Tulsi: तुलसी एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण



डॉ. नीता सक्सेना
असिस्टेंट प्रोफेसर
तुलसी का पौधा पूरे भारत वर्ष में पाये जाने वाला अतुलनीय एवं सुगंधित पौधा है। उत्तर भारत में वृंदा वैष्णवी, विष्णुप्रिया सुगंधा, पावनी आदि नामों से जाना जाता है, तो गुजरात में तुलसी नाम से मराठी में तुलसा, तमिल में मूलसी और मलयाली ततवु कहा जाता है। अंग्रेजी में तुलसी को होली बेसिल कहते है। वनस्पति विज्ञान में तुलसी को ओससिम सेकटम या ओसिमम् वेन फ्लोरम कहते है।
तुलसी के लिए गरम शीतोष्ण जलवायु उपयुक्त रहती है। ना अधिक गर्मी ना अधिक सर्दी । तुलसी को सदैव जल की आवश्यकता होती है। सामान्यतः इसके पौधे मध्यम ऊंचाई वाले होते हैं, इसकी पत्तियां गोलाकार होती हैं। तुलसी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं : रामा तुलसी की हरी पत्तियां चौड़ी एवं शाखाएं हरे रंग की होती हैं श्यामा तुलसी या कृष्णा तुलसी की शाखाएं एवं पत्तियां गहरे लाल रंग की होती हैं। श्यामा तुलसी में औषधीय गुण अधिक होने के कारण इसका उपयोग औषधि रूप में किया जाता है। तुलसी की अन्य प्रजातियां भी पाई जाती हैं जिसमें एक जाति है वन तुलसी जिसे कठेरख भी कहा जाता इसकी गंध घरेलू तुलसी की अपेक्षा बहुत कम होती है। यह रक्त दोष, नेत्रदोष एवं प्रसव की चिकित्सा में विशेष उपयोगी मानी जाती है। इसकी पत्तियों में विष के प्रभाव को कम करने की विशेष क्षमता होती है। दूसरी अन्य जाति की तुलसी को मरुवक कहते हैं।
डॉ. नीता सक्सेना
असिस्टेंट प्रोफेसर
तुलसी का पौधा पूरे भारत वर्ष में पाये जाने वाला अतुलनीय एवं सुगंधित पौधा है। उत्तर भारत में वृंदा वैष्णवी, विष्णुप्रिया सुगंधा, पावनी आदि नामों से जाना जाता है, तो गुजरात में तुलसी नाम से मराठी में तुलसा, तमिल में मूलसी और मलयाली ततवु कहा जाता है। अंग्रेजी में तुलसी को होली बेसिल कहते है। वनस्पति विज्ञान में तुलसी को ओससिम सेकटम या ओसिमम् वेन फ्लोरम कहते है।
तुलसी के लिए गरम शीतोष्ण जलवायु उपयुक्त रहती है। ना अधिक गर्मी ना अधिक सर्दी । तुलसी को सदैव जल की आवश्यकता होती है। सामान्यतः इसके पौधे मध्यम ऊंचाई वाले होते हैं, इसकी पत्तियां गोलाकार होती हैं। तुलसी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं : रामा तुलसी की हरी पत्तियां चौड़ी एवं शाखाएं हरे रंग की होती हैं श्यामा तुलसी या कृष्णा तुलसी की शाखाएं एवं पत्तियां गहरे लाल रंग की होती हैं। श्यामा तुलसी में औषधीय गुण अधिक होने के कारण इसका उपयोग औषधि रूप में किया जाता है। तुलसी की अन्य प्रजातियां भी पाई जाती हैं जिसमें एक जाति है वन तुलसी जिसे कठेरख भी कहा जाता इसकी गंध घरेलू तुलसी की अपेक्षा बहुत कम होती है। यह रक्त दोष, नेत्रदोष एवं प्रसव की चिकित्सा में विशेष उपयोगी मानी जाती है। इसकी पत्तियों में विष के प्रभाव को कम करने की विशेष क्षमता होती है। दूसरी अन्य जाति की तुलसी को मरुवक कहते हैं।
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर उसकी राशि (Name Rashi) का असर पड़ता है। किसी भी व्यक्ति के राशि के स्वामी की प्रकृति और स्वभाव का असर उस राशि से जुड़े लोगों पर भी पड़ता है। इस लेख में उन चार राशियों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिनकी जिंदगी में ऐशोआराम (Luxury Life) की कोई कमी नहीं रहती है।
वृषभ राशि वृषभ राशि के जातक भाग्यशाली होने के साथ काफी मेहनती भी होते हैं। इस राशि के स्वामी शुक्र होते हैं। शुक्र को धन-दौलत और विलासिता प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है। इस कारण जन्म से ही इन्हें जीवन में काफी अनुकूल स्थितियां प्राप्त होती हैं। अगर इन्हें संघर्ष करना भी पड़े, तो भी आगे चलकर ये बहुत तेजी से तरक्की कर लेते हैं। इनके जीवन में ऐशोआराम की कमी नहीं रहती है। ये लोग कम उम्र में ही काफी पैसा कमा लेते हैं।
