिरफ्तार किया था। इनका एक साथी पहले ही गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। गिरफ्तार किए गए जालसाजों ने पुलिस को बताया कि उनका एक पूरा गिरोह इस काम में लगा हुआ था। उनके गिरोह का बॉस मनु पोला नामक व्यक्ति है। अपने बॉस के विषय में इन जालसाजों ने पुलिस को अधिक कुछ नहीं बताया है।

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क्या भूमिगत हो गया है मनु पोला ?

Noida Authority Theft, ग्रेटर नोएडा हिन्दी न्यूज़: नोएडा प्राधिकरण के खजाने में सेंधमारी करने वाले गिरोह के सरगना मनु पोला का पुलिस अभी तक कोई पता नहीं लगा सकी है। इस मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजे गए गिरोह के चार सदस्यों से पुलिस मनु पोला के बारे में कुछ भी नहीं उलगवा सकी है। लोग सवाल कर रहे हैं कि मनु पोला क्या भूमिगत हो गया है। दरअसल, इस केस में मनु पोला की गिरफ्तारी बहुत ही अहम हैं क्योंकि मनु पोला के दिल और दिमाग में ही इस केस के असली मास्टर माइंड के राज दफन हैं। मनु पोला की गिरफ्तारी के बाद ही यह पता लग सकता है कि नोएडा प्राधिकरण के सरकारी खाते से रकम उड़ाने की योजना बनाने वाला असली खिलाड़ी कौन है ?

सरकारी खजाने में सेंध लगाने के इस मामले में पूरे 21 दिन बीत चुके हैं। लगता है कि नोएडा पुलिस इतने बड़े घोटाले के मास्टर माइंड से अभी भी कोसों दूर है। पुलिस को कहीं से भी मास्टर माइंड की खबर नहीं मिल रही है। यही कारण है कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। पुलिस के अंतरंग सूत्रों का दावा है कि नोएडा कमिश्नरी पुलिस के कई अधिकारी भी सीबीआई जांच की सिफारिश के पक्ष में हैं। जानकारों का कहना है कि सीबीआई की जांच के बिना असली मास्टर माइंड का खुलासा होना मुश्किल काम लग रहा है। Noida Authority News

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