अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई, लेटेस्ट रिपोर्ट ने खोला कड़वा सच

भारत में दिन-ब-दिन अमीरी और गरीबी के बीच की खाई गहराती जा रही है। वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट के अनुसार, देश की कुल संपत्ति का दो-तिहाई हिस्सा सिर्फ़ शीर्ष 10% लोगों के पास है जबकि आधे से अधिक आबादी के पास बहुत कम दौलत बची है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिलाओं की आर्थिक भागीदारी...

भारत में अमीरी गरीबी का फासला
भारत में अमीरी-गरीबी के बीच का बड़ा अंतर
locationभारत
userअसमीना
calendar11 Dec 2025 04:17 PM
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कुछ आवाजें ऐसी होती हैं जो सिर्फ कानों में नहीं दिल के भीतर तक उतर जाती हैं। वे आवाजें इंसान को झकझोर देती हैं, सोचे-समझे सब यकीनों को हिला देती हैं और हमें ऐसे सवालों के सामने खड़ा कर देती हैं जिनसे हम अक्सर बचना चाहते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं। दरअसल भारत की आर्थिक असमानता पर आई नई रिपोर्ट भी ऐसी ही एक आवाज है धीमी लेकिन पैनी… और इतनी गहरी कि लाख कोशिशों के बावजूद इसे अनसुना नहीं किया जा सकता।

चमक के पीछे छुपा है एक घना अंधेरा

भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, उसकी चमक के पीछे एक अंधेरा सच छुपा हुआ है। वह सच यह है कि इस देश की दौलत का बड़ा हिस्सा कुछ गिने-चुने लोगों की मुट्ठी में कैद है। वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2026 के अनुसार भारत में अमीरी और गरीबी की खाई सिर्फ बढ़ी नहीं है बल्कि अब यह उस मोड़ पर पहुंच चुकी है जहां आगे का हर कदम करोड़ों लोगों की जिंदगी तय करेगा। देश के शीर्ष 10% लोग राष्ट्रीय आय का लगभग 58% और कुल संपत्ति का करीब 65% हिस्सा अपने पास रखते हैं जबकि आधे से अधिक भारत यानी नीचे के 50% लोगों के पास सिर्फ 6.4% संपत्ति बचती है। यह अंतर केवल आंकड़ा नहीं है बल्कि उस कड़वी हकीकत का आईना है जिसमें बहुत से लोग हर रोज जीने का संघर्ष करते दिखाई देते हैं।

विकास होने के बावजूद सबको क्यों नहीं बराबर का हक?

वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2026 के मुताबिक, भारत के सिर्फ 1% सबसे अमीर लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 40.1% तक हिस्सा है जो पिछले एक सदी में सबसे अधिक है। 1922 में जब ब्रिटिश सरकार ने पहली बार आय के रिकॉर्ड रखने शुरू किए थे तब से लेकर आज तक ऐसा असंतुलन कभी नहीं देखा गया। यह तस्वीर यह साफ कर देती है कि उदारीकरण के बाद से भारत में विकास तो हुआ है लेकिन वह विकास सभी तक बराबर नहीं पहुंचा। बल्कि अमीर और अधिक अमीर होते चले गए और गरीब अपनी जगह से उठ ही नहीं पाए।

महिलाओं की स्थिति जस की तस

इस रिपोर्ट का सबसे दुखद पहलू यह है कि महिलाओं की स्थिति इन वर्षों में लगभग जस की तस बनी हुई है। देश में महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी केवल 15.7% पर अटकी पड़ी है और दस सालों में इसमें कोई ठोस सुधार नहीं आया। यह दिखाता है कि असमानता सिर्फ आय या संपत्ति तक सीमित नहीं है बल्कि जेंडर के स्तर तक गहराई में जमी हुई है। भारत का सामाजिक ढांचा जैसे दो हिस्सों में बंट चुका है। एक तरफ वह हिस्सा है जो हर सुविधा का आनंद ले रहा है और दूसरी तरफ वो लोग जो अपनी मूल जरूरतों को भी पूरी करने में कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

कैसे निपटा जा सकता है?

