Vishwakarma Puja 2023 Date : कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

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Vishwakarma Puja 2023 Date
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:33 AM
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Vishwakarma Puja 2023 Date : 17 सितंबर 2023 के दिन वास्तुकार विश्वकर्मा का पूजन किया जाएगा. विश्वकर्मा को देवताओं के वास्तुकार निर्माणकर्ता के रुप में जाना जाता है. वेदों में उल्लेखित है की विश्वकर्मा द्वारा भव्य एवं सुंदर वस्तुओं के निर्माण के साथ साथ ही शक्तिशाली हथियारों का निर्माण संभव हो पाया. विश्वकर्मा पूजा सृष्टि के मुख्य वास्तुकार और दुनिया के प्रथम भव्य वास्तुकार एवं इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा के निमित्त एवं उनके आशीर्वाद की प्राप्ति हेतु की जाती है. ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भगवान विश्वकर्मा देव का पूजन कन्या संक्रांति पर किया जाता है. इस दिवस को देश भर में भक्ति, उत्साह के साथ मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार जब ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना आरंभ की तब उन्हों ने विश्वकर्मा को इसकी सुंदरता में वृद्धि का आदेश दिया और तब भगवान विश्वकर्मा ने समस्त सुंदर वस्तुओं का निर्माण आरंभ किया. विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त Vishwakarma Puja 2023 Date And Time इस वर्ष 17 सितंबर के दिन विश्वकर्मा पूजा होगी. इस दिन पूजा में कई शुभ योग भी बनेंगे जिसमें से द्वि पुष्कर नामक शुभ योग भी होगा. इसी के साथ ब्रह्म योग तथा इंद्र योग की प्राप्ति भी होगी. हस्त नक्षत्र है और उसके बाद चित्रा नक्षत्र की प्राप्ति होगी दोनों ही नक्षत्र शुभकर होंगे. vishwakarma puja muhurat 2022 time विश्वकर्मा पूजा के दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत सिद्धि योग की प्राप्ति होगी. इस दिन द्विपुष्कर नामक योग सुबह 10:02 बजे से 11:08 बजे तक रहने वाला है इस योग का प्रभाव पूजा एवं शुभ फलों को दोगुना कर देने वाला माना गया है. विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ समय सुबह 10:15 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक रहने वाला है. इसके अलावा सुबह 07:39 से 03:20 बजे तक का समय पूजा स्नान दान हेतु शुभ होगा. Vishwakarma Puja 2023 Date रावण की लंका से लेकर स्वर्ग का निर्माण संभव हुआ भगवान विश्वकर्मा द्वारा Vishwakarma Puja Importance विश्वकर्मा जी के निर्माण में अति सुंदर अलौकिक एवं भव्य चीजों का समावेश रहा है. रावण की सोने की लंका से लेकर रावण के पुष्पक विमान का निर्माण भी विश्वकर्मा जी द्वारा संभव हो पाया था. द्वारिका नगरी का निर्माण हो या देवी देवताओं के अस्त्र शत्र उन सभी में भगवान विश्वकर्मा जी का सदैव योगदान रहा है. ऋषि दधिची से निर्मित अस्त्र का निर्माण भी विश्वकर्मा करते हैं तथा सूर्य की चमक का एक अंश भी विश्वकर्मा जी द्वारा ही कम किया गया है विश्वकर्मा पूजा का महत्व significance behind doing Vishwakarma Pooja विश्वकर्मा पूजन करके हम सभी लोग उनका आशीर्वाद पाने की इच्छा रखते हैं जिसके द्वारा हम भी उन उच्च गुण एवं रचनात्मकता को प्राप्त कर पाएं. सभी शक्तिशाली एवं भव्य चीजों से है जो जीवन पर अपना गहर असर डालती हैं उनकी उत्पत्ति में विश्वकर्मा देव की उपस्थित को सदैव ही माना गया है. Tools and machinery are worshiped on the day of Vishwakarma Puja शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार में उन्नति होती है. मशीनों और निर्माण से जुड़े लोगों को भगवान विश्वकर्मा की पूजा अवश्य करने से इन सभी वस्तुओं की शुभता व्यक्ति को प्राप्त होती है. भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर कहा जाता है जिनके नेतृत्व में अनेकों प्रकार की महान कलाकृतियों का निर्माण हुआ और जिनके द्वारा आज भी हम रोज नवीन निर्माण की सीख को पाते हैं. Vishwakarma Puja 2023 Date एस्ट्रोलॉजर राजरानी

