Thursday, 25 April 2024

सुपरटेक को लाभ पहुंचाने के लिए एफएआर खरीदने की नीति हुई थी मंजूर

नोएडा (चेतना मंच)। सुपरटेक पर बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी की सरकारें तथा चंद आका इस तरह मेहरबान थे…

सुपरटेक को लाभ पहुंचाने के लिए एफएआर खरीदने की नीति हुई थी मंजूर

नोएडा (चेतना मंच)। सुपरटेक पर बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी की सरकारें तथा चंद आका इस तरह मेहरबान थे कि उसको लाभ पहुंचाने के लिए नोएडा प्राधिकरण में एफएआर खरीदने की नीति बनायी गयी। इसका सुपरटेक ने भरपूर लाभ भी उठाया। सुपरटेक एमराल्ड प्रोजेक्ट में बिल्डर ने 23 करोड़ रूपये देकर तीन बार एफएआर खरीदा।

प्राधिकरण के अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि सेक्टर-93ए के जिस भूखंड संख्या जीएच-04 में सुपरटेक एमराल्ड प्रोजेक्ट का टॉवर नं0 16 व 17 का निर्माण किया गया वह ग्रीन बेल्ट की जमीन थी।

 प्राधिकरण चाहता तो इस भूमि का भू-प्रयोग बदलकर यहा नियमानुसार इमारत का निर्माण की अनुमति दे सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अधिकारियों की जेब भरने के लिए तीन बार फ्लोर की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट को रिवाइज किया गया। दो बार में करीब 23 करोड़ पहली बार में 8 करोड़ व दूसरी बार में 15 करोड़ रुपए (ऑन रिकार्ड) देकर परचेबल एफएआर खरीदा गया। यहा प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट की ऊचाई को नो लिमिट रखा। इमारत की स्वीकृत ऊचाई 121 मीटर रखी गई। सुपरटेक एमराल्ड को 23 नवंबर 2004 को सेक्टर-93 ए में 48263 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया गया। 21 जून 2006 को प्राधिकरण ने 6556.51 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया। इस दौरान सुपरटेक को 1.5 एफएआर दिया गया। नियमता सिर्फ नए अलाटी को ही 2 से 2.75 एफएआर दिया जा सकता था। 19 नवंबर 2009 को सुपरटेक के कहने पर दूसरी बार प्लान को रिवाइज करते हुए उसने 1.5 एफएआर का 33 प्रतिशत खरीदा। यानी अब एफएआर 1.995 हो गया। यह एफएआर उसने 8 करोड़ रुपए में खरीदा। 26 नवंबर 2009 को प्राधिकरण ने एमराल्ड कोर्ट का दूसरा रिवाइज प्लान स्वीकृत कर दिया। ऐसा होने के साथ ही बिल्डर ने घर खरीददारों के समक्ष टी-16 टावर में ग्राउंड प्लस 11 और ग्राउंड प्लस 1 शापिंग कांप्लेक्स के स्थान पर दोनों टावरों में ग्राउंड प्लस 24 फ्लोर के साथ 73 मीटर ऊचाई का नया प्लान प्रस्तुत किया। इसी तरह सुपरटेक ने तीसरी बार परचेज एफएआर के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया। प्राधिकरण ने तीसरा रिवाइज प्लान पास कर दिया। इसके तहत दोनों टावरों को ग्राउंड प्लस 24 से बढ़ाकर 40 फ्लोर का कर दिया गया। साथ की इसकी ऊचाई 121 मीटर तय की गई। 25 अक्टूबर 2011 को सुपरटेक ने 15 करोड़ देकर परचेबल एफएआर खरीदा। यानि एफएआर 1.995 से 2.75 कर दिया गया। एफएआर खरीदा गया और अधिकारियों की जेब भरती चली गई। लेकिन अब एसआईटी की जांच में सभी भ्रष्टï अफसरों का जेल जाना तय माना जा रहा है।

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