Burger King की फ्रैंचाइजी कैसे लें? खर्च से लेकर कमाई तक की पूरी जानकारी
हालांकि, Burger King की शॉप खोलना आसान नहीं इसके लिए बड़ा निवेश, मजबूत फाइनेंशियल बैकअप, सही लोकेशन और कंपनी की कड़ी शर्तें पूरी करना जरूरी होता है। अगर आप 2026 में अपना आउटलेट शुरू करने का प्लान बना रहे हैं, तो यह गाइड आपकी तैयारी को सही दिशा दे सकती है।

How to Open a Burger King Franchise : दुनिया के बड़े फास्ट-फूड ब्रांड्स में शामिल बर्गर किंग की फ्रैंचाइजी भारत में कई लोगों के लिए एक आकर्षक बिजनेस विकल्प है। फास्ट फूड की बढ़ती मांग और शहरी इलाकों में बढ़ते फुटफॉल के चलते यह सेक्टर तेजी से विस्तार कर रहा है। हालांकि, Burger King की शॉप खोलना आसान नहीं इसके लिए बड़ा निवेश, मजबूत फाइनेंशियल बैकअप, सही लोकेशन और कंपनी की कड़ी शर्तें पूरी करना जरूरी होता है। अगर आप 2026 में अपना आउटलेट शुरू करने का प्लान बना रहे हैं, तो यह गाइड आपकी तैयारी को सही दिशा दे सकती है।
Burger King आउटलेट खोलने में कितना खर्च आता है?
Burger King की फ्रैंचाइजी में निवेश का कोई “फिक्स रेट” नहीं होता। कुल लागत आपकी लोकेशन, स्टोर के साइज और चुने गए फॉर्मेट के साथ बदलती रहती है। इंडस्ट्री में उपलब्ध अनुमानों के मुताबिक, भारत में एक आउटलेट शुरू करने के लिए करीब ₹2.5 करोड़ से ₹10 करोड़ तक का बजट लग सकता है। इसमें सबसे पहले फ्रैंचाइज़ी फीस आती है, जो ब्रांड नाम, ऑपरेशन सिस्टम और बिजनेस मॉडल इस्तेमाल करने के अधिकार के तौर पर ली जाती है यह लगभग ₹11 लाख से ₹37 लाख के बीच बताई जाती है। इसके बाद बड़ा हिस्सा सेटअप/इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होता है, जिसमें इंटीरियर, किचन इक्विपमेंट, मशीनरी, फर्निशिंग, साइनज और टेक्नोलॉजी सिस्टम शामिल होते हैं। यह लागत करीब ₹67 लाख से ₹6 करोड़ तक जा सकती है। वहीं फॉर्मेट के हिसाब से तस्वीर साफ बदल जाती है: मॉल कियोस्क (500–1200 sq ft) में निवेश अपेक्षाकृत कम रहता है, जबकि स्टैंडअलोन या प्राइम लोकेशन (1500–2500 sq ft) पर बड़ा स्पेस, हाई रेंट और ज्यादा सेटअप जरूरतों के चलते निवेश कई गुना बढ़ सकता है।
“छिपे हुए” खर्च जिनका अंदाजा लोग पहले नहीं लगाते
फ्रैंचाइजी का असली खेल “शटर उठाने” से शुरू होता है,क्योंकि चुनौती दुकान खोलना नहीं, ऑपरेशन को रोज़ाना मुनाफे की पटरी पर स्थिर चलाना है। यही वजह है कि निवेश से पहले कुछ जरूरी खर्चों की फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहद जरूरी हो जाता है। शुरुआत में स्टोर की रोजमर्रा जरूरतें, सप्लाई, यूटिलिटी और कैश-फ्लो संभालने के लिए वर्किंग कैपिटल का प्रावधान रखें, जो अनुमानतः ₹15 लाख से ₹67 लाख तक जा सकता है। इसके अलावा, आउटलेट की स्पीड और सर्विस क्वालिटी काफी हद तक टीम पर निर्भर करती है। इसलिए स्टाफ हायरिंग और ट्रेनिंग पर भी शॉप खुलने से पहले करीब ₹21 लाख से ₹45 लाख तक का खर्च आ सकता है। वहीं लाइसेंस और कानूनी औपचारिकताएं (परमिट, रजिस्ट्रेशन, फूड सेफ्टी कंप्लायंस आदि) एक जरूरी और समय-संवेदनशील हिस्सा हैं, जिनका बजट पहले से तय होना चाहिए। क्योंकि पूरा सेटअप करोड़ों का होता है, उसे जोखिमों से सुरक्षित रखने के लिए बीमा भी अनिवार्य है। जिसका सालाना प्रीमियम चुने गए प्लान और कवरेज के हिसाब से तय होता है।
कौन ले सकता है Burger King की फ्रैंचाइज़ी?
