Punjab : स्कूलों में लूट पर लगाम के लिए सरकार ने किये ये उपाय

Bains
Government has taken these measures to curb looting in schools
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:31 AM
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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए हर जिले में कार्यबल गठित करने की घोषणा की है।

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कॉपी किताबों के नाम पर लूट

आधिकारिक बयान में बताया गया कि निजी स्कूलों के खिलाफ कई माता-पिता और छात्रों की शिकायतें मिली हैं। उसमें कहा गया है कि स्कूल किताबों, पुस्तिकाओं और कई अन्य चीजों के नाम पर उन्हें लूट रहे हैं। इन शिकायतों के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने यह फैसला किया है।

हर जिले में गठित होगा कार्यबल

बयान में बताया गया है कि हर कार्यबल में एक जिले से तीन प्रधानाचार्य होंगे। इसमें कहा गया कि कार्यबल शिक्षा मंत्री को मिली शिकायत की जांच करेगा और नियामक प्राधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

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पहली कक्षा की किताबें 7,000 रुपये में

बैंस ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी कई शिकायतें मिली हैं। राज्य सरकार शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि सभी काम कानून एवं नियमों के अनुसार होंगे। उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बैंस ने बताया कि कुछ दिन पहले प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से निजी स्कूलों को पत्र जारी कर उनसे किताबों, पुस्तिकाओं और शुल्क के संबंध में स्कूल नियामक प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करने को कहा गया था। बैंस ने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि निजी स्कूल पहली कक्षा की किताबें 7,000 रुपये में बेच रहे हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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SAIL : इस्पात ही नहीं, सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है भारत : मोदी

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PM Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:51 PM
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SAIL : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (SAIL) के प्रदर्शन की सराहना की है। महारत्न कंपनी सेल ने बीते वित्त वर्ष 2022-23 में अपना अब तक का सबसे ऊंचा वार्षिक उत्पादन हासिल किया है। मोदी ने रविवार को हिंदी में ट्वीट कर कहा कि सिर्फ इस्पात ही नहीं बल्कि आज भारत सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो रहा है।

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सेल ने बीते वित्त वर्ष में 1.94 करोड़ टन से अधिक हॉट मेटल और 1.82 करोड़ टन से अधिक कच्चे इस्पात का उत्पादन किया है। सालाना आधार पर कंपनी का हॉट मेटल उत्पादन 3.6 प्रतिशत और कच्चे इस्पात का उत्पादन 5.3 प्रतिशत बढ़ा है।

मोदी ने सेल के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, ‘‘इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई। सेल के उत्पादन के इस आंकड़े से पता चलता है कि आज सिर्फ इस्पात ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में भारत आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है।’’

मोदी ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के सहयोग से विकसित सोलर रूफटॉप ऑनलाइन पोर्टल पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री के ट्वीट पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सौर ऊर्जा के दोहन की दिशा में एक अच्छा कदम है।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू के ट्वीट पर भी प्रधानमंत्री ने प्रतिक्रिया दी है। खांडू ने ट्वीट कर कहा है कि राज्य में जल जीवन मिशन काफी सफल रहा है और इसके तहत 75 प्रतिशत परिवारों को स्वच्छ जल मिल रहा है।

मोदी ने ट्वीट किया कि अमृत महोत्सव के समय में इस तरह की उपलब्धि सराहनीय है। खासकर यह देखते हुए कि अरुणाचल प्रदेश में काफी इलाके ‘कठिनाई’ वाले हैं।

प्रधानमंत्री ने केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के सागर सेतु पर ट्वीट और गृह मंत्री अमित मिश्रा के मिजोरम में एक दिन में 2,500 करोड़ रुपये की 11 परियोजनाओं के शिलान्यास संबंधी ट्वीट पर भी बधाई दी है।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मिजोरम के लोगों को बधाई। इन विकास कार्यों से राज्य की वृद्धि में मदद मिलेगी।’’

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Political : छोटे दलों को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनने को प्रेरित करता : थरूर

