Live UP Election: यूपी चुनाव का अंतिम चरण आज, पूर्वांचल की 54 सीटों पर मतदान शुरू

Up election in the third phase of voting which party will benefit and who will get a setback Featured Image ChetnaManch
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:24 PM
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Live UP Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) आज अपने अंतिम चरण पर है। ये वह अहम चरण है, जिसे पार करने के लिए छोटे से लेकर बड़े राजनीती दल अपना जोरदार दम लगाए हुए हैं, क्योंकि इसीसे उनका सियासी कद तय होना है।
7 वें चरण में पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होना है। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां पूरी करली हैं। पोलिंग मतदान सेंटर पर पार्टिया पहुंच चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वांचल की 54 विधानसभा सीटों से टोटल 613 प्रत्याशिओं की किस्मत आजमा रहे हैं। >> यह भी पढ़े:-  स्‍वामी प्रसाद मौर्य की बेटी सांसद संघमित्रा बेटे अशोक समेत 24 के खिलाफ FIR दर्ज 2 करोड़ से अधिक मतदाता 54 सीटों से अपना प्रत्याशिओं को चुनने के लिए अपने मत अधिकार का उपयोग करेंगे। पूर्वांचल के जिन 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर आज मतदान होना है! उनमें पीमए नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ ही सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में भी वोटिंग होना है। >> यह भी पढ़े:- Live UP Election 2022: यूपी के अंतिम चरण में होगी इन दिग्‍गजों की सियासत दाव पर

यहाँ होगा मतदान (Live UP Election)

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का 7 वे और अंतिम चरण में गाजीपुर, वाराणसी के साथ ही आजमगढ़, मऊ, मीरजापुर, जौनपुर, सोनभद्र और चंदौली जिलों में वोटिंग शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने 7 वे चरण के चुनाव को भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए कमर कस ली है! सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं. मतदान केंद्रों पर उत्तर प्रदेश पुलिस और होमगार्ड के साथ ही केंद्रीय बलों के जवान भी तैनात किए जाएंगे! >> यह भी पढ़े:- यूक्रेन में फंसे लोगों को निकालने के लिए रूस ने सीजफायरींग का ऐलान किया प्रधानमंत्री मोदी की संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदाताओं को वोटिंग के लिए जागरूक कराया जा रहा है। मतदान की पूर्व संध्या पर वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान भी लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया गया। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का आयोजन गंगा सेवा निधि की और से किया जाता है। >> यह भी पढ़े:- IRCTC:10,000 रुपये से कम में 10 दिन का टूर पैकेज, राम जन्मभूमि से पूरी-गंगासागर तक करें यात्रा
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Health : एक नीम सौ हकीम बराबर!

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:26 AM
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 विनय संकोची   नीम (Neem)  तेजी से बढ़ने वाला भारतीय मूल का सदाबहार वृक्ष है। नीम भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है। इसे ग्रामीण औषधालय का नाम भी दिया गया है। यह पेड़ बीमारियां वगैरह से आजाद होता है और उस पर कोई कीड़ा-मकोड़ा नहीं लगता है, इसलिए नीम को आजाद पेड़ कहा जाता है। चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में नीम के गुणों का उल्लेख मिलता है। आयुर्वेद में नीम को बहुत ही उपयोगी पेड़ माना गया है। नीम की पत्तियां अवश्य कड़वी होती है लेकिन इसके फायदे अनेक और बहुत प्रभावशाली हैं। विदेशों में नीम को एक ऐसे पेड़ के रूप में पेश किया जा रहा है, जो मधुमेह के रोग से लेकर एड्स, कैंसर और न जाने किस-किस तरह की बीमारियों का इलाज कर सकता है। नीम का वृक्ष अपने औषधीय गुणों के कारण पारंपारिक इलाज में बहुत उपयोगी सिद्ध होता आ रहा है। नीम के बारे में कहा जाता है कि एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर हैं। इसमें कई तरह के कड़वे, परंतु स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ होते हैं। नीम सर्वरोगहारी गुणों से भरा पड़ा है। नीम का हर्बल, ऑर्गेनिक, पेस्टिसाइड, साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, दातुन, मधुमेह नाशक चूर्ण, कॉस्मेटिक आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत में नीम का पेड़ ग्रामीण जीवन का अभिन्न अंग रहा है। लोग इसकी छाया में बैठने का सुख तो उठाते ही हैं, साथ ही इसके पत्तों, निबोलियों, डंडियों और छाल को विभिन्न बीमारियां दूर करने के लिए प्रयोग करते हैं। • आयुर्वेदिक ग्रंथ में नीम के गुण के बारे में चर्चा इस तरह से है - "नीम शीतल, हल्का, ग्राही, पाक में चरपरा, हृदय को प्रिय, अग्नि, परिश्रम, तृषा, अरुचि, क्रीमी, व्रण, कफ, वमन, कोढ़ और विभिन्न प्रमेह को नष्ट करता है।" • नीम की छाल का लेप सभी प्रकार के चर्म-रोगों और घावों के निवारण में सहायक है। नीम की पत्तियां चबाने से रक्त शोधन होता है और त्वचा विकार रहित और कांतिवान बनती है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर नहाने से चर्म विकार दूर होते हैं। • नीम विशेषरूप से चेचक के उपचार में सहायक है और उसके विषाणु को फैलने न देने में सहायक है। निबोली और पत्तियों से निकले निकाले गए तेल से मालिश की जाए तो शरीर के लिए अच्छा रहता है। नीम के द्वारा बनाया गया लेप बालों में लगाने से बाल स्वस्थ रहते हैं और कम झड़ते हैं। • नीम के तेल की 5-10 बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज्यादा पसीना आने और जलन होने संबंधी विकारों में बहुत फायदा होता है। नीम के बीजों के चूर्ण को खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से बवासीर में काफी लाभ होता है। • नीम की छाल के काढ़े में धनिया और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से मलेरिया रोग में जल्दी फायदा होता है। नीम मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को दूर रखने में अत्यंत सहायक है। जिस वातावरण में नीम के पेड़ रहते हैं, वहां मलेरिया नहीं फैलता है। नीम के पत्ते जलाकर रात को धुआं करने से मच्छर नष्ट हो जाते हैं और मलेरिया से बचाव होता है।
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Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:02 AM
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Sanskrit : ते न इन्द्रः पृथिवी क्षाम वर्धन्पूषा भगो अदितिः पञ्च जनाः। सुशर्माणः स्ववसः सुनीथा भवन्तु नः सुत्रात्रासः सुगोपाः॥ ऋग्वेद ६-५१-११॥ Hindi : प्रभु, पृथ्वी, अग्नि, वायु, माता, पोषण करने वाला और पांच प्राणवायु हमारे रक्षण और वर्धन करने वाले हो। (ऋग्वेद ६-५१-११) English : May God, the earth, Agni, air, mother, nurturer, and five vital airs protect and develop us.  (Rig Veda 6-51-11)