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दिल्ली के गांधी विहार की उस शांत रात में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। दिल्ली के गांधी विहार में घटा यह अपराध किसी फिल्मी सस्पेंस से कम नहीं था। UPSC की तैयारी कर रहे छात्र रामकेश मीणा की मौत ने राजधानी ही नहीं, पूरे देश को झकझोर दिया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस खौफनाक वारदात के पीछे कोई गैंग नहीं, बल्कि उसी की लिव-इन पार्टनर अमृता चौहान थी जो विडंबना ये है कि खुद फॉरेंसिक साइंस की छात्रा निकली। प्यार, शक और बदले की इस कहानी में अमृता ने अपने दो साथियों सुमित और संदीप के साथ मिलकर ऐसा खतरनाक खेल रचा कि पुलिस भी पहली नज़र में इसे हादसा समझ बैठी। लाश को जलाने के लिए उसने तेल, घी और शराब तक का इस्तेमाल किया ताकि सबूत राख बन जाएं और सच्चाई हमेशा के लिए दफन हो जाए। Delhi UPSC Student Murder Case
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आई कहानी किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं। महज 21 साल की अमृता चौहान ने अपने पुराने प्रेमी सुमित कश्यप (27) और उसके साथी संदीप कुमार (29) के साथ मिलकर ऐसा खतरनाक षड्यंत्र रचा, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। अमृता को शक था कि उसके लिव-इन पार्टनर रामकेश मीणा ने उसकी इंटीमेट वीडियो रिकॉर्ड कर ली है और उन्हें हार्ड डिस्क में छिपा रखा है। जब रामकेश ने वो वीडियो डिलीट करने से साफ इंकार किया, तो प्यार ने जगह ले ली नफरत और बदले ने। गुस्से में तिलमिलाई अमृता ने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित से मदद मांगी और वहीं से शुरू हुआ मौत का ब्लूप्रिंट। Delhi UPSC Student Murder Case
6 अक्टूबर की रात गांधी विहार के फ्लैट में तीनों पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, सुमित और संदीप ने रामकेश का गला घोंट दिया, जबकि अमृता ने खुद अपने हाथों से शव पर तेल, घी और शराब उड़ेल दी, ताकि आग सब कुछ राख कर दे। सुमित, जो एक LPG डिस्ट्रीब्यूटर था, जानता था कि सिलेंडर कब और कैसे फटता है। उसने रेगुलेटर खोलकर सिलेंडर को मीणा के सिर के पास रखा और आग लगा दी ताकि हादसा लगे, हत्या नहीं पर किस्मत ने साथ नहीं दिया और राख में दबी साजिश की गंध आखिर पुलिस की नाक तक पहुंच ही गई। Delhi UPSC Student Murder Case
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अमृता ने अपनी फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई को हथियार बना लिया था। उसने वारदात को इतने सोच-समझकर अंजाम दिया कि पहली नज़र में सब कुछ एक दुर्घटना जैसा लगे। आग और गैस सिलेंडर का ऐसा मंजर रचा गया कि पुलिस भी कुछ पल के लिए गुमराह हो गई। तीनों आरोपी अमृता, सुमित और संदीप उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले हैं। वारदात के बाद उन्होंने फ्लैट का गेट अंदर से लॉक किया और बाहर निकलने से पहले हर निशान मिटाने की कोशिश की। लेकिन अपराध कितना ही चालाक क्यों न हो, फॉरेंसिक साक्ष्य झूठ नहीं बोलते। आग के पैटर्न में मिली छोटी-सी गड़बड़ी ने साजिश का पूरा राज खोल दिया और वहीं से पुलिस को समझ आ गया कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी हत्या थी।
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, सच्चाई की परतें खुद-ब-खुद खुलती चली गईं। पुलिस ने जब CCTV फुटेज खंगाली, तो उसमें दो नकाबपोश युवक और उनके कुछ ही पलों बाद अमृता को फ्लैट में दाखिल होते देखा गया। उसी रात कुछ मिनटों बाद आग लग गई और यहीं से कहानी पलट गई। तकनीकी साक्ष्यों ने भी अमृता का झूठ उजागर कर दिया। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) ने साफ़ दिखाया कि घटना के वक्त उसका मोबाइल फोन क्राइम सीन के आसपास ही था। इन पुख्ता सबूतों के बाद दिल्ली पुलिस ने जाल बिछाया और 18 अक्टूबर को मुरादाबाद से अमृता को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ की कुछ ही घंटों में, अमृता का चेहरा उतर गया और उसने स्वीकार कर लिया कि उसने सुमित और संदीप के साथ मिलकर यह ‘मौत की साजिश’ रची थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्या के बाद तीनों आरोपी फ्लैट से सबूत समेटकर फरार हो गए ताकि उनके गुनाह का कोई निशान न बचे। वे अपने साथ हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप और कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी ले गए, जिनमें राज छिपे थे। लेकिन अपराध चाहे जितना चालाक क्यों न हो, कानून की पकड़ से बचना आसान नहीं होता। जांच के दौरान पुलिस ने एक हार्ड डिस्क, एक ट्रॉली बैग और एक शर्ट बरामद की जिन पर जले कपड़ों और धुएं के निशान थे, जो सब कुछ बयान कर रहे थे। सुरागों की कड़ी पकड़ते हुए, पुलिस ने 21 अक्टूबर को सुमित और 23 अक्टूबर को संदीप को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया। अब तीनों आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं और उनके एक-एक बयान से इस साजिश की परतें लगातार खुलती जा रही हैं।
इस पूरे केस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्यार जब शक और ब्लैकमेल के जाल में फंस जाए, तो वह सबसे खतरनाक हथियार बन जाता है। एक ओर था रामकेश मीणा, जिसने यूपीएससी की तैयारी में अपने सपनों का भविष्य गढ़ा था, और दूसरी ओर थी अमृता, जिसने उसी सपने को फॉरेंसिक चालों और ठंडे दिमाग वाली साजिश से राख में बदल दिया। उसने विज्ञान की समझ का इस्तेमाल सच्चाई छिपाने के लिए किया, लेकिन कानून की आंखों पर पर्दा ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया। Delhi UPSC Student Murder Case


बता दें कि थाना फेस-1 पुलिस ने जिस बाबू खान को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है उसे छुड़ाने के लिए पुलिस के पास कई कद्दावर सफेदपोश नेताओं के फोन घनघनाते रहे लेकिन मीडिया के सामने पुलिस कर्मियों की किरकिरी ने चर्चाओं में पुलिस कार्यप्रणाली को लाकर खड़ा कर दिया है।वाहवाही लूटना नोएडा पुलिस को पड़ा भारी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में खुली पोल , प्रेस कॉन्फ़्रेंस की वीडियो में आप भी सुन लिजिए पुलिस की किरकिरी की पूरी हक़ीक़त pic.twitter.com/VmLFJxofIt
— Chetna Manch (@ManchChetna) April 20, 2023
बता दें कि थाना फेस-1 पुलिस ने जिस बाबू खान को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है उसे छुड़ाने के लिए पुलिस के पास कई कद्दावर सफेदपोश नेताओं के फोन घनघनाते रहे लेकिन मीडिया के सामने पुलिस कर्मियों की किरकिरी ने चर्चाओं में पुलिस कार्यप्रणाली को लाकर खड़ा कर दिया है।वाहवाही लूटना नोएडा पुलिस को पड़ा भारी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में खुली पोल , प्रेस कॉन्फ़्रेंस की वीडियो में आप भी सुन लिजिए पुलिस की किरकिरी की पूरी हक़ीक़त pic.twitter.com/VmLFJxofIt
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