Burger King की फ्रैंचाइजी कोई “फर्स्ट-कम, फर्स्ट-सर्व” स्कीम नहीं है,यहां हर आवेदन को हरी झंडी नहीं मिलती। ब्रांड आम तौर पर ऐसे पार्टनर को तरजीह देता है, जो पूंजी के साथ-साथ ऑपरेशन चलाने की क्षमता भी साबित कर सके। उपलब्ध जानकारियों के मुताबिक, आवेदनकर्ता से कम-से-कम ₹12.5 करोड़ की नेटवर्थ और करीब ₹4.2 करोड़ के लिक्विड एसेट्स (यानी तुरंत उपलब्ध नकदी/संसाधन) की अपेक्षा बताई जाती है। साथ ही रेस्टोरेंट या रिटेल मैनेजमेंट का अनुभव रखने वालों को चयन प्रक्रिया में बढ़त मिलती है, क्योंकि कंपनी को सिर्फ निवेशक नहीं दिन-प्रतिदिन की सर्विस, टीम और सिस्टम को मजबूती से संभालने वाला ऑपरेटर चाहिए। साफ है, अगर आपके पास मजबूत फाइनेंशियल बैकअप के साथ बिजनेस चलाने का ट्रैक रिकॉर्ड भी है, तो फ्रैंचाइज़ी पाने की संभावना कहीं ज्यादा मजबूत हो जाती है।
Burger King से कितनी कमाई हो सकती है?
Burger King आउटलेट की कमाई किसी तय फॉर्मूले में नहीं बंधी होती। यह पूरी तरह लोकेशन, फुटफॉल, शहर की खरीद क्षमता, आसपास की प्रतिस्पर्धा और आपके ऑपरेशन की मजबूती पर टिकी रहती है। फिर भी इंडस्ट्री के औसत अनुमानों को देखें तो एक सामान्य आउटलेट की दैनिक बिक्री लगभग ₹20,000 से ₹30,000 के बीच रह सकती है, जिससे मासिक सेल करीब ₹6 लाख से ₹9 लाख तक पहुंचने की संभावना बनती है। हालांकि असली गणित तब शुरू होता है जब रॉयल्टी, स्टाफ सैलरी, रेंट, यूटिलिटी, कच्चा माल और अन्य ऑपरेशनल खर्च कटते हैं ,इन सबके बाद प्रॉफिट मार्जिन आम तौर पर 10% से 20% के दायरे में माना जाता है। अच्छे मैनेजमेंट और मजबूत बिक्री वाले मामलों में नेट प्रॉफिट ₹3 लाख से ₹4 लाख प्रति माह तक भी देखने को मिल सकता है, लेकिन यह पूरी तरह परफॉर्मेंस-ड्रिवन है। जैसे-जैसे ब्रांड की पकड़ इलाके में मजबूत होती है, रेगुलर कस्टमर बेस बनता है और ऑनलाइन/डिलीवरी ऑर्डर की हिस्सेदारी बढ़ती है—वैसे-वैसे कमाई का ग्राफ भी धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता जाता है।
Burger King फ्रैंचाइजी के लिए आवेदन कैसे करें?
प्रक्रिया आम तौर पर चरणों में चलती है:
- कंपनी से फ्रैंचाइजी इन्क्वायरी
- लोकेशन, निवेश और अनुभव की डिटेल शेयर करना
- कंपनी की ओर से फाइनेंशियल और बिजनेस असेसमेंट
- इंटरव्यू/डिस्कशन
- लोकेशन विजिट और फाइनल अप्रूवल
- एग्रीमेंट/कानूनी डॉक्यूमेंटेशन
- ट्रेनिंग और सेटअप
- आउटलेट लॉन्च
आपने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार फ्रैंचाइज़ी से जुड़ी डिटेल के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी मिलती है और ई-मेल के जरिए संपर्क किया जाता है: franchisee.india@burgerking.in
(आप अपने पास उपलब्ध लोकेशन, निवेश क्षमता और अनुभव की डिटेल भेजते हैं।)
निवेश से पहले ये 5 बातें जरूर चेक करें
- लोकेशन की कैटेगरी: ऑफिस बेल्ट, हाई-स्ट्रीट, मॉल, हाईवे क्या आपके इलाके में डिमांड टिकाऊ है?
- कम्पटीशन मैप: आसपास QSR ब्रांड्स/लोकल चेन कितनी मजबूत हैं?
