आज का सुविचार  

Suvichaar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Nov 2022 04:37 PM
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आप प्रतिदिन अच्छे विचार सुनना व पढना अवश्य पसंद करते होंगे । ऐसे विचारों की तलाश में अक्सर आप इंटरनेट पर भी इधर- उधर घूमते होंगे। आज मैं आपके लिए लेकर आई हूँ कुछ बहुत ही सार्थक, मार्मिक, उत्साह-वर्धक एवं ज्ञानवर्धक सुविचार। इन विचारों को आप स्वयम पढ़कर तो लाभ उठा ही सकते हैं। साथ ही अपने मित्रों परिवारों व शुभचिंतकों को भी ज्यों का त्यों प्रेषित कर सकते हैं ।   ➟   जितने का सबसे ज्यादा मजा तब आता है, जब सारे आपके हारने का इन्तजार कर रहे हो !!   ➟  सफलता कभी भी पक्की नहीं होती, तथा असफलता कभी भी अंतिम नहीं होती। इसलिए अपनी कोशिश को तब तक जारी रखो, जब तक आपकी जीत इतिहास ना बन जाये॥   आज का सुविचार   ➟    ज़िंदगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए, क्योंकि लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है ।   ➟   जीवन में अगर खुश रहना है, तो, स्वयं को एक ‘शांत सरोवर’ की तरह बनाए जिसमें कोई ‘अंगारा’ भी फेंके तो...खुद बखुद ठंडा हो जाये।   आज का सुविचार ➟   ईश्वर का दर्शन और.., मित्र का मार्गदर्शन। अगर मिल जाये तो, दोनों ही जीवन को प्रकाशित कर सकते हैं।  
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Dev Diwali 2022 देव दिवाली आज, यहां देखें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Diwali 1
Dev Diwali 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Nov 2022 03:48 PM
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Dev Diwali 2022: हर वर्ष दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली (Dev Diwali 2022) मनाई जाती है। लेकिन इस बार कार्तिक पूर्णिमा को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में देव दीपावली (Dev Diwali 2022) इस बार कार्तिक पूर्मिणा से एक दिन पहले मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा पर नहीं बल्कि एक दिन पहले 7 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन दीपदान का बहुत महत्व है। सूर्यास्त से बाद इस दिन गंगा नदी के किनारे दीप जलाए जाते हैं।

देव दिवाली 2022 मुहूर्त कार्तिम पूर्णिमा 7 नवंबर को शाम 4.15 बजे से अगले दिन 8 नवंबर को शाम 4.31 बजे तक रहेगी। 8 को कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है और इस दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। ग्रहण के दौरान पूजा नहीं की जाती है। इसलिए देव दिवाली आज यानि 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी।

पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षक का वध किया था। इस दिन सभी देवता धरती पर आए थे और दीप जलाकर खुशी मनाई थी। इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दीप दान करने का बहुत महत्व है। मान्यता के अनुसार इस दिन किसी पवित्र नदी के किनारे दीप जलाने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का भी वास होता है।

पूजा विधि इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। गंगा जल से भगवान शिव को स्नान कराने के बाद बेलपत्र, फूल आदि चढ़ाए और मीठे का भोग लगाए। इस दिन रूद्राभिषेक भी किया जाता है। गंगा जल या दूध से भगवान शिव का अभिषेक करने से बहुत लाभ ज्योतिष में बताया गया है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। साथ ही शाम के समय दीप दान भी करना चाहिए। इस दिन शराब आदि का सेवन न करें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं।

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Dev Diwali 2022 देव दिवाली आज, यहां देखें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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Dev Diwali 2022: हर वर्ष दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली (Dev Diwali 2022) मनाई जाती है। लेकिन इस बार कार्तिक पूर्णिमा को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में देव दीपावली (Dev Diwali 2022) इस बार कार्तिक पूर्मिणा से एक दिन पहले मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा पर नहीं बल्कि एक दिन पहले 7 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन दीपदान का बहुत महत्व है। सूर्यास्त से बाद इस दिन गंगा नदी के किनारे दीप जलाए जाते हैं।

देव दिवाली 2022 मुहूर्त कार्तिम पूर्णिमा 7 नवंबर को शाम 4.15 बजे से अगले दिन 8 नवंबर को शाम 4.31 बजे तक रहेगी। 8 को कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है और इस दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। ग्रहण के दौरान पूजा नहीं की जाती है। इसलिए देव दिवाली आज यानि 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी।

पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षक का वध किया था। इस दिन सभी देवता धरती पर आए थे और दीप जलाकर खुशी मनाई थी। इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दीप दान करने का बहुत महत्व है। मान्यता के अनुसार इस दिन किसी पवित्र नदी के किनारे दीप जलाने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का भी वास होता है।

पूजा विधि इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। गंगा जल से भगवान शिव को स्नान कराने के बाद बेलपत्र, फूल आदि चढ़ाए और मीठे का भोग लगाए। इस दिन रूद्राभिषेक भी किया जाता है। गंगा जल या दूध से भगवान शिव का अभिषेक करने से बहुत लाभ ज्योतिष में बताया गया है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। साथ ही शाम के समय दीप दान भी करना चाहिए। इस दिन शराब आदि का सेवन न करें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं।