नोएडा । स्नातक के छात्रों को डिफेंस तकनीकी में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (एमटेक इन डिफेंस तकनीकी) के लिए जागरूक करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा लद्दाख सांइस फाउंडेशन के सहयोग से ऑनलाइन कैरियर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लद्दाख सांइस फांउडेशन के संस्थापक निदेशक और इसरो के नैविगेशन एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सेरिंग ताशी, देहरादून के डीआरडीओं के उपकरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के संयुक्त निदेशक शबीर अहमद, एमिटी विश्वविद्यालय में एमटेक इन डिफेंस तकनीकी कार्यक्रम के चेयरमैन डा डब्लू सेल्वामूर्ती परिचर्चा सत्र में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एडं टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजिनियरिंग के प्रमुख डा बसंत सिह सिकरवार द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया और कार्यक्रम की सफलता की शुभेच्छा प्रदान की।
इस अवसर पर लद्दाख के तीन प्रतिभावान छात्रों को जो एम टेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी पाठयक्रम करना चाहते है उन्हे 100 प्रतिशत छात्रवृत्ति प्रदान करने की घोषण की गई और उन्हे उन्हे इस दो वर्ष के पाठयक्रम के लिए कोई फीस नही देनी होगी।
लद्दाख सांइस फांउडेशन के संस्थापक निदेशक और इसरों के नैविगेशन एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सेरिंग ताशी ने ‘राष्ट्रीय निर्माण में इसरो’ पर संबोधित करते हुए कहा कि इस एमटेक इन डिफेंस तकनीकी कार्यक्रम से रोजगार, डिफेंस तकनीकी में शोध के अवसर प्राप्त होगे। उन्होनें कहा कि वर्तमान समय में अंतरिक्ष क्षेत्र में नीति क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ रही है। प्रारंभ में इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अग्रणी था किंतु अब नई अंतरिक्ष निती से दरवाजे निजी क्षेत्रों के लिए खुल गये है। अब निजी क्षेत्र में सहयोग करते हुए नये सैटेलाइट को लांच कर सकती है, एमटेक इन डिफेंस तकनीकी के पाठयक्रम अंतरिक्ष उद्योगों में सरकारी और निजी क्षेत्रों के लिए सहायक होगें।
देहरादून के डीआरडीओं के उपकरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के संयुक्त निदेशक शबीर अहमद ने ‘रक्षा शोध और विकास में युवाओं की भूमिका’ पर संबोधित करते हुए कहा कि आज मै यहां पर लद्दाख के वैज्ञानिक समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, लद्दाख के लोग रक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। लद्दाख स्काउट रेजीमेंट, गौरवांवित भारतीय सेना का हिस्सा है जिन्होनें कई युद्घों में अपने पराक्रम को दिखाया है। डीआरडीओं या अन्य रक्षा ये जुड़े पीएसयू में कार्य करके आप भारतीय सेना को सहयोग कर सकते है।
इस कार्यक्रम के जरीए एमिटी विश्वविद्यालय और डीआरडीओ द्वारा प्रारंभ किये गये एमटेक डिफेंस टेक्नोलॉजी की जानकारी हमारे लद्दाख के छात्रों को अवसर प्रदान करेगी जिससे वे अपने शिक्षा की योग्यता में वृ़िद्ध कर सकेगें और रक्षा के क्षेत्र में शोध एवं विकास के क्षेत्र में अवसरो के उच्च संभावनाओं को प्राप्त कर सकेगें।