Sunday, 19 May 2024

Ghaziabad Tomato News: 100 ग्राम टमाटर के बीजों से मालामाल होने का तरीका, सबसे उन्नत अर्का टमाटर बना देंगे आपको धनपति

Ghaziabad Tomato News:  विशेष रिपोर्ट/मीना कौशिक जिस टमाटर को ढाई सौ ग्राम खरीदने के लिए जुलाई अगस्त महीने में चौतरफा…

Ghaziabad Tomato News: 100 ग्राम टमाटर के बीजों से मालामाल होने का तरीका, सबसे उन्नत अर्का टमाटर बना देंगे आपको धनपति

Ghaziabad Tomato News:  विशेष रिपोर्ट/मीना कौशिक जिस टमाटर को ढाई सौ ग्राम खरीदने के लिए जुलाई अगस्त महीने में चौतरफा मारामारी मची है वही टमाटर आपको मालामाल भी कर सकता है और टमाटर के इस रूप को आप देखकर दंग रह जाएंगे। आपको पता है 100 ग्राम बीजों से 500 क्विंटल सबसे बेस्ट क्वालिटी का टमाटर…. वह भी मात्र 1 एकड़ में प्राप्त कर सकते हैं। टमाटर की सबसे उच्च किस्म की श्रेणी से हम आपका परिचय कराते हैं जिसे देखकर ना सिर्फ आपका मन मचल उठेगा बल्कि आप यह सोचेंगे कि यह मटर माला है या टमाटर की खेती… लाल लाल सुर्ख टमाटर की यह मटर माला लताओं की तरह सज्जित ऐसा लग रहा है जैसे किसी सुनार की दुकान पर किसी कारीगर ने अपने तमाम हीरो के हार सीधा करके प्रदर्शन के लिए लटका दिए हैं…. दरअसल अर्क टमाटर हाइब्रिड f1 के साथ इसकी अलग अलग-अलग कई किस्म है हम इनको पर्ल अर्का रक्षक अर्क f1, विकास और का आदि नाम से जानते हैं। … हम तरीका बता रहे हैं साधारण सी दोमट मिट्टी में टमाटर के सोने की माला या मटर माला जैसे उन्नत किस्म के टमाटर को आप सजा संवार कर कैसे बेच कर अंतर्राष्ट्रीय टमाटर के व्यापारी बन सकते हैं…. तो आए जाने टमाटर के सर्वोत्तम इस खजाने को  आपको बता दें 100 ग्राम बीजों से 500 क्विंटल टमाटर प्राप्त करके हो जाएंगे आप कैसे मालामाल!

Ghaziabad Tomato News
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सलाद और सब्जियों के राजा टमाटर का वैज्ञानिक नाम है शोलेमन लाइकोपर्सीकोन। आज हम आपको टमाटर की तमाम उन्नत किस्मों के साथ एक सबसे सर्वोत्तम टमाटर से मालामाल होने और उसके उत्पादन के बारे में बता रहे हैं। ताकि आप एक-एक टमाटर को ना तरसे बल्कि टमाटर के बड़े उद्योग के रूप में अपने आप को स्थापित करके मिट्टी के वह किसान बने जो धरती से सोना बनाने की ताब रखता है , उच्च तकनीक के साथ हम 21वीं सदी से हम आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पादक बन सकते हैं। इसके लिए अनुसंधान विज्ञान ने तमाम अध्ययन करके वह टिप्स दिए हैं जिससे लाल लाल टमाटर सोने की तरह मटर माला के रूप में आपकी जिंदगी की शान बन सके।

टमाटर की विभिन्न किस्में और उनकी अलग-अलग विशेषताएं ….

