जहरीली हवा बनी सियासी मुद्दा, कांग्रेस ने केजरीवाल और भाजपा को लपेटा

राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे गए पत्र के हवाले से भाजपा, आप पार्टी और एलजी प्रशासन तीनों को कटघरे में खड़ा किया है।

Congress Committee President Devendra Yadav
जहरीली हवा बनी सियासी मुद्दा (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar24 Dec 2025 12:38 PM
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बता दें कि देवेंद्र यादव ने कहा है कि दिल्ली के तीन करोड़ से ज्यादा लोगों की सेहत से जुड़ा यह गंभीर संकट सरकारों की लापरवाही और राजनीतिक दिखावे की भेंट चढ़ गया है। जिसमें प्रदूषण छोड़ शराब नीति पर रहा सरकार का फोकस किया और देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली को साफ हवा की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब केजरीवाल सरकार शराब नीति को बढ़ावा देने और उससे जुड़े कथित घोटालों में उलझी रही। उन्होंने कहा कि जनता की सेहत से बड़ा सरकार के लिए कोई मुद्दा नहीं रहा।

उपराज्यपाल का पत्र सरकारों की असंवेदनशीलता का प्रमाण: कांग्रेस

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उपराज्यपाल के पत्र से यह साफ हो गया है कि दिल्ली को जानलेवा प्रदूषण से राहत दिलाने में भाजपा की “चार इंजन सरकार” पूरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने 11 वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर केवल भ्रम और राजनीति की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का यह बयान कि “प्रदूषण हर साल 15-20 दिन का मुद्दा होता है” उनकी असंवेदनशील मानसिकता को उजागर करता है।

भाजपा सरकार भी दिखावे तक सीमित

बता दें कि कांग्रेस नेता ने कहा कि उपराज्यपाल का पत्र भाजपा सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दस महीनों से सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई ठोस और प्रभावी कदम नहीं उठाया, केवल खोखले दावे किए गए।

खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, जनता बेहाल

बता दें कि देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण रोज़ खतरनाक स्तर पार कर रहा है। हालात ऐसे हैं कि डॉक्टर और पर्यावरण विशेषज्ञ लोगों को दिल्ली छोड़ने तक की सलाह दे रहे हैं, लेकिन सरकारें गंभीर कदम उठाने के बजाय राजनीतिक बयानबाज़ी में लगी हैं।

जहरीली हवा और गंदे पानी के लिए दोनों पार्टियां दोषी

कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कहा कि दिल्ली की जहरीली हवा और दूषित पानी के लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों बराबर की जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर 11 साल तक आप पार्टी सरकार में रही और दूसरी ओर केंद्र में 2014 से भाजपा की सरकार है, लेकिन प्रदूषण कम करने के लिए कोई ठोस काम नजर नहीं आया।

यमुना से लेकर परिवहन तक हालात बदहाल

बता दें कि देवेंद्र यादव ने दिल्ली एनसीआर में यमुना की सफाई, टूटी सड़कों, गड्ढों, मेट्रो फेज-4 की रुकावटों और डीटीसी बसों की कमी जैसे मुद्दों पर भी सरकारों को घेरा है और उन्होंने कहा कि इन सभी मोर्चों पर लापरवाही का खामियाजा दिल्लीवासियों की सेहत और जीवन भुगत रहा है। जिसमें आए दिन अगर भाजपा सरकार सर्वे करें तो इनके पुलिस प्रशासन और सरकार कर रही है।

सर्वदलीय बैठक से पीछे हटी सरकार

बता दें कि देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल द्वारा प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बैठक के दावे किए गए, लेकिन ज़मीनी असर नहीं दिखा। कांग्रेस द्वारा सुझाई गई सर्वदलीय बैठक से सरकार पीछे हट गई, जिससे उसकी नीयत पर सवाल उठते हैं।

राजनीति नहीं, एकजुट प्रयास जरूरी

बता दें कि देवेंद्र यादव ने कहा कि अगर सरकारें वाकई दिल्ली को बचाना चाहती हैं, तो राजनीति छोड़कर सभी दलों को मिलकर काम करना होगा, वरना आने वाले समय में प्रदूषण और भी भयावह रूप ले सकता है।

कांग्रेस के सर्वे में हुआ खुलासा

बता दें कि हाल ही में एक सर्वे से एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि शहर की सरकारी पुलिस वाहनों से उत्सर्जित धुएँ की मात्रा आम वाहनों की तुलना में कहीं अधिक है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस और पुलिस प्रशासन की ओर से इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है। सरकारी पुलिस वाहनों से निकलने वाला ब्लैक स्मोक/धुआँ पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक मानकों से ऊपर है। कई वाहनों में एग्ज़ॉस्ट चेक और मैकेनिकल सर्विसिंग समय पर नहीं हो रही, जिससे धुएँ में वृद्धि हो रही है। सर्वे में यात्रियों और आम लोगों ने बताया कि ये वाहन शहर के व्यस्त इलाकों में, खासकर सुबह-शाम के समय, कई गुणा अधिक धुआँ छोड़ते हैं।

