Monday, 5 May 2025

दिवाली पर किस तरह के पटाखे चलाएं, जानें सुप्रीम कोर्ट की पूरी गाइड लाइन

Noida News : देश की राजधानी दिल्ली और नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत पूरे एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम…

दिवाली पर किस तरह के पटाखे चलाएं, जानें सुप्रीम कोर्ट की पूरी गाइड लाइन

Noida News : देश की राजधानी दिल्ली और नोएडा, ग्रेटर नोएडा समेत पूरे एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस बार दीवाली पर पटाखों को पूरे देश में बैन कर दिया है। जिसको लेकर इस बार फिर से दिवाली बंदिशों वाली होगी। जी हां, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व दिल्ली और मुंबई सहित कई शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। जहरीली हवा ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर रखा है। इसी वजह से कई जगहों की सरकारों ने दीवाली पर कुछ बंदिशें लगाई हैं। दिल्ली में ऑड-ईवन रूल के साथ साथ पटाखे जलाने पर बैन है, तो देश के अन्य हिस्सों में पटाखे फोड़ने का समय तय कर दिया गया है।

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पूरे देश में बैन है पटाखे

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि, बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य को बाध्य करता है। यह केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश पर लागू होता है। चूंकि दिवाली से पहले उत्तर भारत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरे के निशान को पार कर गया है।

किस तरह के पटाखों की अनुमति है ?

अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ‘हरित पटाखों’ और कम उत्सर्जन वाले पटाखों को छोड़कर सभी पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने देर तक जलने और आवाज करने वाले पटाखों के निर्माण और बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। आतिशबाजी में बेरियम लवण के उपयोग पर रोक लगा दी गई थी। 29 अक्टूबर 2021 के अपने आदेश में कोर्ट ने इसे दोहराया। इस साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा निर्माताओं के संघ की उस याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें शामिल पटाखों के उपयोग की अनुमति देने और हरे पटाखों में बेहतर एडिटिव्स के साथ बेरियम जोड़ने की मांग की गई थी। 2020 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एनसीआर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि केवल उन शहरों और कस्बों में ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जाएगी जहां हवा की गुणवत्ता मध्यम या खराब थी।

पहले भी दो बार जारी हुई थी गाइडलाइन

आपको बता दें कि इससे पहले पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट दो बार गाइड लाइंस जारी कर चुका है। पहली बार 23 अक्टूबर 2018 को और दूसरी बार 29 अक्टूबर 2018 को। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि पटाखों पर पूरी तरह से रोक नहीं है, और केवल उन पटाखों को प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें बेरियम सॉल्ट होता है। अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी सभी पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक लगा दी थी। इन पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने का समय भी तय कर दिया था। गाइड लाइंस के मुताबिक दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़े जा सकते हैं।

Noida News क्या है ग्रीन पटाखे ?

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (CSIR-NEERI) के तत्कालीन निदेशक डॉ. राकेश कुमार ने 2018 में बताया था कि ग्रीन पटाखों का नाम इसलिए रखा गया है, क्योंकि उनमें वायु प्रदूषण के हानिकारक रसायन नहीं होते हैं। पटाखों में ऐसे घटकों को बदल दिया जाता है, जो वातावरण के लिए कम खतरनाक होते हैं। ग्रीन पटाखे बनाने के विचार पर सेंट्रल इलेक्ट्रो केमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीईसीआरआई), नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल केमिकल लेबोरेटरी सहित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के एक नेटवर्क द्वारा शोध किया गया था। ये पटाखे कम हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन करते हैं। ये जलवाष्प भी छोड़ते हैं जो धूल को दबाने का काम करता है।

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