टमाटर की उन्नत किस्मों में पूसा 120 ,पूसा शीतल ,उषा गौरव अर्का, विकास अर्का रक्षक है। अरका एफ 11, पर्ल अर्का टमाटर की उन्नत किस्म उत्पादन लागत और मांग सभी दृष्टि से बेहतरीन है।
माला माल बना सकता है अर्का टमाटर।
अर्का रक्षक टमाटर की उन्नत किस्म के बारे में भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक और सब्जी फसल डिवीजन के प्रमुख सदाशिव ने गाजियाबाद में जानकारी देते हुए बताया : अर्का रक्षक की उन्नत किस्म अनुसंधान विज्ञान की देन है जिसको 2010 में अनुसंधान संस्थान की तरफ से तैयार किया गया था और इस फल से हम मात्र 100 ग्राम बीज से एक एकड़ में 500 क्विंटल तक टमाटर की पैदावार ले सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह टमाटर 90 ग्राम से लेकर 100 ग्राम का फल होता है , एकदम बढ़ा और ठोस होता है जो बाजार की डिमांड के मुताबिक अनुकूल है। स्वादिष्ट और गुणों में भी बेजोड़ है।  इसमें टमाटर के अन्य गुणों के साथ भरपूर विटामिन ए पाया जाता है। सदाशिव का कहना है कि यह भारत की पहली ऐसी किस्म है जो त्रिगुणित रोग प्रतिरोधक होती है। इसमें पत्ती मोडक़ विषाणु, जीवाणुविक झुलसा और अगेती अंगमारी जैसे रोगों से लडऩे की क्षमता है।

लागत कम मुनाफा ज्यादा

फसल विज्ञानी सदाशिव के अनुसार अर्का रक्षक टमाटर के उत्पादन में लागत कम आती है और मात्र 150 दिनों में यह फसल तैयार हो जाती है और मुनाफा बहुत देती है। क्योंकि इसके गुणाकार स्वादिष्ट और खूबसूरती के कारण बाजार में इसकी मांग ज्यादा होती है।

अर्का रक्षक टमाटर की बुवाई का समय

अगर जनवरी में इस किस्म की टमाटर की बुवाई करनी है तो इसकी नर्सरी हमें नवंबर के माह में ही कर लेनी चाहिए। और अगर मई में बोना चाहते हैं तो मार्च-अप्रैल में  उन्नत बीजों से नर्सरी तैयार कर लेनी चाहिए। और अगर हमारा इधर इरादा सितंबर में टमाटर की बुवाई का है तो हमें 16 अगस्त में इसकी नर्सरी तैयार करनी होगी।
टमाटर की नर्सरी तैयार करने की तकनीक टमाटर की नर्सरी तैयार करने के लिए हमें दोमट मिट्टी मे अच्छी तरह निराई गुड़ाई आदि करके बेहतर मिट्टी बनाकर 90 से 100 सेंटीमीटर चौड़ी नर्सरी तैयार करनी चाहिए जो 10 से 15 सेंटीमीटर उठी हो, 4 सेंटीमीटर की गहराई पर बीजों की बुवाई करनी चाहिए और बुवाई के बाद उसमें हल्का पानी की सिंचाई करनी चाहिए, बीज की नर्सरी में बुवाई से पहले 2 ग्राम केप्टान से उपचारित करना चाहिए। इसके अलावा खेत में प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से 8 से 10 ग्राम कार्बो पुराण 3G डालना चाहिए ।