Varah Jayanti 2023: वराह जयंती, इन शुभ योगों में करें भगवान श्री वराह का पूजन दूर होंगे सभी कष्ट 

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Vishwakarma Puja 2023 Date : कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

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Vishwakarma Puja 2023 Date : 17 सितंबर 2023 के दिन वास्तुकार विश्वकर्मा का पूजन किया जाएगा. विश्वकर्मा को देवताओं के वास्तुकार निर्माणकर्ता के रुप में जाना जाता है. वेदों में उल्लेखित है की विश्वकर्मा द्वारा भव्य एवं सुंदर वस्तुओं के निर्माण के साथ साथ ही शक्तिशाली हथियारों का निर्माण संभव हो पाया. विश्वकर्मा पूजा सृष्टि के मुख्य वास्तुकार और दुनिया के प्रथम भव्य वास्तुकार एवं इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा के निमित्त एवं उनके आशीर्वाद की प्राप्ति हेतु की जाती है. ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भगवान विश्वकर्मा देव का पूजन कन्या संक्रांति पर किया जाता है. इस दिवस को देश भर में भक्ति, उत्साह के साथ मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार जब ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना आरंभ की तब उन्हों ने विश्वकर्मा को इसकी सुंदरता में वृद्धि का आदेश दिया और तब भगवान विश्वकर्मा ने समस्त सुंदर वस्तुओं का निर्माण आरंभ किया. विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त Vishwakarma Puja 2023 Date And Time इस वर्ष 17 सितंबर के दिन विश्वकर्मा पूजा होगी. इस दिन पूजा में कई शुभ योग भी बनेंगे जिसमें से द्वि पुष्कर नामक शुभ योग भी होगा. इसी के साथ ब्रह्म योग तथा इंद्र योग की प्राप्ति भी होगी. हस्त नक्षत्र है और उसके बाद चित्रा नक्षत्र की प्राप्ति होगी दोनों ही नक्षत्र शुभकर होंगे. vishwakarma puja muhurat 2022 time विश्वकर्मा पूजा के दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत सिद्धि योग की प्राप्ति होगी. इस दिन द्विपुष्कर नामक योग सुबह 10:02 बजे से 11:08 बजे तक रहने वाला है इस योग का प्रभाव पूजा एवं शुभ फलों को दोगुना कर देने वाला माना गया है. विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ समय सुबह 10:15 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक रहने वाला है. इसके अलावा सुबह 07:39 से 03:20 बजे तक का समय पूजा स्नान दान हेतु शुभ होगा. Vishwakarma Puja 2023 Date रावण की लंका से लेकर स्वर्ग का निर्माण संभव हुआ भगवान विश्वकर्मा द्वारा Vishwakarma Puja Importance विश्वकर्मा जी के निर्माण में अति सुंदर अलौकिक एवं भव्य चीजों का समावेश रहा है. रावण की सोने की लंका से लेकर रावण के पुष्पक विमान का निर्माण भी विश्वकर्मा जी द्वारा संभव हो पाया था. द्वारिका नगरी का निर्माण हो या देवी देवताओं के अस्त्र शत्र उन सभी में भगवान विश्वकर्मा जी का सदैव योगदान रहा है. ऋषि दधिची से निर्मित अस्त्र का निर्माण भी विश्वकर्मा करते हैं तथा सूर्य की चमक का एक अंश भी विश्वकर्मा जी द्वारा ही कम किया गया है विश्वकर्मा पूजा का महत्व significance behind doing Vishwakarma Pooja विश्वकर्मा पूजन करके हम सभी लोग उनका आशीर्वाद पाने की इच्छा रखते हैं जिसके द्वारा हम भी उन उच्च गुण एवं रचनात्मकता को प्राप्त कर पाएं. सभी शक्तिशाली एवं भव्य चीजों से है जो जीवन पर अपना गहर असर डालती हैं उनकी उत्पत्ति में विश्वकर्मा देव की उपस्थित को सदैव ही माना गया है. Tools and machinery are worshiped on the day of Vishwakarma Puja शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार में उन्नति होती है. मशीनों और निर्माण से जुड़े लोगों को भगवान विश्वकर्मा की पूजा अवश्य करने से इन सभी वस्तुओं की शुभता व्यक्ति को प्राप्त होती है. भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर कहा जाता है जिनके नेतृत्व में अनेकों प्रकार की महान कलाकृतियों का निर्माण हुआ और जिनके द्वारा आज भी हम रोज नवीन निर्माण की सीख को पाते हैं. Vishwakarma Puja 2023 Date एस्ट्रोलॉजर राजरानी

