Noida News : नोएडा। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इर्न्फोमेशन टेक्नोलॉजी द्वारा ”रिलायलबिलिटी इनफोकॉम टेक्नोलॉजीस एंड आप्टीमाजेशन पर आईईईई 10वें अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। इस दो दिवसीय चलने वाले सम्मेलन का शुभारंभ डीआरडीओं के पूर्व महानिदेशक डा जी अथिथन बी डी नागचौधुरी, आईआईआईटी इलाहाबाद के प्रोफेसर और आईईईई यूपी सेक्शन चेयर प्रो एस के सिंह, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान और एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला द्वारा किया गया। इस अवसर पर मोरोक्को के यूनिवर्सिटी हसान टू के लैबोरेटरी ऑफ इर्न्फोमेशन प्रोसेसिंग के डा ब्राउमी सेड को प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
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डीआरडीओ के पूर्व महानिदेशक डा जी अथिथन बी डी नागचौधुरी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड साइबर सिक्योरिटी पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव बु़िद्धमता का एक प्रतिरूप है जैसे मौसम, न्युक्लियर रिएक्शन, सेल डिविजन और मस्तिष्क फॉरमेशन जैसे जटिल शारीरिक तथ्य का प्रतिरूप है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के परिपेक्ष्य में मशीन लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क शामिल है। उन्होनें साइबर सुरक्षा के तीन लक्ष्यो गोपनीयता, सच्चाई और उपलब्धता के बारे में बताते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा के अर्थ विश्वास और नियंत्रण का जोड है। साइबर सुरक्षा के नियंत्रण के अंर्तगत कुछ उदाहरण समग्र प्रबंधन, साफ्टवेयर आवरण, नीति अनुपालन जांच है।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से महत्वपूर्ण कोई विषय नही हो सकता जो विश्व के लगभग हर क्षेत्र चाहे कृषि हो या औषधी सभी में परिवर्तन ला रहा है। एमिटी सदैव छात्रों को शोध करने या अपना उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित करता है और राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास कर रहा है। हम छात्रों को बेहतरीन बनाने के लिए वैश्विक अनावरण भी प्रदान करते है।