UGC Guideline : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए ‘ग्रेजुएट डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री रेगुलेशन, 2024’ का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस गाइडलाइन का उद्देश्य छात्रों के लिए शिक्षा में लचीलापन और नए अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपनी शिक्षा को बेहतर तरीके से अनुकूलित कर सकें।
द्विवार्षिक प्रवेश की सुविधा
यूजीसी द्वारा किए गए सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक द्विवार्षिक प्रवेश (Biennial admission) की सुविधा है। इसके तहत, उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) यदि सक्षम हैं, तो वे छात्रों को दो बार प्रवेश देने की व्यवस्था कर सकते हैं—जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में। यह कदम छात्रों के लिए अधिक लचीलापन और अवसर पैदा करेगा, जिससे वे अपनी शिक्षा की गति को अपनी सुविधानुसार निर्धारित कर सकेंगे।
ड्यूल डिग्री कार्यक्रमों का प्रस्ताव
नई गाइडलाइन के तहत छात्रों को एक ही समय में दो ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रमों में दाखिला लेने की स्वतंत्रता दी गई है। यह पहल छात्रों को विभिन्न विषयों में कौशल विकसित करने का अवसर देती है और समग्र शिक्षा की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाती है।
विभिन्न क्षेत्रों में प्रवेश की स्वतंत्रता
एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि छात्र अपनी पिछली शिक्षा या विषय की सीमा के बिना किसी भी यूजी या पीजी कार्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं, बशर्ते वे संबंधित प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त करें। इससे छात्रों के लिए शिक्षा की बाधाओं को समाप्त करने का प्रयास किया गया है और वे अपनी रुचि के क्षेत्र में बेहतर अध्ययन कर सकते हैं।
संस्थान को मिलेंगी नई नीतियां बनाने की स्वतंत्रता
नई गाइडलाइन के तहत क्रेडिट की आवश्यकताएं भी सरल बनाई गई हैं। छात्रों को अपनी मुख्य विषय में कम से कम 50 फीसदी क्रेडिट हासिल करना होगा, जबकि बाकी क्रेडिट स्किल डेवलपमेंट, अप्रेंटिसशिप या बहु-विषयक अध्ययन से पूरा किए जा सकते हैं। यह छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करेगा और उन्हें विविध प्रकार के कौशल सीखने का अवसर मिलेगा। नई गाइडलाइन के तहत उच्च शिक्षा संस्थान अपनी उपस्थिति नीतियां निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगे। ये नीतियां राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार होंगी, जिससे छात्रों को अधिक समायोजन और लचीलापन प्राप्त होगा।