रिपोर्ट में इससे निपटने के लिए बड़े कदम सुझाए गए हैं जैसे 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर वार्षिक संपत्ति कर, बेहद अमीर लोगों पर सुपर टैक्स और 33% विरासत कर ताकि स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण में निवेश के लिए जरूरी राजस्व पैदा किया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अब भी ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह खाई आने वाले दशक में और गहरी हो जाएगी जिसके परिणाम भारत के भविष्य पर सीधा असर डालेंगे।

आर्थिक असमानता सिर्फ एक रिपोर्ट का शब्द नहीं है बल्कि यह उन करोड़ों लोगों की कहानी है जिनकी आवाज शायद उतनी तेज नहीं है लेकिन दर्द एक कड़वा सच है। यह वह आवाज है जो अगर हमने आज भी नहीं सुनी तो आने वाले सालों में यह खाई सिर्फ आंकड़ों में नहीं बल्कि हमारे समाज के हर कोने में दिखाई देगी।

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इस IPO में पैसे लगाने वाले बने करोड़पति? डबल हुई कमाई

Meesho IPO ने शेयर मार्केट में धमाकेदार एंट्री ली है। 111 रुपये के शेयर ने 162 रुपये पर लिस्ट होकर निवेशकों को 46% तक का प्रीमियम दिया। यहां जानें Meesho IPO की लिस्टिंग की पूरी जानकारी, निवेशकों के लिए फायदा, सब्सक्रिप्शन आंकड़े और भविष्य में शेयर का आउटलुक।

Meesho IPO
Meesho IPO ने शेयर मार्केट में मचाया धमाका
locationभारत
userअसमीना
calendar10 Dec 2025 12:07 PM
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ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho) ने अपने शेयर बाजार में शानदार एंट्री के साथ निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। बुधवार (10 दिसंबर) को मीशो का IPO नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट हुआ। निवेशकों की उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए इसके शेयर ने 111 रुपये के अपर प्राइस बैंड से 162 रुपये के पार मार्केट में डेब्यू किया। इस लिस्टिंग ने 46 प्रतिशत तक का प्रीमियम दिखाया जो ग्रे-मार्केट में दिख रहे उछाल से भी ज्यादा है।

निवेशकों को मिला तगड़ा लाभ

मीशो की यह दमदार लिस्टिंग सीधे तौर पर निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हुई है। जो लोग IPO में पैसे लगाने के लिए तैयार थे उनके निवेश में लिस्टिंग के साथ ही जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। वहीं हाई इनकम ग्रुप (HNI) कैटेगरी के निवेशकों ने अधिकतम 14 लॉट या 1,890 शेयरों के लिए बोली लगाई थी। इनके निवेश के अनुसार, उन्होंने 2,09,790 रुपये का निवेश किया। लिस्टिंग के बाद उनके निवेश की कीमत 3,07,125 रुपये तक पहुंच गई। यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि Meesho IPO ने निवेशकों के लिए असाधारण लाभ दिया।

Meesho का IPO रहा बेहद लोकप्रिय

मीशो की लिस्टिंग केवल निवेशकों के लिए ही नहीं बल्कि मार्केट में ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए भी अहम संकेत है। 2015 में बेंगलुरु में स्थापित यह प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को किफायती और विविध उत्पादों की रेंज प्रदान करता है। मीशो का IPO निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा और इसे कुल 79.03 गुना सब्सक्राइब किया गया। इस इश्यू को 62.75 लाख से ज्यादा आवेदनों के जरिए 2,43,830 करोड़ रुपये से अधिक की बोली मिली। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (QIB) ने 120.18 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल (NII) ने 38.16 गुना और रिटेल निवेशकों ने 19.08 गुना सब्सक्रिप्शन किया।

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार या आईपीओ में पैसे लगाने से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)

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अचानक क्यों भागने लगा सोना? आज हो सकती है तगड़ी कमाई

US फेड के पॉलिसी फैसले से पहले आज सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है जबकि तांबे में कमजोरी बनी हुई है। MCX Gold–Silver के ताज़ा भाव, फेड की ब्याज दरों की उम्मीदें, बॉन्ड यील्ड का असर और कमोडिटी मार्केट में आज कमाई कहां हो सकती है। यहां जानिए सबकुछ।

