Noida News (महेश कुमार शिवा) : उत्तर प्रदेश का नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर। यह दोनों ही शहर लोगों के सपनों के शहर हैं। इन दोनों शहरों की गगनचुंबी इमारतें हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा की महिलाएं और युवतियां आसमान को छूने के लिए बेताब रहती हैं। न केवल आसपास के जनपदों बल्कि दूर दराज के प्रदेशों की युवतियां और महिलाएं नोएडा में अपनी लाइफ को कामयाब बना रही हैं। लेकिन इस सबसे इतर एक सच्चाई सामने आई है। सच्चाई यह है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत पूरे जनपद गौतमबुद्ध नगर में हर महीने तीन महिला/युवती और आधा दर्जन बच्चियां हवस का शिकार होती हैं। मतलब साफ है कि नोएडा (गौतमबुद्धनगर जनपद) की महिलाएं, युवतियां और किशोरियां (बच्चियां) हवस के भूखे दरिंदों के निशाने पर रहती हैं और मौका लगते ही हवस के दरिंदे अपने मकसद में पूरा भी हो जाते हैं।
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आपको बता दें कि यूपी की योगी सरकार द्वारा साल 2020 के जनवरी माह में गौतमबुद्धनगर जनपद की सामान्य पुलिस व्यवस्था को बदल दिया गया था और यहां पर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई थी। नोएडा (गौतमबुद्धनगर जनपद) में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने का मकसद यही रहा था कि इस जिले में होने वाले अपराधों में कमी लाई जा और यहां से अपने गैंग का संचालन करने वाले माफियाओं को नेस्तनाबूद किया जा सके। हालांकि नोएडा में माफियागिरी पर और अन्य प्रकार के अपराधों में कमी आई है, लेकिन महिला से संबंधित अपराध बरकार हैं।
वर्ष 2022 में हुआ 29 महिलाओं, 74 बच्चियों से रेप
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत पूरे गौतमबुद्धनगर जनपद में हर महीने तीन महिला अथवा युवती एवं छह बच्चियां रेप और या अन्य प्रकार से यौन शोषण का शिकार होती हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 की बात करें तो वर्ष 2022 में महिलाओं से संबंधित अपराध के कुल 940 केस दर्ज हुए। यानि हर महीने करीब 78 केस जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। इनमें रेप के कुल केस 29 रहे, यानि हर महीने तीन महिला या युवती हवस के दरिंदों का शिकार हुई। इस साल में पोस्को एक्ट के 74 केस दर्ज हुए, यानि हर महीने करीब आधा दर्जन बच्चियां या किशोरिया यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हैं।
अब अगर विववाहित महिलाओं के प्रति हिंसा की बात करें तो वर्ष 2022 में दहेज उत्पीड़न के कुल 293 केस दर्ज हुए हैं, जबकि दहेज हत्या के 32 केस दर्ज हुए हैं। कुल मिलाकर वर्ष 2022 में हर महीने दो विवाहिता दहेज की बलि चढ़ा दी गई।
2021 में 46 महिला व 80 किशोरी हुई शिकार
अब अगर वर्ष 2021 के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि वर्ष 2021 में महिलाओं के प्रति अपराध के कुल 882 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें रेप के कुल 46 मामले दर्ज हुए और पोस्को एक्ट के 80 केस दर्ज हुए है। रेप और पोस्को एक्ट के आंकडे बताते हैं कि रोजाना तीन महिला या युवती दरिंदों के हाथों हवस का शिकार बनी और सात बच्चियों का यौन उत्पीड़न हुआ। दहेज हत्या के मामलों पर नजर डाले तो पता चलता है कि वर्ष 2021 में दहेज उत्पीड़न के कुल 257 केस दर्ज हुए और दहेज हत्या के 45 मामले पंजीकृत हुए।
हवस के दरिंदों के हाथों शिकार होने वाली महिलाओं, युवतियों और बच्चियों में स्थानीय के अलावा वो भी शामिल हैं, जो यूपी के विभिन्न जनपदों के अलावा दूसरे प्रदेशों से आकर यहां अस्थायी रुप से निवास करती हैं और किसी न किसी कंपनी, फैक्ट्री अथवा अन्य वाणिज्यक संस्थानों में जॉब करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं भी इनमें शामिल हैं।
महिलाओं की सहायता के लिए हेल्प डेस्क
आपको बता दें कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी के लिए हर साल नोएडा पुलिस कमिश्नरी के विभिन्न थाना पुलिस द्वारा गांव देहात, स्कूल कालेजों और वाणिज्यक प्रतिष्ठानों व फैक्ट्रियों में जाकर महिलाओं और युवतियों को जागरूक किया जाता है। हर थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गई है ताकि महिलाएं अपनी समस्याओं को महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से खुलकर बयां कर सके।
टॉल फ्री नंबर बन रहे मददगार
सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला हेल्प लाइन नंबर 1090 जारी किया है। यह टॉल फ्री नंबर है। परेशानी में फंसी महिला इस नंबर पर कभी भी किसी भी वक्त कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है, जिस पर तुरंत ही एक्शन होता है। इसके अलावा पुलिस सहायता नंबर 112 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
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