Political : छोटे दलों को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनने को प्रेरित करता : थरूर
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:42 AM
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नई दिल्ली। लोकसभा के सदस्य शशि थरूर ने विपक्षी एकता की हालिया लहर का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस अन्य दलों के लिए ‘वास्तविक केंद्र बिंदु’ रहेगी, लेकिन यदि वह पार्टी नेतृत्व में होते, तो इस बात की शेखी बघारने के बजाय 2024 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए किसी छोटे दल को विपक्षी गठबंधन के संयोजक की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करते।

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विपक्षी एकता की आश्चर्यजनक लहर

थरूर ने रविवार को एक साक्षात्कार में कहा कि 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने की घटना ने ‘विपक्षी एकता की आश्चर्यजनक लहर’ पैदा कर दी है। कई विपक्षी दलों को इस सूक्ति की अहमियत समझ आने लगी है कि ‘एकता हमें मजबूत बनाती है और फूट हमें कमजोर करती है।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि ज्यादातर विपक्षी दलों को एकजुट होने के लिए नया कारण मिल गया और उन्होंने एक-दूसरे के वोट काटना बंद कर दिया, तो भाजपा के लिए 2024 के चुनाव में बहुमत हासिल करना बहुत मुश्किल हो सकता है।

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हमें अब किसी विदेशी संरक्षण की आवश्यकता नहीं

राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने का ‘संज्ञान लेने के लिए’ जर्मनी को धन्यवाद देने संबंधी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि वह अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता को ऐसा न कहने की सलाह देते। थरूर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करना और भारत के लिए प्रेस में नकारात्मक खबर मोदी और उनकी सरकार के लिए हैरानी की बात नहीं होगी। इस सरकार की लोकतांत्रिक साख को लेकर शंकाएं कुछ साल से बढ़ रही हैं, जैसा वैश्विक मीडिया में नजर आता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके बावजूद, मैं अत्यंत सम्मानित अपने वरिष्ठ पार्टी सहयोगी एवं मित्र को ऐसा न कहने की सलाह देता। कांग्रेस दृढ़ता से हमेशा यह बात मानती आई है कि 200 वर्ष तक औपनिवेशिक शासन के अधीन रहने के बाद हमें अब किसी विदेशी संरक्षण की न तो आवश्यकता है और न ही हम इसे स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि यह गर्व की भावना हर भारतीय के मन में गहरी समाई हुई है। हम अपनी समस्याओं को सुलझाने में पूरी तरह सक्षम हैं।

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विपक्षी एकता स्वागत योग्य

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि मुझे भरोसा है कि भारत के लोग लोकतंत्र और यह तय करने के अधिकार के लिए वोट करेंगे कि उनका शासन कौन संभालेगा। थरूर ने राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने और उसके बाद दिखी विपक्षी दलों की एकता पर कहा कि इस फैसले ने ‘विपक्षी एकता की आश्चर्यजनक और स्वागतयोग्य लहर’ पैदा की है, क्योंकि अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस के पारंपरिक विरोधी दल उसके समर्थन में आगे आए हैं, जैसे- दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप), पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा), तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)। कई विपक्षी दलों को इस सूक्ति की अहमियत समझ आने लगी है कि ‘एकता हमें मजबूत बनाती है और फूट हमें कमजोर करती है’, यदि वे अब राहुल का समर्थन नहीं करेंगे, तो ‘प्रतिशोध’ लेने वाली सरकार एक-एक करके उन्हें भी निशाना बना सकती है।

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विपक्षी एक-दूसरे का वोट काटना बंद करे दें तो बदल जाएगी तस्वीर

