UP News : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा ‘पीसीएस प्री’ और ‘आरओ/एआरओ’ परीक्षाओं को दो दिनों में कराने के निर्णय के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी है। ‘वन डे वन एग्जाम’ की मांग को लेकर आयोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्र नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को निष्पक्ष न मानते हुए इसे समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने गुरुवार को कुछ प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस की कार्रवाई, 11 छात्र हिरासत में
गुरुवार सुबह प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को पुलिस ने जबरन हटाया। बुधवार शाम को भी पुलिस ने कोचिंग लाइब्रेरी बंद कराने के आरोप में 11 छात्रों को हिरासत में लिया था। सभी छात्रों को शांति भंग की धाराओं में चालान कर अदालत से रिहाई की संभावना जताई जा रही है। प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया। इससे पहले भी पुलिस ने 11 छात्रों को शांति भंग की धाराओं में हिरासत में लिया था, जिन्हें कोर्ट से जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
क्या है विवाद का कारण? (UP News)
यूपीपीएससी ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिन और दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया है। अभ्यर्थी इसे एक ही दिन और एक शिफ्ट में कराने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि दो दिन परीक्षा होने से नॉर्मलाइजेशन से नुकसान होगा, जिससे निष्पक्षता में कमी आएगी।
नॉर्मलाइजेशन सिस्टम क्या है?
नॉर्मलाइजेशन सिस्टम कठिनाई स्तर के अंतर को संतुलित करने के लिए अंक निर्धारण का एक तरीका है। इसमें प्रत्येक पेपर के कठिनाई स्तर के अनुसार अंक निर्धारित किए जाते हैं। यदि परीक्षा एक दिन से अधिक समय तक होती है, तो परसेंटाइल आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।
अभ्यर्थियों के विरोध का कारण
छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन के तहत यदि किसी शिफ्ट में प्रश्न गलत हुए, तो उसका असर उनकी परसेंटाइल पर पड़ेगा। अधिक अंक लाने वाले छात्रों का भी परसेंटाइल कम हो सकता है, जिससे उनके परीक्षा परिणाम पर असर पड़ेगा।
वन डे वन एग्जाम की मांग (UP News)
अभ्यर्थी ‘वन डे वन एग्जाम’ की मांग पर अड़े हैं और यूपीपीएससी से नॉर्मलाइजेशन सिस्टम खत्म करने की मांग कर रहे हैं, ताकि सभी परीक्षार्थियों के लिए निष्पक्ष माहौल सुनिश्चित हो सके। छात्रों का कहना है कि दो-दिवसीय परीक्षा में हर शिफ्ट के प्रश्नों का स्तर अलग हो सकता है, जिससे नॉर्मलाइजेशन प्रणाली लागू होने पर उनके अंक प्रभावित होंगे। वहीं, आयोग ने बताया कि दो दिन की परीक्षा के लिए मूल्यांकन परसेंटाइल के आधार पर होगा, लेकिन छात्रों का तर्क है कि यह प्रणाली निष्पक्ष नहीं है, जिससे उच्च अंक लाने वाले छात्रों का भी परसेंटाइल घट सकता है। यूपीपीएससी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है।