कर्क राशि कर्क राशि के जातक भी इस मामले में काफी भाग्यशाली होते हैं। इनकी कुंडली के स्वामी ग्रह चंद्रमा होते हैं। चंद्रमा मजबूत होने की वजह से जब ये किसी काम में लगते हैं तो पूरे मन से लगते हैं और खूब मेहनत करते हैं। इस राशि के लोगों का स्वभाव शांत होता है, इस कारण ये बहुत जल्दी किसी के भी प्रिय बन जाते हैं। इनकी ये क्वालिटी इन्हें तेजी से आगे बढ़ाती है। ये लोग अपने जीवन में पैसा कमाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। कर्क राशि के लोगों को कई बार पैतृक संपत्ति का भी लाभ मिलता है।
सिंह राशि सिंह राशि के जातक काफी गुणवाण माने जाते हैं। इस राशि का स्वामी सूर्य होता है, इस कारण इन्हें जीवन में अपार यश और सुख समृद्धि प्राप्त होती है। ये बहुत तेजी से सफल होते हैं और काफी धन कमाते हैं। ये लोग भीड़ में भी दूसरों से अलग नजर आ जाते हैं।
वृश्चिक राशि वृश्चिक राशि के जातक बेहद मेहनती होते हैं। ये लोग जिस मुकाम को पाना चाहते हैं, उसके लिए पूरे समर्पण से काम करते हैं। इनकी मेहनत ही इनका भाग्य बनाती है और ये जल्द ही सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ जाते हैं। इन लोगों को भौतिक सुख काफी आकर्षित करते हैं और ये अपनी मेहनत के बूते पर उन्हें प्राप्त भी कर लेते हैं।
पं. अनिल शाह, वैदिक ज्योतिषी
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर उसकी राशि (Name Rashi) का असर पड़ता है। किसी भी व्यक्ति के राशि के स्वामी की प्रकृति और स्वभाव का असर उस राशि से जुड़े लोगों पर भी पड़ता है। इस लेख में उन चार राशियों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिनकी जिंदगी में ऐशोआराम (Luxury Life) की कोई कमी नहीं रहती है।
वृषभ राशि वृषभ राशि के जातक भाग्यशाली होने के साथ काफी मेहनती भी होते हैं। इस राशि के स्वामी शुक्र होते हैं। शुक्र को धन-दौलत और विलासिता प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है। इस कारण जन्म से ही इन्हें जीवन में काफी अनुकूल स्थितियां प्राप्त होती हैं। अगर इन्हें संघर्ष करना भी पड़े, तो भी आगे चलकर ये बहुत तेजी से तरक्की कर लेते हैं। इनके जीवन में ऐशोआराम की कमी नहीं रहती है। ये लोग कम उम्र में ही काफी पैसा कमा लेते हैं।
कर्क राशि कर्क राशि के जातक भी इस मामले में काफी भाग्यशाली होते हैं। इनकी कुंडली के स्वामी ग्रह चंद्रमा होते हैं। चंद्रमा मजबूत होने की वजह से जब ये किसी काम में लगते हैं तो पूरे मन से लगते हैं और खूब मेहनत करते हैं। इस राशि के लोगों का स्वभाव शांत होता है, इस कारण ये बहुत जल्दी किसी के भी प्रिय बन जाते हैं। इनकी ये क्वालिटी इन्हें तेजी से आगे बढ़ाती है। ये लोग अपने जीवन में पैसा कमाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। कर्क राशि के लोगों को कई बार पैतृक संपत्ति का भी लाभ मिलता है।
सिंह राशि सिंह राशि के जातक काफी गुणवाण माने जाते हैं। इस राशि का स्वामी सूर्य होता है, इस कारण इन्हें जीवन में अपार यश और सुख समृद्धि प्राप्त होती है। ये बहुत तेजी से सफल होते हैं और काफी धन कमाते हैं। ये लोग भीड़ में भी दूसरों से अलग नजर आ जाते हैं।
वृश्चिक राशि वृश्चिक राशि के जातक बेहद मेहनती होते हैं। ये लोग जिस मुकाम को पाना चाहते हैं, उसके लिए पूरे समर्पण से काम करते हैं। इनकी मेहनत ही इनका भाग्य बनाती है और ये जल्द ही सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ जाते हैं। इन लोगों को भौतिक सुख काफी आकर्षित करते हैं और ये अपनी मेहनत के बूते पर उन्हें प्राप्त भी कर लेते हैं।
पं. अनिल शाह, वैदिक ज्योतिषी

ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार ग्रहों की चाल मानव की जिंदगी पर कूल और प्रतिकूल दोनों ही तरह का प्रभाव डालती है। आगामी 21 नवंबर 2021 से दो ग्रहों की आपस में युति बनने जा रही है। यह युति कई राशि वालों के लिए लाभकारी होगी।
नवग्रह के राजा सूर्य (Sun) सफलता, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास के कारक हैं। वहीं बुध (mercury) ग्रह को बुद्धि, धन का कारक माना गया है। यह दोनों ही ग्रह युति बनाने जा रहे हैं। ये दोनों ग्रह वृश्चिक राशि में युति बनाएंगे। सूर्य और बुध की युति को बुधादित्य योग (Budhaditya Yog) कहते हैं। इस योग का सभी राशियों पर असर पड़ेगा। कुछ राशि के जातकों के लिए यह योग मालामाल करने वाला साबित होगा।