Varah Jayanti 2023: वराह जयंती, इन शुभ योगों में करें भगवान श्री वराह का पूजन दूर होंगे सभी कष्ट 

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Varah Jayanti 2023: वराह जयंती, इन शुभ योगों में करें भगवान श्री वराह का पूजन दूर होंगे सभी कष्ट 

Varah
Varah Jayanti 2023
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calendar02 Dec 2025 12:44 AM
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Varah Jayanti 2023: 17 सितंबर 2023 को रविवार के दिन वराह जयंती मनाई जाएगी. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का समय भगवान विष्णु के वराह अवतार के पूजन हेतु बेहद शुभ माना जाता है. इस समय पर भगवान का एक अवतार हुआ जिसे वराह के नाम से जाना गया. varaha jayanti date time rituals हर साल भाद्रपद माह की तृतीया तिथि को वराह जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष भगवान के पूजन समय पर कई शुभ योगों का होना इसे और भी विशेष बना रहा है. आइये जानें किन शुभ योगों में पूजा से आप पा सकेंगे पूजा के संपूर्ण फलों का लाभ . संक्रांति और द्विपुष्कर योग में वराह जयंती होगी शुभदायी Varaha Jayanti will be auspicious during Sankranti and Tripushkar Yoga इस वर्ष वराह जयंती रविवार के शुभ योग में है. इसी के साथ द्विपुष्कर एवं सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग भी होगा. पृथ्वी को हिरण्याक्ष से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने वराह अवतार लिया, जिसमें उनका पूरा शरीर मनुष्य का और मुख वराह का था. उनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें उन्होंने चक्र, गदा, कमल का फूल और शंख धारण किया हुआ है. यह भगवान विष्णु का तीसरा अवतार था जिसके द्वारा पृथ्वी का कल्याण संभव हो पाया. varaha jayanti significance  धार्मिक ग्रंथों एवं कथाओं के आधार पर भगवान विष्णु के वराह रूप की पूजा कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना की जाती है. varaha is the third incarnation of vishnu मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के वराह अवतार का जन्म पृथ्वी को बचाने के लिए हुआ था और हर वर्ष प्रभु के इस कार्य एवं अवतरण की कृपा के सम्मान हेतु इस शुभ दिन को मनाया जाता है. कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने हिरण्याक्ष नामक राक्षस को मारकर इस पृथ्वी को बचाया. आइए जानते हैं वराह जयंती का शुभ मुहूर्त और इसकी विशेषता के बारे में विस्तार रुप से. Varah Jayanti 2023 विशेष शुभ मुहूर्त पूजन 2023 Varaha Jayanti special auspicious time puja 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है. इस वर्ष यह 17 सितंबर को रविवार के दिन मनाई जाएगी ओर इस दिन संक्रांति का समय भी होगा जिसके चलते यह दिन अत्यंत विशेष बनेगा. varaha jayanti festival तिथि के आधार पर वराह जयंती 17 सितंबर के दिन मनाई जाएगी. वराह जयंती का शुभ मुहूर्त 17 अगस्त को सुबह से शाम तक व्याप्त रहने वाला है. संक्रांति के साथ का योग होने पर पूजा दान का योग भी शुभदायक होगा. इस दौरान वराह जयंती मनाना अच्छा रहेगा. इस दिन का शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:56 बजे से दोपहर 12:47 बजे तक रहने वाला है. वराह जयंती पूजन महत्व varaha jayanti importance  धर्म शास्त्रों में भगवान ने अनेक रुपों में एक स्वरुप वराह का भी है. पृथ्वी को कष्टों से मुक्ति दिलाने हेतु भगवान श्री विष्णु ने वराह का अवतार लिया. प्रभु के इस अवतार समय की याद हेतु ही वराह जयंती का शुभ पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष कई सारे शुभ योगों के निर्माण के साथ वराह जयंती का पर्व और भी अधिक महत्वपूर्ण बन जाने वाला है. इस दिन किया जाने वाला पूजन एवं दान कार्य भक्तों को कष्ट से मुक्ति प्रदान करता है. एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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