Tuesday, 17 December 2024

Noida News : नवजात शिशुओं पर अंधत्व का खतरा

Noida News : नोएडा। देश भर में हर साल 5 हजार बच्चे पूरी तरह से अंधत्व का शिकार हो जाते…

Noida News : नवजात शिशुओं पर अंधत्व का खतरा

Noida News : नोएडा। देश भर में हर साल 5 हजार बच्चे पूरी तरह से अंधत्व का शिकार हो जाते हैं। इन बच्चों को नेत्रहीनता से बचाने के लिए इनके जन्म के समय 4 से 6 हफ्ते के भीतर आंखों की जांच करानी चाहिए। इस जांच से रैटीनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरटी (आरओपी) से बचाव होगा। विश्व दृष्टिï दिवस के मौके पर नोएडा स्थित आई केयर अस्पताल के सीईओ डा. सौरभ चौधरी ने बच्चों को होने वाली इस समस्या पर प्रकाश डाला।

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सीईओ डॉ. सौरभ चौधरी ने बताया कि अगर समय से पहले पैदा होनेवाले नवजात शिशुओं की आंखों की जांच 4 से 6 सप्ताह के भीतर कर ली जाए तो इससे क्रह्रक्क के ख़तरे का आसानी से पता चल सकता है। मगर भारत में ROP  प्रशिक्षण प्राप्त ऑप्थालमोलॉजिस्टों और जन्म के समय देखभाल करने वाले पेडिआट्रिशियनों की भारी कमी एक बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में अभिभावकों, स्वास्थ्यकर्मियों और काउंसरों में ROP  संबंधी जानकारी का अभाव इस समस्या की गंभीरता को बढ़ा देता है।

उलेखनीय  है कि इस समय देशभर में महज़ 200 ROP  स्पेशियालिस्ट ही मौजूद हैं। प्रीमेच्योर नवजात बच्चों की देखभाल के लिए होनेवाले ख़र्च में कमी लाने और इससे संबंधी सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी के साथ जन्म के समय की जानेवाली ज़रूरी देखभाल में सुधार और स्क्रीनिंग व उपचार संबंधी योजानाओं के विस्तार की भी आवश्यकता है। पेडिआट्रिशियनों,  ऑप्थालमोलॉजिस्टों और नर्सों में जागरुकता बढ़ाने से नवजात शिशुओं को नेत्रहीन होने से बचाया जा सकता है।
भारत में 1,000 में से 1 बच्चा दृष्टिहीन पैदा होता है. एक अनुमान के मुताबिक, नवजात शिशुओं में होनेवाले 20 फ़ीसदी अंधत्व के मामलों के लिए क्रह्रक्क  जि़म्मेदार होता है।

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