- पार्किंग + विजिबिलिटी: ग्राहक “दिखेगा तब आएगा”—यह नियम यहां सबसे ज्यादा काम करता है।
- डिलीवरी पोटेंशियल: ऑनलाइन ऑर्डर आज कमाई का बड़ा हिस्सा बन चुका है।
- मैनेजमेंट टीम: सिर्फ पैसा नहीं, ऑपरेशन की टीम आपका असली इंजन होगी। How to Open a Burger King Franchise
How to Open a Burger King Franchise : दुनिया के बड़े फास्ट-फूड ब्रांड्स में शामिल बर्गर किंग की फ्रैंचाइजी भारत में कई लोगों के लिए एक आकर्षक बिजनेस विकल्प है। फास्ट फूड की बढ़ती मांग और शहरी इलाकों में बढ़ते फुटफॉल के चलते यह सेक्टर तेजी से विस्तार कर रहा है। हालांकि, Burger King की शॉप खोलना आसान नहीं इसके लिए बड़ा निवेश, मजबूत फाइनेंशियल बैकअप, सही लोकेशन और कंपनी की कड़ी शर्तें पूरी करना जरूरी होता है। अगर आप 2026 में अपना आउटलेट शुरू करने का प्लान बना रहे हैं, तो यह गाइड आपकी तैयारी को सही दिशा दे सकती है।
Burger King आउटलेट खोलने में कितना खर्च आता है?
Burger King की फ्रैंचाइजी में निवेश का कोई “फिक्स रेट” नहीं होता। कुल लागत आपकी लोकेशन, स्टोर के साइज और चुने गए फॉर्मेट के साथ बदलती रहती है। इंडस्ट्री में उपलब्ध अनुमानों के मुताबिक, भारत में एक आउटलेट शुरू करने के लिए करीब ₹2.5 करोड़ से ₹10 करोड़ तक का बजट लग सकता है। इसमें सबसे पहले फ्रैंचाइज़ी फीस आती है, जो ब्रांड नाम, ऑपरेशन सिस्टम और बिजनेस मॉडल इस्तेमाल करने के अधिकार के तौर पर ली जाती है यह लगभग ₹11 लाख से ₹37 लाख के बीच बताई जाती है। इसके बाद बड़ा हिस्सा सेटअप/इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होता है, जिसमें इंटीरियर, किचन इक्विपमेंट, मशीनरी, फर्निशिंग, साइनज और टेक्नोलॉजी सिस्टम शामिल होते हैं। यह लागत करीब ₹67 लाख से ₹6 करोड़ तक जा सकती है। वहीं फॉर्मेट के हिसाब से तस्वीर साफ बदल जाती है: मॉल कियोस्क (500–1200 sq ft) में निवेश अपेक्षाकृत कम रहता है, जबकि स्टैंडअलोन या प्राइम लोकेशन (1500–2500 sq ft) पर बड़ा स्पेस, हाई रेंट और ज्यादा सेटअप जरूरतों के चलते निवेश कई गुना बढ़ सकता है।
“छिपे हुए” खर्च जिनका अंदाजा लोग पहले नहीं लगाते
फ्रैंचाइजी का असली खेल “शटर उठाने” से शुरू होता है,क्योंकि चुनौती दुकान खोलना नहीं, ऑपरेशन को रोज़ाना मुनाफे की पटरी पर स्थिर चलाना है। यही वजह है कि निवेश से पहले कुछ जरूरी खर्चों की फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहद जरूरी हो जाता है। शुरुआत में स्टोर की रोजमर्रा जरूरतें, सप्लाई, यूटिलिटी और कैश-फ्लो संभालने के लिए वर्किंग कैपिटल का प्रावधान रखें, जो अनुमानतः ₹15 लाख से ₹67 लाख तक जा सकता है। इसके अलावा, आउटलेट की स्पीड और सर्विस क्वालिटी काफी हद तक टीम पर निर्भर करती है। इसलिए स्टाफ हायरिंग और ट्रेनिंग पर भी शॉप खुलने से पहले करीब ₹21 लाख से ₹45 लाख तक का खर्च आ सकता है। वहीं लाइसेंस और कानूनी औपचारिकताएं (परमिट, रजिस्ट्रेशन, फूड सेफ्टी कंप्लायंस आदि) एक जरूरी और समय-संवेदनशील हिस्सा हैं, जिनका बजट पहले से तय होना चाहिए। क्योंकि पूरा सेटअप करोड़ों का होता है, उसे जोखिमों से सुरक्षित रखने के लिए बीमा भी अनिवार्य है। जिसका सालाना प्रीमियम चुने गए प्लान और कवरेज के हिसाब से तय होता है।
कौन ले सकता है Burger King की फ्रैंचाइज़ी?