थरूर ने दावा किया कि यदि सूरत की अदालत का फैसला भारत में विपक्ष को और एकजुट करता है, तो यह उस सत्तारूढ़ दल के लिए बुरा समाचार हो सकता है, जिसने 2019 के चुनाव में मात्र 37 प्रतिशत मत प्रतिशत के बावजूद 60 प्रतिशत से अधिक लोकसभा सीट पर चुनाव जीता था। शेष मत उन 35 विजयी दलों को गए, जिन सभी का मौजूदा संसद में प्रतिनिधित्व है। यदि उनमें से ज्यादातर को अब एकजुट होने का एक नया कारण मिल गया है और वे एक दूसरे के वोट काटना बंद कर देते हैं, तो भाजपा के लिए 2024 में जीत हासिल करना काफी मुश्किल हो जाएगा। यह पूछे जाने पर कि 2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए क्या कांग्रेस विपक्षी गठबंधन का केंद्र बिंदु होगी, उन्होंने कहा, वस्तुत: हम राष्ट्रीय स्तर पर मौजूदगी वाली एकमात्र पार्टी हैं। करीब 200 सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। सभी अन्य विपक्षी दल किसी न किसी राज्य में मजबूत हैं और एक या दो अन्य राज्यों में उनकी मौजूदगी है। ऐसी स्थिति में हम वास्तविक केंद्र बिंदु होंगे, जिसके चारों ओर विपक्ष एकजुट होकर विश्वसनीय विकल्प मुहैया करा सकता है।

भाजपा समर्थक भी मानते हैं लोकतंत्र का नुकसान

थरूर ने कहा, लेकिन यदि मैं पार्टी नेतृत्व में होता, तो इस बात को लेकर ‘शेखी बघारने’ के बजाय किसी छोटे दल को विपक्षी गठबंधन के संयोजक की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता। मेरे नजरिये से ऊंचे ओहदे की अपेक्षा एकता ज्यादा जरूरी है। हर कोई जानता है कि कांग्रेस किसका प्रतिनिधित्व करती है और उसे अपनी पहचान पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है। थोड़ी सी विनम्रता अन्य दलों को जीतने में दीर्घकालिक भूमिका निभाएगी। पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन वह मल्लिकार्जुन खरगे से हार गए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने और उनकी दादी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 1970 के दशक में सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने के बीच कोई समानता देखते हैं, थरूर ने कहा कि अयोग्य ठहराये जाने की निंदनीय कार्रवाई एवं कारावास की सजा के बाद राहुल गांधी के प्रति आमजन की सहानुभूति को लेकर कोई शक नहीं है। लोगों को लगता है कि बड़े विपक्षी दल के प्रमुख नेता को कारावास की सजा देना और संसद में अपनी बात रखने से वंचित कर देना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। यहां तक कि भाजपा को अपना मत देने वाले कई लोगों का भी कहना है कि यह लोकतंत्र के लिए बहुत नुकसानदेह है।

उपहास उड़ाने वाले समझ गए कि राहुल उनके लिए बड़ा खतरा

थरूर ने कहा कि यह मामला अब केवल किसी एक व्यक्ति या एक दल का नहीं है, यह हर प्रतिभागी को समान अवसर देकर लोकतंत्र की रक्षा करने का सवाल है। सत्तर के दशक में जो हुआ था, मैं उससे तुलना करने को लेकर हमेशा सावधान रहता हूं, लेकिन काल और ऐतिहासिक राजनीतिक परिस्थितियां भिन्न-भिन्न हैं, हमें निश्चित ही यह उम्मीद और अपेक्षा है कि लोगों की यह सहानुभूति चुनाव में समर्थन के रूप में दिखेगी। भाजपा द्वारा राहुल गांधी को बार-बार निशाना बनाए जाने को लेकर थरूर ने कहा कि उन्हें लगता है कि भाजपा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पैदा की गई सकारात्मक ऊर्जा से चिंतित हो गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि लोकसभा की कार्यवाही से अपने भाषण का अंश हटाये जाने की घटना से राहुल गांधी ने देश का ध्यान खींचा है, इसीलिए उन्हें राजनीतिक रूप से चुप कराने का फैसला लिया गया। थरूर ने दावा किया कि राहुल गांधी का कई साल तक उपहास उड़ाने के बाद भाजपा को समझ आ गया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष उनके लिए बड़ा खतरा हैं। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।