टमाटर के लिए कौन सी मिट्टी उपजाऊ होती है

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टमाटर की खेती हल्की मिट्टी में होती है इसके लिए काली दोमट लाल दोमट और रेतीली दोमट वाली मिट्टी में टमाटर की खेती का अच्छा उत्पादन होता है।
फसल विशेषज्ञ की राय
टमाटर फसल की अच्छी पैदावार के लिए अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 7 से 8.5 होना चाहिए। क्योंकि इसमें मध्यम अम्लीय और लवणीय मिट्टी को सहन करने की क्षमता होती है। इसके साथ विभिन्न कीटों और मृदाजनित रोगों से बचाने के लिए बीज को 3 ग्राम थायरम या 3 ग्राम कार्बेन्डाजिम से उचारित करें। गर्मी में फसल बुवाई के दौरान 6 से 7 दिनों के अंतर में सिंचाई करना चाहिए। और सर्दियों में टमाटर की फसल 10-15 दिन के अंतर में सिंचाई करना पर्याप्त है। टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई जरूरी है।
टमाटर की खेती में खाद का प्रयोग
फसल विज्ञानियों का मानना है कि टमाटर की खेती में मिट्टी की जांच के बाद ही आवश्यकतानुसार खाद डालना चाहिए और अगर ऐसा संभव नहीं है तो प्रति हेक्टेयर नेत्रजन-100 किलोग्राम, स्फूर-80 किलोग्राम तथा पोटाश-60 किलोग्राम कि दर से डालना चाहिए। एक-तिहाई नेत्रजन, स्फूर और पोटाश की पूरी मात्रा का मिश्रण बनाकर, प्रतिरोपण से पूर्व मिट्टी में बिखेर कर अच्छी तरह मिला देना चाहिए। बचे हुए नेत्रजन को दो बराबर भागों में बांटकर, पौधा प्रतिरोपण के 25 से 30 और 45 से 50 दिन बाद उपरिवेशन (टॉपड्रेसिंग) के रूप में डालकर मिट्टी में मिला देनी चाहिए।
Ghaziabad Tomato News फल आने के बाद रख रखाव
जब अर्का रक्षक फल पौधे पर आने लगे और बड़ा होने लगे तो उसके फटने की संभावनाएं रहती हैं इसलिए हमें पहले से प्रति हेक्टेयर बोरेक्स 20 25 किलोग्राम पहले से मिट्टी में मिला देना चाहिए। इसके अलावा फल आने के बाद जीरो पॉइंट 4 या 0 पॉइंट 5 यूरिया की गोल का छिड़काव करना चाहिए। ताकि फल को नुकसान ना हो।
गर्मी सर्दी से टमाटर फसल का बचाव
फल की रक्षा के लिए गर्मी सर्दी से बचाव करना जरूरी होता है गर्मियों में 10 से 12 दिनों के बीच और सर्दियों में 15 से 20 दिनों के बीच सिंचाई अवश्य करनी चाहिए ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे ‘
टमाटर की खेती में खरपतवार नियंत्रक लासो छिड़काव जरूरी
लासो’ 2 किलोग्राम/हैक्टेयर कि दर से प्रतिरोपण से पूर्व डालना चाहिए। वहीं रोपण के 4-5 दिन बाद स्टाम्प 1.0 किलोग्राम प्रति हैक्टर की दर से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
टमाटर के गुण और औषधीय क्षमता
टमाटर रोग प्रतिरोधक है टमाटर में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। टमाटर सब्जियों का राजा है। हर सब्जी और डाल टमाटर के बिना अधूरी है। क्योंकि टमाटर का स्वाद रंग और उसके गुण तमाम व्यंजनों को शाही बना देते हैं। सलाद से लेकर व्यंजनों और डाल तक टमाटर की जुगलबंदी खाने में बहुत जरूरी है। यही वजह है टमाटर की आवक किसी भी वजह से कम हो जाए, मौसम की मार के कारण उसे आने-जाने  के रास्ते ना मिले और टमाटर महंगा हो जाए और उसकी मांग प्रभावित हो जाए तो हर घर की थाली सोने सी लगती है और हर हर दफ्तर बाजार सभी जगह आज महंगाई के दौर में टमाटर हर एक की जुबान पर है और सरकार को  इसकी आवक बढाने के लिए नेपाल से प्रतिबंध हटाकर आयातित करने का निर्णय लेना पड़ा ।

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टमाटर के लाभ

टमाटर में औषधीय गुण होते है । टमाटर में कैंसर से बचाव करने तक की अपार क्षमता है। टमाटर का फाइबर हमारे पाचन तंत्र को मजबूती देता है। टमाटर में कैरोटीन, विटामिन, पोटेशियम, और अन्य खनिज तत्व मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें लाइकोपीन नामक गुण भी पाया जाता है जो खासतौर पर कैंसर से लड़ने में मदद करता है। टमाटर एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है जो शरीर को रोगों से बचाते हैं।
चमकदार त्वचा के लिए संजीवनी है टमाटर
टमाटर हमारी त्वचा को चमकदार बनाने और हमारे शरीर को निरोगी बनाने का चमत्कारिक फल है। इसलिए आप भी टमाटर उद्योग अपनाने की सोच सकते हैं। और अपनी फसल वैज्ञानिक तरीके से उगाई तो फसल के हर नुकसान से बचाव करके आप लागत से कई गुना मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। तब टमाटर की हसीन दुनिया आपके लिए मटर माला बनाकर आपकी तिजोरी की शान होगी।Ghaziabad Tomato News

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