Burger King की फ्रैंचाइजी कोई “फर्स्ट-कम, फर्स्ट-सर्व” स्कीम नहीं है,यहां हर आवेदन को हरी झंडी नहीं मिलती। ब्रांड आम तौर पर ऐसे पार्टनर को तरजीह देता है, जो पूंजी के साथ-साथ ऑपरेशन चलाने की क्षमता भी साबित कर सके। उपलब्ध जानकारियों के मुताबिक, आवेदनकर्ता से कम-से-कम ₹12.5 करोड़ की नेटवर्थ और करीब ₹4.2 करोड़ के लिक्विड एसेट्स (यानी तुरंत उपलब्ध नकदी/संसाधन) की अपेक्षा बताई जाती है। साथ ही रेस्टोरेंट या रिटेल मैनेजमेंट का अनुभव रखने वालों को चयन प्रक्रिया में बढ़त मिलती है, क्योंकि कंपनी को सिर्फ निवेशक नहीं दिन-प्रतिदिन की सर्विस, टीम और सिस्टम को मजबूती से संभालने वाला ऑपरेटर चाहिए। साफ है, अगर आपके पास मजबूत फाइनेंशियल बैकअप के साथ बिजनेस चलाने का ट्रैक रिकॉर्ड भी है, तो फ्रैंचाइज़ी पाने की संभावना कहीं ज्यादा मजबूत हो जाती है।
Burger King से कितनी कमाई हो सकती है?
Burger King आउटलेट की कमाई किसी तय फॉर्मूले में नहीं बंधी होती। यह पूरी तरह लोकेशन, फुटफॉल, शहर की खरीद क्षमता, आसपास की प्रतिस्पर्धा और आपके ऑपरेशन की मजबूती पर टिकी रहती है। फिर भी इंडस्ट्री के औसत अनुमानों को देखें तो एक सामान्य आउटलेट की दैनिक बिक्री लगभग ₹20,000 से ₹30,000 के बीच रह सकती है, जिससे मासिक सेल करीब ₹6 लाख से ₹9 लाख तक पहुंचने की संभावना बनती है। हालांकि असली गणित तब शुरू होता है जब रॉयल्टी, स्टाफ सैलरी, रेंट, यूटिलिटी, कच्चा माल और अन्य ऑपरेशनल खर्च कटते हैं ,इन सबके बाद प्रॉफिट मार्जिन आम तौर पर 10% से 20% के दायरे में माना जाता है। अच्छे मैनेजमेंट और मजबूत बिक्री वाले मामलों में नेट प्रॉफिट ₹3 लाख से ₹4 लाख प्रति माह तक भी देखने को मिल सकता है, लेकिन यह पूरी तरह परफॉर्मेंस-ड्रिवन है। जैसे-जैसे ब्रांड की पकड़ इलाके में मजबूत होती है, रेगुलर कस्टमर बेस बनता है और ऑनलाइन/डिलीवरी ऑर्डर की हिस्सेदारी बढ़ती है—वैसे-वैसे कमाई का ग्राफ भी धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता जाता है।
Burger King फ्रैंचाइजी के लिए आवेदन कैसे करें?
प्रक्रिया आम तौर पर चरणों में चलती है:
- कंपनी से फ्रैंचाइजी इन्क्वायरी
- लोकेशन, निवेश और अनुभव की डिटेल शेयर करना
- कंपनी की ओर से फाइनेंशियल और बिजनेस असेसमेंट
- इंटरव्यू/डिस्कशन
- लोकेशन विजिट और फाइनल अप्रूवल
- एग्रीमेंट/कानूनी डॉक्यूमेंटेशन
- ट्रेनिंग और सेटअप
- आउटलेट लॉन्च
आपने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार फ्रैंचाइज़ी से जुड़ी डिटेल के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी मिलती है और ई-मेल के जरिए संपर्क किया जाता है: franchisee.india@burgerking.in
(आप अपने पास उपलब्ध लोकेशन, निवेश क्षमता और अनुभव की डिटेल भेजते हैं।)
निवेश से पहले ये 5 बातें जरूर चेक करें
- लोकेशन की कैटेगरी: ऑफिस बेल्ट, हाई-स्ट्रीट, मॉल, हाईवे क्या आपके इलाके में डिमांड टिकाऊ है?
- कम्पटीशन मैप: आसपास QSR ब्रांड्स/लोकल चेन कितनी मजबूत हैं?
- पार्किंग + विजिबिलिटी: ग्राहक “दिखेगा तब आएगा”—यह नियम यहां सबसे ज्यादा काम करता है।
- डिलीवरी पोटेंशियल: ऑनलाइन ऑर्डर आज कमाई का बड़ा हिस्सा बन चुका है।
- मैनेजमेंट टीम: सिर्फ पैसा नहीं, ऑपरेशन की टीम आपका असली इंजन होगी। How to Open a Burger King Franchise