आज का गोल्ड प्राइस
आज का गोल्ड प्राइस और मार्केट अपडेट
locationभारत
userअसमीना
calendar10 Dec 2025 11:27 AM
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US फेडरल रिजर्व की होने वाली पॉलिसी मीटिंग ने ग्लोबल कमोडिटी मार्केट में हलचल मचा दी है। निवेशक बड़े फैसले का इंतजार कर रहे हैं और इसी बीच सोने से लेकर तांबे तक कई कमोडिटी की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। महंगाई अभी भी फेड के 2% लक्ष्य से ऊपर है और लेबर मार्केट धीमा पड़ चुका है। ऐसे में फेड का फैसला निवेशकों की भावना और कीमतों दोनों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। इसी अनिश्चित माहौल में आज सोने में शुरुआती बढ़त देखी गई है जबकि तांबा अपने रिकॉर्ड लेवल से नीचे फिसलता दिख रहा है।

US फेड की मीटिंग से पहले सोने में मजबूत शुरुआत

बुधवार सुबह MCX पर गोल्ड फरवरी वायदा में बढ़त दिखी और यह 0.20% चढ़कर ₹1,30,369 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। बाजार में यह तेजी इसलिए दिख रही है क्योंकि निवेशक इस उम्मीद में हैं कि US फेड इस बार ब्याज दरों में कटौती की तैयारी कर सकता है। महंगाई 2% लक्ष्य के ऊपर टिके रहने के बावजूद अमेरिकी लेबर मार्केट की धीमी रफ्तार फेड को नरम रुख अपनाने पर मजबूर कर सकती है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें हमेशा से सोने को सपोर्ट करती रही हैं क्योंकि कम ब्याज दर वाले दौर में गोल्ड एक आकर्षक सुरक्षित निवेश बन जाता है।

चांदी में भी उछाल

सोने के साथ-साथ चांदी में भी तेजी देखने को मिली। MCX सिल्वर मार्च कॉन्ट्रैक्ट 1.14% बढ़कर ₹1,90,210 प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया। चांदी आमतौर पर गोल्ड के साथ ट्रेंडिंग रहती है और ब्याज दरों में नरमी की उम्मीदों से इसे भी मजबूत सपोर्ट मिला है। हालांकि, बढ़ती बॉन्ड यील्ड कीमतों पर हल्का दबाव भी बना रही है जिससे निवेशकों में मिक्स सेंटिमेंट रहा है।

अमेरिकी आर्थिक डेटा फेड के मूड की दिशा

अमेरिका में 29 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में शुरुआती बेरोजगारी के दावे घटकर 1,91,000 पर आ गए। यह आंकड़ा 2,20,000 के अनुमान से काफी बेहतर है लेकिन लेबर मार्केट में नरमी के अन्य संकेत फेड के लिए चिंताजनक बने हुए हैं। कोमेरिका इकोनॉमिक्स का मानना है कि फेड बुधवार को अपनी आखिरी मीटिंग में फेडरल फंड्स रेट 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 3.50%–3.75% कर सकता है। यही उम्मीदें सोने को लगातार सपोर्ट दे रही हैं।

बॉन्ड यील्ड बढ़ने से गोल्ड पर दबाव भी बरकरार

जहां ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें गोल्ड को ऊपर ले जा रही हैं वहीं दूसरी ओर US 10-ईयर ट्रेजरी यील्ड में तेजी सोने की रैली को हल्का कमजोर कर रही है। सोमवार को यील्ड ढाई महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी जो गोल्ड की कीमतों के लिए नकारात्मक संकेत है। यही वजह है कि आज की तेजी उत्साह जरूर बढ़ा रही है लेकिन गोल्ड में तेज उछाल फिलहाल सीमित दिखाई दे रहा है।

तांबे की कीमतों में दबाव

सोने की रौनक जहां बढ़ी है, वहीं तांबे की कीमतों में ठंडापन लौटा है। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला सबसे लोकप्रिय कॉपर कॉन्ट्रैक्ट 0.37% गिरकर 91,720 युआन प्रति मीट्रिक टन पर आ गया। निवेशक फेड की पॉलिसी मीटिंग के बाद सख्त गाइडेंस का अनुमान लगा रहे हैं, जिसके कारण कॉपर पर दबाव बना हुआ है। हालांकि लंदन मेटल एक्सचेंज में तांबें में थोड़ा सुधार दिखा और यह 0.67% बढ़कर $11,564 प्रति टन पर पहुंच गया, लेकिन बाजार की धारणा अभी भी कमजोर ही बनी हुई है।

(डिस्क्लेमर: चेतना मंच पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को चेतना मंच की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।)


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