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दिल्ली में मिलावटी विदेशी खाद्य पदार्थों के बड़े रैकेट का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ने मिलावटी और एक्सपायर्ड विदेशी खाद्य पदार्थों के बड़े रैकेट का पर्दाफ़ाश किया है जिसमें पुलिस ने 4.3 करोड़ का माल जब्त किया है।

Delhi expired foreign food racket
जब्त करोड़ों के नकली सामान (फाईल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar23 Dec 2025 11:14 PM
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े और संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो एक्सपायर्ड विदेशी ब्रांडेड खाद्य पदार्थों को अवैध रूप से भारत में मंगाकर उनकी एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट बदलकर बाजार में बेच रहा था। इस कार्रवाई में पुलिस ने करीब 4.3 करोड़ रुपये के मिलावटी और एक्सपायर्ड खाद्य व पेय पदार्थ जब्त किए हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने पहाड़ी धीरज और फैजगंज (सदर बाजार) इलाके में छापेमारी की।

7 आरोपी गिरफ्तार, मास्टरमाइंड भी पकड़ा गया

छापेमारी के दौरान पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। दुकानों और गोदामों से भारी मात्रा में एक्सपायर्ड खाद्य सामग्री बरामद की गई, जिनमें बड़ी संख्या में बेबी फूड और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें शामिल थीं, जो आम लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती थीं।

फर्जी बारकोड और नई एक्सपायरी डेट

मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर ही फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम को बुलाया गया और सैंपल लिए गए। जांच में सामने आया कि आरोपी विदेशी देशों से आए प्रोडक्ट्स पर फर्जी बारकोड, बैच नंबर और नई एक्सपायरी डेट छापते थे। इसके बाद इन्हें दोबारा पैक कर बड़े रिटेल स्टोर्स, मॉल्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए देशभर में सप्लाई किया जाता था।

पूरी पैकिंग यूनिट बरामद

पुलिस ने छापेमारी में पूरी प्रिंटिंग और पैकिंग यूनिट, मशीनें, केमिकल और फर्जी लेबल भी बरामद किए हैं। जब्त किए गए सामान में बिस्कुट, चॉकलेट, चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉफी, सॉस, केचप और कंडिमेंट्स जैसे कई नामी विदेशी ब्रांड शामिल हैं। बता दें कि कुल मिलाकर पुलिस ने 43,762 किलो खाद्य पदार्थ और 14,665 लीटर पेय पदार्थ जब्त किए हैं।

आगे की जांच जारी

इस मामले में क्राइम ब्रांच थाने में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस अब पूरे सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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दिल्ली में क्रिसमस के प्रचार को लेकर धार्मिक और राजनीतिक बहस, वीडियो वायरल

क्रिसमस से पहले राजधानी दिल्ली में त्योहार को लेकर एक विवाद सामने आ रहा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।

Controversy over religious festival in Delhi
राजधानी दिल्ली में त्योहार पर बहस (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar23 Dec 2025 12:24 PM
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बता दें कि ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके की एक मार्केट में सोमवार शाम (22 दिसंबर) कुछ महिलाओं और बच्चों को सांता क्लॉज की लाल टोपी पहनकर पैम्प्लेट बांटना भारी पड़ गया और करीब 12 महिलाएं और बच्चे ‘मैं क्रिसमस क्यों मनाऊं?’ शीर्षक वाले पैम्प्लेट दुकानदारों और राहगीरों को बांट रहे थे। इसी दौरान मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और उन्हें ऐसा करने से मना किया। आरोप है कि महिलाओं से मार्केट छोड़ने के लिए भी कहा गया।

स्थानीय लोगों का पक्ष

बता दें कि घटना को लेकर मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि महिलाएं सड़क के बीच खड़े होकर पैम्प्लेट बांट रही थीं और धार्मिक गाना चला रही थीं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई थी। उनका कहना है कि इस गतिविधि के लिए पुलिस या प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि किसी को अपने घर या निजी जगह पर त्योहार मनाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति इस तरह की गतिविधि गलत है। उन्होंने तर्क दिया कि धार्मिक शोभायात्रा या अन्य कार्यक्रमों के लिए भी पहले प्रशासन से अनुमति ली जाती है।

सौरभ भारद्वाज ने शेयर किया वीडियो

बता दें कि इस घटना का वीडियो आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लाजपत नगर इलाके में महिलाओं के साथ बदतमीज़ी की गई। पोस्ट में उन्होंने कुछ लोगों पर धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया और इसे दोहरा रवैया बताया है।

आरोपों से इनकार

बता दें कि मार्केट में मौजूद कुछ लोगों ने सौरभ भारद्वाज के दावों को खारिज किया है। उनका कहना है कि वह और उनके परिवार भारत में ही रहते हैं और किसी तरह का भेदभाव नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर बहस

बता दें कि वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं, तो वहीं कुछ इसे सार्वजनिक व्यवस्था और नियमों का सवाल बता रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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