ग्रहों के राजा सूर्य 16 नवंबर 2021 को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और बुध ग्रह 21 नवंबर 2021 को इसी राशि में आएंगे। इस तरह दोनों ग्रह 21 नवंबर को युति करके बुधादित्य योग बनाएंगे। यह योग 10 दिसंबर तक बना रहेगा, क्योंकि ये दोनों ग्रह 10 दिसंबर तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। 20 दिन तक चलने वाला बुधादित्य योग 3 राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहेगा।
सिंह सिंह राशि के जातकों को इस अवधि में जबरदस्त धन-लाभ होगा। कैरियर के लिए यह समय शानदार रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ा रहेगा और नए घर व वाहन आदि का सुख मिल सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी सिंह राशि वालों के लिए यह समय अच्छा रहेगा। कुंभ इस योग के दौरान कुंभ राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। पद और सम्मान में बढ़ोत्तरी होगी। आपके द्वारा की गई मेहनत का पूरा फल मिलेगा। इस अवधि के दौरान आप जो भी यात्रा करेंगे, उनका शुभ फल प्राप्त होगा। सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस अवधि में बहुत लाभ होगा।
मीन मीन राशि के जातकों के लिए भी यह समय बेहद शुभ रहेगा। यात्राएं शुभ फलदायी साबित होंगी। धन लाभ होने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जो युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं, उन्हें नौकरी मिलेगी। मनपसंद नौकरी या ट्रांसफर की इच्छा कर रहे लोगों की इच्छा भी इस समय पूरी हो सकती है।
यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार ग्रहों की चाल मानव की जिंदगी पर कूल और प्रतिकूल दोनों ही तरह का प्रभाव डालती है। आगामी 21 नवंबर 2021 से दो ग्रहों की आपस में युति बनने जा रही है। यह युति कई राशि वालों के लिए लाभकारी होगी।
नवग्रह के राजा सूर्य (Sun) सफलता, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास के कारक हैं। वहीं बुध (mercury) ग्रह को बुद्धि, धन का कारक माना गया है। यह दोनों ही ग्रह युति बनाने जा रहे हैं। ये दोनों ग्रह वृश्चिक राशि में युति बनाएंगे। सूर्य और बुध की युति को बुधादित्य योग (Budhaditya Yog) कहते हैं। इस योग का सभी राशियों पर असर पड़ेगा। कुछ राशि के जातकों के लिए यह योग मालामाल करने वाला साबित होगा।
ग्रहों के राजा सूर्य 16 नवंबर 2021 को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और बुध ग्रह 21 नवंबर 2021 को इसी राशि में आएंगे। इस तरह दोनों ग्रह 21 नवंबर को युति करके बुधादित्य योग बनाएंगे। यह योग 10 दिसंबर तक बना रहेगा, क्योंकि ये दोनों ग्रह 10 दिसंबर तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। 20 दिन तक चलने वाला बुधादित्य योग 3 राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहेगा।
सिंह सिंह राशि के जातकों को इस अवधि में जबरदस्त धन-लाभ होगा। कैरियर के लिए यह समय शानदार रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ा रहेगा और नए घर व वाहन आदि का सुख मिल सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी सिंह राशि वालों के लिए यह समय अच्छा रहेगा। कुंभ इस योग के दौरान कुंभ राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। पद और सम्मान में बढ़ोत्तरी होगी। आपके द्वारा की गई मेहनत का पूरा फल मिलेगा। इस अवधि के दौरान आप जो भी यात्रा करेंगे, उनका शुभ फल प्राप्त होगा। सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस अवधि में बहुत लाभ होगा।
मीन मीन राशि के जातकों के लिए भी यह समय बेहद शुभ रहेगा। यात्राएं शुभ फलदायी साबित होंगी। धन लाभ होने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जो युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं, उन्हें नौकरी मिलेगी। मनपसंद नौकरी या ट्रांसफर की इच्छा कर रहे लोगों की इच्छा भी इस समय पूरी हो सकती है।
यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी